Saturday, 8 September 2018

लाल किताब बृहस्पति खाना नंबर 10


लाल किताब 

बृहस्पति खाना नंबर 10

पहाड़ी इलाके का गृहस्थी, हर चीज के लिए कलपता दरवेश
लिखा माया दौलत न था विधाता |
बनाएगा क्या तु वह आंसू बहता

1)      नाक साफ़ रखना मदद देगा
2)      शनि नंबर 11, ताम्बा भी सोना विशेषकर जब 2-4-5-6 में सूरज या चन्द्र कायम हो | शनि के काम जब 2-4-5-6 सब खाली तो मंद भाग | नंबर 2 खाली कम धन स्वास्थ्य उत्तम |
3)      शनि नंबर 4-6 में हो तो 18 वर्ष की आयु से पिता का जीवन शक्की हो | चन्द्र नंबर 4 में हो तो माता 16 से 27 वर्ष की आयु में शक्की होगी
4)      गुरु कायम करना, केतु का उपाय चलते पानी में ताम्बे का पैसा बहाना, बहाते रहना सहायक होगा |
5)      जब 4 में शनि, चन्द्र बुध या 5 में सूरज हो तो शुक्र का फल संतान, धन, स्त्री बर्बाद |

नेक हालत

अपने भाग्य का उदय, शारीरिक कार्य (हाथ से करने वाले) से होगा | जिस कदर कर्मी, धर्मी ओर नेकी करने वाला हो उतना ही गरीब, उतना ही दुखिया ओर हर ओर से मायूस फोकी उमींदे | न मिले राम न माया | लालच की मंदी हवा हो तो आराम पाए | परन्तु इश्क बदकारी धोखा ही देगी | धन न होते हुए भी अक्ल का धनी होगा | भाग्य का उच्च या नीच होना और टेवे वाले को माता पिता का सुख शनि की अच्छी या बुरी हालत पर चलेगा |    
जब शनि उत्तम हो, ओर खाना नंबर 2, 6 में सूरज, चन्द्र कायम हो तो गुरु (का मकान* ), सेहन मकान की किसी भी एक तरफ होगा परन्तु बीच में नहीं या धर्म स्थान का साथ नेक शनि का काम देगा |

*लाल किताब में लिखा है हर ग्रह का मकान कैसा होता है | गुरु का मकान – गुरु हवा के रास्तों से संभंधित होगा | मकान का सेहन (आँगन, courtyard) किसी कोने में होगा | चाहे शुरू में, चाहे आखिर में, चाहे दाएं या बाएं मगर बीच में न होगा | मकान का दरवाजा उत्तर – दक्षिण में न होगा | हो सकता है कि पीपल का वृक्ष या कोई धर्म स्थान मंदिर, गुरुद्वारा आदि मकान में या मकान के बिलकुल साथ ही हो | शनि की तबियत यानी चालाकी कामबयाबी का भेद होगी | मामूली मूल्य का लोहा उसके लिए सोने का काम देगा | स्वयं भाग्यवान होगा | शनि के काम उत्तम होंगे | सांसारिक सुख, कार्य, माता पिता का सुख नेक होगा |  
1) मंगल या शुक्र खाना नंबर 4 में हो तो मिटटी भी सोना देगी | अगर इश्क चोरी-छुपे न करे ओर छुपा कर न रखे तो कोई मंदा प्रभाव न होगा | अपनी स्त्रियाँ चाहे 2 या 2 से जयादा ही क्यों न बनाकर रखी गई हो |
2) माता का सुख सागर जैसा शनि वैसा होगा | शनि उत्तम हो तो 33 से 39 साल में भाग्यवान ओर उल्टी हवा के चक्कर में घूमना पड़ेगा |  
3) अगर सूरज नंबर 4 में हो तो गुरु अब नीच का फल न देगा ओर उत्तम हो जाएगा | सोना होगा | जले हुए पत्थर से भी सोना बन जाए |
4) मंगल 4 में हो तो मंगल की चीजे व रिश्तेदार, कार्य, भाई की मदद या उसके शुभ सम्बन्ध रखने से 28 साल की आयु से उत्तम हालत का स्वामी तथा सबके पूजने की जगह होगा |
5) शनि नंबर 2 में हो तो घर घाट में पूरी बरकत | एक्सचेंज है | 
6) सूरज नंबर 3-5 में हो ओर शनि 9 में हो तो सोने चांदी के कार्यों से फायदा मगर शनि के कामो से हानि, आग की मंदी घटनाए हो |
7) सूरज या चन्द्र नंबर 2 में हो तो राजदरबार के कार्यों में घूमना, उनसे मोती पैदा हो ओर नेक हो 
8) सूरज नंबर 4-5 में हो तो टेवे का बुरा असर टेवे वाले के बाप की बजाए बाबा पर मंदा असर होगा |
9) जब बुध उत्तम हो ओर गुरु को बर्बाद न करता हो तो संतान लड़के ही लड़के, ताम्बा सोना हो जाए, खुशहाल होगा, उत्तरदायित्व पूर्ण होगा |   

मंदी हालत में  

1)      ऐसा मनुष्य स्वयं धर्म मर्यादा का स्वामी, मगर निर्धन | ज्यों ज्यों नेकी बढे, निर्धनता बढे | ज़माने के लोग जातक के शुद्ध तेल को पेशाब तक न माने | बचपन ओर बुढ़ापा दोनों मंदे | पिता भी निर्धन होगा | मरते वक्त कोई धन न छोड़ कर मरेगा | यदि कुछ छोड़ कर मरेगा तो उसके परिवार के काम न आएगा | न कभी अच्छी हालत देखने को आएगी | ख्वाब चाहे महलो के पर जागते ही अपनी चारपाई को किसी बीमार पशु के तबेले में ही देखता होगा | आरजू पूरी न होगी | गुरु नंबर 10 में मंदा हो तो गुरु के सोने को कोढ़ होगा, हर तरफ लानत मिले | हर दरवाजे का मंदा मायूस दरवेश (फ़क़ीर, भिखारी) हो |

उपाय:

1)      माथे पर पीले केसर का तिलक लगाना, नाक साफ़ रखना, नाक साफ़ कर के काम शुरू करना सहायक होगा | 
2)      पिता की हालत में सुधार की लिए 40/43 दिन चलते पानी में ताम्बे का सिक्का बहाना सहायक होगा |
3)      जब शनि मंदा हो तो फालतू खर्च बदी का सहायक | जाहिल सांप्रदायिक होगा | हर बात का फैसला उसके उल्ट होगा |
4)      जब शनि 4-10-1 में हो या चन्द्र 4 में हो तो गरीब पर तरस खाकर जब कभी भी अच्छा काम करे, दंड भोगे | अपनी जान पुर दुसरो के जुल्म देखे | यदि किसी को भूल कर भोजन दे तो जहर के इल्जाम में पकड़ा जाए |
5)      केतु जब बर्बाद हो तो सोना राख हो जाए | दिल में भलाई सोचने से सांस में जहर भर जाए | केतु कायम करना या गुरु कायम रखना सहायक होगा |
6)      शनि जब 1-4-10 में हो ओर 2 खाली हो तो सब ओर मंदी हालत | न मान मिले न माल | निर्धनता में कुत्ते की तरह थोड़ी रोटी को भी तरसता रहे |
7)      खाना नंबर 2 खाली हो तो माया कोसो दूर भागे | परन्तु ईश्वर से डरने वाला, स्वास्थ्य अच्छा रहे | माली हालत नाजुक ख़राब हो |
8)      2,4,5,6 सब ही खाली हो तो मंद भाग्य परिवार में अकेला | अपनी मेहनत से काम-काज | अपनी आयु के बराबर (हमउम्र) का कोई भी सहायता न देगा |
9)      सूरज 5 में हो तो स्त्री पर स्त्री मरे या लम्बा साथ न दे, एक बच्चा देकर भाग जाए या जुदा हो जाए |     
10)   बुध नंबर 4,9,10 में हो तो पिता के लिए निर्धनता का अलार्म होगा | टेवे वाले की छोटी आयु में अप्राकृतिक खून के जहर के प्रभाव से मर जाए | धन की हालत जैसे थोथा चना बाजे घना सी होगी यानि खाली घड़ा ओर बाते सोने के घड़ा की | लोग कहे उसके विवाह के लिए लेकिन वो 34 साल आयु अन्दर से खाली ढोल हो जाए | 
उपाय : नाक साफ़ रखना ओर नाक छेदन करना सहायक होगा | 
11)   सूरज 3,5 ओर शनि 9 में हो तो शनि के कार्य या चीजे या सम्बन्धी, शनि के मंदे वाकया आग, जहर, झगडा फसाद आदि के बुरे परिणाम होंगे |
12)   5-4-9 में सूरज, शनि, बुध हो तो स्त्री, लक्ष्मी, संतान, सफ़र सभी मंदे | चोरी हो सकती है |
13)   जब शनि स्वयं गुरु को सहायता दे तो जिसका सम्बन्ध हो उसका भी बेडा गर्क करे | मंदी प्रसिद्धि हो | घर में कुत्ते को रोटी, चींटी को आटा तक न मिले | उसके उल्ट चलने वाला जब भी सामने आए खुद ही फ़ौरन गर्क हो जाए ओर वह (सामने आने वाला) पछताने का भी मौका न पाए |   


S Kuber RA
Vedic & Lal Kitab Astrologer
Lal Kitab Vastu Consultant 

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