Saturday, 8 September 2018

लाल किताब बृहस्पति खाना नंबर 8


 लाल किताब 

बृहस्पति खाना नंबर 8


मुसीबत के समय परमात्मा की मदद का मालिक, हर बला से बचने वाला, घर का पुरखा, कब्रिस्तान का साधु जिसका सिर राख से भर चुका होगा |

बड़ो का हो साथ, जब रात करता |
धन सोना माया, आयु सब ही बढता |
बुध, मंगल बद*  पापी मंदा, कब्र वीराने कर देगा
* मंगल बद का मतलब जैसे राहू बद – पूरा काला, काना, संतान रहित व्यक्ति    

नेक हालत में

स्वयं धनवान हो या न हो मगर संसार के सब सुख (बहुत) उसके पास होंगे | दुःख के समय परमात्मा की सहायता मिलेगी | सांच को आंच नहीं वर्ना खुद आग जले की कोल का आदी होगा | अपना भाग्य परमात्मा ओर आत्मिक शक्ति से बनाए | जब तक शरीर पर सोना रहे, दुखी न होगा | स्वास्थ्य मंदा न होगा | संसार में दमकता सोना होगा | किसी का मोहताज न होगा | फ़क़ीर या लंगोट बंद साधु न होगा | बाबा की आयु 80 वर्ष से कम न होगी | परन्तु टेवे वाला और उसका बाबा कभी एक साथ न होंगे | घर के सभी व्यक्तिओं की लम्बी आयु का पटटा लिख देगा | अपने भाग्य को जाने या न जाने मगर छुपे भेद को समय से पहले हो बता देगा | जब तक उपस्थित रहेगा मरने वाले के प्राण नहीं निकलेगे | हो सकता है की उसका बाबा उसके पैदा होने से पहले ही चल पड़े या 8 वर्ष की आयु में ऐसा हो जाए नहीं तो बाबा की आयु 80 वर्ष होगी |    
1)      जब खाना नंबर 2,4 उत्तम हो तो भाग्य को जगाने का स्वामी सिर धड से उतर जाने तक साथ देगा | वीरान जंगल में सब कुछ खोकर ओर यहाँ तक की जिस्म के कपडे तक गवां कर जहाँ भी बैठेगा वहां हरियाली और सोने की खाने, धन को ढूंढ लेगा | स्वास्थ्य, धन, परिवार से कभी दुखी न होगा |
2)      चन्द्र उत्तम हो ओर 2,5,9,12 भी उत्तम हो तो हर ओर सोना ही सोना भरे भण्डार | छुपे भेद बतलाने की हिम्मत, आयु लम्बी होगी |
3)      शुक्र 2,6,8 में हो तो कभी संतान रहित न होगा | पुत्र 6 तक होंगे | अपनी ओर सबकी आयु लम्बी होगी |
4)      जब बुध नंबर 9 में न हो तो खानदान की लम्बी आयु का ठेकेदार, खासकर अपनी और बाप की |
5)      जब मंगल नेक हो या मंगल खाना नंबर 2 से शुभ सम्बन्ध हो तो शिवजी (चन्द्र) अपनी दयालुता से रावण (गुरु) को सोने की लंका तक दान कर देने की शक्ति देगा | मरते को पानी ओर दुखिया के आंसू पोछने वाला धर्मवीर होगा |  

गुरु खाना नंबर 8 मंदी हालत में

1)      शनि या मंगल 4,7 में हो तो कब्र वीराने ओर खजाने राख से भर देगा | ज़माने की हवा को मौत के खूनी तूफानी से गूंजा देगा |
2)      गुरु मंदा या शत्रु ग्रहों से घिरा हो तो मंदा बदनाम आशिक होगा |
3)      मंगल मंदा या बद हो तो आय ठीक होते हुए भी करजाई होगा | स्वास्थ्य, धन हर दो मंदे | उल्लू की तरह जिस जगह बैठे वहां भी सब्ज कदमा (मनहूस) साबित हो ओर स्वयं शमशान की ख़ाक सिर में डाले ओर खून जले साधु की भांति होगा |
4)      2,5,9,12 में शत्रु ग्रह पापी हो कर बैठे हो तो बार बार जन्म लेने का दुःख भोगे ओर आयु कम ही होगी |
5)      बुध मंदा हो तो छोटे दिल का, दरिद्री, बिमारी का भण्डार, बैठे-बिठाए मुसीबत खडी कर ले |
6)      खाना नंबर 12 खाली हो तो खून की कमी, माली ओर शारीरिक परेशानी से भरा होगा |
7)      जब सूरज अच्छी हालात में न हो तो भाग्य की कोई किरण न होगी
8)      जब राहू मंदा हो तो जीवन खानापुरती का नाम हो |
9)      केतु मंदा हो तो निर्धन, कम दिल वाला, दरिद्री |
10)   तर्जनी झुके मध्यमा की ओर यानि शनि प्रबल हो गुरु से तो पक्का इरादा, स्वतंत्र विचार, बढ़ने का विचार, उत्साह भर उमींद, सब बातो से उल्ट प्रभाव हो |

उपाय

मंदे समय गुरु या शुक्र की वस्तुए धर्म स्थान में दान देना लाभदायक होगा |


S Kuber RA
Vedic & Lal Kitab Astrologer
Lal Kitab Vastu Consultant 

No comments:

Post a Comment