लाल किताब
शुक्र खाना नंबर 2
मोह माया का उत्तम गृहस्थ | मालिक (ईश्वर) से माँगना ही तेरी कमी पूरी कर देगा
बने माया तेरी पशु जो मिटटी |
तू फिर माँगता क्योँ सोने की हड्डी |
नेक हालत में
मिन्नतकश गैर हरगिज़ न होगा, खुदा का ही अमूमन अहसान होगा |
1) जूती खोर साधु वह बिल्कुल न होगा, गृहस्थी न हो चाहे गुरु जगत हो | कभी खाली धन न वह बच्चो से होगा | वक्त 60 साल जर और धन का होगा | अपना रिजक धन और ससुराल की धर्म अवस्था सदा नेक होगी | दुनियावी तथा खुदाई दोनों के प्यार का स्वामी होगा |
2) नंबर 2 में कोई भी नीच नहीं होता बल्कि इस घर का मालिक शुक्र (मिटटी या स्त्री) जो पहाड़ पर सफ़ेद झंडा लहराए हुए लड़ाई में सुलह करा लेता है | हर एक बीज की रक्षा करता है | शुक्र की इस अच्छाई के लिए उसे लक्ष्मी का अवतार माना है | अपनी गृहस्थी स्त्री सम्बन्ध नेक और उत्तम होगा |
3) एक के बाद शादी की इच्छा, विचार | इश्क के बाद का गलवा जो 37 से 70/72 साल की आयु तक लहरें मारता होगा | बूढी स्त्री की तरह उल्फत (प्यार से पहले का समय) और प्यार के बाद का गलवा या सिवाए प्यार वह कामदेव की शक्ति के बाकी दोनों भागो का मालिक यानि भूख तो बहुत अधिक मगर हाजमा कम हो जिससे कै (उलटी) करते करते घर ही भर दिया | स्त्री सिवाय औलाद बनाने के बाकी सब में उत्तम होगी | जानो जानदारों का उत्तम फल होगा | चाहे बीमारी के झगडे का कोई हिसाब न हो मगर रिजक कभी ख़राब न होगा | बल्कि दिन दोगुना रात चौगना का हिसाब होगा या गाय या शुक्र की देवी अब गुरु स्थान और अपने असली सँसार में गऊ घाट में अपने ठीक स्थान तथा आराम करने की जगह पर होगी | जिससे बाल बच्चो की बरकत, शादियों के नेक नतीजे, गृहस्थ सुख की वृद्धि और शुक्र का असली नेक फल होगा | जाती कमाई शुरू करने के दिन से कम से कम 60 साल धन (शनि) आएगा | उसकी बाहर की चाल सुफिओं की से ( गुरु जैसी) मगर अंदर की प्यार (शुक्र) भरी होगी यानि नौं सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली यानि बगुला भगत होगा | उसके लिए बुराई करना अपने लिए ही बुरा होगा | चाल चलन को संभालना हर नेक नतीजे की नींव होगा | आयु लम्बी और शत्रु दबे रहेंगे |
4) शनि अब टेवे में कहीं भी हो वो शुक्र के लिए शनि नंबर 9 का दिया शुभ फल देगा चाहे बैठा होने वाले घर का फल खराब ही कर दे | गृहस्थ सदा भला ही होगा |
5) गुरु, केतु और बुध का उत्तम फल होगा और शनि का फल भी शुभ ही होगा | धन का उत्तम भाग्य अपने माथे पर होगा | घर बार राजाओं की भांति होगा |
6) जब उसका घर गऊ घाट यानि घर का अगला हिस्सा गऊ मुख की तरह तंग और पिछला हिस्सा गऊ मुख की तरह चोडा खुला हुआ तो बाकी पाँच बचने वाले मकान भाग्य वाला होगा यानि उसके नाम पर इस जीवन में पाँच प्रॉपर्टी / मकान बनेंगी |
7) अपने भाई तथा लड़के का भाग्य तथा दूसरे सम्बन्ध का हाल गुरु की हालत पर होगा |
8) गुरु अगर 6/12 में हो तो भाई बन्दों की बरकत और साँसारिक सहायता होगी |
9) जब गुरु भी नंबर 2 में शुक्र के साथ हो और मंगल कुंडली में नष्ट हो तो प्यार में दर्जा कमाल और प्यार में कामयाब होगा |
10) शनि शुक्र के साथ 2 में हो या खाना नंबर 9 में बैठ कर नंबर 2 के शुक्र को मानसून से भरे बादल भेजता हो तो शुक्र स्वयं जागता और शनि स्वयं अपना खाना नंबर 9 की तरह प्रभाव देगा | लकिन शनि अगर हो ही खाना नंबर 9 में तो बहुत ही उम्दा और नेक फल होगा | शुक्र का दो गुणा नेक प्रभाव होगा | हर दो इश्क हकीकी (सच्ची), संसार में कामयाब, स्वयं कमाई शुरू करने के दिन से 60 साल तक उत्तम कमाई का होगा | पशुओं, कच्ची मिटटी आदि (शुक्र) के कामो से रिजक, संतान बढ़ता होगा |
मंदी हालत में
शेर दहाना (शेर मुखी) हो घर उसका, या काम करे सोने (गुरु) का |
ग्रहण लगा जब कभी टेवे, मिटटी फल होव किस्मत का |
शेर मुखी मकान: गऊ मुखी के विपरीत यानि आगे से चोडा और पीछे से तंग
ग्रहण : सूर्य-राहु इक्कट्ठे या चंद्र-केतु इक्कट्ठे
1) स्त्री के टेवे में शुक्र नंबर 2 का मतलब होगा कि उसका मर्द संतान पैदा न कर सके और मर्द के टेवे में का मतलब उसकी स्त्री (बाँझ) | इसका मतलब यह नहीं कि उसमे कामदेव की शक्ति (बुध की शक्ति) न होगी मगर संतान पैदा करने की शक्ति न होगी | फर्टिलिटी प्रॉब्लम होगी |
2) जब नंबर में शुक्र पाप ग्रहों (राहु-केतु) के साथ या मंदे शनि के साथ हो तो चाहे अपनी संतान हो मगर फिर भी किसी दूसरे का लड़का बिना गोद लिए ही अपना लड़का बन बैठे |
3) जब खाना नंबर 9/12 मंदे हो तो स्त्री दुखी करे चाहे रिजक का योग कितना ही अच्छा हो |
4) जब गुरु के घरों में (2-5-9-12) में राहु-केतु हो तो किसी पतिहीन स्त्री की बतौर फर्ज, जिम्मेदारी लेनी पड़े और कोई आवारा प्रेमिका या बाजारू औरत बर्बादी का बहाना होगी | वीर्य का कतरा आवारा गिरते ही टेवे वाले को मिटटी की तरह उड़ा कर रख देगा |
5) जब खाना 8 खाली हो तो स्त्री पुरुष स्वयं बच्चा न बना सकेंगे और न ही उसके काबिल होंगे | मगर सुन्दर अच्छा साफ़ सुथरे रहने वाले होंगे | धन घटे और मंदी हालत | स्त्री बाँझ होगी |
6) गुरु खाना नंबर 8-9-10 में हो तो संतान शादी में गड़बड़ | स्वयं कमाई करने के योग वाली स्त्री संतान को जन्म देने और गृहस्थी योग में मंदा फल ही देगी | अगर नेकी पर ओर ठीक चले तो जीवन आराम से भरा होगा |
उपाय: ऐसा प्राणी चाहे स्त्री चाहे पुरुष के खून या वीर्य में कमी, संतान की बीमारियाँ हो मगर पेशाब की नाली में चाहे पुरुष चाहे स्त्री शायद ही कमी या खराबी होगी | इसलिए खून में संतान पैदा करने की दवाइयाँ (खुराक के तौर पर) जिनमे मंगल की चीजे शामिल हो अगर आवश्यकता पड़े तो सहायक होंगी |
केवल ईश्वर के आगे हाथ फैलाने से सच्ची और अच्छी इच्छा पूरी होगी |
S Kuber RA
Jyotish Acharaya
Vedic & Lal Kitab Astrologer
Lal Kitab Vastu Consultant
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