लाल किताब
शनि खाना नंबर 1
जब मंदा तो तीन गुणा मंदा वरना तीनो काल उत्तम (बचपन, जवानी, बुढ़ापा)
भरे जन्म पर जो खजाने दवामी (पुराने) |
फरिश्ता अजल (मृत्यु) बोल देगा नीलामी |
घर सातवाँ, 10 खाली होते, मच्छ रेखा (अमीरी) बन जाती है |
माल माया सब दुनिया बढ़ते, उम्र सुखी कर जाती है |
नेक हालत में
1) शनि अब सिर्फ एक आँख का मालिक होगा | अगर दयालु हुआ तो धनी बना देगा | अगर उल्ट हुआ तो पेट के लिए रोटी तक ख़त्म करा देगा |
2) शनि / शुक्र नंबर 1 में बैठा होने के समय रिजक और माया दौलत पर मंदा असर करता है |
3) नेक हालत में शनि से सम्बंधित सामान का उत्तम फल होगा |
4) बुध खाना नंबर 7 में हो तो बुध अब अपने असर के बजाए केतु नंबर 7 का असर देगा यानि अब बहन/बेटी की जगह लड़का पैदा होगा | माता-पिता के घर माया लाखों में होगी खासकर जब चंद्र उत्तम हो (पापी ग्रहों शनि-राहु-केतु की उम्र तक) |
5) राहु-केतु 4-10 में हो तो शनि अब मंगल के 6 से 12 होने वाली शर्त पर मच्छ रेखा का असर देगा यानि, धन, दौलत और परिवार देगा | लेकिन अगर मंगल नेक न हो या 6 से 12 की हदबंदी से बाहर हो तो तो भी यह जरूरी नहीं कि शनि काग रेखा का फल दे यानि गरीबी दे | लेकिन मच्छ रेखा (माली) का प्रभाव भी सिर्फ उस वक्त देगा जब उसके एजेंट राहु-केतु आ मिले यानि या तो वो दोनों राहु-केतु खुद अपने मुश्तरका मिलने की मियाद यानि 45 साला उम्र की हदबंदी में आ जाए या उन दोनों में से कोई शनि से आ मिले या शनि पापी ग्रह की तरह ही बैठे अर्थार्त शनि का ही पापी बनकर चलना, पाप की हदबंदी में, चाहे बेईमानी चाहे ईमानदारी से, जिस तरह भी हो धन की हालत में नेक प्रभाव देगा क्योंकि बेईमानी या पापी का धर्म माया को इक्कट्ठा करना ही हुआ करता है |
6) कामयाब डॉक्टर-हकीम होगा |
मंदी हालत में
1) जिस्म पर हद से जयादा बाल हो तो निर्धन होने की निशानी होगा | माता-पिता ने टेवे वाले के जन्म के वक्त ख़ुशी के बाजे बजवाए मगर वो अजल फरिश्ता अपने पैदा होने से पहले की परिवार की सब सम्पति को बारी बारी से नीलाम करने के लिए लिस्ट बनता होगा और 18 साल की आयु तक उनका सब कुछ बिकवा देगा | शराबखोरी या इश्क जवानी बहाना होंगे | या शनि का मकान या ऐसा मकान जिसका पश्चिम में दरवाजा हो, जब बने तो तो शनि मंदा प्रभाव देगा | बल्कि 36-42-45-48 उम्र तक राज-फकीरी, वैद्य-बीमारी इक्कट्ठे चलते होंगे | शनि अब 36 से 39 और कई बार राहु-केतु की आखिरी मियाद (राहु 42, केतु 45, दोनों की इक्कट्ठी 45 साल) उम्र तक मकान, जायदाद, नकद धन, राजदरबार सब तरफ ही मंदा फल देगा |
2) पाप टेवे में हो जब मंदा, काग रेखा बन जाती है, मालिक चाहे हो तख़्त हजारी, मिटटी कर दिखलाती है |
3) विद्या तो विशेषकर अधूरी होगी खासकर जब बुध भी मंदा हो |
4) उपाय वास्ते कारोबार जमीन में सुरमा दबाना, उपाय वास्ते सेहत बड़ के वृक्ष की जड़ में दूध में गुड़ / शक़्कर डाल कर गीली मिटटी का तिलक लगाना | ये उपाय विद्या, बीमारी, दुःख में भी सहायता देंगे | धन की मंदी हालत में सूर्य की मदद सहायक होगी जैसे बन्दर की सेवा करना |
5) जब राहु-केतु मंदे हो या नंबर 7 में कोई ग्रह हो तो शनि अब तीन गुना मंदा होगा | विद्या, स्त्री, धन और स्त्री की मंदी हालत बल्कि वो दुखिया ही होगी | चंद्र भाग भी मंदा होगा | बुध या शुक्र नंबर 7 में हो तो खाना नंबर 7 का खाली होने जैसा नेक फल ही होगा |
6) जब बुध मंदा हो तो जद्दी कारोबार से मर्द और माया पर काग रेखा का फल होगा | जन्म लेते ही नीलामी का ढोल बजने लगे | बेशक 9 ही ग्रहों का प्रभाव जहरीला पैदा हो मगर टेवे वाले की अपनी उम्र जरूर लम्बी होगी |
7) खाना नंबर 4 में शनि के शत्रु सूर्य, चंद्र, मंगल या शुक्र के शत्रु सूर्य, चंद्र, राहु कोई भी ग्रह साथी हो, सिवाय सूर्य, गुरु के तो शनि मिटटी के तेल की तरह असर देगा और नंबर 4 में बैठे शत्रु ग्रह की चीजे, रिश्तेदार या कारोबार सम्बंधित बुरा प्रभाव देंगे | पिता की हालत मंदी होगी | जद्दी धन-दौलत उड़ती और शनि-राहु-केतु तीनो का फल मंदा होगा | स्वयं चोर, फरेबी हो सकता है | खाना नंबर 1 में शनि किसी दूसरे ग्रह (सिवाय सूर्य, गुरु) के साथ हो तो शनि से मुराद उसका बाप होगा |
8) सूर्य नंबर 7 में हो तो राजदरबार का फल शक्की बल्कि मंदा ही होगा |
9) खाना नंबर 10-11 में सूर्य हो तो शुक्र का फल भला न होगा | बल्कि मंगल का प्रभाव भी मंदा होगा | खबीस (मंद भाग्य) होगा | अकारब (रिश्तेदार) सब दुखी होंगे |
10) जब मंगल बद हो तो चोर, फरेबी, धोखेबाज, झगड़ालू होगा | संतान का दुःख होगा | आय खराब, आँखों में नुक्स होगा |
S Kuber RA
Jyotish Acharaya
Vedic & Lal Kitab Astrologer
Lal Kitab Vastu Consultant
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