Thursday, 7 February 2019

लाल किताब उदहारण टेवे

लाल किताब उदहारण टेवे

लाल किताब 

उदहारण टेवा 2 

उदहारण टेवे से पहले ग्रहो की अवधियाँ फिर से देख ले 

गुरु - 16 साल 
सूर्य - 22 साल 
चंद्र - 24 
शुक्र - 25 
मंगल - 28 
            31 साल दुसरो की मदद के लिए 
बुध - 34 
शनि - 18 साल माली हालत वाल्देन 
          19 साल शादी 
          27 साल वाल्देनी और अपनी बाहमी माली हालत 
          33 साल तमाम रोजगार या दीगर जायदादी सवाल 
          36 साल शनि की अपनी जाती असर के बातो के फैसले 
          39 साल अपने एजेंटो राहु-केतु की मदद या बरख़िलाफ़ी 
राहु- 42, 
        45 साल से केतु और राहु की मुश्तरका हालात 
केतु - 48 
          49 साल गुरु खड़ा हो जाएगा 


मंगल नंबर 1 

मंगल का ताल्लुक होता है अपने खून से या अपने भाई के खून से और मियाद अमूमन होती है 28 साल | और खाना नंबर 1 की टाँगे होंगी खाना नंबर 11 में और आँखे नंबर 8 में | नंबर 8 खाली है इसलिए आँखे तो उसकी है नहीं | इसलिए इस आदमी की रहनुमाई (मार्गदर्शक) किसी के हाथ में नहीं या खुद ही अपनी आँखों से देखकर चलने वाला और खुद ही अपने लिए सब कुछ करना पड़ेगा | अब रहा टांगो का सवाल या दुसरो की मदद से चलने का ढंग तो इसके लिए अगर किसी इंसान को दो टाँगे मान ली जाए तो इस टेवे की तीन होगी | 

तीन टाँगे : अब तीन टांगो, सूर्य-शनि के इकट्ठे होने से उनके बाहरी झगडे से शुक्र मारा जाएगा | या उसकी औरत सूर्य शनि की उम्रो में बर्बाद होगी (टाँगे भी लड़खड़ा रही है) 
या शुक्र अपनी मियाद में | अब उसकी उम्र है 36 साल, गोया (जैसे, माना) उसकी पहली पत्नी को गुजरे हुए 10 या 12 साल हो गए |    
   
 मंगल मदद करता है अपने खून के रिश्तेदारों को 28 साल उम्र में और दुसरो की मदद है 31 साल उम्र में | 

सूर्य-शनि के इकट्ठे होने से दोनों सिफर हो रहे है इसलिए 28 साल से 31 तक दुसरो की तरफ से कोई मदद न होगी | लेकिन जो शुक्र नष्ट हुआ था 25 में वह मंगल के 31 साला उम्र में बहाल होना चाहिए | या दुसरी शादी हुए पाँच साल हो गए | मंगल मैदाने जंग का मालिक है लेकिन इस टेवे में मंगल की न तो आँखे है और न ही टाँगे इसलिए जंगी बातो का सवाल ही नहीं उठता | 

केतु नंबर 4, राहु-बुध नंबर 10 

नंबर 4 का केतु कुऍं में, न चंद्र अच्छा, न केतु अच्छा | औलाद देरी से होगी | और राहु की मियाद मगर बुध के बाद | अव्वल तो नर औलाद के मुतल्लका कुछ जयादा कह नहीं सकते लेकिन इस वक्त औलाद हो तो छोटा बच्चा 2 या 3 साल का गिना जा सकता है | शाम का सफर और माता की तरफ रवानगी अमूमन मंदी हवा से भरी होगी (गुरु होती है खुली हवा और केतु होती है बंद हवा) 

खाना नंबर 10 के बुध-राहु अमूमन शनि की हैसियत पर चलेंगे | शनि नंबर 11 का धर्मात्मा है मगर सूर्य के टकराव से मारा जा रहा है  या 34 साल उम्र से 36 साल उम्र तक राहु-बुध का जमाना शनि की स्याही या सूर्य की आग, हर एक चीज को राख करता जाएगा | सिर्फ धुआँ (राहु) उठ रहा है, शनि की लकड़ी जल रही है | सूर्य की आग भड़क रही है या 34 से 36 साल उम्र तक ज़माना मंदे धुएँ का जवाब देगा | किसी की अमानत किसी की जमानत, ससुराल से हमदर्दी की उमींद पानी में बुलबुले होंगे | शनि के कारोबार से कुछ न मिलेगा | खास अच्छा जमाना नहीं है |     
  
चंद्र खाना नंबर 5 , नंबर 9 खाली 

चंद्र चलता घर चार ही है | क्योंकि चंद्र-बुध जहरी दुश्मन है इसलिए 4 घर चलने वाले घोड़े की हिम्मत बुध (दिमाग) राहु (ससुर) की ख्याली ताकत चंद्र (दिल) के बरख़िलाफ़ होगी | या ऐसे आदमी की सरदर्दी, दिमाग में तकलीफ 42 साल उम्र तक चलती रहेगी | सरदर्दी से मुराद केवल बेकरारी, उदासी, मायूसी नहीं होगी, बल्कि सिर में बीमारी गिनते है जिससे सिर के अंदर का हिस्सा फटा हुआ या दर्द करता या दुखिया ही माना गया है | 

गुरु नंबर 6, नंबर 12 खाली 

खाली हवा पाताल में चल रही है वह किसी काम की नहीं या सोना, गुरु, पिता तीनो से फायदा न होगा | अगर कुछ हो तो दुःख का कारण हो सकते है | यानि सोने की चीजे गुम होगी, साँस की तकलीफ होगी मगर बगैर दमा की बीमारी के | गोया ऐसा आदमी डर के मारे भागता जाएगा | और साँस आराम से न लेवे | बैठ कर आराम से साँस न मिलेगा | 

खाना नंबर 11 सूर्य-शनि-शुक्र और नंबर 3 खाली 

स्त्री सूर्य के वक्त में या दिन-दिहाड़े आग में जलती हुई मिटटी होगी | मगर रात के वक्त मिटटी की स्याह मूर्त होती हुई भी लक्ष्मी अवतार और दुनिया के आगाज की मालिक होगी यानि बच्चे बनाती जाएगी, जो औरत अपने ऐश में लग जाएगी| जिस वक्त उसको मीठा गुड़ (सूर्य) मिलेगा दुखिया ही होगी, अगर यह नमक खाएगी तो ठीक रहेगी | इससे उसको रूहानी और जिस्मानी आराम होगा | 

खाना नंबर 11 आदमन का घर है जिसमे सूर्य-शनि इकट्ठे है | सूर्य-शनि चलाने के लिए बुध की दरकार है | अब 36 साल की उम्र हो गई है | कारोबार चमड़े के साजो-सामान (शनि) में गुजर रही है | सूर्य-शनि का झगड़ा स्त्री मर चुकी है | आमदन जोड़ घटाव सब बराबर कर ली है | 37 से 39 साल उम्र शनि की धर्म अवस्था अपना जाती फल देने का जमाना है | इसलिए शनि के कारोबार (लोहा, लकड़ी, चमड़ा) हर किस्म की वार्निश, रंग ईट पत्थर सीमेंट वगैरा के कारोबार कारामद (उपयुक्त) होगा | शर्त यह है कि बुध कायम रहे या लड़कियों का आशीर्वाद लेता रहे | 36 साल तक तो शनि का ग्रह सूर्य से चोट खाता गया है | 

36 साल उम्र में जो कुछ बचा होगा उसके मुतल्लका सिफर जवाब होगा | दूसरे आदमी के साथ कारोबार 39 साल उम्र में कर लिया जाए तो कोई नुक्सान न होगा | लेकिन लड़कियों को कुछ देकर उनका आशीर्वाद लेते रहना ठीक होगा | स्त्री के जेवरात 39 साला उम्र ताक गुम हो जाएंगे | बाकी उसकी सरदर्दी तो आगे चलती ही रहेगी जिसकी अवधि 42 साल उम्र तक गिनी जा सकती है | स्त्री की तकलीफ और परेशानी दूर करने के लिए बेहतर यही होगा कि मीठा खाना छोड़ दे खासकर गुड़ | मौजूदा मुलाजमत ठीक रहेगी और जगह कोई बंदिश नहीं जहाँ मर्जी ऐश करे | नतीजा उम्दा ही होगा | 

उदहारण 3 

 उदहारण 4 
 उदहारण 5 


मकान बनाए, औलाद नहीं है शनि नंबर 5 
माता नहीं है चंद्र से 
औलाद नहीं है केतु से 
चंद्र-केतु कट गए इसलिए सिर्फ सूर्य राजदरबार ही रह गया 
गो केतु धर्म स्थान में है लेकिन दबा हुआ है | टेवे वाले को कुत्ते से नफरत है मगर कुत्ता मारे तो टेवे वाले की टांग टूट जाए | 



इस साल कुत्ता लाल रंग का (सूर्य-केतु) रखा है | पूजा पाठ नहीं है क्योंकि राहु नंबर 8 में  है | इसलिए खुद टेवे वाला नंबर 2 धर्म स्थान में सकता या नहीं जाता है | इसलिए राहु नंबर 9 में जावेगा और खाना नंबर 9 का फल धर्महीन करेगा | 40 साला में मुल्की कैदी हुआ शनि नंबर 5 का है मगर साँप बगैर दाँत के शराब नहीं पीता | हालांकि घर में हर वक्त शराब की बोतल बेशुमार रहती है | इसलिए शनि तो औलाद के लिए मंदा नहीं मगर केतु (औलाद) चंद्र (माता) खुद-ब-खुद ही मंदे है | नर औलाद 52 साल उम्र में होगी | हालांकि औरत के 15 साल से कोई बच्चा नहीं हुआ है, मंगल-गुरु के साथ बुध है | 

52 साल उम्र में मंगल-गुरु-बुध खाना नंबर 4 में है, बुध राजयोग है | अगर लड़की का रिश्ता किसी फौजी अफसर के साथ हो जाए तो टेवे वाले की तरक्की भी फौजी महकमे में ही होगी | सूर्य, चंद्र, केतु नंबर 9 है, वह भी उच्च है, बंदरगाह तक जा सकता है और जहाज की सीढ़ी तक भी जा सकता है मगर वहाँ से वापिस आना पड़ेगा | कोई औरत (शुक्र नंबर 3) समुन्द्र पार जाने के लिए कह रही है | औलाद के जिन्दा रखने के वास्ते मंदिर में कुछ बादाम ले जाए और मंदिर में रख कर उसमे से आधे बादाम वापिस घर ले आए और घर में रखे  करने से शनि नंबर 5 जो बच्चे खाने वाला साँप है, कसम हो जाएगी ताकि बच्चे न खा सके | 

टेवे वाले की लड़कियों के टेवे नीचे दिए है जिन से पता चलेगा कि उनका भाई कब पैदा होगा :

     और उदहारण :- 


उदहारण टेवा 1 

सूर्य नंबर 12 और शनि नंबर 2 
अगर औरत शराब पिए तो सूर्य शनि टकरावे 

साधु चोर साँप  
ससुराल जा रहा हो, लोहे का ट्रंक हो, और सोना ट्रंक में हो | और साधु ट्रंक उठावे तो मुश्किल से ही पहुंचेगा | उपाय : 43 दिन मंदिर में बादाम जरूरी | मंगल नंबर 4, मामे की औलाद है | ससुराल के घर पूजा पाठ न करे | ससुराल घर चालाकी से रहे तो ठीक रहे, नहीं तो हर रोज नया जूता मिलेगा | 34 साल उम्र तक बचत सिफर | 

S Kuber RA
Jyotish Acharaya 
Vedic & Lal Kitab Astrologer 

Lal Kitab Vastu Consultant

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