Friday, 21 September 2018

लाल किताब शुक्र खाना नंबर 1

लाल किताब 

शुक्र खाना नंबर 1 


काग तथा मच्छ रेखा की रंग बिरंगी माया (गरीबी-अमीरी)


यदि धर्म दुनिया न स्त्री में बिकता |
कोई लेख विधाता मंदा न लिखता |

नेक हालत में

1) धर्महीन हो जाए तो बेशक, इश्क में मजहब का फर्क समझे या न समझे मगर उसका राजदरबार कभी मंदा न हो | शुक्र आम प्रभाव के लिए एक ओर की चाल का स्वामी होगा यानि जिस पर कृपा दृष्टि हो जाए उसके लिए प्राण तक न्योछावर कर दे और जिसके विरुद्ध हो जाए उसकी मिटटी तक उड़ा कर रख दे | शुभ हो तो मच्छ रेखा यानि सब सुख औलाद आदि और यदि अशुभ हो तो काग रेखा यानि शुक्र सिर्फ एक ही आँख से देखता या काना होगा | हर घर में शनि की हालत उसकी (शुक्र की) नजर होगी | फिर भी सवारी का सुख और चौपाया का आराम साथ होगा |   

2) धर्म की नेक तथा बद हालत का फैसला खाना नंबर 8 के ग्रहों और गुरु की हालत पर होगा |

3) इश्कबाजी और (शनि से सम्बंधित)  इश्क जवानी 16 से 36 की आयु में उठती जवानी के समय स्त्री जाति का,  परस्त्री (अपनी धर्म पत्नी नहीं) की सुंदरता की रंग बिरंगी दिल को अच्छी लगने वाली कहानी के ऊँचे पुल बाँध लेगा | ख़ुदपसन्दी, जाति घमण्ड और कामदेव की आग में जलते हुए चलता होगा जिसकी वजह से दिल और दिमाग पर काबू ही न रहा | और आखिर में पराई स्त्री की खातिर ईमान तक बिकने लगा |    

4) स्त्री का प्रभाव (संतान और आराम) को थोड़ा हल्का सा खराब करे मगर प्यार को धर्म से घृणा नहीं | टेवे वाला धर्महीन, स्त्रियों के पीछे घूमने वाला, शुक्र बाहर से आशिकाना मगर अंदर से सूफियाना फल देगा | स्वाभाव फिर भी फटे खरबूजे की तरह होगा | स्त्री का स्वास्थ्य मंदा होगा, स्वयं ठीक होगा, अपने भाग्य के सम्बन्ध में भाग्यवान होगा | अपनी तथा बच्चो की हालत शारीरक शुभ होगी | अपने कार्यों के लिए दुसरो से सलाह ले कर काम करना ठीक होगा |

1) शनि जब जन्म कुंडली में अपने घर में उत्तम हो तो स्त्री कमाई शुरू होने से पहले ही घर आ जाएगी जो घर की मालिक और हर तरह से राज करेगी |

2) जब मंगल 6-7-12 में हो तो आयु पूरी 100 वर्ष | पुत्र, पौत्र आदि देखेगा |  

3) शनि अगर कुंडली में उच्च हो  या नंबर 7-10 खाली हो  (इन घरों में राहु, केतु, बुध, शनि हो खाली जैसा ही समझे) | अगर मंगल 6 से 12 में न हो तो 7-10 खाली होते हुए काग रेखा होगी | इसका मतलब यह है कि राहु-केतु 4 -10 में हो, बुध या शनि नंबर 7 हो और मंगल खाना नंबर 6 से 12 में हो | इस हालत में मच्छ रेखा का उत्तम प्रभाव होगा | विष्णु भगवान् की तरह दुसरो को पालने वाला | अगर घर में नौकरानी न रखे तो धन, माया के आने के रास्ते में पहाड़ खड़े होंगे | धन की थैली चाहे दिन भर भरती हो मगर शाम को खाली हो जाएगी |

4) जब बुध खाना नंबर 3 में या 6 में उच्च हो तो उत्तम दिमागी हालत होंगे और मुक़दमे का फैसला उसके हक में होगा | चंद्र का प्रभाव अमूमन बुरा न होगा |

मंदी हालत में

शनि शुक्र घर पहले बैठे काग रेखा कहलाती है |
मालिक चाहे हो तख़्त हजारी, मिटटी कर दिखलाती है |  

1) जवानी में इश्कबाजी, घर की नम्बरदारी (मुखिया होना, घर का धन आदि संभालना, दुसरो को रास्ता दिखाना) न सिर्फ अपनी बल्कि सम्बन्धिओं की भी तबाही का बहाना होगा |

2) शुक्र कुंडली में जब मंदा हो तो माता छोटी उम्र में चल दे | अगर जिन्दा रहे तो मरने से भी अधिक दुखिया हो | अच्छा यही होगा के माता टेवे वाले की स्त्री से दूर ही रहे ताकि दुखी न हो | लेकिन जब दोनों इक्कट्ठी रहे तो दोनों में से एक अंधी ही लेंगे | सूर्य कभी बुरा न होगा |

3) जब खाना नंबर 8-10 खाली न हो तो काग रेखा होगी खासकर जब शादी शुक्र की उम्र यानि 25 साल हो तो न धन रहे न स्त्री जिन्दा रहे |

4) जब राहु नंबर 7 में हो तो स्त्री की पागलपन की हालत, बीमार, गृहस्थ जलती मिटटी के समान हो | पकी हुई खेती आग लगी हुए की तरह गृहस्थ जीवन | स्त्री के टेवे में पुरुष की ओर से तलाक गिनते है | शादी के समय कन्यादान की ही तरह ससुराल से चाँदी संकल्प कर के ले तो खाना आबादी होगी |

5) बुध अगर मंदा हो तो संतान मंदी होगी |

6) सूर्य मंदा हो तो गृहस्थ मंदा होगा |

7) शनि मंदा हो तो साथी रिश्तेदार मंदा सम्बन्ध देंगे | शुक्र खाना नंबर 10 की तरह फल देगा | उसकी स्त्री ऐशोहसरत में सदा बहार फूल | स्त्री को आम तौर पर मासिक धर्म के बाद स्वस्थ गिनते है मगर ऐसे ग्रह वाली स्त्री मासिक धर्म के बिना ही संतान की शक्ति से भरपूर होगी और ऐसे फूल की तरह प्रिय होगी जोकि ऋतु के बिना ही हर समय अपनी बहार दे रहा हो | उस में सुंदरता, प्यार की लगन और मोह माया पूरा भरा हो | स्वयं ऐशीपट्ठा होगा | 

8) जब बुध, शनि,सूर्य तीनो मंदे हो तो हर और मौते ही मौते नजर आएगी | पूरा शुक्र का पतंग होगा यानि आशिकमिजाज और चाल चलन का ढीला | न सर्फ खुद बर्बाद होगा बल्कि दूसरे साथिओं को भी बर्बाद करने वाला होगा |

9) जब के शुक्र साथ या खाना नंबर 7 में उसके शत्रु ग्रह सूर्य, चंद्र, राहु हो और बुध मंदा (सिवाय नंबर 3 के) तो इश्क का परवाना, या दमा तपेदिक या बुखार के समय स्त्री भोग या किसी दूसरी स्त्री सम्बन्ध से बिगड़ा बुखार हो तो गौमूत्र तथा जौ की खुराक सहायक होगी | सरसो बहुत मिलते हुए अन्न कम से कम सात अनाज या चरी का दान सहायक होगा | पुरुष कन्यादान और स्त्री गोदान करे तो शुभ होगा |

10) जब सूर्य साथ, साथी या नंबर 7 में हो तो पराई ममता गले लगी रहे नहीं तो सात साल बीमार या आधा मुर्दा तो अवश्य होगा | स्वास्थ्य कोड़ी कोड़ी करके हार देगा | मर्ज बढ़ता गया ज्यों ज्यों दवा की, का हाल होगा | साथी ग्रह के सम्बंधित रिश्तेदार के साथ से स्वयं शुक्र और सम्बंधित साथी दोनों तंग होंगे |  

उपाय: दिल पर काबू, इश्क पर काबू किस्मत की मंदी चाल बदल देगी | दुसरो की सलाह सहायक होगी |

S Kuber RA
Jyotish Acharaya 
Vedic & Lal Kitab Astrologer
Lal Kitab Vastu Consultant              

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