लाल किताब
बृहस्पति + चंद्र
दबा हुआ धन | महकमा कानून | बड़ का वृक्ष |
दोनों बैठे को दुश्मन देखे, नष्ट वही खुद होता हो |
उल्ट हालत हो दोनों मरते, शत्रु जहर न चढ़ता हो |
ऋण पितृ या मातृ होते, माता-पिता सुख उड़ता हो |
धर्म दया का पुतला होवे, सोने-चाँदी की कुटिया हो |
दोनों ग्रहो को कौन सा ग्रह देखे
सूर्य देखे तो ताजिर (व्यापारी), अहल-ए-कलम, ठोस माल हाजिर से दुसरो को भी तारता जाए |
शुक्र देखे तो शादी के दिन से जवाल (पतन) शुरू कर देगा |
मंगल देखे तो धन, परिवार और ज्ञान सब उम्दा हो |
बुध देखे तो अगर शनि नेक हो तो दुश्मनी के बजाए मदद देगा वरना फोकी उमींद और नास्तिक होगा |
शनि देखे तो सब के लिए लोहे को पारस का काम देगा |
दोनों ग्रह नेक घरों में या कायम हो या टेवे वाले के घर में चाँदी की थाली हो तो उनका प्रभाव भी उम्दा चाँदी की थाली की तरह उत्तम होगा |
गुरु और चंद्र मुश्तरका हो तो गुरु का असर 28 साल के बाद अकेले असर का ही होगा और उसपर दुश्मन ग्रहों का असर हो सकेगा | जब चंद्र गुरु के पक्के घर खाना नंबर 2 में उच्च हो तो गुरु का असर जोर पर होगा | जब गुरु चंद्र के घर खाना नंबर 4 में उच्च हो तो चंद्र का असर जोर पर होगा | मुश्तरका हालत में चंद्र का उत्तम असर अगर 1 हिस्सा हो तो गुरु का असर दोगुना नेक होगा | अमूमन गुरु-चंद्र सोने चाँदी के तख़्त के मालिक वाले पिता के टेवे में खाना नंबर 1 यानि लग्न में होंगे मगर काल माया गरीबी से हर तरफ आंसुओं भरे साँस वाले बाप के टेवे में नंबर 1 में नहीं होंगे |
नेक हालत में
1) चंद्र का गुरु से सम्बन्ध हो तो टेवे वाला हमदर्द, रहम दिल, हर प्रकार की भाषाओ को जान लेने की शक्ति वाला तथा खोज कर लेने की शक्ति वाला, वक्त की लम्बाई-चौड़ाई नापने की ताकत कुदरती ताकत और जान लेने की शक्ति वाला, हर काम के कारण जानने की शक्ति वाला, हर चीज की असलियत और आधार पर उसका दूसरी चीज से मुकाबला (कयास) करने की शक्ति वाला, मनुष्यता की असलियत पर ध्यान करने की शक्ति वाला, दुसरो को नेकी द्वारा खुश करने की शक्ति वाला होगा |
2) अगर चंद्र को गुरु देखे तो टेवे वाला छत्रधारी बड़ के वृक्ष के साये की तरह हर एक व्यक्ति को लाभ देने की किस्मत का स्वामी होगा | चंद्र का असर उत्तम होगा | बुढ़ापे में स्मरण शक्ति चाहे कम होती जाए मगर आयु के के साथ-साथ मन की शक्ति, माया, धन और दूसरे गृहस्थी सामान सहायक होते जाएंगे | माता-पिता की जमीन जायदाद (खेती की) और छुपी मदद, सब की बरकत होगी | ससुराल से धन मिले, दौलत विद्या की तरक्की हो, विद्या बिना रूकावट 24 साल तक चले | तीर्थयात्रा 20 साल नसीब होगी | बुढ़ापा आराम से गुजरे |
3) घर बैठा होने के हिसाब से जब चंद्र उत्तम और शुभ हो तो धन और गुजरा हुआ समय सब उत्तम होगा |
4) जब दोनों मुश्तरका बुध से पहले बैठे हो तो दूध और माया तक सब उत्तम हो बल्कि अमृत हो |
5) जब दोनों अच्छे घरों में बैठे हो तो सोने-चाँदी की थाली की तरह मानसून पवने सहायक, वर्षा से लदी हुई की तरह भाग्य की मदद होगी | माता-पिता का असर बड़ के वृक्ष के साए की तरह सहायक होगा |
6) जब शनि उत्तम हो तो दोनों का प्रभाव हर काम में उत्तम होगा | उम्मींदों के नतीजे उत्तम होंगे | होशियार स्वाभाव (नेक अर्थो में) का होगा |
7) जब दोनों नंबर 7 से 12 में बैठे हो और उनके मित्र ग्रह 1 से 6 में बैठे हो तो दर्जा दृष्टि चाहे हो चाहे न हो अपने से पहले बैठे मित्र ग्रहों को पूरी मदद देंगे | उन ग्रहों से सम्बंधित चीजे, काम, रिश्तेदार सब को पूरी मदद मिलेगी
8) जब दोनों नंबर 1 से 6 में हो और उनके मित्र ग्रह नंबर 7 से 12 में हो तो गुरु और चंद्र का फल शुभ होगा मगर दोस्त ग्रहो को मदद की शर्त न होगी चाहे दर्जा दृष्टि भी हो |
खाना नंबर 1
दोनों का नंबर 2 में दिया फल होगा |
खाना नंबर 2
उच्च चंद्र और गुरु का उत्तम मगर साधारण फल फल होगा | हजारो-लाखो के लिए सहारा और साया होगा | ऊपर की आमदन (नेक अर्थो में), माता का सुख, खेती की जमीन, जद्दी जायदाद की वृद्धि, गैबी (ईश्वर) मदद सब का नेक प्रभाव होगा |
खाना नंबर 3
खुशहाल, भाग्यवान, इकबालमंद, दौलत का मालिक, खुद तरे और उसका अपना धन भाइयों को बांटे | अगर इकबालमंद रहे तो उसका घर रौनक और धन से भरा रहे |
खाना नंबर 4
जन्म से ही धन का चश्मा निकल पड़े | नेक से नेकी में मानिंद छत्रधारी बड़ के तनो के तरह अपना कबीला मददगार बना लेवे | मामूली पानी की नाव उसे बड़े भारी जहाज की तरह काम दे | चंद्र का फल गुरु से भी उत्तम हो | दिल की पूरी शान्ति हो | चंद्र और गुरु की आशिया, कारोबार, रिश्तेदार हर तरह से मुबारिक फल देने वाले होंगे |
खाना नंबर 5
ऐवज दोनों के असर रवि का, नेक बुलंदी देता जो |
अमीर-ए-जर हो माल हाजिर का, अहले कलम खुद होता हो |
गुरु और चंद्र के असरो से मिला हुआ सूर्य का फल नेक और उत्तम फल होगा | हाजिर माल और अहले कलम हो तो दुसरो को भी फायदा होगा |
खाना नंबर 6
जैसा भी बुध और केतु का असर टेवे में हो वैसा ही असर अब इन दोनों ग्रहों में मिलाएगे | अस्पताल, कब्रिस्तान में कुआँ लगाना कोई मंदा असर न देगा |
खाना नंबर 7
मिले दोनों जब इस घर बैठे, ताकत निकम्मी होती हो |
शत्रु ग्रह जब तख़्त पर आए, बाप, माता सोई होती हो |
दलाली मददगार, तिजारत (व्यापार) का ताल्लुक होगा जिससे बहुत ज्यादा फायदा होगा |
खाना नंबर 8
माया दौलत खुद लाख हजारी, भाई-बंधू मरवाता हो |
चीज मामू से शनि, मंगल की, मौत जहर भर लाता हो |
उम्र लम्बी होगी | भाई-बंधू धन की उम्मींद रखने वाले होंगे जो हर दो नेक और मंदी हालत पैदा करने के लिए बराबर-बराबर होंगे यानि कोई भाई तो सिपहसालार (सेनापति) की तरह की तरह मदद दे और कोई भाई जंगो-जदल (लड़ाई-झगडे) का बहाना होगा | मगर उसका धन-दौलत खुद टेवे वाले के लिए कभी नुक्सान देने वाला न होगा |
खाना नंबर 9
पानी के बजाए दूध से पले हुए वृक्ष की तरह नेक किस्मत वाला होगा | जिसे बड़ के वृक्ष के तरह वाल्देन (माता-पिता) का सुख सागर पूरा और लम्बा होगा | जब भी दोनों नंबर 9 में आएँगे तो दबे या दबाए धन की तरह माया दौलत की लहर दोबारा बुलंद हो जाएगी और हर वक्त रौनक ही रौनक बढ़ती जाए | चंद्र की तमाम चीजे नेक फल देंगी | दिल की पूरी शांति होगी | मातृ हिस्से की मदद होगी | 20 साल तीर्थ यात्रा और उत्तम फल होगा |
खाना नंबर 10
खुद साख्ता (निर्मित, बना) मर्द होगा | मगर खुद साख्ता अमीर नहीं होगा | अपने मतलब के लिए किसी की भी बात न सुनेगा | यहाँ तक कि अपने बाप को भी कह देगा कि वह (टेवे वाला) खुद ही पैदा हुआ है | मतलब यह है कि टेवे वाला घमंडी और कम सोचने वाला होगा | बेवकूफ होगा जिसका बिमारियों की वजह से खून घट चुका हो | कुछ उखड़े दिल का मालिक होगा | अपने नसीबे पर धोखा खा रहा होगा | दरिया में ताम्बे का पैसा डालते रहना मददगार होगा |
खाना नंबर 11
रफ़ा-ए-आम (लोक कल्याण) के काम दुसरो को तारे, मगर अपनी किस्मत के मालिक खाना नंबर 3 के ग्रह होंगे | अगर नंबर 3 खाली हो तो दोनों सोये हुए माने जाएंगे | खाना नंबर 5 का नंबर 11 पर कोई असर न होगा | सोई हुई हालत में बुध को नेक कर लेना मुबारिक होगा यानि छोटी-छोटी कन्याओं की सेवा करना, उनका आशीर्वाद लेना अच्छा होगा |
खाना नंबर 12
लड़की जन्म या वक्त हो शादी, माया दौलत घर मंदी हो |
जाले लगे घर अक्सर मकड़ी (राहु), थाली भोजन से खाली हो |
अच्छी हालत की आम निशानी, बेटा होने से होती हो |
बाप-बेटे ग्रह हालात कोई, उम्दा कायम अब अच्छी हो |
चाहे राजा हो मगर राजा जनक की तरह पूरा त्यागी होगा | चाँदी का खाली बर्तन तह मकान में दबाना मुबारिक होगा |
मंदी हालत में
1) जब दोनों टेवे में बुध के बाद बैठे हो तो बुध का जाती असर मंदा ही होगा बेशक घर बैठक के हिसाब से बुध दूसरे ग्रहों की आशिया कारोबार, रिश्तेदार के ताल्लुक में कैसा ही अच्छा या बुरा असर देने वाला हो |
2) दोनों मंदे घरो में बैठे हो या मंदे हो रहे हो तो कसीफ़ (गन्दी) हवा की साँस और किस्मत की बदनसीबी से चेहरे पर आँसुओं का पानी जमा हो रहा होगा, खुद ख़्वाह (चाहे) कितना ही हौंसला करने वाला और मेहनत से मुक़ददर (किस्मत) का मुकाबला करने वाला हो |
3) जब कभी शनि या दुश्मन ग्रह की चीज (मसलन जैसे मकान शनि की चीज और शादी के राग-रंग के साजोसामान बुध से सम्बंधित) का वक्त आए यानि लाई या खरीदी जाए या पैदा की जाए जो अपनी ही गिनी जाए तो माता-पिता पर मौत तक मंदा असर माना गया है | दृष्टि की रूह से दोनों ग्रहों से जो पहले घरों का हो उसके मुतल्ल्का रिश्तेदार बाद में और जो ग्रह बाद के घरों में उसके मुतल्ल्का रिश्तेदार पहले, मुसीबत में गिरफ्तार या मौत से हार पाएगा | दोनों ग्रहो के असर को नेक करने ले लिए केतु की आशिया (जैसे कम्बल का आसन) तह जमीन में दबाए या स्थापित करे या केतु की आशिया दो रंगा पत्थर हकीक, हालदारी उसके गले में या जिस्म पर कायम करे (जब कभी दोनों एक दूसरे से 7 वे हो)
4) जब शनि मंदा या निकम्मा हो तो तबाहकुन (बर्बाद) और फोकी उमींदो का मालिक बल्कि नास्तिक होगा जो उस मालिक (ईश्वर) के खिलाफ भी मंदे दिमागी ख्वाब आम देखता होगा |
खाना नंबर 1
28 साल उम्र से पहले शादी, मकान बनाना या नर औलाद की पैदाइश से मंदा असर होगा, वाल्देन की उम्र कम होगी जब नंबर 7 खाली हो | मिटटी में मंगल की चीजे दबाना सहायक होगा |
खाना नंबर 2
जब राहु या बुध का ताल्लुक हो जाए तो दोनों की हालत मंदी होगी | बड़ के वृक्ष को तिलियर (एक छोटा परिंदा, मैना, काला पक्षी) काट देंगे | चंद्र का दूध बोतल में बंद होगा जिसका जायका (स्वाद) न होगा | अगर फिर भी होगा तो बिच्छू की जहर होगा | अब साली का साथ रहना नेक असर न देगा, हर तरफ से खराबी खड़ी होती जाएगी |
अगर बुध नंबर 6 में हो तो नजर कमजोर और शनि का जाती असर मंदा होगा | बुढ़ापे में मंदा हाल और उम्र का हिस्सा अमूमन 90 साल मंदा होगा |
खाना नंबर 3
जब बुध से सम्बन्ध हो तो बुध के ताल्लुक या साथ से (जैसे तोता) दोनों (गुरु और चंद्र) का फल निकम्मा होगा | बल्कि बुध नंबर 3 का दिया हुआ हर तरफ मंदा असर होगा | बुध की आशिया, कारोबार, रिश्तेदार खराब असर ही देते होंगे |
खाना नंबर 6
जब कुऍं का सम्बन्ध हो तो रफा-ए-आम या खेती की जमीन में कुआँ लगाना सब उम्दा असर को बर्बाद करेगा | जिससे खुद टेवे वाला और उस कुऍं से फायदा उठाने वाले तबाह होंगे |
खाना नंबर 7
बचपन में तकलीफ हो और चंद्र के वक्त (24,12,6) से माता-पिता दुखिया हो | धन-दौलत शुक्र के दिन (शादी) से और बुध (लड़की) के जन्म से घटना शुरू हो जाए |
खाना नंबर 8
धन की खातिर या उसका धन भाई को मारे या मरवा दे, माता घर से (मामा) शनि या मंगल की चीज ले तो आनन-फानन तबाही का सबब होगा |
खाना नंबर 9
जब कभी लड़की की कीमत या उसका पैसा, धन-दौलत ले कर खाए या खैरात और दान पर गुजारा करे तो दोनों का असर बर्बाद बल्कि जहरीला होगा |
खाना नंबर 10
माँ-बाप के पास सोने-चाँदी की ईंट होते हुए भी आखिरी वक्त (जन्म कुंडली के अनुसार और वर्षफल में) कुंडली वाले के लिए अधियारे (जायदाद का हिस्सा) के पत्थर (बेमानी) और नेक पानी की जगह बुलबुलो की सिर्फ झाग होगी जो कोई समुंद्र की झाग न होगी जो किसी दवाई के काम आ सके | घोड़ी की दुम लम्बी तो सवार को सफर (जिंदगी) काटने में क्या मदद | बाप की दाढ़ी लम्बी तो बेटे के लिए क्या ख़ूबसूरती | वाल्देन (माता-पिता) की सिर्फ दिखलावे की शान होगी | वाल्देन से अपने लेने के ताल्लुक में टेवे वाला दूसरों के हाथो की तरफ देखने वाला साबित होगा | और मंदी किस्मत का मालिक होगा |
खाना नंबर 11
दोनों ही बेबुनियाद होंगे बल्कि बर्बाद ही गिने जाएंगे | गुरु की उम्र 16 साल और चंद्र की उम्र 12 साल में नंबर 3 से सम्बंधित रिश्तेदार के बजाए टेवे वाले के वाल्देन के हालात बर्बाद, तबाह या दुखिया होंगे | दुश्मन ग्रहो की मुतल्ल्का आशिया (बुध - बहन, बुआ, फूफी, मौसी | शुक्र - गाय, लक्ष्मी, स्त्री | राहु - नाना-नानी, खासकर भंगी) की पालना, कुछ न कुछ खैरात करते रहना मददगार होगा | (जब बुध / शुक्र / राहु नंबर 3 में हो)
खाना नंबर 12
शादी के दिन (शुक्र) और लड़की की पैदाइश (बुध) से जायदाद का फल मद्धम और धन दौलत बर्बाद होंगे | जायदाद के आलिशान मकानों में बेहद अँधेरा और उनमे मकड़ी के जाले (बेआबादी और बर्बादी) आम होंगे | सोने-चाँदी के बजाए, उम्दा गिजा (पैष्टिक भोजन) से भरे रहने के बजाए, कलई (राँगा) के सफ़ेद टूटे बर्तन गंदे फूलो से भरे होंगे | घर में खालिस चाँदी के अम्बारो की जगह कलई (सफ़ेद धातु रांगा जो पीतल आदि बर्तन के अंदर लगाई जाती है) और सफ़ेद जले हुए चूने की राख के जर्रे (कण) बहुत बिखरे हुए होंगे |
घर में गुरु-चंद्र बैठा होने वाले घर के हिसाब से उस दिशा में गोल्डन टेम्पल की फोटो लगाना या शीर सागर में लेटे भगवान् विष्णु की फोटो लगाना या गंगा जल में सोने / चाँदी का विष्णु जी का सिक्का डाल कर रखना अच्छा होगा |
S Kuber RA
Vedic & Lal Kitab Astrologer
Lal Kitab Vastu Consultant
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