Sunday, 4 November 2018

लाल किताब केतु खाना नंबर 6


लाल किताब 

केतु खाना नंबर 6 


शेर कद खूँखार कुत्ता, दो रंगी दुनियाँ |

हजम घी अगर कुत्ता दुनिया में करता |
छुपे फिरता हर घर में, बुजदिल न डरता |

1) इस ग्रह की सही हालत मनुष्य में पाँव से मिलेगी | पाँव में सब कुछ हाथ की तरह गिना है | पाँव सदा जमीन पर लगता है | जमीन को शुक्र माना है खासकर मिटटी की जमीन को | शुक का बुर्ज अँगूठे पर होता है इसलिए पाँव की सिर्फ एक रेखा, ऐड़ी से निकल कर अँगूठे तक चली जाए तो सवारी का सुख होगा |



 2) पाँव की उँगलियों को छोड़ कर बाकी पाँव पर, दाएँ पाँव पर अगर दिव्य निशान हो जैसे शँख, चक्र, सिद्फ (सीपी) वगैरा तो यह ग्रह के कायम होने का नेक प्रभाव होगा | मगर बाएँ पाँव पर नीच होने का प्रभाव देंगे |

3) अगर बायाँ पाँव दाएँ से बड़ा हो तो  कम हौसला, डरपोक होगा | पाँव का अँगूठा छोटा हो तो केतु नीच या मंदा होगा | ऐसा व्यक्ति एक जगह न रह सकेगा |

पाँव की उँगलियाँ और उनका फल

4) अँगूठा तर्जनी बाहम मिले हो तो मंद भाग यानि दोनों आपस में जुड़े से हो | 


5) अँगूठा छोटा हो तो एक जगह न रह सके


6) अँगूठा छोटा, तर्जनी बड़ी हो तो पहले लड़के या लड़की का सुख नहीं होगा |


7) अँगूठा और तर्जनी बराबर हो तो प्रसन्नता से रहने वाला, समृद्ध



8) अँगूठा बड़ा और तर्जनी छोटी तो दुसरो का गुलाम रहे |


9) तर्जनी मध्यमा से बड़ी तो औरत गरीब घर की तथा उससे दुःख मिले |



10) तर्जनी मध्यमा से छोटी तो औरत का पूरा सुख |



11) तर्जनी मध्यमा से बहुत छोटी तो स्त्री सुख हल्का


12) अनामिका मध्यमा से छोटी तो स्त्री सुख हल्का |


13) कनिष्ठिका अनामिका से बड़ी तो नेक भाग्य


14) कनिष्टिका अनामिका से बहुत बड़ी हो तो मंदा भाग्य |





15) कनिष्टिका अनामिका से हद से ज्यादा बड़ी हो तो जलील होगा |


16) कनिष्टिका अनामिका से छोटी हो तो शुभ होगा |


17) कनिष्टिका अनामिका के बराबर हो तो संतान का सुख मगर आयु कम होगी |


18) पांचो उँगलियाँ बराबर या दराज लम्बी तो हुक्मरान होगा |


19) पांचो एक दूसरे से क्रम से बड़ी होती जाए तो साहिबे संतान होगा



पाँव की उँगलियों के नाखून

20) सुर्ख ताम्बे रंग के तो राजा या हुक्मरान हो |
21) नीले रंग के तो आला (उम्दा) मरतबा (पदवी)
22) जर्द रंग के हो तो दीवान साहिब
23) स्याह (काले) रंग के हो तो चोर, डाकू फिर भी मंदा |

नेक हालत में

1) जैसा गुरु टेवे में हो वैसा ही केतु का हाल होगा |

2) केतु से लड़का, कुत्ता, गधा, सूअर भी माना है | ऐसे पुरुष की संतान यदि इन पशुओं की तरह नालायक भी हो जाए तो जिस तरह एक मामूली कुत्ता, शेर की खाल पहन कर अपने मालिक की सहायता कर सकता है, उसी तरह वह संतान अपने पिता (टेवे वाले) की सहायता अवश्य करेगी | जिस तरह केतु नंबर 1 ने सूर्य को सहायता दी चाहे सूर्य टेवे में कैसा भी बैठा हो उसी तरह नंबर 6 का केतु, गुरु को कभी मंदा न होने देगा | चाहे गुरु कहीं भी और कैसा भी बैठा हो |

3) शनि का प्रभाव भी भला ही होगा | अपनी संतान और दूसरे सलाहकार ठीक सलाह देंगे | इस घर में ग्रह चाली  कुत्ते (केतु) की दुम टेढ़ी मानी गयी है | शत्रु दबे रहेंगे | धन पर धन आएगा |

4) अकेला ही बैठा हुआ हर तरह से उत्तम फल देगा | और मामूली कुत्ता भी शेर की खाल पहन कर अपने गुरु (पिता) की मदद करेगा | ऐसा पुरुष स्वयं के लिए अच्छा मगर दुसरो के लिए बुरा असर देगा |

5) शेर के कद का लड़ाका कुत्ता, दो रंगा सांसारिक भाग्य (नीच भी और अपने घर का भी) | स्वयं सुखिया होगा |

6) जीवन बढ़ने की इच्छा, हमला रोकने की शक्ति, बदला लेने की शक्ति, स्वाद का शौक, जखीरा जमा करने की आदत और राजदरबार का साथ होगा |

7) बुध नंबर 6 में हो तो दोनों का फल नेक होगा |

8) गुरु उम्दा हो तो संतान से बढ़ता होगा | मामूली चूहा (केतु) भी जाल काट कर सहायता दे |

9) शुक्र कायम या उत्तम हो तो शुक्र आपत्ति दूर करता होगा |

10) जब गुरु / मंगल 6 में न हो और न ही 12 में गुरु / मंगल / बुध हो तो केतु अपनी नेकी में बढ़ता और उत्तम फल देता होगा, जब तक ऐसा आदमी तकब्बुर (घमंड) और खुदी से खुद ही न मरे |

11) गुरु नेक हो या नंबर 2 से दृष्टि भली हो तो आयु लम्बी 70 वर्ष | मामू खानदान को सुख और देश-परदेश के जीवन में आराम हो |

मंदी हालत में

1) केतु अमूमन बुध का शत्रु और शुक्र का मित्र होता है | लकिन इस घर में केतु की चाल उलटी होगी | अब केतु बुध का मित्र और शुक्र का शत्रु होगा |

2) कुत्ता क्या जाने हलवे का स्वाद या कुत्ते को घी हजम नहीं होता के आधार पर ऐसा व्यक्ति बेकदर, हर जगह पाँव की ठोकर से लड़खड़ाते, पत्थर नाचीज टुकड़ा की तरह होगा | मामा तथा मामा खानदान पर भी मंदा हो सकता है |

3) केतु जब नंबर 2 की दृष्टि से बर्बाद हो रहा हो तो केतु खाना नंबर 6 की चीजों, काम सम्बन्धियों का फल बर्बाद और मंदा करता होगा | बाएँ हाथ पर सोने की अंगूठी सहायक होगी |

4) मंदी हालत में होशियारी, ख़ुदपसन्दी और खुद्दारी का साथ होगा |

5) गुरु मंदा हो तो सफर बेमतलब और शत्रु बिन बुलाए खड़े होंगे |

6) चंद्र नंबर 2 में हो तो मामा और माता का हाल अच्छा न होगा | बुढ़ापा हल्का होगा | मगर केतु अब केतु की दूसरी चीजों या संतान पर मंदा न होगा |

7) कोई भी ग्रह सिवाय बुध के नंबर 6 में हो तो केतु हर तरफ से मंदा तूफ़ान पैदा करता होगा | अपना ही कुत्ता काट खाए | पाँव की खराबियाँ शुक्र के मंदे होने की निशानी होगी | और विचारों पर बुरा प्रभाव गुरु के मंदे होने की निशानी होगी |

8) शुक्र नंबर 6 में हो तो दोनों मंदे होंगे |

S Kuber RA
Jyotish Acharaya
Vedic & Lal Kitab Astrologer

Lal Kitab Vastu Consultant

1 comment:

astrovaidya8 said...


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