लाल किताब
मंगल और राहु
मंगल रोटी-पानी (खाना-पीना) तो राहु चूल्हा होगा | या राहु हाथी तो मंगल महावत होगा | दरअसल राहु अगर मंगल के साथ हो तो राहु का जुदा फल नहीं हुआ करता | या राहु नदारद (न ही हो या सिफर) होगा | या हाथी महावत समेत पूरी सवारी होगा | अब राहु शरारत नहीं कर सकता |
नेक हालत में
दोनों ऐसे घरो में जहाँ राहु उच्च हो (3,6) या राहु का असर दूसरे आम साधारण असूलों दृष्टि वगैरा के ढंग पर दुसरे ग्रहो की मदद वगैरा हो जाने से उत्तम हो रहा हो तो राजा के हाथी की सवारी या वह शख्स खुद मानिंद राजा होगा |
जिस जगह चूल्हा हो और जहाँ खाना पकाया जाए, वही पर खाना खाया जाए तो राहु शरारत न कर पाएगा |
राहु चुपचाप नेक हाथी जो केतु का असर देगा |
मंदी हालत में
दोनों ऐसे घरो में हो जहाँ दोनों में से किसी एक का असर आम हालत में मंदा या बर्बाद हो रहा हो तो जिस्म पर लहसुन का निशान, राजा का बिना महावत बिगड़ा हुआ या मंदा हाथी होगा जो अपनी ही फ़ौज को मारता होगा |
उपाय
वही जो ऊपर लिखा है
खाना नंबर 10
पेशाब, औलाद या केतु की मंदी हालत होगी | उपाय के तौर पर मिटटी का बर्तन राहु की आशिया (जौ वगैरा) से भर कर बहाना मददगार होगा | (जब केतु 4 और सूर्य 6 में हो)
बाकी घर अपना अपना फल होगा |
S Kuber RA
Jyotish Acharaya
Vedic & Lal Kitab Astrology
Lal Kitab Vastu Consultant
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