Saturday, 27 October 2018

लाल किताब राहु


लाल किताब 

राहु 

रहनुमाय गरीबां मुसाफिरां

मुबारिक यही तू जो आँसू बहाता |
हुई मौत बीवी चाहे शत्रु की माता |


राहु-केतु किसी राशि के मालिक नहीं होते और न ही उनकी कोई रेखा होती है | सिर्फ निशान बंधे है | जहाँ उनके निशान मिले, उसी घर में बैठे होंगे | अगर निशान न मिले तो अपने घर के होंगे यानि राहु 12 में और केतु 6 में | मच्छ रेखा के समय दोनों उच्च घरों में और काग रेखा के समय दोनों नीच घरों में होंगे |

शनि दृष्टि राहु पे करता, लोहा ताम्बा रवि बनता हो |
राहु मगर हो उल्ट जो चलता, हसद तबाही करता हो |
शनि बैठे को राहु देखे, राहु मंदा स्वयं होता हो |
मदद मगर न शनि को देवे, जंग लोहे को खता हो |
मंगल दृष्टि राहु पे करता, चुप राहु स्वयं होता हो |
उल्ट मगर जब हो वो बैठा, बाजू मंगल के पकड़ता हो |

 आम हालत 12 घर

हाथी तख़्त पर ग्रहण रवि का, 10 वे शक्की खुद होता हो |
लेख पंघूड़ा (झूला) गुरु मंदिर का, रोता गुरु घर 11 जो |
आयु, धन का राखा तीजे, गोली पक्का बंदूकची हो |
पाप कसम वो करता चौथे, संतान बची न पाँच की हो |
धुआँ शुक्र, बुध 7 वे उड़ता, कटती फाँसी घर 6 से हो |
मौत नकारा घर 8 में बनता, जहरी चंद्र जब साँप (शनि) से हो |
जले धर्म 9 राहु भट्टी, शफा पागल को देता हो |
लाख उम्मींदे 12 फर्जी, हाथी खर्च न रुकता हो | 

दुनिया के फर्जी डर का सोच-विचार, जागते हुए इंसानी दिमाग में खराबी, लहर, और क़यासी ख्यालात की नकली हरकतों का 42 साल आयु का समय राहु का समय होगा | सब कुछ होते हुए भी कुछ न होना राहु शरीफ  वास्तवकिता है | दिमागी लहर का स्वामी, सब शत्रुओं से बचाव और उनका नाश करने वाला माना गया है | 


नेक हालत में

1) उत्तम प्रभाव के समय, चोट लगने से नीला रंग हो चुके शरीर को फूंक से ही ठीक करने वाला मानिंद (जैसा) हाथी मगर सफ़ेद रंग का होगा |

2) आसमान के गुम्बद और संसार के समुन्द्र (दोनों नीले रंग के) का मालिक राहु जिसकी मदद पर आ जाए, कुल संसार का सिर उसके सामने झुक जाएगा | मंगल का साथ या दृष्टि होने से केतु का असर देगा | जब टेवे में उच्च राहु के मसनुई ग्रह मंगल-शनि मुश्तरका हो और मंगल नेक हो तो राहु उत्तम तथा नेक असर का होगा खासकर जब नंबर 4 या चंद्र उत्तम हो या मंगल 12 में हो या सूर्य-बुध दोनों नंबर 3 में हो या राहु अकेला नंबर 4 में हो तो राहु कभी मंदा प्रभाव न देगा और टेवे वाले की मदद करता जाएगा | और मंगल नेक के दौरान (नंबर 12 में आने के समय) पर चुप ही रहेगा |

3) मंगल बद जो लिखवाए और शनि जिसे खुद लिखे, उस किस्मत की लिखाई को ख्याली सफर की शक्ति का मालिक राहु स्वप्न में ही पढ़ लेगा | यानि शनि और मंगल के मंदे प्रभाव का उसे पहले ही पता चल जाएगा | राहु अगर शनि से बाद के घरों में बैठा हो तो शनि के हुक्म के हिसाब से काम करेगा | लकिन अगर पहले बैठा हो तो स्वयं हाकिम होगा और शनि को हुक्म देगा | राहु चंद्र को मध्यम करता है | अगर चंद्र के साथ ही हो तो खुद ठंडा हो जाता है और बंधा हुआ चुपचाप हाथी ही होता है | राहु चाहे सूर्य को ग्रहण लगाता है मगर सूर्य की गर्मी से और भी अधिक हानि करने वाला हिलता-डोलता हुआ हाथी होगा | गुरु के शेर और साधू को तो कोढ़ और दमा ही दे देगा मगर बुध के पक्षी और शनि के कौवे को न सिर्फ आसमान में उड़ने की हिम्मत देगा बल्कि दोनों का ही उच्च प्रभाव देगा | अगर राहु एक ओर शुक्र का जानी-दुश्मन और केतु को रास्ता दिखाने वाला सरदार है तो दूसरी ओर शनि के साँप की मणि और मंगल के महावत के साथ शेरो का शिकारी हाथी भी माना गया है |

मंदी हालत में

1) राहु मंदा हो तो इसका मंदा असर इसकी कुल मियाद (42) के बाद दूर होगा | फालतू धन, सांसारिक आराम, बरकत 42 के बाद एकदम मिल जाएंगे |

2) कड़कती बिजली, भूचाल, आग का लावा, पाप की एजेंसी में बदी का स्वामी, हर मंदे काम में मौत का बहाना घड़ने वाली शक्ति, ठगी, चोरी और ऐयारी (चालाकी-मक्कारी) का सरगना, आनन-फानन में चोट मार कर नीला रंग कर देने वाली छुपी लहर का नामी फरिश्ता कभी छुपा नहीं रह सकता |   

3) जिस टेवे में सूर्य-शुक्र मुश्तरका हो तो राहु अमूमन मंदा प्रभाव ही देगा | जब सूर्य-शनि मुश्तरका हो और मंदे हो तो राहु नीच फल का होगा और मंगल भी बद होगा |

4) कुंडली में केतु अगर पहले घरों में हो और राहु बाद के घरों में हो तो राहु का प्रभाव मंदा और केतु शून्य बराबर होगा |

5) यदि राहु अपने शत्रु ग्रहों (सूर्य,मंगल,शुक्र) के साथ हो कर केतु को देखे तो नर संतान और केतु की दूसरी चीजे, काम, रिश्तेदार बर्बाद होंगे |

6) सूर्य की दृष्टि या साथ से राहु का प्रभाव न सिर्फ बैठा होने वाले घर पर मंदा होगा बल्कि साथ लगता घर (आगे वाला) भी बर्बाद होगा |

7) मंदे राहु के समय दक्षिण का द्वार न सिर्फ हानि करेगा बल्कि उसका शक्तिशाली हाथी भी मामूली चींटी से मर जाएगा |

8) मंदे राहु के समय जब बुखार, सांसारिक शत्रु, अचानक उलझन पर उलझन आए तो :

# चाँदी / पानी का उपाय मदद दे जब मन अशांत हो, यानि मन की शान्ति भंग हो रही हो |
#दाल मसूर लाल रंग की दली हुई प्रातः दे या वैसे ही भंगी को पैसा आदि खैरात करते रहे |
# बीमार मरीज के वजन के बराबर जौ चलते पानी में बहा दे |
# जौ रात्रि सिरहाने रख कर प्रातः जानवरों को खिला दे या गरीबो में बाँट दे |
# राजदरबार या व्यापार के आए दिन झगडे को दूर करने के लिए जिस्म के वजन के बराबर कच्चे कोयले बहा दे

S Kuber RA
Jyotish Acharaya
Vedic & Lal Kitab Astrologer

Lal Kitab Vastu Consultant

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