लाल किताब
मंगल और शनि
साथ गुरु से तीनो मंदे, चोर साधू मरवाता हो |
बाप-दादा का सब कुछ छोड़े, मुआवन उम्र धन रेखा हो |
गुरु घरो फल हर दो उम्दा, सुखिया गृहस्थी होता हो |
लाल हीरा न पहनते उम्दा, कर्जा बीमारी देता जो |
डॉक्टर, डाकू, फौजी, नारियल, बादाम, छुआरा
मंगल शनि मुश्तरका के वक्त राहु अमूमन उच्च असर का होगा ख़्वाह कहीं और कैसा भी बैठा हो
मंगल शनि किस घर में बैठ कर किस ग्रह का असर देंगे
खाना नंबर किस ग्रह का असर देंगे निशानी
1 मंगल राजदरबार का ताल्लुक
2 शुक्र ससुराल या अपनी शादी
3 बुध शादी लड़की ऋतुवान
4 चंद्र जमीन खेती, घोड़ी बच्चा देवे
5 सूर्य पैदाइश औलाद
6 केतु कुत्तिया बच्चा देवे, छिपकली जिस्म पर चढ़े
7 शुक्र स्त्री भोग
8 मंगल बद मौत फंदे
9 गुरू यज्ञ पितृ
10 शनि मकान में दिन में साँप आए
11 गुरु बाप-दादा का माल छोड़े
12 गुरु खानदानी यज्ञ होवे
दोनों ग्रह 40 साल तक मुश्तरका होंगे |
मुश्तरका मिलावट में मंगल 3 तो शनि 4 होगा |
मुश्तरका मिलावट में अगर मंगल बद हो तो मंगल का 1/3 हिस्सा शामिल होगा |
मुश्तरका मिलावट में अगर मंगल नेक हो तो शनि की बुराई और मंदा असर सिर्फ 1/3 हिस्सा होगा | दोनों की अच्छी या बुरी बुनियाद राहु पर होगी | यानि राहु उम्दा हो तो दोनों का फल उम्दा होगा | अगर राहु मंदा हो तो दोनों की जड़ में कड़वा धुआँ होगा |
मंगल नेक और शनि मुश्तरका दयालु शिवजी और विष्णु जी होंगे | उच्च राहु का असर होगा | जो झगडे-फसाद में फ़तेह का मालिक होगा | मंगल बद और शनि मुश्तरका काग रेखा जो राहु की बुरी नियत का असर देगी | मंगल खुद तो बुध की तरह सिफर होगा | मगर शनि को अपनी तमाम ताकत देकर शनि की ताकत को दुगना कर देगा |
नेक हालत में
दो डाकू एक ही असूल के इकट्ठे मिले हुओं की तरह बुढ़ापे में छुपते हुए सूर्य की तरह किस्मत की उम्दा शान देगी | (हाथ पर कमान का निशान), दिलावर, बहादुर, उम्दा सेहत, जिस्मानी ताकत उत्तम का मालिक होगा | दूसरे मर्दो पर खोफनायक मौत की तरह छाया करने वाला होगा | दूसरे भाईओं (अपने बड़े भाई मंगल के मुतल्ल्का रिश्तेदार) की किस्मत का हिस्सा भी उसे ही मिल जाएगा या वो बेचारे मंगल के दूसरे दौरा में सिफर ही हो जाएँ तो मुमकिन | साँप शनि और शेर मंगल की मुश्तरका तबियत का मालिक | आजिज (विनम्र, दीन) को माफ़ और जालिम को कत्ल कर के छोड़ेगा |
धन-दौलत की ज्यादती की वजह से उसका घर डाका डालने के काबिल होगा | याँ वहां डाके के वारदात होंगे |
खाना नंबर 1
औरत कबूतरबाजी मंदी, खून मंदा खुद होता हो |
माया दौलत ससुराल की बढ़ती, सफर ताल्लुक उम्दा हो |
जिस दिन ऐसा शख्स राजदरबार का काम शुरू करे दोनों ग्रहो का नेक फल जारी होगा | {बजरिया (के द्वारा) मंगल} ससुराल खानदान हर हालत में मालामाल ही होता होगा | और खुद टेवे वाले की उम्र कभी हार न देगी | सफर के काम से ताल्लुक रखना हर तरह से बचाव देता रहेगा |
खाना नंबर 2
जिस दिन शादी हो या ससुराल ताल्लुक पैदा हो जाए, गुरु भी उत्तम फल देगा | खुद अपनी भी दौलत बढ़ेगी | ससुराल के धन की लहर मुबारिक होगी | शुक्र के द्वारा वो अमीर होंगे | और उनसे जायदाद और धन भी मिले | ससुराल वाले कभी लावल्द न होंगे |
खाना नंबर 3
जायदाद ज्यादा होवे | कमान का मालिक |
खुद बहादुर दिलावर होगा | बजरिया (के द्वारा) बुध, लड़की की शादी या लड़की के ऋतुवान (महावारी शुरू) होने के दिन से दोनों ही ग्रहो का उत्तम फल होगा |
खाना नंबर 4
दोनों ग्रहो का बजरिया चंद्र यानि जिस दिन चंद्र की आशिया खेती की जमीन आवे या घोड़ी मादा बच्चा देवे, नेक फल जारी होगा | वरना दोनों का वही फल जो चंद्र-मंगल नंबर 10 में लिखा है |
खाना नंबर 5,6,8,9
पांच जहर शनि मद्धम होती, याद नेकी न 6 की हो |
मंगल बदी घर कब्रिस्तानी, काग रेखा बुध 9 की हो |
दोनों 5 में हो तो जब ऐसे व्यक्ति के यहाँ नर संतान पैदा हो, किस्मत बजरिया सूर्य जागेगी |
दोनों 6 में हो तो केतु के जरिए, कुत्तिया घर में या घर के सामने मैदान में बच्चे देवे, या छिपकली पाँव की तरफ से जिस्म पर चढ़ जाए तो किस्मत जागने की निशानी होगा |
खाना नंबर 7
शुक्र के द्वारा, स्त्री (अपनी) से भोग के द्वारा किस्मत जागेगी | दौलतमंद, औलाद और सांसारिक, स्त्री सुख होगा | रिश्तेदारों और अपना कबीला को तारने वाला होगा |
खाना नंबर 9
गुरु के द्वारा, जब बुजुर्गो से मुतल्ल्का कोई लम्बा-चौड़ा यज्ञ मेले जैसा वगैरा हो तो किस्मत जागेगी | शाही जंगी धन और शाही परवरिश का साथ होगा 60 साल उम्दा रहे और आगे बढ़ता जाए | (जब तक बुध का ताल्लुक न हो)
खाना नंबर 10
पोते-पड़पोते हरदम बढ़ते, पाप टेवे जब उम्दा हो |
4 चंद्र चाहे शत्रु बैठे, दूध बगीचे भरता हो |
बजरिया शनि (दिन के वक्त, रात को नहीं) घर में सांप निकल आए मगर मारा न जाए क्योंकि सांप सिर्फ किस्मत के जाग उठने की खबर देने को आया करता है, डंक नहीं मारा करता | किस्मत जाग उठेगी | ऐसा शख्स मालदार , बाल-बच्चेवाला बल्कि पोते-पड़पोते वाला होगा | अगर राहु-केतु अच्छे घरो में हो और निकम्मे बर्बाद न हो रहे हो | लेकिन अगर राहु-केतु मंदे या बर्बाद हो तो मंगल और बुध का नेक असर राहु की तमाम (42) साल के बाद पैदा होगा | नेक हालत में हुक्मरान जायदाद वाला मानिंद राजा होगा जब तक कोई और ग्रह खाना नंबर 3,4 में न हो और न ही खाना नंबर 1,8 में मंगल के दुश्मन ग्रह (बुध-केतु) हो | अगर 3-4 या 1-8 में मंगल-शनि के दुश्मन ग्रह हो तो ऐसा दुश्मन ग्रह खुद ही मारा जाएगा और बर्बाद होगा | मंगल-शनि की ताकत कम न होगी | इसकी औरत नेक किस्मत वाली होगी जो शादी होते ही किस्मत को जगा देगी | या और कोई ताल्लुकदार होगा जिसके साथ मिलते ही किस्मत ही जाग पड़ेगी | संक्षेप में कहे तो शनि का कभी बुरा असर न होगा | बल्कि शनि नेक असर ही होगा | अर्थार्त शनि की पैदा करदा बीमारियां मौते, या दूसरी उदासी और तबाही कभी खानदान में न होगा | कबीले वाले खुद ही बाहम रगड़ा-झगड़ा करे तो मुमकिन मगर कुदरत की तरफ से कोई खास मुसीबत न होगी | दूसरे आदमियों पर मौत की तरह छाया रहेगा | और चीते की तरह पीछे-पीछे चलता होगा | लेकिन अगर कभी मुकाबला हो पड़े या सताया जाए तो बेशक हमला कर देगा | चार कोना मकान निहायत उत्तम फल देगा |
पानी के बजाए दूध सा पला हुआ वृक्ष की तरह की किस्मत का मालिक होगा | सरकार से ख़ास नफा पाए | सरकारी नौकरी जरूर पाए | मंगल का नेक धन बढ़ता जाए | (जब चंद्र नंबर 4 में हो)
खाना नंबर 12
असर दोनों दे अपना-अपना, नेक भला और उम्दा जो |
राहु बुरा न टेवे होगा, न ही केतु-बुध मंदा हो |
दोनों ही ग्रहो का उम्दा और उत्तम असर होगा | बुध, राहु, केतु भला असर ही देंगे |
मंदी हालत में
धन-दौलत और परिवार दोनों उजड़े | जहमत और बीमारी आम होगी | बीमारी जब कभी होगी सख्त होगी | और ऐसा मालूम होगा कि अब मरा कि अब मरा लेकिन उम्र लम्बी होगी जो 90 साल से कम न होगी | डाका पड़ने का डर, सिर्फ ऐतबारी ढंग पर साहूकारा या दुनियावी लेन-देन करने से ऐसे शख्स का रूपए-पैसे का मोटा नुक्सान होगा |
उपाय
लेन-देन के ताल्लुक में किसी को भी रकम देवे तो उससे तहरीर (लिखाई) पर्चा जरूर करा लेवे | रकम वापसी वसूली पर बेशक जो चाहे छोड़ दे | मंदी सेहत के ताल्लुक में मंगल बद और मंदे शनि के हालो में दिया उपाय मददगार होगा |
घोड़ी जब बच्चा देवे तो उसका पहली दफा का दूध जो उसके (घोड़ी के) बच्चे ने पीना शुरू न किया हो, निकाल कर शीशे के बर्तन में कायम रखे तो धन-दौलत की बरकत होगी और डाका के वाक्यात या गैबी धोखेबाजी से बचाव होता रहेगा | मगर फिर भी बचकर ही चलना अक्लमंदी होगी |
खाना नंबर 1
जब टेवे में बुध मंदा हो तो काग रेखा का फल होगा जो शनि की मियाद (36 या 39) तक रिश्तेदारों और खुद टेवे वाले का अपना सब कुछ (धन, दौलत, मर्द, औरत) उड़ा दे या उजाड़ दे | शनि का बुरा असर होता ही रहे | खून से सम्बंधित बीमारियां तंग करे | औरत की इश्कबाजी खराबी का बहाना होगी | या स्याह रंग वाली शनि की गोल गहरी या साँप की आँखों से मिलती हुई आँखों की औरत की मार्फ़त सब माया दौलत बर्बाद होती रहे या वो किसी न किसी तरह ख़्वाह ख़ुफ़िया ख़्वाह जाहिरा बर्बाद करती रहे |
भूरी आँख वाली औरत मददगार होगी |
औरत जात ख़्वाह अपनी ख़्वाह पराई माशूका या बेवा अपनी खूबसूरती या निर्धनी और अबलापन की वजह से ऐसे टेवे वाले की साथिन हो ही जाया करती है मगर नतीजा मंदा ही हुआ करता है | इस लिए चंद्र का उपाय, माता का हुक्म या दुनियावी (ख़्वाह माता ख़्वाह दुनिया के दूसरे) लोगो का सलाह मशविरा मददगार होगा |
खाना नंबर 2
रात या पक्की शाम के वक्त धर्मस्थान में माता या ससुर के साथ जाना अचानक हादसा या बेहद नुक्सान का बहाना खड़ा कर देगा | मगर दिन के वक्त कोई वहम नहीं | (जब चंद्र-राहु 12 में हो)
खाना नंबर 3
अपने ही भाई-बंधू मुखालफत करे | औरत के भाई-बंधुओं से जहर के वाक्यात हो | गृहस्थ बर्बाद | धन गुम | चाचा (शनि) या छोटा भाई ( मंगल के साथ शनि) बाल-बच्चो अल-औलाद से दुखिया या लावल्द भी हो सकता है |
खाना नंबर 4
मंदी हालत में दोनों का जुदा-जुदा फल होगा, मौत तक बुरी हालत और हादसा गिनते है |
खाना नंबर 5
दूसरी नर औलाद (केतु) का फल 42 साल उम्र के बाद नसीब होगा | (जब केतु नंबर 1 में हो)
खाना नंबर 6
नेकी फरामोश, खुदगर्ज इंसान होगा | पेट में तकलीफ जिसके लिए धर्म स्थान में मंगल की आशिया (मीठा या खाने-पीने की मीठी चीजे) देने से मदद होगी |
खाना नंबर 7
बुढ़ापे में नजर बिनाई हल्की से मंदी होने की निशानी है मगर अँधा न होगा | चिरायता (कड़वे स्वादवाला एक छोटा पौधा जो दवा के काम आता है) के इस्तेमाल से दिमागी खरीबियों में मदद मिलेगी |
खाना नंबर 8
दोनों ग्रह मारक स्थान, मुर्दाघाट, मंदा चूल्हा, या मंदी आग जलाने के मालिक होंगे | तीन कोना या बाकी सिफर बचने वाले मकान की किस्मत का हाल होगा | मौते, मातम, तमाम बदियां, तकलीफे दरपेश (उपस्थित, सामने आना) होगी | शमशान के अंदर के कुआँ का पानी अपने घर में कायम करना मददगार होगा |
खाना नंबर 9
जब बुध का साथ या ताल्लुक हो तो मंदी काग रेखा होगी | (मंदा जमाना)
खाना नंबर 11
चोर ठगी हो गुरु का पेशा, असर मंदे सब देता हो |
माकूल (उचित) कमाई कर्जा होगा, वरना पिता खुद जलता हो |
खाना नंबर 11 दरअसल गुरु का है जिसमे शनि भी हिस्सेदार है | और खुद मंगल का शेर भी गुरु की जंजीर में जकड़ा हुआ होता है | माकूल आमदन होते हुए भी करजाई होगा | बाप की चीजों के एवज में तमाम खुद पैदा करदा चीजे कायम होने से गुरु के द्वारा किस्मत जागेगी | चोरो को फ़साने वाला धर्मात्मा साधु की तरह गुरु अब दोनों ही ग्रहो (शनि-मंगल) का फल बर्बाद करता जाएगा |
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