लाल किताब
चंद्र और केतु
चंद्र ग्रहण
दृष्टि वगैरा की रूह से जब चंद्र खुद नीच / मंदा हो रहा हो या बुध की मार से मर रहा हो या दोनों नंबर 6 में हो तो चंद्र के लिए केतु का साथ उसके आगे चलती हुई दिवार की तरह चंद्र ग्रहण का जमाना होगा | यानि माता चंद्र एक धर्मात्मा होती हुई भी बदनाम औरत नजर आएगी | जायदादी ताल्लुक हर तरफ उलझता नजर आएगा |
1) किस्मत की मदद और गुरु की हवा अब मायूसकुन (मायूस) होगी | माता भाग्य रद्दी बल्कि बर्फानी असर देगा | सफर खुश्की या समुन्द्र मंदा | चंद्र केतु नंबर 2 कुत्ते का पसीना हर दो मंदे | 45 साल उम्र तक सूर्य का फल मंदा होगा | चंद्र केतु मिलाप में केतु मंदा बल्कि दोनों ख़राब मगर चंद्र ग्रहण होगा सिर्फ उन बातो पर जो चंद्र राहु मुश्तरका में लिखी है |
दोनों का मंदा असर अमूमन माल और जानो पर होगा | बाकी सब बातो में वही मंदा असर होगा जो चंद्र-राहु में लिखा है | चंद्र ग्रहण के वक्त अगर बुध उत्तम हो तो चंद्र ग्रहण का मंदा जमाना न होगा और 34 साल से 24 साल तक अपना नेक असर देगा | यानि 34 साल से 58 साल तक मुबारिक असर होगा |
ग्रहण का मंदा जमाना एक साल और कुल 24 साल रह सकता है |
नेक हालत में
मंगल साथी ख़्वाह साथ दृष्टि, बैठे घरो या मंगल हो |
ग्रहण हटे जब माता बैठी, वक्त 28 मंगल हो |
अगर टेवे में नर ग्रह (गुरु,सूर्य,मंगल) उम्दा हो तो दोनों का फल उम्दा होगा | 28 साल उम्र तक सब तरफ जंगल में मंगल (ख़ुशी) होगा जब मंगल की दृष्टि या मदद हो |
मंदी हालत में
दूध में कुत्ते का पेशाब | अँधा घोडा, लंगड़ी माता की तरह मंदा हाल या माता की सेहत या नर औलाद की उम्र दोनों ही का तकाजा या झगड़ा होगा या दादी पोते का मेल न होगा | टेवे वाले की नई नर औलाद और टेवे वाले की माता बच्चे के जन्म से 40/43 दिन पहले और 40/43 दिन बाद इकट्ठे रहना मुबारिक न होगा | बल्कि मंदा असर ही होगा | जानो तक भारी गिना है |
रात के वक्त दूध का इस्तेमाल गैर मुबारिक होगा | चंद्र-केतु इकट्ठे वाले को किसी की पेशाब पर पेशाब करना गैर मुबारिक बल्कि बाइस-ए-जेहमत होगा और तकलीफ देगा | टेवे वाले की तालीम निकम्मी बर्बाद | जिस्म में दर्द जोड़ या पेशाब की बीमारियाँ |
उपाय
केतु की दो रंगी मगर लाल रंग आशिया मददगार होगी | बुध की आशिया का दान कल्याण माना है | तालीम निकम्मी या बर्बाद होने से बचाने के लिए धर्म स्थान में केतु की आशिया (केले और तादाद में तीन केले हर रोज 48 दिन तक देते जाना मददगार होगा |
खाना नंबर 1-8
दोनों ही ग्रह हर तरफ मंदे नाश शुदा और नाश करने वाले होंगे |
खाना नंबर 2
नमोनिया, गठिया, मरने के करीब, चंद्र ग्रहण, नए बच्चे (नर औलाद) और बछड़े (गाय की नर औलाद) के पाँव में चाँदी का छल्ला मुबारिक होगा |
खाना नंबर 4
अब पापी ग्रहो का मंदा असर न होगा | बल्कि तमाम ग्रह ही (कुल टेवा) धर्मी होगा |
खाना नंबर 6
चंद्र ग्रहण का जमाना होगा | चंद्र की तमाम आशिया ख़्वाह जानदार ख़्वाह बेजान का नेक असर किसी दिवार के साए की तरह छुप गया हुआ मालूम होगा | माँ-बेटा दोनों के लिए मंदा असर मौत तक भारी हो सकता है |
खाना नंबर 9
अलग-अलग दोनों इस घर में दोनों ही उत्तम होते है मगर अब दोनों का फल मंदा और नीच फल होगा |
खाना नंबर 12
कमाई हुई लाखो की थैलियां आए, रूपए की बहुत आवाज हुई मगर गिनने पर सिफर ही पाया गया |
बाकी घर अपना-अपना फल देंगे |
S Kuber RA
Jyotish Acharaya
Vedic & Lal Kitab Astrologer
Lal Kitab Vastu Consultant
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