लाल किताब
शुक्र खाना नंबर 4
नुक्स चार अपना इश्क औरतो का |
चश्म पोशी (evil eye) करते भी लानत ही देखा |
पहली ही स्त्री से यदि मर्द पूरी तरह दो बार शादी करले तो खाना नंबर 4 के शुक्र की दो स्त्री की शर्त न रहेगी | संतान जल्दी हो मगर अब स्त्री की सेहत खासकर गर्भाशय बरबाद होती हो | ऐसे समय मंगल की चीजे काम रिश्तेदार जो मंगल से सम्बंधित हो से शुक्र को मदद मिलेगी | घर की सबसे पुरानी दहलीज मंदे समय सहायक होगी |
नेक हालत में
जमीन पर सफर सदा होता रहेगा जो नेक हालत और उत्तम परिणाम देगा | शादी के चार साल बाद खूब आराम मिले (शुक्र खाना नंबर 4) | बाग़ लगाने का मौका मिले | उसके भाग्य की कलम गुरु के हाथ होगी जब तक गुरु का शनि से सम्बन्ध न हो | वर्ना बुध से फैसला होगा | मर्द के लिए उसकी स्त्री के भाग्य की सहायता साथ न होगी मगर वह स्वयं ऐश करेगी | दोस्ती या मुलाकात की शक्ति, ऐब पर पर्दा, खूबी पर नजर डालने की शक्ति | उल्फत, प्यार और प्यार के बाद का गलवा के तीनो हिस्सों का स्वामी जहाँ दिल और आँख मिले मिलाते है | एक चारपाई पर दो अतिथि या एक अतिथि के लिए दो चारपाई जरूर होंगी मगर आराम करने की जगह या निवाड (चारपाई की रस्सी) सदा भीगी ही रहेगी या सब होते हुए माया बरबाद संतान की कमी होगी | ऐसे समय चंद्र का उपाय सहायता देगा वर्ना कुएँ में गुरु की चीजे गिराना सहायक होगा | चिकड़ी तालाब छत पर लगाएं |
अगर शुक्र के खाना नंबर 2, 7 खाली हो और शुक्र किसी दूसरे का साथी ग्रह न बन रहा हो तो स्त्रियाँ एक ही समय में दो जीवित होंगी | एक बूढी माँ (चंद्र का घर) की तरह बड़ी आयु की और दूसरी ऐशो आराम की मालिक हरफनमौला समय की बेगम होगी | मगर संतान की फिर भी कमी होगी या निसंतान होगी |
शुक्र चौथे जब पानी आया, स्त्री हुआ विराग |
एक से दो भी हुई, पर बुझी न उसकी आग |
मंदी हालत में
पत्थर (शनि) भी रेत (बुध) हो गए अगर, तो रेत उड़ता होगा |
औरत की हो आजादी (बदमाश), बुध, केतु मंदा होगा
1) इस घर में शुक्र से मतलब यह होगा कि सुंदरता जवानी के बाजार में बिकने लगी |
2) बंद कुओं या कुएं पर छत डाल कर मकान बनाने से पूरी लावल्दी का सबूत होगा | प्यार महोब्बत मंदे अर्थो में बरबादी के लिए दीमक से कम न होगा | ऐब पर पर्दा, खूबी पर नजर डालना सहायक होगा | मकान की छत की अच्छी हालत स्त्री की सेहत में सहायता देगी | शुक्र और चंद्र जब दोनों मंदे हो तो आड़ू की गिट्टक में सुरमा भर कर बाहर दबाना सहायक होगा | 22-24-25-32-34-47-51-60 साल आयु अशुभ होगी |
3) शुक्र अकेला और 2,7 खाली हो तो नुक्स अपना इश्क औरतो का, चश्मपोशी करना व लानत ही देगा |
4) शनि और गुरु एक साथ न हो तो स्त्री भाग अच्छा या बुरा गुरु पर निर्भर करेगा |
5) जब शनि साथ हो तो नशे से बर्बाद होगा | बुध की चीजे और काम बहाना होंगे | शुक्र और चंद्र को मिलाने वाली नशे की रेखा |
6) जब चंद्र साथ हो तो गरीब मगर भगवान् की मदद जरूर होगी तथा उत्तम |
7) गुरु नंबर 1 में हो तो चंद्र (सास) और शुक्र (बहु) की लड़ाई, मामा बर्बाद, और ख़राब हालत की नींव स्वयं चंद्र पर होगी |
8) शनि मंदा हो तो प्यार (मंदे अर्थो में) तबाही का कारण होगा और संतान की कमी होगी |
9) जब चंद्र मंदा हो और बुध नंबर 6 में हो तो शुक्र मंदा फल देगा और लड़कियां बर्बादी का कारण होंगी | उसकी स्त्री टेवे वाले के खानदान के लिए मंदी अशुभ होगी |
10) मंगल, बुध, पापी ग्रहों में से कोई भी अपने दूसरे दौरे के अनुसार खाना नंबर 1 में आए या शुक्र का साथ साथी हो जाए तो संतान की कमी दूर होगी |
S Kuber RA
Jyotish Acharaya
Vedic & Lal Kitab Astrologer
Lal Kitab Vastu Consultant
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