Sunday, 3 February 2019

लाल किताब उदहारण टेवे

लाल किताब 

उदहारण टेवा 1 

मंगल के साथ बैठा हुआ राहु चुप ही रहता है | खाना नंबर 1 के असर के लिए मंगल का असर नेक ही होगा | मंगल देखता है राहु को 100 % दृष्टि से इसलिए मंगल के जोर से राहु जो चुप ही रहेगा मगर मंगल से दूर बैठा होने की वजह से जरूर बुरा असर ही अंदरूनी तौर पर करता जाएगा | और मंगल के असर के तमाम अरसा यानि 28 साल तक स्त्री नजर व स्त्री सुख पर जरूर बुरा असर करेगा | मंगल के असर के अरसा के बाद 14 साल तक (यानि 28 से 42) राहु व मंगल इक्क्ठा असर करने लगेंगे | उसके बाद राहु अकेला ही होगा | मगर शुक्र और बुध के मुश्तरका घर नंबर 7 और सूर्य का घर नंबर 1 पर अकेले राहु का असर होगा | मगर वही तीनो ही इक्क्ठे उठकर खाना नंबर 12 में बैठे हुए है यानि राहु एक तरफ शुक्र के घर मेहमान बनकर बैठा है और शुक्र अपने दोस्त बुध के साथ सूर्य के हमराह, राहु के घर चला गया है | इसलिए न राहु शुक्र का कुछ बिगाड़ सकता है और न ही शुक्र राहु का नुक्सान कर सकता है | सिर्फ एक दूसरे के घरो की इमारत ख़राब कर सकते है |

खाना नंबर 2,12 आपस में 25 फीसदी की दृष्टि रखते है | चंद्र नंबर 2 में उच्च होता है | सूर्य और बुध बाहम दोस्त है | मगर सूर्य और शुक्र बाहम दुश्मन है | और दूर बैठा चंद्र शुक्र और बुध दोनों से दुश्मनी करने वाला है | इस तरह पर सूर्य और चंद्र दोनों शुक्र का फल ख़राब कर लेंगे और बुध का फल चंद्र से ख़राब होगा | मगर चंद्र-सूर्य का फल उत्तम होगा | सूर्य के साथ बैठा बुध अपनी आधी उम्र तक चुप रहता है और बाद में 17 साल अकेला फल नेक देता है |

खाना नंबर 10 शनि और गुरु इक्क्ठे है | इस हालत में दोनों का अपना अपना पर शनि का फल खराब होगा | गुरु भी दुश्मन या पापी ग्रह के साथ बैठ कर अपना निस्फ़ अरसा यानी 8 साल जरूर नेक असर देता है | इन ग्रहो का सम्बन्ध पिता से है |

खाना नंबर 3 केतु मंगल के घर पड़ा है जो मंगल का दुश्मन है | लेकिन मंगल अपने घर से उठ कर सूर्य के घर खाना नंबर 1 में चला गया है | मंगल के साथ सूर्य हो तो मंगल का फल हमेशा नेक होता है और सूर्य भी मंगल के साथ उच्च फल का होता है |

हर ग्रह का प्रभाव निम्नलिखित होगा

गुरु : इस ग्रह की मियाद कुल 16 साल होती है | जिसमे से पहले 8 साल का अरसा हमेशा नेक होता है इसलिए पहले 8 साल के बाद गुरु का फल शनि खराब कर देगा | क्योंकि गुरु किसी से दुश्मनी नहीं करता | मगर पापी ग्रह बुरा असर कर दिया करते है लेकिन वह भी उस वक्त जब वह गुरु के घर या नंबर 2 पर आ जावे | लेकिन जब गुरु पापी के घर पर जावे तो तो गुरु तो अपना फल नेक रखेगा मगर पापी ग्रह या वह ग्रह जिसके घर गुरु बैठा हो अपना फल जैसा चाहे देवे | क्योंकि शनि अपने घर नंबर 10 में बैठा है और गुरु उसके घर आया है इसलिए गुरु तो अपना सारा ही अरसा नेक फल रखेगा | और शनि बुरा फल देगा जो गुरु के असर के बाद शुरू हो सकता है | यानि गुरु के 16 साल के बाद 36 साल शनि की कुल मियाद में से बाकी 20 साल शनि अकेला असर कर सकता है |


हर ग्रह अपने वक्त के निस्फ़ और चौथाई में असर जाहिर कर दिया करता है | इस तरह पर शनि शनि अपने 36 साल के निस्फ़ 18 साल में अपना बुरा असर जाहिर करेगा जब की गुरु पहले की ख़त्म हो चुका है | शनि का गुरु के साथ बुरा असर तब ही हो सकता है जबकि गुरु उसके साथ चल रहा हो | औरु गुरु था 16 साल तक इसलिए शनि शनि का बुरा असर गुरु के पहले आठ साल के बाद 16 साल तक ही हो सकता है |

सूर्य : इस ग्रह का अपना तमाम अरसा तो अपनी जान के लिए उत्तम ही होगा | लेकिन सूर्य अपने साथी शुक्र के फल का तमाम अरसा खराब या नीच ही करेगा | और चंद्र भी 25 फीसदी अपना बुरा असर शुक्र पर करता रहेगा | मगर सूर्य को चंद्र, 25 फीसदी मदद देगा |

चंद्र : चंद्र से कोई दुश्मनी नहीं करता | यह खुद ही दुसरो से दुश्मनी करे तो बेशक करे | इसलिए चंद्र का अपना फल तो गुरु के घर में बैठे हुए उच्च होगा | मगर बुध और शुक्र दोनों से दुश्मनी करता जाएगा |

शुक्र : सूर्य का अरसा 22 साल होता है और चंद्र का 24 साल | यह दोनों ही शुक्र के दुश्मन है | शुक्र की मियाद 25 साल है | सूर्य और शुक्र इक्क्ठे बैठा होने की वजह से दोनों का फल इक्क्ठे शुरू हुआ | सूर्य की दुश्मनी 22 साल में ख़त्म हुई चंद्र की 25% बुरी नजर भी 24 साल में जाकर हटी  | अब शुक्र का अरसा सिर्फ एक साल बाकी रहा | उधर शुक्र उच्च के घर नंबर 12 में बैठा है | उसका मित्र बुध बेशक उसके साथ है मगर बुध अपने मित्र सूर्य के साथ अपनी निस्फ़ अरसा 17 साल तक चुप है | बुध न शुक से बिगाड़ता है न सूर्य से | 18 साल से शुक्र की मदद शुरू कर सकता है | मगर बुध की मियाद 34 साल से शुरू होती है इसलिए शुक्र का अपना पहला अरसा तो सारे का सारा ही खराब हो गया | बुध की मदद या बुध की उच्च हालत से शुक्र सिर्फ लड़कियाँ ही पैदा करता है इसलिए शुक्र अपने पहले ही दौरे में मदद न दे सकेगा | गो शुक्र और चंद्र की दुश्मनी हुई मगर दूसरे चक्र में शुक्र जो मीन राशि खाना नंबर 12 में उच्च होता है अपने वक्त से उच्च फल होगा |


मंगल नेक

28 साल तक राहु की अंदरूनी पापी चाल के कारण से औलाद, भाई-बंध और नजर पर जरूर बुरा असर होगा | मगर दूसरी बातो में मंगल का नेक असर ही होगा |


बुध       

 इस ग्रह का अरसा 34 साल होता है | यह अपने साथी शुक्र जिसकी मियाद 25 साल है और सूर्य जिसकी मियाद 22 साल है दोनों की मदद करेगा | मगर चंद्र की 25% नजर चंद्र की मियाद 24 साल तक इस ग्रह के अपने असर के लिए बुरी ही होगी | यह चंद्र से दुश्मनी नहीं करेगा |


शनि

गुरु के असर को इस कुंडली के हिसाब से ख़राब करेगा मगर खुद उसके असर में दखल देने के लिए कोई दूसरा ग्रह नंबर 4 में नहीं है |

राहु

यह मस्त हाथी, मंगल (जंगी ग्रह) की तलवार (अंकुश) के रौब से जाहिरा चुप रहेगा | मगर दूर खड़ा होने की वजह से मंगल से दुश्मनी करेगा | मंगल और राहु इक्क्ठे ही बैठे हो तो सर पर तलवार या अंकुश से हाथी चुप ही होगा | मगर जब तलवार या अंकुश हाथी से दूर और उसकी 100% नजर के सामने होवे, मस्त हाथी तलवार को खराब करने की कोशिश करेगा | शुक्र के घर पड़ा होने की वजह से शुके की इमारत को खराब करेगा मगर का कुछ बिगाड़ नहीं सकता जो राहु के घर नंबर 12 में पड़ा है |


केतु
  
इस पापी ग्रह से बचने के लिए मंगल अपने घर से पहले ही उठ कर खाना नंबर 1 में चला गया है इसलिए केतु सिर्फ मंगल के मकान को ही खराब कर सकता है | भाई बन्दों को ख़राब नहीं कर सकता | यह ग्रह खाना नंबर 11 को 50 फीसदी नजर से देखता है जो खाली है | इसलिए यह कभी-कभी गुरु के खाना नंबर 11 (किस्मत और लाभ, आय) धब्बा मारता चला जाएगा |  


खाली खाने

खाना नंबर 4 चंद्र का घर है | इस घर को खाना नंबर 10 के ग्रह 100% दृष्टि से देखते है | नंबर 10 का गुरु तो नेक नजर रखेगा | मगर शनि खुद चंद्र के घर की दीवारों पर अपनी स्याही फेर कर चला जाएगा |

खाना नंबर 11 में केतु ही अपनी टांग पसार सकता है |

खाना नंबर 6

नंबर 2 में पड़ा हुआ चंद्र 25% दृष्टि से देखता है | केतु का घर चंद्र के लिए चंद्र ग्रहण होता है | अब चंद्र केतु पर 25% नजर के सबब से 48 साल केतु का अरसा का चौथाई हिस्सा यानि 25%, 12 साल ग्रहण में होगा | चंद्र का ताल्लुक माता या जमीन से है | 

खाना नंबर 5-9 दोनों खाली है | उनका असर औलाद, धर्म-कर्म दूसरे ग्रहो से लेंगे |

खाना नंबर 8 (मौत का घर)

इस घर को नंबर 12 के ग्रह 25% नजर से देखते है | यह घर शनि और मंगल बद का है | इस कुंडली में मंगल बाद तो है ही नहीं | बाकी रहा शनि | खाना नंबर 12 के बुध और शुक्र तो उसके दोस्त है | बाकी रहा सूर्य जिसका दुश्मन शनि है | अब दोनों के बाहमी मुकाबला में सूर्य ताकतवर होगा | इसलिए मौत का साल चंद्र की राशि और मृत्यु का दिन सूर्य का दिन या रविवार का होगा जबकि केतु का वक्त खत्म हो चुका हो |


जिंदगी की हालत

ग्रह कुंडली और जन्म रेखा कुंडली को मिलकर पढ़ने से मालूम हुआ कि ऐसे हालात वाला शख्स जंगी खून और शाही जंगी धन से शहाना (राजसिक) परवरिश और खुद उसी जरिए निर्वाह (पैसा-धेला के लिए कारोबार) से शहाना हालत वाला होगा | जिसे दुनिया में हुकूमत करने का मौका और धन जमा करने का वक्त बहुत मिलेगा | दुनिया के मैदान में चमकीले चाँद की तरह जंगल में मंगल करेगा | इसमें शक नहीं कि अकेले ही (एकाकी) खुद अपनी किस्मत को आप ही रोशन करने वाला होगा | दुश्मन पीठ पीछे दुश्मनी कर सकते है मगर चंद्र उच्च के सामने आकर फ़ौरन ही चुप होंगे | पोशीदा (गुप्त) दुश्मनी करने वाले लोग उसकी तलवार के सामने आकर मस्त हाथी की तरह अंकुश के डर से जमीन पर गिरे हुए पैसा को उठाकर देने का काम करेंगे | दुश्मन दुश्मनी करते जाएंगे पर शख्स कुदरती मदद के सबब से हमेशा ही बचता चला जाएगा | और गैबी ताकत उसका पूरा बचाव करती रहेगी | रंग का सफ़ेद होगा | जिसमे मंगल का सुर्ख रंग चमकता होगा | यानि कुदरती रंग ऐसा होगा जैसे लाल कागज पर चांदी का टुकड़ा रखा हो |

तबियत आदिलाना (निरपक्ष, न्यायशील) और दिल की पूरी शक्ति वाला होगा | अहले कलम (लेखक), तलवार का धनी, जंगी तदबीरों में माहिर, अक्लमंद होगा | जुबान और जिस्म की कभी बीमारी न होगी | मगर 13-14 साल के करीब नजर या आँखों की बीमारी और 28 साल की उम्र के करीब नजर कमजोरी का सबूत देगी | नजर ख़राब न होगी, ऐनक वगैरा का इस्तेमाल राहु की पोशीदा दुश्मनी की निशानी होगी | पापी ग्रह शनि के असर से शराब का इस्तेमाल गुरु के असर में खराबी डालने का सबब होगा | और मंगल के लाल रंग में स्याही की झलक देगा |

कुत्ते का शौक (जो केतु का रंग-बिरंगा मगर सुर्ख रंग निशान उसके जिस्म पर न होंगे) भाइयो से तकलीफ ख़्वाह उनकी बीमारी ख़्वाह माली हालत की कमजोरी ख़्वाह कोई ओर अचानक तकलीफ कुछ भी कहो | भाई बन्दों रिश्तेदारों ताये चाचे औरत जात खानदान यार दोस्तों की मदद औलाद वगैरा खाना नंबर 3 सब असरो में जिसका असर खाना नंबर 11 पर भी 50% हो खराबी का सबब हुआ करेगा | इस ग्रह का अपनी जान पर कभी बुरा असर न होगा | सिर्फ मुतल्लका दुनिया में दुसरो की तरफ का दुःख, उनके लाभ किस्मत और उम्र पर धब्बा देगा | यह ग्रह 48 साल तक असर करता चला जाएगा | इस पापी ग्रह का पाप उसके मुतल्लका साथियो पर भी मार करेगा | मगर राहु से (स्याह रंग या हाथी के रंग से मिलती हुई या नीली चीजे) अंदरूनी तौर पर उसी मंगल के दूसरे असर नजर और निष्पक्ष स्वभाव में जहर का निशान होंगे | शनि जो गुरु के साथ बैठा है, अपनी स्याह रंग चीजों से, पानी की स्याह रंग मछली का जमाना करता होगा यानि बिल्कुल साथ मिली हुई स्याह रंग चीज या काले रंग का आदमी (बिल्कुल साथ ही होगा या अपने घर आएगा) नुक्सान का सबब होगा और सोते का मुँह काला करने का सबब होगा | संक्षेप में सफ़ेद रंग (दही शुक्र का रंग) केतु से बचने के लिए, जो भाई-बन्दों के दुःख हटाएगा | दूध या पानी के सफ़ेद रंग की चीजे खुद अपनी कमाई में बरकत के लिए, चंद्र और गुरु के घर का असर दौलत इज्जत खाना नंबर 2 किस्मत, आय और दूसरे शख्सों के लिए खाना नंबर 11 मुबारिक होगा | दाएँ हाथ पर अंगूठी में नीलम (राहु) 42 उम्र तक में पोशीदा दुश्मनी से बचाएगा | शराब और आँख की होशियारी और दुष्ट भाग्यवानी से दूर रहने से गुरु का उत्तम फल होगा | मंगल नेक का उत्तम फल गंदमी रंग की चीजे, जो सूर्य का रंग है, पैदा करेगी | सूर्य की उपासना (या दोस्ती से) राजदरबार में उत्तम फल देगी | और सूर्य जो शुक्र को नीच करता है, तमाम गृहस्थ, औरत जात धन-दौलत आराम, बुरी तरफ का खर्चा, गर्जे कि खाना नंबर 12 का उत्तम फल होगा | घर में दूध की मौजूदगी से चंद्र भी शुक्र को माफ़ करता रहेगा | चंद्र उच्च की निशानी मकान के लिए तह जमीन खरीदने के दिन से होगी जिससे मालूम होगा कि चंद्र अब शुक्र से दुश्मनी न करेगा | बुध से चंद्र ने दुश्मनी छोड़ने का जमाना 34 साल उम्र से पूरी तसल्ली का होगा | बुध वैसे तो 24 साल से अपने आप चंद्र से बचा लेगा मगर 34 में वह अपना (बुध) पूरा नेक असर देगा | शनि 36 साल के बाद यानि 37 से नेक असर देगा | वैसे तो वह 16 साल के बाद गुरु को माफ़ कर चुका है | इस कुंडली में शुक्र दूसरी दफा, चंद्र, सूर्य मंगल  उत्तम है (दौलत का सुख व खर्च) | बुध तिजारत (व्यापार) का नाश करता है क्योंकि नंबर 12 में है |  इस ग्रह का उपाय, दुर्गा पाठ, तोते को चूरी, सफ़ेद कबूतर को मूंग, बुध के दिन देना मुबारिक होगा | और जाया जाने वाली दौलत शुक्र के काम आएगी | 34 साल के बाद बुध-सूर्य का उत्तम उत्तम फल शुरू होगा | 36 के बाद शनि भी मदद देगा | 42 साल बाद राहु भी मदद करेगा | 48 के बाद केतु भी शुभ करेगा |

शुक जब उच्च हो तो अपनी मियाद 25 साल के बजाए 34 साल निहायत उत्तम फल देगा | लड़का पैदा होने के दिन से सूर्य दुनिया में रोशन होगा | दरअसल सूर्य का वक्त बच्चे के माता के पेट में आने के दिन से गिना है और 22 साल तक रोशन रहेगा | तेह जमीन की खरीदारी के दिन से चंद्र उच्च 24 साल तक रहेगा | मकान बनाने के दिन से 36 साल तक शनि का उत्तम फल साथ होगा | घर में स्याह रंग कुत्ते की मौत या कोई काली चीज गुम होने के दिन से 42-43 से राहु उत्तम होगा | और इसी तरह दो रंगी चीज रंग बिरंगा कुत्ता जिसमे लाल रंग न हो, वगैरा के चले जाने से केतु 48-49 साल से उतने ही साल उत्तम होगा | 

कमाई में हराम का पैसा-धेला न होगा | सादा, साधुपन,. साधुसेवा, मुंसिफाना (इन्साफ प्रिय) तबियत से किए हुए काम, सफेदपोशी, बुजुर्गो की सेवा, इतवार या सोमवार को शुरू किए काम खुद अपनी जात के लिए निहायत ही मुबारिक होंगे और सूर्य के जरिए (गंदम रंग) से हर तरह की शांति नसीब होगी |


मोटी-मोटी बाते

बचपन निहायत उम्दा था | जवानी 34 में आराम देगी | बुढ़ापा तसल्लीबक्श होगा |

13, 14 साल के करीब माता का सुख नाश होगा |

15,16 साल के करीब पिता का सुख नाश होगा |

माता-पिता उसकी स्त्री का सुख न देख सकेंगे |

18 साल के करीब मुलाजमत शुरू करे |

21 साल के करीब शादी हो | 28 साल तक स्त्री का सुख और औलाद के कोई मायने न होंगे | सब कारवाई फिजूल होगी |

24-26 के करीब पैदाशुदा लड़की बुध-सूर्य का उत्तम फल देगा (तरक्की) | 30-31 के करीब की औरत शुक्र उच्च का फल देगी (दूसरी शादी) |

37- 39 के करीब का मकान शनि उच्च का फल देगा | तरक्की होगी |

33 में बिल्कुल बनने के लिए तैयार मगर बंद हुआ और उसी दिन से 49 साल तक सूर्य राजदरबार से ताल्लुक होगा | 51 साल की उम्र के करीब लड़का मुलाजिम होगा | उसके बाद संन्यास या परोपकार का ताल्लुक होगा | कुल उम्र 93 साल होगी |    


विभिन्न बाते

जिस साल की महीने की आय देखनी हो उस साल तक उम्र में से मुलाजमत शुरू करने का अरसा यानि 18 साल घटाए | बाकि को 7.5 से गुणा करे | जवाब औसत आमदन माहवार होगा | 37 साल उम्र में 18 घटाए तो 19 साल को 7.5 से गुणा दी तो 142.5 या 140 से 145 के करीब मासिक आय होगी | यही असूल मंगल का सारा अरसा 28 साल तक होगा | यानि 210 महावार तक का होगा | 34 साल पहले की उम्र तक सिर्फ माया का राखा होगा | यानि जो कमाया दुसरो पर लगाया या किसी दूसरी तरफ लग गया | 34 से 42 तक आमदन माकूल होगी मगर मकान ब्याह शादी वगैरा में गृहस्थ के नेक कामो में लगेगी | 43 से 51 तक उतना ही फिर जमा हो जाएगा जितना पहले खर्च किया था | कर्जा कभी न होगा | बवक्त जरूरत 3 रूपए की जरूरत पर दो रूपए हाजिर होंगे | इस शर्त का आमदन से कोई ताल्लुक नहीं |

औलाद

कुल 4 लड़के और 2 लड़कियाँ आखिर दम कायम होंगे | औलाद नेक होगी और सुख देने वाली होगी | पहली औरत की लड़की और दूसरी औरत का लड़का किस्मत के खास मददगार होंगे |

सफर

चंद्र-सूर्य के ताल्लुक से सफर तो जरूर है मगर दूसरे मुल्क का न होगा | सफर का नतीजा हमेशा नेक होगा |

भाई-बंधू

भाई 42 साल से उम्दा हालत में होंगे | मगर भाई से कोई ऐसा फायदा न होगा | मगर भाई को जरूर फायदा होता रहेगा | मादा के लिए तो सब जाहिरा होंगे मगर दरअसल मदद सिर्फ अपनी जान के लिए ही होगी | न ताया, न चाचा न मामू न ससुराल सिर्फ खुद ही अपना आप मिया फजले इलाही यानि मालिक का भरोसा होगा |


खर्च-बचत

खर्च गिन नहीं सकता | रूपए से 11 आने खर्च और 5 आने बचत | खर्च बड़ा है मगर उसे घटा नहीं सकता | अगर खर्च घटाए तो आमदन घट जाए | लड़कियों की किस्मत के लिए अगर खर्च बढे तो आमदन खुद ब खुद बढ़ेगी | अपने लिए अपने पेट की बचत बेशक करे मगर दुसरो के लिए सेवा भाव के तौर पर खर्चा ज्यादा हो जावे और खुद करे | दुसरो को दिया पैसा जरूर वापिस आए | साहूकारा उम्दा मगर खैरातखाना यानि बिना सूद रकम कभी वापिस न हो |


ख़ुशी-गमी

32 गमी तो 43 ख़ुशी होगी, आंकड़े के हिसाब से


स्त्री का साथ

28 के बाद की औरत अपनी उम्र से कम से कम 59, 60 साल साथ निभाए |


कर्म-धर्म

मंगल अपने घर में है इसलिए धर्म की खिलाफ हो नहीं सकता | टेवे वाले की इज्जत और कद्र तो है ही  कीमती लाल की तरह से चमकने पर वरना मंगल बद ही होगा | इसलिए वह धर्म-कर्म का देवता होगा | जो साधारण कहे खाली न जाए | जरूर सच होगा |

वह शख्स कामदेव से दूर और जहनी लियाकत का मालिक होगा और अपने यौन (नफ़स) पर अंकुश रखने वाला होगा | नेक काम के लिए उसकी ताकत 3 तो बदी में 2 होगी यानि नेकी तरफ ज्यादा होगा | उसका दोस्त वही हो सकता है या वही उससे फायदा उठा सकता है जो अंदर-बाहर से साफा दिल हो | चालाक की चालाकी फ़ौरन ताड़ लेगा | या चालाक से जरूर नुक्सान पाएगा और साफा दिल से फायदा होगा |

S Kuber RA
Jyotish Acharaya 
Vedic & Lal Kitab Astrologer 

Lal Kitab Vastu Consultant

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