Wednesday, 26 September 2018

लाल किताब शुक्र खाना नंबर 5


लाल किताब 

शुक्र खाना नंबर 5  



बच्चो से भरा परिवार

ज़माने की माताएँ औरत जो तेरी |
नस्ल तेरे बच्चो की तुझे कौन देगी |

आग जली (सूर्य का घर) न मिटटी (शुक्र) उड़े, पर उड़ेगी जिस दम वो,
जो ग्रह पहले नौवें बैठा अँधा-काना हो |

(सिवाय सूर्य नंबर 1 और गुरु नंबर 9 के)


नेक हालत में

बच्चो के परिवार से भरी हुए स्त्री जिस के बैठे (या शुक्र की चीजे कायम रहते) रिजक कभी बंद नहीं होगा |

1) ऐश तथा परिवार के प्यार वाला और देश भक्ति का परवाना हो | अगर सूफी जीवन बिताए तो भवसागर से पार होगा लेकिन यदि आशिक दुनिया हुआ तो वृक्ष में अड़ी पतंग (शुक्र) की तरह का भाग्य होगा |  बल्कि एक को क्या रोते यहाँ तो कबीला ही मंदा हो गया | टेवे वाले के चालचलन ही उसके भाग्य-माली हालत की नींव होगा | स्त्री और संतान पर मंदा प्रभाव न होगा |

2) जब शुक्र के मित्र ग्रह बुध, शनि, केतु कायम हो यानि यह कुंडली में नेक हो और इन ग्रहों में इनके शत्रु ग्रहों का असर न मिल रहा हो तो सूफी धर्मात्मा होगा और भवसागर से पार कराने वाली गऊ माता की तरह उत्तम लक्ष्मी और कुल (परिवार) को तारने वाली स्त्री होगी |

3) जब नर ग्रह कायम हो या साथ-साथी तो माया, धन बढ़ता होगा | परिवार और देश से प्यार करने वाला होगा | शुभ असर होगा |

4) जब बुध या पापी 1/7 में हो तो खाना नंबर 1 और खाना नंबर 9 (दृष्टि वाला घर) में बैठे ग्रह से सम्बंधित रिश्तेदार शुक्र से धन की बरकत पाएँगे या टेवे वाले को उस ग्रह से सम्बंधित कारोबार दौलत की बरकत देंगे |  मसलन खाना नंबर 9 में शनि हो तो उसेक चाचा (शनि) धन की बरकत पाए और टेवे वाले को शनि के काम जैसे मशीनरी, मकान बनाना, लोहे, लकड़ी के काम आदि |

5) जब सूर्य नंबर 1, मंगल 3 में हो तो हर तरह की बरकत होगी |

मंदी हालत में

1) जब शुक्र कुंडली में मंदा हो या टेवे वाला उसे खुद ही मंदा कर ले तो अपना मंदा चाल चलन शनि करवाता रहे | भाग्य रिजक मंदा होगा पर स्त्री और संतान मंदे न होंगे | खाना नंबर 1 और 9 में बैठे ग्रह से सम्बंधित रिश्तेदार (सिवाय खाना नंबर 1 के सूर्य और खाना नंबर 9 के गुरु के) जैसे राहु हो तो ससुराल, मंगल हो तो बड़ा भाई या ताया आदि अँधा या काना हो | टेवे वाले को उस ग्रह से सम्बंधित कारोबार बरबादी का बहाना होंगे |  |  

2) जब शुक्र के दुश्मन ग्रह सूर्य, चंद्र, राहु खाना नंबर 1/7 में हो तो खाना नंबर 12 जलता होगा चाहे नंबर 3 और 8 अच्छे ही हो | टेवे वाले पर मंदा प्रभाव न होगा | मगर साथिओं पर शुक्र अब वृक्ष में फसी पतंग की तरह लिपटा हुआ भाग्य की हानि देखता होगा | चंद्र उसे पतंग की डोर की तरह काम देगा | इश्क सांसारिक कामयाब होगा | देश प्रेमी भी होगा |

3) शुक्र की दृष्टि में कोई ग्रह न हो तो शुक्र (स्त्री) चोर हो | शुक्र से सम्बंधित कारोबार अच्छे न होंगे | चोरी गया माल शायद ही वापिस मिले | ऐसे टेवे वाली की केवल स्त्री ही ऐसी न होगी बल्कि वहाँ तो आवा ही उत गया हो | आवा यानि ईंट पकाने का भट्ठा, उत जाना मतलब नष्ट हो जाना यानि समूर्ण तंत्र का नष्ट हो जाना | यानि सब ही एक जैसे होंगे | दिन को ज्ञान, रात को इश्क स्नान | धर्म सिर्फ एक धोखे का ही पर्दा बनाया गया है, के विचार का स्वामी होगा |

4) टेवे वाला जब स्त्री के सौंदर्य से मोहित हो कर, आशिकी प्रेम में पड कर और माता पिता के विरुद्ध जा कर विवाह करे तो उसकी औलाद उसे बाप न कहेगी या बाप न मानेगी | औलाद बाद में काम न आएगी | इसलिए अच्छा यही होगा की माता-पिता की सम्मति से ही विवाह करे |

5) जब कुंडली में चंद्र मंदा हो तो चंद्र का मंदा असर शुक्र पर होगा | मंदी पतंग (शुक्र) के लिए चंद्र डोर का काम देगा | चालचलन नेक रखने के लिए चंद्र का उपाय मददगार होगा |

6) जब शुक्र के साथ उसके शत्रु ग्रह बैठ जाए तो भी शुक्र का फल ख़राब न होगा |

7) गऊ और माता की सेवा करने, साफ़ पवित्र दिल रखने से घर-बार और धन-दौलत की बरकत होगी | लेकिन जब चालचलन मंदा और दूसरी स्त्रियों से शारीरिक सम्बन्ध बनाए, नाजायज बच्चे पैदा करता हो तो स्वयं और उसकी स्त्री दोनों ही दुखी और जल कर बर्बाद होंगे |

उपाय: सेहत के सम्बन्ध में शुक्र की जगह पर (गुप्तांग) चाहे मर्द, चाहे स्त्री दूध / दही से धोते रहना शुक्र की उड़ती हुए मिटटी (दुनियावी अफवाह) से बचाव होगा | गुप्तांग साफ़ रखना मददगार होगा | गृहस्थी परिवार माया की बरकत होगी |

S Kuber RA
Jyotish Acharaya 
Vedic & Lal Kitab Astrologer
Lal Kitab Vastu Consultant       

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