लाल किताब
शुक्र खाना नंबर 7
अकेला शुक्र नेक होगा | साथ बैठे जैसा ग्रह, वैसा ही शुक्र होगा |
ऐवज गैर पतिव्रता जो भूली |
जली माया घर की, यह क्या नार (आग) ले ली |
नेक हालत में
1) लम्बी आयु, जिंदगी की इच्छा मगर तरक्की से अर्थ नहीं | समय और गृहस्थ में चलते जब तक अकेले हो, दिल की उकसाहट के पीछे न जाएँगे मगर कोई प्यार का नाता हो जाए तो मंदा न होगा |
2) खाना नंबर 7 शुक्र का अपना और पक्का घर है | इस घर में अगर शुक्र अकेला हो तो बहुत नेक होगा | यह बुध का भी पक्का घर है और बुध शुक्र का मित्र है | अगर बुध साथ में हो तो भी नेक फल ही होगा | बुध के साथ से उत्तम घरबार और गृहस्थी सुख होगा और टेवे वाला उत्तम व्यापारी होगा, आढ़ती होगा और तराजू के काम से हर दम नफा होगा | शुक्र जिसके साथ साथी हो उसी का फल देगा | शनि की आँखों की रफ़्तार होगी (देखे शनि खाना नंबर 10) | टेवे में शनि जहाँ बैठा हो उसकी आँखों की गिनती के हिसाब से अगर शनि एक आँख की भी साबित हो तो शुक्र शुभ फल देगा |
शनि की आँखे इस प्रकार है :
शनि खाना नंबर 1 में हो तो 1 आँख का मालिक
नंबर 2 में हो तो 2 आँख का मालिक
3 में हो तो 3 आँख का मालिक
4 में 4 का
5 में अँधा
6 में न्यौराता (रतांध) यानि दिन में तो देखे पर रात को नहीं
7 में हो तो दूसरे की आँख में मिटटी डाल देने की शक्ति के मालिक की आँख
8 में हो तो मौत या जालिमाना आँखे
9 में हो तो जले हुए को आबाद करने वाली आँखे
10 में हो तो चारो तरफ देखने वाली चार आँखे
11 बच्चे की तरह मासूम आँख
12 में हो तो दुःखी को सुखी, वीरान को आबाद करने वाली आँखे
3) सफर में ज्यादा समय गुजरेगा और उत्तम होगा या यूँ कहे कि जब तक स्वयं कमाए उस समय तक सफर और परदेश में होगा | आयु का कभी धोखा न होगा | जद्दी घर का आराम कम ही मिलेगा और न ही कोई बैठक (पुरुषो के बैठने की जगह) बनेगी |
4) नंबर 1 का उत्तम ग्रह हो या टेवे का कोई भी उत्तम ग्रह हो या शुक्र के साथ कोई ग्रह बैठा हो, शुक्र उसकी नकल करेगा और उत्तम फल देगा | जब शुक्र अपनी आयु के बाद (25 साल) खाना नंबर 1 में आए (31 साल में) तो भी उत्तम फल देगा | शादी और गृहस्थ और स्त्री खानदान की हालत शुक्र की उम्र 25 साल उत्तम होगा |
5) स्त्री उत्तम नेक स्वाभाव होगी | हद से ज्यादा गोरी या आम दर्जा से ज्यादा सुन्दर न हो तो ही शुभ होगी | सफ़ेद गाय का साथ भी शुभ न होगा | उसकी स्त्री किसी लेन देन या इधर उधर के झगड़ों में दखल न देगी |
6) शुक्र कायम और उत्तम हो तो स्त्री पुरुष का साथ लम्बा अपनी आयु तक होगा | सुखी गृहस्थ होगा | माता पिता की हालत उत्तम होगी | स्वाभाव की नरमी, विनम्रता माया की बरकत की सीढ़ी होगी | आयु 80 से 90 साल तक होगी |
7) गुरु सोया हुआ हो तो सफर से जिन्दा वापिस आएगा | मौत कभी परदेश या सफर में न होगी | अगर किसी दूसरे कारण से हो भी जाए, तो शरीर घर वापिस आएगा |
8) अगर खाना नंबर 1-7-9-11 में शत्रु ग्रह सूर्य, राहु, चंद्र हो तो माया दौलत तो बढ़ता होगा चाहे दूसरे फल ख़राब हो जाए | (इन शत्रु ग्रहो के इन खानो में बैठे का हाल में देखे)
9) जब ऊपर लिखे घरों में मित्र ग्रह (शनि, बुध, केतु) हो तो शुक्र वही फल देगा जैसा इन ग्रहों का वहाँ बैठे होने का हो |
10) जब शनि 9/11 में हो तो आम लोगो के आराम के सामान के कारोबार बरकत देंगे |
11) जब बुध 4-6-2 में शुभ हो (जन्म कुंडली में 4/2 में हो नहीं सकता) तो शादी के दिन से पुरुष के लिए शुक्र और बुध दोनों का उत्तम फल 37 साला समय तक होगा |
12) शुक्र अगर नेक हो तो विवाह और शुक्र के काम सदा नेक फल देंगे |
13) संतान (पुत्र) की हालत केतु की हालत पर, गृहस्थ की हालत शनि की हालत पर, माली धन की हालत राहु की हालत पर और परिवार की हालत बुध की हालत पर होगी |
14) चंद्र नंबर 4 में अकेला हो तो कामदेव से दूर होगा |
मंदी हालत में
1) धन, स्त्री के काम में बहुत लगेगा बल्कि पराई मिटटी (स्त्री) की पूजना में भी लगेगा | इश्कबाजी, सबकुछ धन जायदाद बर्बाद | जिस का सबब अपनी खुदगर्जी हो व दिमागी नक़्ल (राहु की शरारत) होगी | गुस्सा (सूर्य) सूर्य की गर्मी नीच होगी | आयु 85/96 साल होगी | स्त्री खानदान के साथ हिस्सेदारी में कारोबार करना धन और गृहस्थी खरीबियों का बहाना होगा |
2) जब शुक्र और गुरु मिल रहे हो तो संसारी लेनदेन या कारोबार का हाल मंदा होगा और संतान के विघ्न होंगे |
3) वर्षफल में जब शुक्र के शत्रु खाना नंबर 1 में आए और नंबर 3 भी मंदा हो तो चोरी और धन हानि की घटनाएँ होगी |
4) चंद्र नंबर 1 में हो तो शुक्र का फल मंदा और भाग्य बर्बाद होगा | संतान की मंदी हालत से बचने के किए विवाह के दिन से कुत्तो का घर में रहना सहयक होगा |
5) सूर्य नंबर 4, चंद्र नंबर 1 और शनि शुक्र के साथ 7 में हो तो स्त्री चाहे पुरुष खस्सी, ख़ुसरा, नपुंसक, नामर्द, बाँझ, हो | या फिर वो संसार छोड़ कर निराशा से भर रहा हो |
6) नंबर 8 में सूर्य या बुध हो तो हर दो का मंदा हाल होगा | स्त्री पर स्त्री मरे खासकर जब घर की छत में आसमान की और से रौशनी आए |
7) राहु नंबर 8 में हो तो स्त्री का मंदा हाल हो | स्त्री को सारी आयु तक नीला (राहु) कपडा अशुभ होगा |
8) राहु शुक्र के साथ हो या फिर साथी बन रहा हो तो शुक्र का हर तरफ से मंदा प्रभाव होगा खासकर जब राहु का साथ भी होवे जैसी बिल्ली (राहु) की चमड़ी से बना बटुआ पर्स आदि | शनि के काम भी मंदे असर देंगे | खाऊ मर्द उड़ावे | स्त्रियों को खूब ऐश करावे और खुद बर्बाद हो |
9) जब नंबर 1 खाली हो तो शुक्र सोया हुआ या मंदा न होगा (क्योंकि अपने पक्के घर में है) | पराई स्त्री की लगन और गुस्सा बर्बादी की नींव होगा |
10) जब खाना नंबर 4 मंदा या नंबर 4 में शुक्र के शत्रु सूर्य, चंद्र, राहु हो तो शुक्र हर तरफ से मंदा होगा | खुदगर्जी बर्बादी की नींव होगी | जिससे जद्दी जायदाद का फायदा न उठाएगा |
11) गुरु नंबर 2 में हो और मंगल भी नष्ट हो तो संतान न होगी या दुखिया होगा |
11) जब खाना नंबर 8 खाली : खाना नंबर 7 शुक्र का पक्का घर है और नंबर 7 में उसका साथी बुध यानि मिटटी (शुक्र) में रेत (बुध), स्त्री पुरुष में विषय की शक्ति और साथ वाले घर घाटों में (खाना नंबर 6) बुध केतु सहित कामदेव की नाली, और नंबर 8 मंगल और शनि (शैतान) सही या गल्त किसी भी ढंग से अपना मतलब निकाल लेना माने गए है |
नंबर 7 जो की बुध और शुक्र का घर है और खाना नंबर 7 को चक्की भी माना है और नंबर 8 इस चक्की को चलाने वाला हत्था या किली है जो गृहस्थ की हालत में सांसारिक शर्मोहया 8 गुना शक्ति में लेते है इसलिए खाना नंबर 8 के खाली होते हुए शर्म और हया का हवाई परदा उठ जाने से स्त्री में विषय (मंदी नाली) में कामदेव का खून जोर पर होगा जिसके कारण बेहयाई तक हो सकती है | पुरुष स्त्री में से किसी एक या दोनों को तपेदिक या जिल्द जलते रहने की बीमारी हो सकती है |
12) शनि नंबर 6 में हो तो स्त्री (शुक्र) के गुप्तांग की खराबियां या दिल की खराबी होगी | उपाय के तौर पर शनि की चीजे (पानी की तरह बहने वाली) सहायक होगी जैसे अल्कोहल जो नरम जिल्द को बिना जलाए खुश्क रखता है | किसी बुद्धिमान डॉक्टर की सलाह से प्रयोग करना फायदेमंद होगा |
S Kuber RA
Jyotish Acharaya
Vedic & Lal Kitab Astrologer
Lal Kitab Vastu Consultant
1 comment:
Samaj nhi aa rha
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