लाल किताब
चंद्र खाना नंबर 9
घड़े बराबर मोती, दुखियों का रक्षक समुन्द्र
असर तुख्मा (बीज या वह वीर्यकण जिससे संतान पैदा होती है) ) सोहबत, यही कृतघ्न का |
फर्क दूध गाय जो, होता थोहर (सेंहुड़ का वृक्ष जिससे सफ़ेद रंग का दूध निकलता है) का |
शत्रु ग्रहों से सम्बन्ध
बेशक चंद्र के शत्रु चंद्र से सम्बंधित चीजों के कारोबार में बुरा प्रभाव न देंगे मगर फिर भी समुन्द्र में रेत (बुध), मिटटी (शुक्र), पहाड़ी चट्टान (शनि), और तूफ़ान (केतु) पैदा करते ही होंगे |
मित्र ग्रह से सम्बन्ध
जब नंबर 5 में मित्र ग्रह हो तो संतान, धर्म उत्तम |
नेक हालत में
1) शराफत और चंद्र की शक्ति में सब से उत्तम | गणित के असूलों को पूरा पूरा जानने वाला | भला लोग, भले काम, नेक स्वाभाव, कर्म धर्म तीर्थ यात्रा का शुभ नाम नेक अर्थ व काम का आदमी होगा | 30 साल तीर्थ यात्रा का मौका अवश्य मिले | बेशक उसके दिल के समुन्द्र में कृतघ्न इंसान की नस्ल से तमाम दुनिया की मंदी कर देने वाला कूड़ा करकट ही क्यों न डाला जाए फिर भी सांसारिक हालत में वह खुदाई रहनुमा होगा | यानि अपना नेकी का स्वाभाव कभी न छोड़ेगा चाहे बदले में कुछ भी न मिले |
2) खाना नंबर 5 (संतान) अब अपने आप रोशन होगा चाहे नंबर 3 में या चंद्र के साथ पापी बैठे हो | खाना नंबर 5 देखता है 9 को मगर खाना नंबर 9 में बैठा चंद्र (उल्ट) खाना नंबर 5 को नेक कर देता है | अब नंबर 9 का चंद्र नंबर 5 में बैठा हुआ और नंबर 5 का ग्रह नंबर 9 में बैठा समझकर संतान का प्रभाव देखा जाएगा | निष्कर्ष यह है की संतान अवश्य होगी | आयु 75 वर्ष होगी |
3) जब चंद्र कायम हो तो दुखियो का रक्षक | मिटटी के घड़े के बराबर का 9 गुणा मोती, उत्तम फल होगा |
4) जब नंबर 3 में मित्र या मददगार ग्रह हो तो धन दौलत की बरकत होगी |
5) जब नंबर 4 में कोई न कोई ग्रह बैठा हो तो दूध भरी किस्मत होगी | माता-पिता का सुख सागर लम्बे समय तक, कर्म, धर्म और दया दौलत की बरकत होगी | सब से जुदा हजारों में एक विशिष्ट व्यक्ति जिस के बराबर का दूसरा कम ही हो |
6) जब गुरु का साथ या सम्बन्ध हो तो समुद्री (चंद्र) और हवाई (गुरु) दो ताकतों की बरकत होगी | मामूली बेड़ी (गरीब घर का जन्म) का मालिक होता हुआ भी भारी जंगी बेड़ो (उत्तम जीवन तथा भारी परिवार) का स्वामी हो जाएगा | सब ही ग्रह में से चाहे कोई भी हो 3-5 में बैठा हुआ चंद्र के वश में होंगे | अब चंद्र बड़ा भारी समुन्द्र होगा
मंदी हालत में
1) राहु की हालत और चंद्र का सम्बन्ध हो तो गाय का दूध और थोहर के दूध की सफेदी हर दो की मिली हुई तासीर की जाँच में अक्ल धोखा देगी | साथी ग्रह और नंबर 9 के ग्रहों का प्रभाव जरूर शामिल होगा |
2) केतु नंबर 2 और बुध नंबर 5 में हो तो अब चंद्र के समुन्द्र का पानी सिर्फ इतना ही होगा जो एक कुत्ता (केतु) या भेड़-बकरी (बुध) पी कर खत्म कर दे | यानि माली हालत 34 बल्कि 48 के बाद अच्छी होगी और उस समय तक चंद्र की चीजे या रिश्तेदार चंद्र से सम्बंधित काम कोई खास लाभ न देंगे | यह जरूरी नहीं कि हानि हो |
3) अगर शुक्र खाना नंबर 3 से चंद्र को देखे तो शुक्र (25) और चंद्र (24) की उम्रो के मध्य माता की नजर बर्बाद होगी |
S Kuber RA
Jyotish Acharaya
Vedic & Lal Kitab Astrologer
Lal Kitab Vastu Consultant
No comments:
Post a Comment