लाल किताब
राहु खाना नंबर 5
शरारती, संतान गर्क, मगर सूर्य को तारे |
खशी दिन त्यौहार काफिर (नास्तिक) जो बनता |
निशानी लावल्दी की पैदा वो करता |
रवि, चंद्र या मंगल चौथे, चंद्र घर 6 या 12 हो | गिनती औलाद न लेख ही मंदे, आगे नस्ल चाहे मंदा हो |
नेक हालत में
1) गुरु (धर्म, मर्यादा, मान, बुद्धि, आमदन) और माया धन का उत्तमफल, खुद तेज, उत्तम स्वास्थ्य और स्वयं सूर्य की शक्ति देने वाला जिससे राजदरबार से सम्बंधित बरकत ही बरकत हो | यदि माता जिन्दा तो उसके आखिरी दम तक संतान और धन दोनों की बरकत होगी | मगर गुरु-शनि मुस्तरका नंबर 7 के बराबर बड़ी भारी मच्छ रेखा न होगी | यानि नर संतान जरूर और जल्दी होगी मगर यह जरूरी नहीं कि 9 भाई और 2 बहने हो और बहुत अधिक धन का भी साथ हो या हालत बादशाही होगी | बहरहाल परिवार और माया की तरफ से सुखिया होगा |
2) चंद्र नंबर 5 या सूर्य नंबर 1 में हो तो आबिद (पूजा करने वाला, भक्त, धार्मिक), सूफी, ब्रह्मसनाश (पहचानने वाला) होगा | दौलत पर हाथी का साया होगा | चंद्र के साथ से चाहे औलाद (नर या मादा) के विघ्न होंगे | मगर संतान के लिए मंदा न होगा | बल्कि राहु अब सूर्य और चंद्र की सहायता करेगा | माता अमूमन टेवे वाले का लम्बा साथ न देगी | माता छोटी उम्र में गुजर जाए या माता से जुदा होना पड़े | माता के जीवित या साथ होने से मच्छ रेखा (माली) होगी |
3) सूर्य / चंद्र / मंगल नंबर 4-6 में हो यानि साथ के घरों में हो या शनि-मंगल नंबर 5 में हो तो औलाद के योग चाहे लाख मंदे हो लेकिन अब गिनती औलाद, और हर तरफ से आयु और नसीब की बरकत होगी | उसके भाई स्वयं समेत योगी राजा के समान होंगे | पाँच बेटो का बाप होगा | मगर उससे अधिक बेटे हो तो जिस कदर औलाद बढ़ेगी, भाई औलाद से घटते होंगे |
मंदी हालत में
1) अचानक बिजली गिरने पर जान और बेजान का क्या फर्क होगा की तरह ऐसे प्राणी की सेहत, बीमारी पर फजूल खर्चा आम होगा |
2) औलाद के त्यौहार या ख़ुशी के दिन न मनाने वाले काफिर को औलाद देखनी ही कब नसीब होगी | बल्कि उसकी नर संतान का दीया बुझा हुआ होगा | खाना नंबर 5 का शनि औलाद को मारने वाला साँप और खाना नंबर 9 का शनि औलाद के जन्म के रास्ते में बड़ा पहाड़, रूकावट बन जाता है | राहु नंबर 5 एक कड़कती हुई बिजली या जमीन के अंदर भूचाल पैदा करने वाला चलता हुआ लावा होगा जो संतान के गर्भ में आते ही अपने जहरीले प्रभाव से समाप्त कर देगा | राहु खाना नंबर 9 संतान के सम्बन्ध में साँप की जहरीली सिरी (केवल सिर का हिस्सा) भागती हुई साबित होगी जो कि पैदा हो चुके बच्चो को उनके भागने की शक्ति पा जाने के दिन तक मारने से गुरेज न करेगी | दूसरे शब्दों में कहे तो नंबर 5 का राहु बच्चे पेट में मार देता है तो नंबर 9 का राहु बच्चो के खेलना-कूदना सीखते ही मार देता है | नर संतान या तो देरी से पैदा हो या पैदा ही न हो या माँ के पेट में ही गर्क होती हो | अगर पैदा हो ही जाए तो 12 साल तक संतान की सेहत मंदी होगी, फिर भी बाबा पोते का झगड़ा होगा यानि बाबा के बैठे पोता न खेलेगा | अगर टेवे वाले का पहला लड़का राहु की आधी उम्र यानि 21 साल में पैदा हो तो दूसरा राहु की उम्र 42 साल में होगा जिसकी पैदाइश पर (दूसरे लड़के की) टेवे वाले का बाप या ससुर चलता बनेगा | यही हाल राहु की उम्रो में संतान पैदा होने पर या संतान की आयु होने पर हो सकती है | ऐसे टेवे में खास संभोग के समय स्त्री की इच्छा की ज्यादती, नर संतान की ज्यादती का कारण बनेगी | अगर राहु नंबर 5 का बुरा असर उसकी औलाद पर न हो सकता हो तो नंबर 5 राहु का असर टेवे वाले के पोते पर हो जाएगा |
3) हर हालत में न सिर्फ राहु की कड़कती बिजली और शरारती हाथी का फल मंदा होगा बल्कि शनि के जहर का बुरा असर दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जाएगा | अमूमन निसंतान होगा वरना पहली स्त्री / मर्द नर संतान न देखे बल्कि मर्द और स्त्री की जोड़ी, पहली चाहे दूसरी (जब पहली स्त्री या मर्द तब्दील हो जाए) नर संतान को तरसती होगी |
4) गुरु साथ या साथी हो या दोनों का दृष्टि आदि से झगड़ा हो तो 12 साल आयु तक संतान की सेहत और बाप (टेवे वाला) और बाबा (टेवे वाले का बाप) की किस्मत मंदी लेंगे बल्कि उम्र तक मंदी लेंगे |
5) एक ही स्त्री से दो बार शादी की रस्म या रिवाज दो दफा कर लेने से राहु का जहर दूर होगा |
6) जद्दी मकान के मुख्य द्वार की दहलीज के नीचे (पूरी दहलीज के नीचे) चाँदी का पत्रा दे जो गोल न हो, चपटा हो सकता है | या फिर शुक्र की चीजे गाँय आदि कायम करे | या चाँदी का ठोस हाथी (छोटा सा खिलोने जैसा) मदद देगा | 50 ग्राम का बनवा सकते है मगर ख्याल रहे की अंदर से खोखला न हो | शनि की मंदी कार्यवाहियों से परहेज करे | यह उपाय करने से राहु का मंदा असर औलाद पर न होगा |
S Kuber RA
Jyotish Acharaya
Vedic & Lal Kitab Astrologer
Lal Kitab Vastu Consultant
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