Saturday, 8 September 2018

लाल किताब बृहस्पति खाना नंबर 7


लाल किताब 


बृहस्पति खाना नंबर 7


पिछले जन्म का साधू जो जन्म से परन्तु जंगल में तप के लिए नहीं गया ओर गृहस्थ (नंबर 7) राजा जनक की तरह सन्यासी साधु (गुरु) जो माया (शुक्र) में होता हुआ लक्ष्मी (शुक्र) को सांस की हवा (गुरु) की तरह जानने वाला, चुपचाप शांत परिवार का गुरु होगा |

पुरुष के टेवे की हालत में घर में कुत्ते से भी कम कीमत, निर्धन साधू परन्तु स्त्री के टेवे में संतान तथा धन किसी के लिए मंदा न होगा |

गुरु खाना नंबर 7 नेक हालत में

धर्म कार्य में मुखिया व धनी | धर्म का झंडा हर समय हाथ में होगा | अपना भाग्य, मांसल शक्ति (सम्भोग की शक्ति) या स्त्री जाति से बढेगा | अपनी सारी शक्ति या धन की हालत चन्द्र की अच्छी या बुरी हालत पर निर्भर होगी | प्यार असल नीवं होगा | परदेस की जायदादों की तरफ क्यों भागे जब मरना अपने घर में लिखा है | सफ़र से जीवन सुखी ओर वह सफ़र में कभी न मरेगा | यदि किसी ओर कारण से मर भी जाए तो उसकी लाश अपने जद्दी मकान में आयेगी | स्त्री के दहेज़ का सामान भाग्य बढ़ायेगा | एक कामयाब मुसाफिर होगा ओर सहायक होगा | मगर स्वयं 34 साल की आयु तक आराम, धन संतान की ओर से आग लगी होगी, परेशान रहेगा | 34 या 35 साल की आयु में लड़का होगा, वह पिछले सब दुखो को दूर करेगा | आखिरी समय कर्ज छोड़ कर न मरेगा न ही लावल्द होगा |      

1)      जब शनि 7 / 9 में हो तो बड़े परिवार ओर धन के भण्डार यदि शनि के स्वभाव का (चालाकी) का स्वामी हो |
2)      केतु उत्तम हो तो पूजा पाठी, तपस्वी पर धन की शर्त नहीं |
3)      बुध उत्तम हो तो तो गुरु ओर बुध दोनों का उत्तम फल होगा |
4)      राहू उत्तम हो तो आराम से भरा जीवन विशेषकर जवानी |
5)      सूरज नंबर 1 में हो तो ज्योतिष ओर संसार के भेद जानने वाला अनुभवी | आराम पसंद, ज्यादा धन की शर्त नहीं | परन्तु धर्म कार्यों में प्रसिद्ध होगा ओर धर्म का दीवाना होगा |

गुरु नंबर 7 मंदी हालत में

लडकी के टेवे में कभी मंदा न होगा | मगर लड़के के टेवे में उसका अपना लड़का तो क्या दत्तक पुत्र भी न रहेगा | अच्छा यही है की धर्म की खातिर संतान न बेचे नहीं तो बुढ़ापे में पछताएगा |

रखा घर में मंदिर, न परिवार देगा |
बचे लड़का जब, तो वो मिटटी करेगा |

1)      जब कुंडली में मंगल बद हो (मंदे बुध का सम्बन्ध हो) तो बेवा बहन, बुआ, मंदे राग का शौक पहली मंदी निशानी होगा | निर्धनी ओर मंदे हाल में होगा | चोर, डाकू, ठग भी हो सकता है | जरूरत के समय कुछ भी न मिले | आवारा साधू का साथ, या शहर दर शहर धर्म प्रचार करते फिरना मंदा फल देगा |
2)      जब गुरु सोया हो तो दुसरो को चाहे सोना तोल कर मुफ्त दे दे पर अपने पेट के लिए मेहनत करनी हो होगी | लखोपति होता हुआ भी स्वयं मेहनत करके हो रोटी मिलेगी |  
3)      गुरु नंबर 7 में स्वयं मंदा हो रहा हो तो न ही भाई सहायक न ही राजदरबार में अच्छी जगह पद मिले |
4)      मंगल बद (बुध का सम्बन्ध) हो तो जवानी में ज्ञान की तरफ भागता ओर संतान की परवाह नहीं करता था तो बुढ़ापे में सुख ओर धन कहाँ से आये | तरसना पड़ेगा |
5)      1-2-5-8-12-7 में बुध, शुक्र, राहू, शनि पापी हो कर हो तो संतान बर्बाद विशेषकर जब शुक्र मंदा हो | दत्तक पुत्र भी मरे | ससुराल, बाप या बाबे को दमा हो | मिटटी का माधो | चने की रोटी का तवे पर का हाल हो | सोने की जगह हर ओर मिटटी ओर वह भी उड़ने वाली |
6)      शनि या बुध 2-6-12 में हो तो पुत्र के लिए तरसता होगा जो 45 साल में होगा | परन्तु पुत्र होने के बाद खुद बर्बाद हो जाएगा | मुत्तवन (दत्तक पुत्र) भी दुखी हो |
7)      शनि या बुध 9 / 11 में मंदे हो कर हो तो जुबान का थुथलापन, आयु किस्मत या धर्म सभी मंदे | जन्म में भेद हो |
उपाय
मंदी हालत की निशानी में घर में रत्तियाँ या लाल रंग व मंगल बद की चीजे होगी | रत्तियाँ जो सोना तोलने के काम आये | यदि इनको पीले कपडे या सोने के साथ रख दिया जाए तो सहायता होगी | मंदी हालत में चन्द्र का उपाय सहायक होगा |


S Kuber RA
Vedic & Lal Kitab Astrologer
Lal Kitab Vastu Consultant 

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