Friday, 19 October 2018

लाल किताब शनि

लाल किताब 

शनि 


ज़माने में बदकार अक्सर जो रहते |
भले लोगो को बुद्धू अहमक ही कहते |

अहमक : मूर्ख, बेफकूफ

रवि दृष्टि शनि पे करता, बुरा शुक्र का होता हो |
शनि रवि से पहले बैठा, नर ग्रह*, स्त्री उम्दा हो |
शनि दृष्टि शुक्र पे (जब कभी) करता, मदद ग्रह सब करता हो |

*सिवाय सूर्य के

शनि का स्वभाव

शनि का नीचे लिखा बुरा / भला असर शनि बैठा होने वाले घर (सिवाय नंबर 2 और नंबर 10 की चीजों) पर होगा

पहले घर में                       बीच के घर में             बाद के घर में                  शनि का प्रभाव

राहु                                    शनि                               केतु                               खराब
राहु                                    केतु                                शनि                              ख़राब
शनि                                   राहु                                केतु                               ख़राब
शनि                                   केतु                                राहु                               नेक      
केतु                                    शनि                               राहु                               नेक
केतु                                    राहु                                शनि                              नेक

यानि जब भी राहु पहले घरों में हो या शनि के साथ हो तो शनि का मंदा प्रभाव उस घर पर होगा जहाँ शनि बैठा है | सिवाय नंबर 2 और 10 के |

आम हालत  12 घर

तीन गुणा घर पहले मंदा*, दो गुणा सदा तीसरे है |
एक गुणा घर छटे मंदा, पर मंदा नहीं सदा ही है |
घर चौथे में साँप पानी का, पांचवे बच्चे खाता है |
दूसरे घर में गुरु शरण तो, आठवें हेडकवार्टर है |
9-7 घर 12 बैठा, कलम विधाता होता है |
खाली कागज़ हो घर दसवे का, छटे स्याही होता है |
घर 11 में लिखे विधाता, जन्म बच्चे का होता है |
किस्मत का हो हरदम रक्षक, पाप स्याही धोता है | 

* शराबखोरी पहली मंदी निशानी होगी | बेईमानी, फिजूल सोच-विचार तबाही का कारण होंगे | काग रेखा का बीज इश्क जवानी होगा | काग रेखा मतलब गरीबी, मुफलिसी वगैरा | नेकी फरामोश, झूठ का पुतला अपनी जड़ कटवा लेगा | मंदी हालत में शनि की चीजों (काले रंग की) से प्यार होगा |

1) सन्यास (उदासी और विराग) दुनिया छोड़ दो बाबा यह जंजाल कुछ नहीं | दूसरी तरफ पकड़ लो सब को कोई कुछ नहीं या यह सब हमारे बैठे हुए क्यों उल्ट चल रहे है | शनि के दोनों पहलू होंगे या मकान, जायदाद, चालाकी की आँख से धन कमाना यानि 36 साल आयु |

2) तमाम संसार के मकानों, इंसानो की आँखों की रौशनी, और हर एक की नेकी और बदी के आरामो के लिखने वाले एजेंटो का मालिक शनि देवता जाहिरा पीर होगा | शनि जब जाति असूल पर नेक हालत का गुरु के घरों में हो (2-5-9-12) तो बुरा असर न देगा | शनि का एजेंट केतु होगा जो उम्र की किश्ती का मल्लाह है |

3) खुद कागज के दायरे में राहु-केतु की तरफ से जिस कार्यवाही की लिखत-लिखाई हो, शनि उस पर धर्म से ठीक-ठाक फैसला करेगा | नेक प्रभाव के समय शनि मनुष्य के जीवन में 10-19-37 साल में उत्तम फल देगा |

4) अगर टेवे में 1,2,3 गिनती के हिसाब से या दृष्टि के असूल पर पहले घरों में केतु हो और बाद में शनि तो शनि एक इच्छाधारी तारने वाले साँप की तरह मदद करेगा यानि हर तरह से हर तरह की मदद करने वाला होगा |

5) शनि अगर मंदा साँप माना जाए तो उसकी दुम केतु बैठा  होने वाले घर में होगी और सिर राहु बैठा होने वाले घर में होगा | शनि का सिर राहु और दुम केतु होगी | गुरु कायम हो तो शनि संसार में एक ठंडा हरा-भरा पहाड़ होगा खासकर जब चंद्र भी ठीक हो | गुरु के घरों में (2-5-9-12) में बैठा शनि धनवंतरी वैद्य के असर का होगा |

6) गर्भवती स्त्री अकेले या घर में अकेले ही लड़के के सामने शनि का साँप अँधा होगा और डंक नहीं मार सकता

7) शुक्र पहले घरों में हो और शनि को देखता हो तो वो शनि के कीड़ो की तरह दूसरे साथी, करीबी सम्बन्धी, मकान तथा शनि के सामान उसका धन खाते जाएँ |

8) छोटे बच्चो को अकेला साँप कभी जहर न देगा | लकिन अगर टेवे में दो साँप इक्कठे हो (गुरु-शुक्र बनावटी शनि केतु स्वाभाव अच्छा साँप और मंगल-बुध बनावटी शनि राहु स्वाभाव मंदा सांप) हो तो बच्चो को भी डंक मार देगा खासकर जब शनि ऐसे घरों में बैठा हो जहाँ वह बच्चे खाता हो जैसे नंबर 5 | या मंगल-बुध एकसाथ राहु स्वाभाव मंदा साँप होगा |

9) मंदी हालत के समय स्वभाव में अंदर और बाहर दोनों ओर से काला हो चुका मौत का फंदा फैलाए दिन-दहाड़े सबके सामने सरे बाजार क़त्ल करने की तरह मंदा जमाना खड़ा कर देगा | फ़कीर को भिक्षा देने के बजाय उसकी झोली से ही माल निकाल लेगा | सबके धन की चोरी करता फिरता, फिर भी निर्धन ही होगा | हर एक के आगे सवाली पर फिर उसी पर चोट मार देना असूल होगा | गन्दा इश्क, जनमुरीदी (पत्नी की गुलामी) आम असूल या ढंग होगा | आग के मंदे वाकयात और मौत तक भी मंदी होगी | मंदी हालत में शनि का एजेंट राहु होगा जो विष का भंडारी है |

10) शनि जब कभी मंदा हो काली चीजों और शनि की चीजों पर बुरा असर करेगा खासकर शनि ऐसे घरों में हो जहाँ पर बच्चे मारता हो, जैसे नंबर 5 और टेवे में मंगल बद भी हो | साथ, साथी या दृष्टि के द्वारा राहु-केतु किसी न किसी तरह भी शनि से आ मिलते हो तो शनि पापी ग्रह कहलाएगा जिसकी नियत उसके स्वयं स्वाभाव के असर से जाहिर होगी | जन्म कुंडली का मंदी हालत का शनि (जब कभी दोबारा मंदे घरों में आएगा तब भी) इंसानी आयु के 9-18-27-36 साल में जहरीली घटनाएँ या भारी हानि देगा | चंद्र, राहु इक्कठे या अकेले नंबर 12 में हो तो शनि का प्रभाव सदा मंदा ही होगा चाहे टेवे में कैसा ही बैठा हो |

11) 2 या जयादा नर ग्रहों के साथ से शनि काबू आ जाता है और जहर नहीं उगल पाता | जिस कदर मुकाबले पर दुश्मन ग्रह हो (सूर्य, चंद्र, मंगल), शनि और भी मंदा होता चला जाता है | शनि की चीजों का दान, बतौर खैरात जनता को देते जाना मुबारक होगा जैसे साबुत बादाम, लोहे का सामान, अंगीठी, चिमटा, तवा आदि गरीबों या साधुओं को देना मदद करेगा | 10 मजदूरों को एक ही समय पर भरपेट खिलाना भी ऐसी ही मदद देगा | मंदी हालत में अमूमन शनि बैठा होने वाले घर के दोनों तरफ दाएँ-बाएँ राहु-केतु बैठा होने के वक्त उनका फल भी  भी मंदा होगा |

शनि बैठा हो                               राहु-केतु बैठे हो                     खाना का मंदा प्रभाव होगा

1                                                   12                                          2
2                                                   1                                            3
3                                                   2                                            4
4                                                   3                                            5
5                                                   4                                            6
6                                                   5                                            7
7                                                   6                                            8
8                                                   7                                            9
9                                                   8                                            10
10                                                 9                                            11
11                                                 10                                          12
12                                                 11                                           1


12) स्त्री ग्रहों के साथ सम्बन्ध हो जाने पर शनि खाना नंबर 1-4-7-10 में अपने एजेंट राहु-केतु का बुरा असर देगा क्योंकि  राहु-केतु शनि की बुनियाद गिने जाते है | यही असूल शनि के साथ स्त्री ग्रह होने पर हर घर में हो सकता है | अगर मुकाबले पर शत्रु ग्रह हो तो शनि साथ बैठे स्त्री ग्रह को तो कुछ न कहेगा मगर शत्रु ग्रह को जड़ से मार देगा | ऐसी हालत में शनि गर्भवती स्त्री के सामने अँधा साँप होगा जो कभी हमला न करेगा | जब शनि स्वयं के स्वाभाव पर मंदा हो यानि राहु पहले घरों में हो तो अपने शत्रु ग्रहों के घरों में बैठा शनि उनको अपनी जहर से जला देगा |

जहर देगा किसको :

नंबर 1 में बैठा सूर्य-मंगल को
नंबर 3 में बैठा सूर्य-मंगल को
नंबर 4 में बैठा सूर्य- चंद्र को
नंबर 5 में बैठा  सूर्य को
नंबर 8 में बैठा सूर्य-मंगल को

पाप (राहु-केतु) टोला या पापी (शनि-राहु-केतु) ग्रहो का सरदार होने की वजह से यह ग्रह बदनाम जरूर है मगर अपने आप कभी पाप न करेगा |

13) अगर सूर्य गुप्त जुल्म करे तो शनि दिन-दहाड़े सब के सामने कत्ल करवा देगा |

14) गुरु के घरों में बैठा शनि कभी बुरा फल न देगा | मगर गुरु खुद, शनि के खाना नंबर 10 में नीच होगा | मंगल अकेला शनि के घर खाना नंबर 10 में बैठा हो तो मंगल राजा के समान होगा | मगर मंगल के पक्के घर खाना नंबर 3 में बैठा शनि नकद माया से दूर, कंगाल करेगा | सूर्य के घर नंबर 5 में बैठा शनि बच्चे खाने वाला साँप होगा मगर सूर्य, शनि के घर नंबर 11 में सबसे उत्तम धर्मी होगा | चंद्र के घर नंबर 4 में पानी में डूबा साँप, अधरंग से मारे हुए को भी ठीक कर देगा | मगर शनि के हेडकवार्टर नंबर 8 में जो मंगल की मौतों का घर है चंद्र वहाँ नीच होगा | शुक्र ने शनि से एक आँख उधार ली है अतः शुक्र के घर नंबर 7 में उच्च होगा | राहु बदी का एजेंट है मगर राहु के पक्के घर खाना नंबर 12 में शनि हरएक का भला करने वाला होगा | केतु नेकी का फरिश्ता है मगर मगर केतु के पक्के घर नंबर 6 में शनि चाहे मंदे लड़के और खोटे पैसे की तरह कभी न कभी काम आने जाने वाला होगा मगर प्रायः जहरीला साँप होगा |

15) राहु अगर शनि का सिर यानि राहु पर ऐतबार या राहु सांप की मणि हो तो केतु यानि उसकी दुम या केतु पर भरोसा या कान, पाँव और केतु का विषय उसकी रूह होगा | शनि देखे राहु को तो हसद (जलन-ईर्ष्या) से बर्बाद होगा | राहु उल्ट चल रहा होगा और मंदा प्रभाव देगा | राहु देखे शनि को तो राहु का नीला थोथा जब शनि के लोहे पर लगे तो हमेशा ही ताम्बा (सूर्य) बन जाएगा |     

16) शनि टेवे के हर ग्रह को नीचे लिखी किस्म की आँखों से देखेगा :

खाना नंबर 1 में शनि हो तो नंबर 7 के ग्रह को 1 आँख से देखेगा
नंबर 2 का शनि दो आँख से 8-12 को देखेगा
नंबर 3 का शनि 3 आँख से 5-9-11 को देखेगा
नंबर 4 का शनि चार आँखों से 2-8-10-11 को देखेगा
नंबर 5 का शनि अँधा होगा जब नंबर 10 खाली | लकिन अगर नंबर 10 में गुरु या केतु हो तो नर औलाद पर औलाद होगी और जीवित रहेगी |
नंबर 6 में हो तो रात को अँधा जब तक 2 खाली हो
नंबर 7 में हो तो शनि हवा की आँख में मिटटी डालने की शक्ति का स्वामी हो जब शनि जागता इस कायम हो |
नंबर 8 में हो तो शनि मौत भरी दुष्टता की आँख जब नंबर 3 में पापी या नंबर 3 खाली हो |
नंबर 9 में हो तो जले हुए को हरा-भरा करने वाला जब नंबर 2 में दोस्त हो
नंबर 10 में हो तो चारों तरफ ही देखने वाली चार आँखों का मालिक 2-3-4-5 को देखेगा
नंबर 11 में हो तो बेगुनाह और मासूम बच्चे की आँख का मालिक जब नंबर 3 में पाप या नंबर 1 में मित्र ग्रह हो
नंबर 12 में शनि बीमार को स्वस्थ, दुखिया को सुखिया, उजड़े हुए को आबाद करने वाली आँख का मालिक होगा जब नंबर 2 में मित्र ग्रह हो या शुक्र, मंगल कायम हो |

शनि की अदालत

1) राहु अगर अपराधी का चालान पेश करने का शाहदती (प्रॉसिक्यूशन, गवाही) तो केतु उसको बचाने के लिए सहायक वकील (डिफेंस कॉउन्सिल) होगा | दोनों के बीच की बात का धर्म फैसला करने वाला शनि हाकिम कचहरी का सबसे बड़ा जज होगा |

2) पापी ग्रहों (शनि-राहु-केतु)ने ही संसारी पापी गुनहगारों को सीधे रास्ते पर लाने और गृहस्थी संयम को कायम रखने के लिए पंचायत ठहरा रखी है | इस बात को ध्यान में रखते हुए बृहस्पति ने (जो सबका गुरु है) शनि के खाना नंबर 11 में अपनी धर्म अदालत स्थापित की है जहाँ शनि अपनी माता के दूध को याद करके (कसम खा कर) गुरु का हलफ (धर्म और धार्मिक वायदा) उठाने के बाद राहु -केतु की शहादत के मुताबिक फैसला करता है |     
   
S Kuber RA
Jyotish Acharaya 
Vedic & Lal Kitab Astrologer 

Lal Kitab Vastu Consultant

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