लाल किताब
शुक्र खाना नंबर 8
जली मिटटी की चांडाल स्त्री
कब्र दूसरे की न जब कोई पढ़ता |
कसम पर जमानत क्यों फिर तू पढ़ता |
खाना नंबर 8 का शुक्र अगर मंदा हो या मंदा कर लिया जाए तो शुक्र मंगल बद की तरह असर देगा | स्त्री का स्वास्थ्य अगर मंदा हो तो चरी (ज्वार) का दान देना या उसे जमीन में दबाना उत्तम होगा
सफ़ेद गाय मंद भाग मगर काली या लाल गाय मुसिबत में मदद करेगी |
नेक हालत में
1) मेहनत की रोटी कोई विष नहीं होती मगर मेहनती को आराम कर लेना भी जुर्म नहीं |
2) स्त्री सख्त स्वाभाव की होगी | स्त्री ने जब खाना परोसा तो मर्द (टेवे वाला) ने कहा कि दाल तो पतली है | जवाब में स्त्री ने उसके हाथ पर चिमटा दे मारा | तब मर्द ने फ़ौरन कहा कि दाल पतली है मगर स्वाद है | ऐसे ही बेचारे ने अपना जीवन बिताया | स्त्री की जुबान का अक्षर पत्थर की लकीर होगा | वह जो भी कुछ बुरा कहेगी एकदम सच्च साबित होगा | कोइ नेक या अच्छी कही हुई बात पूरी होने की शर्त नहीं है | इसलिए टेवे वाले को चाहिए कि अपनी स्त्री को तंग न करे क्योंकि इसी में दोनों की भलाई होगी |
3) दान लेना छोड़ दे और मंदिर में सिर झुकाता रहे | शत्रु का सिर अपने आप कट जाएगा |
4) शुक्र नंबर 8 वाला कहता है कि उसे सब कुछ पता है मगर उससे कोई पूछता ही नहीं है | इसलिए वह बोल बोल कर थक कर बैठे हुए मर्द की तरह अपनी खुदी के तंदूर (खाना नंबर 8 मंगल बद) में जल रहा होगा |
5) जब नंबर 2 में कोई भी ग्रह हो तो शुक्र नंबर 2 के ग्रह का ही प्रभाव देगा |
मंदी हालत में
1) शुक्र नंबर 8 में हमेशा मंदा न होगा | शुक्र जब कभी खाना नंबर 12 में (उच्च) आएगा, नेक फल देगा | शुक्र नंबर 12 में आता है इन इन सालो में : 12-19-30-40-52-64-76-89-100-115 | शुक्र का मंदा कुल 20 साल होगा | बदी के दरिया की बाढ़, यानि मंदा फल जन्म से 11 साल = 11 साल, आयु का 27 वा साल = 1 साल, 34 व साल = 1 साल, 39 से 45 साल = 7 साल | कुल जमा 11 + 1 + 1 + 7 = 20 साल | (लेकिन 40 वे साल में तो 12 में होगा?) | 25 साल आयु तक शादी करनी अशुभ ही होगी | जब तक चंद्र, मंगल या बुध, जो अमूमन ऐसे टेवे में मंदे ही हुआ करते है, अगर कायम हो तो शुक्र का बुरा प्रभाव न होगा | इन ग्रहों की सम्बंधित चीजे कायम करना इस या सम्बंधित रिश्तेदार से आशीर्वाद लेते रहना सहायक होगा | चंद्र (माता), मंगल (भाई), बुध (बहन) आदि
2) गंदे नाले में ताम्बे का पैसा या या फूल डालते रहना शुभ होगा | गऊ सेवा या गऊ दान से बरकत होगी | धर्म स्थान में सिर झुकाते रहना शत्रुओं के सिर उडाता रहेगा | अगर ऐसा न हो तो चाल चलन शक्की होगा |
3) जब खाना नंबर 2 खाली हो तो चाहे लड़ाई में सहायता देगा मगर चांडाल मंदी मिटटी की तरह गृहस्थी की हालत होगी | बड़ो का साया डोलता या हर समय खतरे में होगा | स्त्री के स्वास्थ्य और धन के लिए ज्वार का दान या जमीन में दबाना सहायक होगा | कुऍं में गिरने वाले की तरह स्त्री और मर्द होंगे | ससुराल की नाव को डुबोने वाला होगा | खाना नंबर 5, संतान का घर जो शादी के बाद आने वाला समय है, वो भी मंदा होगा यानि संतान भी बर्बाद होगी | स्वयँ अपने लिए कष्ट पर कष्ट खड़ेगा |
4) अगर शुक्र के शत्रु सूर्य / चंद्र / राहु शुक्र के साथ नंबर 8 में हो तो किसी के लिए कसम खाना, जमानत देना कभी भी उत्तम और नेक न होगा | जनाही (व्यभिचारी) मर्द और औरत, मंगल बद का असर होगा (खाना नंबर 8 मंगल बद) खासकर जब मंदे मर्द या स्त्री का साथ हो जाए | जब चालचलन का ढीला हो तो अवश्य ही सुजाक आदि (gonorrhoea, STD etc) सेक्स सम्बंधित बीमारियाँ होंगी | गऊ दान सबसे उत्तम उपाय होगा | और शुक्र नंबर 10 मंदी हालत में देखे |
S Kuber RA
Jyotish Acharaya
Vedic & Lal Kitab Astrologer
Lal Kitab Vastu Consultant
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