लाल किताब
चंद्र और राहु
निस्फ़ (आधी) उम्र तक दोनों मंदा, बुध भला न मंदिर हो |
ससुराल घराना लाख हो ऊँचा, पाप खंडहर हो |
इकट्ठे दोनों से धर्मी टेवा, उम्र लम्बी खुद पाता हो |
असर राहु जब मंदा होता, केतु भला न रहता हो
नेक रोशन जब दोनों होते, हाथी माया में नाहता हो |
घर पहले ता 6 वे बैठे, माता सालो उन मरती हो |
समय बच्चे के पैदा होते, प्लेग, गोली चल बसती हो |
मनहूस घोडा, दोनों पाना-अपना फल देंगे | मगर चंद्र का किसी कदर मद्धम यानि अगर माली निर्धन हुआ तो ज़लीलो ख्वार, दरबदर और फरार भी होगा | मगर कैद में न होगा खासकर जब दोनों नंबर 2 में हो | गाय दो रंगा लाल बछड़ा मौत का बहाना होंगे |
भूचाल 45 साल में रुकेगा | या 45 के भाग में यानि 45 दिन, महीने, साल चंद्र और राहु दोनों का फल बर्बाद | राहु एक भयानक हाथी जो दरिया के रास्ते को भी रोक दे और खुद भी बर्बाद हो | चंद्र की आयु 24 दिन माह, साल तक होगा | वरना फिर ऐसा बुरा असर न होगा |
दोनों मुश्तरका किसी भी घर में खासकर नंबर 2 में हो तो ऐसा टेवा धर्मी टेवा होगा | जिसमे पापी ग्रहो का मंदा असर न होगा | बल्कि तमाम उम्र ही धर्मी होंगे | राहु अगर भूचाल है तो उसका भूचाल चंद्र से रुक जाता है यानि चंद्र बैठा होने वाले घर से आगे नहीं जा सकता | दोनों इकट्ठे जिस घर में बैठे हो उस घर की चीजों पर दोनों ही का बुरा असर होगा | खाना नंबर 1 से 6 में बैठे हो तो जिस घर नंबर में बैठे हो उस घर की उम्र में माता के लिए बुरा असर होगा | जैसे नंबर 3 में हो तो तीसरे साल, 15 वे साल, 27 वे साल वगैरा | मगर खुद अपनी उम्र का तकाजा न होगा | माता को गोली वगैरा से मौत का खतरा होगा | 7 से 12 में बैठे हो तो माता पर बुरा असर न होगा | अगर कभी होगा तो माँ-बेटे दोनों पर होगा |
नेक हालत में
टेवे में शनि अगर उम्दा हो तो राहु का असर उम्दा होगा |
खाना नंबर 7
चंद्र-राहु गर 7 वे बैठे, ऊँच शुक्र राशि 11 हो |
मौत मारे घर ससुर का उजड़े, लाख पुत्र ख़्वाह पोता हो |
स्त्री और राजदरबार मंदा न होगा |
खाना नंबर 9
निस्फ़ (आधा) चंद्र ख़्वाह नोवे गिनते, ग्रहण मद्धम ख़्वाह होता हो |
खुश्क कुँए घर जद्दी उसके, पानी दोबारा आता हो |
जद्दी घर-बार में रौनक होगी | खुश्क हो चुके कुओं में पानी खुद-ब-खुद दोबारा आ जाना माना है |
खाना नंबर 11
सोने को आग में जलाकर दूध में बुझा कर उस दूध को इस्तेमाल करने से औलाद पैदाइश में बरकत होगी | (जब बुध नंबर 3, गुरु नंबर 2 में हो)
मंदी हालत में
पानी से नुसान का डर | निस्फ़ उम्र या राहु की कुल उम्र (42) में जिस्म की जिल्द खराब होगी या जिस्म पर स्याह-सफ़ेद दाग और गोश्त के छोटे-छोटे टुकड़े उभरे हुए होंगे | ससुराल भी बर्बाद होगा | दरिया का पानी भी दो टुकड़ो में बंट कर चलेगा यानि चंद्र का असर मद्धम ही होगा | दिल के फर्जी वहम से दीवानगी, अपना ही दिल खराबी का बहाना होवे |
उपाय
औलाद के लिए वही उपाय जो ऊपर लिखा है और चंद्र नंबर 11 में भी लिखा है | राहु का भी वही उपाय जो राहु नंबर 11 में लिखा है | इसके अलावा चंद्र ग्रहण के वक्त चंद्र के दुश्मन ग्रहो की चीजे बहाना मुबारिक होगा | राहु का भूचाल चंद्र से रुक जाता है और राहु का मंदा असर केतु ही हटा सकता है | मंगल, गुरु या चंद्र का उपाय करे | अगर वह भी मंदे हो तो बुध को कायम करे |
खाना नंबर 3
34 साल उम्र तक बुध और केतु का मंदा फल होगा |
खाना नंबर 7
ससुराल घर वीराना ही होगा |
खाना नंबर 9
चंद्र का जाती फल मद्धम बल्कि ग्रहण में आए हुए चंद्र की तरह हल्का ही होगा |
खाना नंबर 12
न सिर्फ चंद्र की जानदार और बेजान चीजों का मंदा हाल होगा बल्कि शुक्र का फल भी भला न होगा |
S Kuber RA
Jyotish Acharaya
Vedic & Lal Kitab Astrologer
Lal Kitab Vastu Consultant
No comments:
Post a Comment