लाल किताब
शुक्र खाना नंबर 10
स्वप्न हूर खुद शनिच्चर, शनि उत्तम तो धर्म मूरत (पुरुष या स्त्री)
सदा फूल औरत जवानी पे मरता |
गवा खाली औलाद पीरी तरसता |
स्त्री जात पर बुरी नजर रखता हो और अमूमन उसके स्वप्न देखेगा जिससे चंद्र और मंगल का फल भी निक्कम्मा होगा |
नेक हालत में
1) जवानी में सदाबहार फूलों की तरह पराई स्त्री से ताल्लुक का बहुत मौका मिलेगा | ऐसा मर्द पराई स्त्री पर और स्त्री पराए मर्द पर नजर रखते होंगे | और अमूमन उसके ख्वाब देखते होंगे जिससे चंद्र और मंगल का फल मंदा ही होगा |
2) शनि साथ या साथी या नंबर 1 में हो तो धर्मी शनि का खानदान (परिवार) पर उत्तम प्रभाव होगा | शनि के स्वाभाव वाला होगा (शैतान, चालाक, होशियार) | हर ग्रह का नेक प्रभाव होगा | शनि के मंदे कामो से दूर रहेगा |
3) जब खाना नंबर 4 खाली हो तो शुक्र अब खुद शनि ही की तरह उम्दा फल देगा |
मिर्जा हल्का, सारंगी भारी | यानि पति बेहद पतला और कमजोर और पत्नी बहुत भारी हो |
स्त्री हो तो ऐसी स्त्री जो किसी दुसरी स्त्री के मर्द को निकाल का ले जाए | पूरी कामदेव से भरी और मद पर आए हुई स्त्री होगी |
4) शनि उत्तम या शनि 9/11 में शत्रु के साथ न हो तो बुध भी उत्तम फल देगा | हादसा कभी न होगा | यानि स्त्री के साथ कहीं मोटर गाडी से जा रहे हो और कुदरत की तरफ से कोई दुर्घटना आने को हो तो जब तक उसकी स्त्री गाडी में बैठी हो, हादसा न होगा | इसी तरह उसके बैठे होने तक, मकान न गिरेगा | मतलब यह है कि स्त्री के रहते शनि के उत्तम फल मिलेंगे | बाग़, बगीचे, मकान आदि उत्तम होंगे | स्त्री की सेहत उत्तम | स्त्री मर्द दोनों धर्म मूरत होंगे | घर के पश्चिमी हिस्सा कच्चा हो या पश्चिमी दिवार कच्ची मिटटी की हो तो धन उत्तम और बुढ़ापे में आराम होगा |
5) अगर खाना नंबर 1/5 में कोई भी ग्रह बैठा हो तो सारी आयु आराम और खासकर जवानी में खूब ऐशो आराम हो यानि शनि के इश्क की हर और सफलता होगी | बुढ़ापा भी शुभ होगा |
6) जब अकेला चंद्र 2-4-7 में हो तो पत्थरी मिटटी (शनि पत्थर के घर शुक्र मिटटी) की उम्दा खांड की तरह का उत्तम फल मिलेगा | सबसे उत्तम असर के और फलते फूलते होंगे |
मंदी हालत में
1) औलाद में विघ्न या न होना या होकर मर जाना | औरत से सम्भोग में हद से ज्यादा रूचि | स्त्री को चाहिए कि वो अपने गुप्तांग को दही से धोए जो संतान में सहायता करेगा | ऐसे व्यक्ति के खून में संतान की पैदाइश के सम्बन्ध में कोई कमी या बीमारी न होगी | अगर होगी तो गुप्तांग की जिल्द में नुक्स हो सकता है |
2) कपिला गाय का दान शनि की मंदी जहर से बचाता होगा | मंदी सेहत के समय गाय का दान करने से ऐसा व्यक्ति एक तरफ का हो जाएगा यानि अगर आयु बची हो तो ठीक हो जाएगा वरना चल बसेगा | सड़ गल कर नहीं मरना पड़ेगा | अमूमन नतीजा शुभ ही होता है | जवानी में इश्क और बुढ़ापे में संतान को रोता रहेगा | पराई स्त्री से कामदेवी सम्बन्ध से 12 साल तक केतु (संतान), मंगल (भाई) और चंद्र (माता, दौलत) बर्बाद होंगे | काली कपिला गाय शनि के मंदे प्रभाव से बचाएगी | शुक्र जब खाना नंबर 1 या 7 में आए या शनि जब अपनी जन्म कुंडली में बैठा होने वाले घर में आए तो हर तरफ से शुभ होगा जब टेवे वाला शनि के मंदे काम न करे |
नंबर 10 का शुक्र नंबर 1 में आएगा
10-22-32-47-58-70-79-96-108-120
नंबर 10 का शुक्र नंबर 7 में आएगा
4-16-33-44-50-66-76-94-98-111
3) जब शत्रु का साथ हो तो मर्द का 12 साल का समय मंदा होगा |
4) शनि मंदा हो तो शुक्र का फल मंदा हो जाएगा | स्त्री अक्ल या आँखों से अंधी होगी और हर तरफ से दुखिया होगी |
5) जब शनि नंबर 5 में जाकर बैठ जाए तो अच्छा न होगा क्योंकि नंबर 5 और 10 के ग्रह आपस में शत्रु हो जाते है चाहे मित्र ही क्यों न हो | इसलिए गाय (शुक्र) को साँप के जहर (शनि) से खतरा या स्त्री (शुक्र) को आँखों (शनि) की तकलीफ होगी | अगर किसी वजह से 10 गऊ बर्बाद हो जाए तो कोई वहम नहीं | इसे शनि ग्रह का जहर का असर माने | उपाय के तौर पर बकरी पालने से गाय और स्त्री का बचाव होगा और शुभ होगा |
S Kuber RA
Jyotish Acharaya
Vedic & Lal Kitab Astrologer
Lal Kitab Vastu Consultant
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