Thursday, 11 October 2018

लाल किताब बुध

लाल किताब 

बुध 

बुध शक्तिमान (वनस्पतियों का राजा)

खुला करते सुराख़ है मैदान बढ़ता |
बढ़ी अक्ल इसकी खर्च खुद जो करता

आम हालत 12 घर

घर 2-4 या छटे बैठा, राजा योग बुध होता हो |
7 वे घर में पारस होता, ग्रह साथी को तारता हो |
9-12-8 तीसरे या बैठा हो 11 में, थूके कोढ़ी बुध होता हो |
घर पहले 10 घूमता राजा, परिवार, धन 5 में देता हो |

खाना नंबर 4 के बुध में राहु-केतु का प्रभाव शामिल नहीं इसलिए राज योग है | बाकी जगह पाप (राहु-केतु) बुध के दायरे में होगा |    

3-8-9-11-12 का बुध जहर से भरा बुध होगा |

खाना नंबर 3 में कबीले पर भारी और खानदान पर मंदा |

खाना नंबर 8 में जानदार चीजों और जानो पर भारी |

खाना नंबर 9 का बुध टेवे वाले अपनी ही हर हालत धन, दौलत, मालोजान पर मंदा |

खाना नंबर 11 का बुध आमदन ककी नाली में रोड़ा अटकाने वाला, 34 साल तक |

खाना नंबर 12 का बुध कारोबार और रात की नींद बर्बाद करे |


जहर से भरा बुध स्वयं मारा जाए तो बेशक मगर 1 से 4 में (सिवाय नंबर 3 के जहाँ वो दूसरों के लिए थूकता कोढ़ी मंदा होगा) मंदा न होगा | 5 से 10 में डर तो जरूर देगा | 11-12 में हड़काए कुत्ते की तरह जिस भी ग्रह को काटे वो आगे दूसरे ग्रहों को हड़काता चला जाए | बुध खाना नंबर 1, 2 और 9 से 12 में बैठा हो तो शनि को मदद देगा यानि विषैला लोहा, मार देने वाली विष, निर्धन करने वाला होगा | खाना नंबर 3 से 8 में हो तो सूर्य की सहायता करेगा, धन के लिए उत्तम चाहे हजारों दुःख खड़े करे |

राहु का सम्बन्ध

जब बुध और राहु दोनों इक्कट्ठे या दोनों जुदा-जुदा मंदे घरों में हो (बुध अमूमन 3-8-9-12 में मंदा होता है और राहु अमूमन 1-5-7-11 में मंदा होता है) तो अगर जेलखाना नहीं तो अस्पताल या पागलखाना या कब्रिस्तान इस वीराना तो अवश्य ही मिलेगा | कसूर या बीमारी चाहे न हो | फजूल के दुःख और मंदे खर्च आम होंगे | फौलाद का बेजोड़ छल्ला जिस्म पर सहायक होगा | दोनों ग्रहों की चीजे या काम करने से बुध और राहु इक्कट्ठे गिने जाएँगे |

बुध का अर्थ है बहन, बुआ, फूफी, मासी, साली, व्यापार तथा बुध के दूसरे काम
राहु का अर्थ है ससुराल, नाना, नानी, बिजली, जेलखाना आदि राहु के काम है |

बुध से केतु का सम्बन्ध

जब दोनों दृष्टि से बाहम मिल रहे हो तो बुध का आम साधारण फल होगा जैसा भी वो टेवे में बैठा हो मगर केतु का फल नीच और मंदा ही होगा | (क्योंकि खाना नंबर 6, जो बुध का मालकियत का घर है, केतु का पक्का घर है  जहाँ वो नीच होता है) | बुध के बिना सभी ग्रहों में झुकने-झुकाने की शक्ति कायम न होगी |

1) बुद्धि के काम, व्यापार, हुनरमंदी, दस्तकारी, दिमागी बुद्धिमता से धन कमाने का 34 साल आयु का समय | बुध की हुकूमत होना किसी भी चीज के न होने की हालत होती है (जैसे बिना किसी ग्रह के खाली ब्रह्माण्ड) |

2) जहर से भरा बुध खाना नंबर 1 से 4 में (सिवाय 3 के) साथ बैठे ग्रह पर मंदा असर न देगा | स्वयं चाहे अपना बुरा असर देवे मगर कोई मंदी घटना न करेगा | 11 से 12 में बैठ कर जिस ग्रह को काटे वह हड़काए कुत्ते की तरह दूसरों को भी आगे हड़काता चला जाए |

3) चंद्र और राहु का झगड़ा हो तो बुध बर्बाद होगा |

4) बुरे ग्रह के साथ बैठा बुध उस ग्रह का प्रभाव ओर भी मंदा कर देगा | भले ग्रह के साथ बैठने से न सिर्फ उस भले ग्रह का प्रभाव और भला कर देगा बल्कि स्वयं भी भला हो जाएगा | यानि जिससे मिलेगा उसकी ही शक्ति का प्रभाव देगा | यह ग्रह वृक्ष पर उल्टे लटके हुए चमकादड़ (बुध) की तरह अँधेरे में जाकर छुपी हुई शरारत करता है | मकान में मंदे बुध की पहली निशानी यह होगी कि नए बने बनाए मकान में किसी न किसी कारण से सिर्फ सीढियाँ (बुध) गिराकर दोबारा बनाई गई होंगी | चार दीवारी और छत नहीं बदली होगी |

5) मंदे बुध वाले को नाक छेदन करना (उसमे चाँदी डालना), फिटकरी (बुध)  से दाँत साफ़ करना, छोटी लड़कियों (कन्याएँ - बुध) की पूजा करना सहायक होगा |  अगर घर के कई सदस्यों का बुध ख़राब हो या अपना बुध ख़राब, मंदे घरों का हो तो बकरी की सेवा या दान करना उत्तम फल देगा | अगर जुबान में थथलापन
(हकलाहट आदि) हो तो थथलापन के अलावा कोई और मंदा फल न होगा चाहे टेवे में मंदा ही क्यों न हो | घर में एक के बाद एक सदस्य बीमार पड जाते हो तो बुध से बचाव के लिए हलवे वाला कद्दू जो पक्का रंग पीला और अंदर से खोखला हो, साबुत का साबुत ही धर्म स्थान में देना सहायक होगा |                  

6) पाप (राहु-केतु) बुध के दायरे में चलते है सिवाय खाना नंबर 4 जहाँ बुध राजयोग है क्योंकि राहु-केतु वहां पाप न करने की कसम कहते है |

7) शुक्र मंदा हो तो उसका मित्र बुध उसे अवश्य मदद करता है मगर पाप मंदे के समय बुध खुद भी मंदा होगा और मौत गूँजती होगी | बल्कि ऐसी हालत में अगर शुक्र ऐसे घरों में हो जहाँ बुध को मंदा गिना है तो शुक्र भी बर्बाद ही करेगा |

8) अकेला बैठा बुध निकम्मा तथा बिना शक्ति का होगा और उस ग्रह का फल देगा जिसका की वो पक्का घर है | मसलन बुध बैठा हो खाना नंबर 1 में जो की मालकियत के हिसाब से मंगल का घर है और सूर्य का पक्का घर है | बुध अब वही प्रभाव देगा जो सूर्य नंबर 1 का होता है | बुध का कोई बुरा असर हो तो वो मालिक ग्रह यानि मंगल पर पड़ेगा |  बुध जिस भी घर में बैठा हो और उस घर का मालिक (पक्का घर वाला ग्रह नहीं) अगर खाना नंबर 9 में बैठ जाए तो वो ग्रह बेबुनियाद और मंदे फल का होगा | मसलन बुध बैठा हो खाना नंबर 4 में और चंद्र खाना नंबर 9 में बैठ जाए तो बुध, चंद्र के फल को रद्दी करेगा | बुध बैठा हो नंबर 10 में और शनि हो नंबर 9 में तो शनि को ख़राब करेगा | बुध हो 12 में और गुरु हो 9 में तो गुरु को ख़राब करेगा, वगैरा |

किस ग्रह के साथ बुध का सम्बन्ध कैसा होगा

गुरु के साथ - राख
सूर्य के साथ - पारा
चंद्र के साथ - पानी मानिंद (जैसा)
शुक्र - दही
मंगल - शेर के दाँत (बुध)
शनि - कलई
राहु - हाथी की सूंड
केतु - कुत्ते की पूँछ


बुध और शनि कुंडली के मुश्तरका दिवार वाले वाले घरों में होने के वक्त शहतीर (बहुत बड़ा लट्ठा) या गार्डर खड़े करके उन पर सेहन बनाने पर बुध बर्बाद होगा | पागलपन, सिर की बीमारियाँ, बहन, बुआ, फूफी बर्बाद होंगे |

बुध का अंडा अक्ल का बीज नहीं मगर अक्ल की नकल ही बुध का अंडा है जो कुंडली के खाना नंबर 9 में पैदा होता है | कुंडली में खड़ा अंडा (मैना, आम, बकरी) बुध कुंडली के खाना नंबर 2-4-6 में होगा | लेटा हुआ अंडा (तथा भेड़)  बुध कुंडली के खाना नंबर 8-10 में होगा | गन्दा अंडा नंबर 12 में होगा | आम हालत माँ-बेटी नंबर
1-7 में होगी | चमकादड़, किसी चीज का साया या अक्स, मगर असल चीज जिसका साया है पता न चले कि वो आखिर है कहाँ बुध नंबर 3-9 में होगा | दूध वाला बकरा मगर दाढ़ी वाली बकरी नंबर 5 में होगा | चोडे पत्तों वाला वृक्ष, मैना का उपदेश, लाल कंठी वाला तोता, गुरु की नकल नंबर 11 में होगा |

बुध की खाली नाली

1) हर तीसरे घर के ग्रह यानि 1-3 आपस में मिला नहीं करते इसलिए बाहम असर भी मिला नहीं सकते | लेकिन यदि बुध की नाली मिल जाए तो बाहम बुरा प्रभाव न देंगे | अगर शुभ हो जाए तो बेशक |

2) शुक्र बुध इक्कट्ठे हो तो ही शुभ मानते है | खाना नंबर 7 दोनों का पक्का घर है | लेकिन जब जुदा जुदा हो और अपने से सातवे पर हो (वर्षफल में हो सकते है) तो दोनों का फल रद्दी गिना जाएगा | लेकिन अगर एक दूसरे से सातवे न हो मगर जुदा जुदा हो और बुध जिस घर में बैठा हो, उस घर में बैठे ग्रह का असर, शुक्र के बैठे हुए घर में अपनी नाली से मिला देगा | उस ग्रह का और शुक्र का असर मिला मिलाया गिना जाएगा | फर्क सिर्फ यह है कि शुक्र ऐसा नहीं कर सकता यानि शुक्र अपने घर का असर बुध वाले घर में नहीं मिला सकता | मसलन बुध-मंगल हो खाना नंबर 2 में और शुक्र हो नंबर 4 में तो बुध मंगल को शुक्र से मिला देगा यानि घर गृहस्थी संतान का सुख अवश्य मिलेगा | मंगल का यह असर शुक्र में शुक्र के दौरे के पहले साल में मिलेगा | लेकिन अगर बुध के साथ शुक्र के शत्रु ग्रह हो तो शुक्र, बुध को उस ग्रह का असर अपने घर में न मिलाने देगा | ऐसी हालत में शुक्र का फल अच्छा न होगा | शुक्र खाना नंबर 8 का लिखा मंदा फल देगा | अगर बुध, शुक्र से बाद के घरों में हो तो बुध का प्रभाव अच्छा नहीं होता | 

इसी तरह कई बार मंगल को सूर्य, चंद्र की सहायता मिलती मालूम नहीं होती मगर बुध की नाली से यह सहायता मिल जाती है और मंगल जो सूर्य, चंद्र के बिना बद होता है, मंगल नेक बन जाता है |

बुध के दाँत

दाँत कायम हो तो अपनी आवाज, बोलने की शक्ति काबू में होगी | संतान पैदा करने की शक्ति होगी | जब बचपन में दांत न थे तो दूध (चंद्र) पिया यानि चंद्र ने मदद दी | दाँत आ गए तो शुक्र (अन्न) का साथ मिला | यानि जब बुध होवे, तो शुक्र के अपनी आप आने की उमींद होगी | जब दाँत चले गए तो मंगल और बुध का साथ न होगा |

बुध का भेद

बुध का भेद जानने के लिए कुंडली के सब ग्रहों को लेना होता है | सबसे पहले देखे कि सारे 9 ग्रह किस किस खाना नंबर में बैठे है | एक उदहारण लेते है

एक जन्म कुंडली जिसमे गुरु नंबर 4 में, सूर्य नंबर 3 में, चंद्र 6 में, शुक्र और मंगल 5 में, बुध 3 में, शनि 12 में, राहु 2 में और केतु 8 में है |

अब ग्रह की शक्ति का आपसी पैमाना देखेंगे :

गुरु 6/9
सूर्य 9/9
चंद्र 8/9
शुक्र 7/9
मंगल 5/9
बुध 4/9
शनि 3/9
राहु 2/9
केतु 1/9

अब इस शक्ति के पैमाने को ग्रह के खाना नंबर से गुणा करेंगे

गुरु : 6/9  x 4 = 24/9
सूर्य : 9/9 x 3 = 27/9
चंद्र : 8/9 x 6 = 48/9
शुक्र : 7/9 x 5 = 35/9
मंगल : 5/9 x 5 = 25/9
बुध : 4/9 x 3 = 12/9
शनि : 3/9 x 12 = 36/9
राहु : 2/9 x 2 = 4/9
केतु : 1/9 x 8 = 8/9

अब इन सब को जोड़ दे | जोड़ने पर आया 219 / 9 | 219 को 9 से भाग देने पर आया 24  3/9 | अब इस में से पूरा हिस्सा (quotient) यानि 24 को छोड़ दे तो बचा 3/9 | अब देखे कि 3/9 किस ग्रह की शक्ति है ? 3/9 तो शनि की शक्ति है जो खाना नंबर 12 में बैठा है | इसका मतलब यह हुआ कि बुध जो खाना नंबर 3 में बैठा था वो खाना नंबर 12 में बैठे हुए शनि के स्वभाव का है | अब देखे कि शनि का स्वभाव कैसा है | जब राहु शनि से पहले घरों में बैठा हो तो शनि का स्वभाव ख़राब होता है | अब जब बुध का समय होगा, शनि दो गुणा मंदा फल देगा क्योंकि बुध और शनि दोनों का ही स्वाभाव ख़राब है |

बुध का स्वाभाव जिस भी ग्रह से मिलता हो उसका उपाय और साथ में बुध का उपाय करेंगे यानि दोनों का उपाय करना होगा |

खाना नंबर 3 / 9 के बुध के लिए लोहे की गोली पर लाल रंग कर के अपने पास रखना होगा, जब मंदा हो | अगर बुध नेक स्वभाव हो तो शीशे की गोली लेना होगा और उस पर रंग उस ग्रह का होगा जिससे बुध का स्वाभाव मिलता था |

खाना नंबर 12 के बुध के लिए काला-सफ़ेद कुत्ता कायम करना शुभ होगा |

असल बुध खाली-खलाव, सफ़ेद कागज, शीशा, फिटकरी होगा | जब उस पर जरा सा भी मैल या किसी और ग्रह का ताल्लुक हुआ तो उसकी गोलाई का ठिकाना मालूम करना वैसा ही मुश्किल होगा जैसा कि जमीन की धुरी का मान लेना | इसलिए उसकी पूरी जाँच कर लेना जरूरी होगा | बुध नंबर 9 या 3 या कही और मंदा हो तो उसका प्रभाव उस साल में नेक होगा जब वो स्वयं के स्वाभाव के असूल पर नेक हो जाए | मगर जन्म के पहले साल या पहले मॉस में मंदा ही होगा | अगर होगा तो जन्म-मरण का झगड़ा ही समाप्त होगा | सूर्य और मंगल के मुकाबले में बुध का फल गायब या सूर्य, मंगल नेक के साथ अपने आधे समय (17 साल) चुप ही होगा मगर छुपी शरारत करता होगा |            

बुध की शक्ति और स्वभाव जानने के ऊपर लिखे असूल में जब 9 से भाग देने पर बाकी कुछ न बचे तो बुध का स्वभाव कुंडली के खाना नंबर 5 में बैठे हुए ग्रह का होगा | यानि बुध के खाली ढांचे में राहु-केतु पकडे गए | यानि जब बुध की शक्ति शून्य हो तो उस कुंडली में राहु केतु का किसी भी दूसरे ग्रह पर प्रभाव न होगा या ऐसी हालत में राहु केतु की दृष्टि बुध के दायरे में बंद हो कर शून्य होगी | मगर राहु-केतु का अपना जाति असर जरूर कायम होगा क्योंकि बुध में हमेशा राहु-केतु का असर शामिल गिना जाता है सिवाय खाना नंबर 4 के जहाँ पर राहु-केतु का अपना प्रभाव शून्य होगा | राहु घडी की चाबी तो केतु घडी का कुत्ता (कांटा, सुई) होगा | दोनों को चलाने वाला गुरु है मगर वह घूमते बुध के दायरे में ही है | अगर खाना नंबर 5 खाली हो तो जिस घर में सूर्य हो और जैसा भी हो, वैसा ही बुध होगा   |

S Kuber RA
Jyotish Acharaya 
Vedic & Lal Kitab Astrologer 

Lal Kitab Vastu Consultant 

1 comment:

Unknown said...

Sir mera 8 aya to it means what

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