लाल किताब
शुक्र खाना नंबर 9
मिटटी की काली आँधी, मंगल बद
गिना सबसे बेहतर, चाहे मेहनत का खाना |
मगर शेखी क्या, खून हरदम बहाना |
नेक हालत में
1) चाहे बुजुर्गो का धन दौलत बढ़ता होगा लेकिन औलाद का हाल कुछ खास भला न होगा | खुद उसके अपने यहाँ मर्द और धन दोनों शायद ही इक्कट्ठे होंगे | यानि धन होगा तो मर्दों की कमी होगी और घर में मर्द हो तो धन की कमी | टेवे वाला अक्लमंद वजीर, तदबीर वाला होगा | लखोंपति होता हुआ भी अपने पेट की रोटी की कीमत के बराबर मेहनत करके रोटी खाएगा | स्वयं मेहनती होगा या होना पड़ेगा | आराम करने की जगह हद से ज्यादा मेहनत करना या खून-पसीना बहाते रहना कोई शुभ फल न देगा | माली हालत के लिए नीम के पेड में (जड़ में नहीं) चाँदी का चकौर टुकड़ा दबाना शुभ होगा |
2) दूसरों की मुसीबत और मंदी सेहत स्वयं बुलाकर मोल ले ली | जिसे लोग खूबसूरत समझते थे वो अब दूसरों को अपनी बदसूरती से डराने लगा |
3) जब चंद्र या मंगल का साथ हो तो मकान की नींव में या मकान में चंद्र की चीजों (घोडा, कुआँ, चाँदी, चावल आदि) के साथ मंगल की चीजे (शहद) को कायम रखना शुक्र की उड़ती हुए मिटटी की जगह 9 गुना उत्तम और चंद्र (दिल की शांति, माया, दौलत) का उत्तम फल होगा | चंद्र, मंगल साथ न भी तो भी शुभ होगा |
मंदी हालत में
1) भाग्य के सम्बन्ध में काली मिटटी की आँधी |
2) शुक्र की आयु में (25 वे साल में) शुक्र से सम्बंधित काम या कारोबार (शादी, गाय, खेती आदि) या रिश्तेदार का सम्बन्ध होने पर घर की चाँदी की बनी दीवारे भी जली हुई मिटटी की तरह मंदी हो जाएंगी |
3) मंगल बद का असर होगा यानि धन, संतान मंदा | बुध और केतु का फल भी अमूमन मंदा होगा | और (राहु) शरारत और खराबी का बहाना होता रहेगा | जिसके लिए नीम के वृक्ष में सुराख़ करके चाँदी का चकोर टुकड़ा डाल कर फिर सुराख़ को नीम की ही लकड़ी से भर देना शुभ होगा |
4) पापी (सिवाय केतु - शुक्र इक्कट्ठे के और जब शुक्र मंदा न हो) या बुध किसी भी तरह से आ मिले या साथ साथी हो तो 17 साल आयु से नशे और बीमारियाँ तंग करे और शुक्र का मंदा फल होगा | अस्पताल से मुर्दा उठाकर लाए हुए की तरह | शादी के दिन भी डोली में दुल्हन का खून बर्बाद और उसकी मंदी सेहत के कारण खर्चे पर खर्चा होगा | चाँदी की चूड़ी ले कर उसपर सुर्ख लाल रंग कर के स्त्री के हाथ में डालने से वो रक्षा सूत्र का काम करेगी और शुभ होगी | या मकान बनाने पर सब कुछ उत्तम हो जाएगा | अगर कुंडली में शनि भी नेक हो तो जितना जल्दी हो सके, मकान बना ले |
5) जब खाना नंबर 4 मंदा हो या नंबर 4 में शुक्र के शत्रु ग्रह हो तो जब भी वो शत्रु ग्रह / मंदा ग्रह खाना नंबर 1 में आए तो धन माया बर्बाद हो | (4-16-28-40-52-64-76-88-100-114 साल में आएँगे) |
6) जब कुंडली में चंद्र, शुक्र के घर नंबर 7 में हो या मंदा हो कर कहीं भी बैठा हो तो गृहस्थ मंदा (संतान और धन के लिए) होगा |
7) अगर नंबर 1 खाली हो तो खून की बीमारियाँ होंगी | बीमारी की पहली निशानी यह होगी कि उसके नाखून सफ़ेद होने लग जाएगे |
8) जब कुंडली में गुरु और शुक्र मिल रहे हो या गुरु वैसे ही मंदा हो तो संतान के विघ्न होंगे | लोगो और साथियों से सांसारिक लेनदेन, व्यापार का हाल मंदा होगा |
S Kuber RA
Jyotish Acharaya
Vedic & Lal Kitab Astrologer
Lal Kitab Vastu Consultant
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