लाल किताब
शुक्र खाना नंबर 11
सुन्दर स्त्री/पुरुष माया के सम्बन्ध में घूमता लट्टू
इश्क औरत लहर न ही इतनी बढ़ती |
चिमट बाद जिसके है जाती नामर्दी
तीन भाई खुद स्त्री होते, भंडारी जगत कुल बनता हो |
साथ माता न बेशक देवे, कन्या स्त्री धन बढ़ता हो |
नेक हालत में
1) बचपन की मोह माया में लगे रहना अमूमन स्वाभाव होगा |
2) सुन्दर स्त्री / मर्द धन का / की भंडारी अमीर माल वाला या फिर हिजड़ा, शुक्र या जिल्द की बीमारियाँ |
3) सांसारिक कामो में लगे हुए अपने कामदेव की शक्ति ही भूल बैठे | मिटटी की मासूम स्त्री इसलिए नहीं कि उसका खून खानदानी है मगर इसलिए कि उसका कोई दूसरा ग्राहक नहीं है | क्योंकि अपनी ही नजाकत (कोमलता) वह सब से बढ़ रही है | कुछ ऐसे भी हालात है कि कोई दूसरा उसका कुछ बना नहीं सकता या यूँ कहे कि वह कुऍं में गिरी बेशर्म की तरह हँस रही होगी या हंसती नजर आती होगी | मगर उसका दिल, चंद्र का पानी शादी (शुक्र) के दिन से ही जल चुका होगा या जल रहा होगा |
4) जब बुध या चंद्र कायम हो तो छुपे (ख़ुफ़िया) काम करने का आदी होगा | हर दम स्वाभाव बदल लेने वाला होगा मगर धन से खाली न होगा | मौत सिर काटने से होगी और 12 साल खूब धन आए नहीं तो हिजड़ा होगा | 5 लड़कियों की शादी की बराबर धन कायम होगा चाहे शादी कोई भी न की जाए या की हो |
5) जब राहु नंबर 12 में हो तो लड़कियों के साथ से ही धन की ज्यादती होगी |
मंदी हालत में
1) हर काम परदे में करने वाला | दिखावे में भोला भाला मगर अंदर से हजरत | हर दम स्वाभाव बदलने की आदत कोई अच्छी बात न होगी | चाहे दिमाग की कमजोरी कहो चाहे शनि की चालाकी | अमूमन मौत सिर कटने से होगी | स्त्री अब घर की खजांची अशुभ होगी | कपिला गाय शनि के बुरे प्रभाव से बचाएगी |
2) बुध नंबर 3 या साथ साथी हो तो चाहे धन दौलत मंदा न होगा मगर मर्द की अपनी कुल खानदान घटती जाएगी | लड़कियाँ घर का धन बर्बाद करेंगी | बुध और पापी ग्रहों का मंदा फल होगा | और शुक्र का कोई ऐतबार न होगा
3) जब खाना नंबर 3 खाली हो :
मंगल की सहायता : दृष्टि से, साथ या साथी या किसी तरह भी | या फिर मंगल का उपाय या स्त्री के भाइयों की सहायता शुक्र को मंदे जहर से बचाएगी | यानि धन भी होगा और परिवार भी होगा | शादी के तीन साल बाद बर्बादी होने लगेगी और नामर्दी तक हो सकती है | हाथ से वीर्यपात, एहतलाम (स्वपन दोष) की अधिकता, या गुप्त अंग बिलकुल व्यर्थ | वीर्यपात या पेशाब की बिमारियों से बिगड़ी हालत के समय शनि (लोहे का कुश्ता या किसी और तरह या मछली का तेल) या चंद्र (चाँदी का कुश्ता या किसी और तरह दूध की चीजे) इस मर्ज की दवाइयों के साथ मिलाकर 40/43 दिन तक ऐसी ढंग पर प्रयोग करे कि फ़ौरन जोश भड़क उठना हो जाए | सोना दवाइयों में मिला भी सहायता कर सकता है जब तक केतु टेवे में निक्क्मा न हो वरना शनि और चंद्र की चीजों ही दवाइयों में सहायता देंगी | दूसरी और नर संतान मरती जाए या कायम न हो सके | शुक्र की विंशोत्तरी 20 साल की महादशा मंदी होगी जिसके लिए बुध की पालना करना सहायक होगा | स्त्री चाहे भाग्य, आय की स्वामी मालूम होती हो मगर वह स्वयं ही तबाही का कारण होगी | मंदे समय तेल (शनि का) दान कल्याण करेगा |
S Kuber RA
Jyotish Acharaya
Vedic & Lal Kitab Astrologer
Lal Kitab Vastu Consultant
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