Sunday, 9 September 2018

लाल किताब चंद्र खाना नंबर 2

लाल किताब 

चंद्र खाना नंबर


स्वयं पैदा की हुई माया की देवी
लगे बजने  घड़ियाल मंदिर जो घर में, बजा देंगे घंटा लावल्दी का घर में |

1)  चंद्र की चीजों के ना होते हुए बुढ़ापा मंदा या उत्तम फल न देगा और अमूमन चंद्र नंबर 12 का फल देगा |
2) पिता, जायदाद सुख खासकर जब शनि 4 में हो |
3) माता, भाग्य उत्तम खासकर जब बुध 6 में हो |
4) भगवान् जैसी शक्ति खासकर जब सूर्य नंबर 1 में और शनि 11 में हो

चंद्र कायम हो तो बचपन का समय चंद्र की ठंडी रोशनी की तरह उत्तम प्रभाव और नेक होगा वरना चंद्र बुढ़ापे में नेक फल देगा | चंद्र की जायदाद चीजों का लाभ होगा | चंद्र अगर शत्रुओं से घिरा हुआ या मंदा और ख़राब हो तो बुढ़ापा मंदा ही होगा और चंद्र खाना नंबर 6 की तरह फल देगा |

नेक हालत

ऐसे व्यक्ति की अमूमन बहन नहीं होती मगर भाई जरूर होंगे | यदि अपने न भी हो तो स्त्री के भाई जरूर होंगे | और वो अकेला भाई या सिर्फ बहनो का ही भाई न होगा | धनवान, समय का शाह, घुड़सवारी, संतान, माता-पिता का सुख, जब गुरु उत्तम हो लड़ाई के मैदान के सामान में कभी कमी न होगी | न ही कभी हार तथा हानि होगी |    
चंद्र उत्तम तथ उच्च फल और गुरु खाना नंबर 2 का नेक फल साथ होगा | जब चंद्र खाना नंबर 1 में वर्षफल में आए तो गुरु और चंद्र दोनों का ही बराबर उच्च तथा उत्तम फल होगा | ( 2 -14 - 26 - 38 - 50 - 62 - 81 - 86 - 98 - 110 ) | टेवे वाला जब चंद्र की चीजे कायम रखता हो तो जायदाद जद्दी और विरासत का हिस्सा घर से जरूर ही मिलेगा | टेवे वाले की खानदानी नस्ल कभी बंद न होगी चाहे संतान के योग लाख मंदे हो | गुरु बैठा होने वाले घर का प्रभाव सदा पक्का और उत्तम होगा या गुरु खाना नंबर 2 का फल जो भी दोनों हालत में उत्तम हो साथ होगा | जब भी मौका मिले चंद्र पिछले जन्म की कोई भूली लिखत की कमी को पूरा कर देगा | बुध (चाहे नंबर 9 में हो क्यों न हो) कभी मंदा फल न देगा | जन्म अमूमन शुक्ल पक्ष का होगा नहीं तो चंद्र आखिरी आयु में शुभ फल देगा | चंद्र की चीजे कायम रहते चंद्र और बुढ़ापा दोनों शुभ फल देंगे | वह कभी मंदी हालत का न होगा | माता की ममता की आँखे कभी बूढी न होंगी | यानि माता चंद्र के दो चक्र या टेवे वाले के 48 साल की आयु तक कम से कम जरूर साथ देगी | जिसके बाद जरूरी नहीं की मर जाए और हो सकता है तीन चक्र (72) पूरा कर जाए | अपनी आयु को लम्बा रखने के लिए खुद बनाए मकान की तह में चाँदी की चीजे दबाना सहायक होगा या चंद्र की चीजे जैसे चलते पानी का हर दम साथ शुभ होगा | घर का फर्श जब तक कच्ची मिटटी का रहे चंद्र का दरिया एक बर्फीली नदी (सदा चलने वाली) का उत्तम फल होगा | नहीं तो शहर की गन्दगी से भरा बरसाती नाला अचानक तेज और भयानक पानी से भरा होगा | सफ़ेद या पीले घोड़े के साथ से परिवार में कमी न होगा | बड़ी बुढ़िया की सेवा से परिवार मिले और लड़ाई के सामान में कभी कमी न होगी | माता के जीवन में उसके हाथो से चाँदी, चावल (चंद्र) लिए हुए माता की आयु के बाद टेवे वाले को माता का आखिरी आशीर्वाद (चंद्र का उत्तम फल) का काम देंगे |

1)  जब खाना नंबर 4 - 6 - 8 - 10 -12 में राहू, केतु, शनि पापी न हो तो माता की आयु अमूमन टेवे वाले की 48 साल की आयु तक जरूर साथ देगी |         
 2) जब ऊपर लिखे खानो में पापी हो तो चंद्र की हालत तथा माता की आयु का फैसला गुरु की हालत पर होगा लेकिन बाकी सब बातो पर गुरु का उत्तम प्रभाव चंद्र खाना नंबर 2 के साथ होगा |
3) जब चंद्र जागता हो तो स्वयं अपनी तथा ससुराल की धन की हालत निर्वाह ठीक होगी |
 4) जब शुक्र उत्तम हो तो चंद्र का फल उच्च होगा | कामयाब आशिक, चाहे सांसारिक हर और नेक फल होगा |

मंदी हालत में

1) घर में घंटे घड़ियाल (मंदिर की तरह) लावल्दी की घंटी बजा देंगे |
2) बेशक नंबर 2 का चंद्र उच्च होता लेकिन अगर केतु 12 में हो तो चंद्र के लिए ग्रहण देगा यानी चंद्र (विद्या), केतु (संतान) दोनों में से केवल एक ही फल उत्तम होगा | यानि विद्या पास हो तो संतान न होगी और अगर संतान हो तो विद्या न होगी |
3) जब खाना नंबर 1 - 2 - 7 - 10 - 11 मंदे हो तो चंद्र नंबर 12 की तरह फल देगा और गुरु और शुक्र भी मंदे फल ही देंगे | ऐसा व्यक्ति दूसरों के लिए किसी काम का न होगा |
4) जब सूर्य 1 में हो तो अव्वल तो आयु अमूमन 25 साल होगी वरना 25 / 34 साल आयु में हर तरह से मंदा व गरीबी से भरपूर होगा | ऊपर का मंदा हाल अमूमन 50 साल (25 से 75 साल आयु तक) मंदा ही होगा |
5) शनि 10 में हो तो में बुढ़ापे में मंदा हाल और उम्र का अमूमन 75 साला समय मंदा होगा |
6) बुध नंबर 6 में हो तो नजर कमजोर और शनि का स्वयं का प्रभाव मंदा होगा |
7) गुरु नंबर 11 में हो तो बुढ़ापे में मंदा हाल और आयु का समय 90 वर्ष मंदा होगा |
8) 9 - 10 - 12 में पापी हो तो शनि की आयु (9 - 18 - 36) में माता की आयु शक्की होगी |
9) नंबर 1 में चंद्र के शत्रु बुध, शुक्र, राहु और केतु नंबर 2 और 7, 1 मंदे हो तो सब ग्रहो का मंदा असर होगा मगर वह राशि फल के उपाय योग्य होंगे |
10)  बुध नंबर 3 और गुरु नंबर 9 में हो तो बेशक चंद्र और गुरु आपसी सहायता पर हो मगर फिर भी बकरी दूध देगी मेंगने डाल कर | यानि कारोबार में बरकत होगी तो सही मगर रगड़े झगडे के बाद | बुध के मंदे फल को दूर करने के लिए उपाय के तौर पर सब्ज रंग (बुध) कपडा (चंद्र) लड़किओं (बुध) को 40 - 43 दिन लगातार देना बुध की जहर को धोयेगा


S Kuber RA
Jyotish Acharaya 
Vedic & Lal Kitab Astrologer
Lal Kitab Vastu Consultant 

No comments:

Post a Comment