लाल किताब
बृहस्पति खाना नंबर 9
सुनहरी खानदान मगर स्वयं धन का त्यागी ओर योगी जिसके धर्म,
मर्यादा ओर बुजुर्गी सदा सहायता पर होगी |
नेक हालत में
अपना भाग्य पुरखों की सहायता या धर्म की सहायता से बढेगा |
प्राण जाए पर वचन न जाए का कायल होगा | वचन से धर्म पालन ओर अगर धर्म – वचन से धन भी
जाए तो भी हारे नहीं | ज्यों ज्यों आयु बढे, ब्रहम ज्ञानी होता जाए | आयु कम से कम
75 साल होगी | जातक के जन्म समय उसके बड़े मालदार होगे ओर जमीन के मालिक होंगे | रुपया
गिनने की बजाय तोलते होंगे | चाहे स्वयं त्यागी होगा ओर योगी भी होगा मगर उसका
श्राप भी शुभ फल ही देगा | उसका सादा फोका पानी भी गंगा जल की तरह होगा | यहाँ लाल
किताब ने गंगा का संधि विच्छेद करा है – गंग का मतलब दरिया ओर आ का मतलब अल-औलाद |
धन दौलत की आमदन व बरकत होगी | माता पिता का सुख होगा | घर वाले (बड़े) रास्ता
दिखाए | हकीमी जानता होगा | चाल चलन उत्तम होगा | शराब न पीता होगा | सर्राफ जोहरी
कमाल का होगा | रूहानी कर्म सदा ऊँचा होगा | धन की हालत 3,5 से पता चलेगी | यदि
दोनों खाली तो मेहनत से अमीर हो जायगा परन्तु सख्त प्रयत्न से सफल होगा |
1) 2,5,9,11
में शत्रु पापी हो कर न हो तो प्रण ओर वचन का पालन करेगा | योग पालन करता हो धर्म
का पक्का हो | योग पालन की अच्छी या बुरी हालत खाना नंबर 12 के ग्रहों पर होगी |
2) बुध
नंबर 4,5 में हो तो राजा होते हुए भी योगी होगा |
3) जब
सूरज कायम हो तो कभी धर्महीन न होगा | यदि होगा तो संसार में न रहेगा | दुनिया में
सफल हो, स्वास्थ्य मिले, चाहे गुरु मंदा भी हो जाए |
4) शनि
5 से देखे तो धन के लिए भाग्य शनि की आयु 33 से 39 या इनकी आधी यानि
16 ½
से 19 ½ से गिनी
जाएगी | धन बहुत पर औलाद के लिए शनि का मंदा फल होगा |
5) शुक्र
ओर चन्द्र दोनों ही खाना नंबर 3,5 से देखे तो कभी शाह कभी मलंग, कभी फ़क़ीर कभी अमीर
ओर कभी गरीबी के समुंद्र की रेत की चमक भी न होगी |
6) अगर
नर ग्रह 3,5 से देखे तो बहुत उम्दा फल | गुरु का प्रभाव तीन गुना हो जाए | जो नर
ग्रह 3,5 से देखे तो उनका अपना प्रभाव भी बहुत उम्दा हो जाए | प्रमाण यह होगा की
जन्म से पहले इसका परिवार रूपए गिन गिन कर प्रयोग करते थे तो अब तराजू में तोल के
प्रयोग करे यानि धन के ढेर लग जाए |
मंदी हालत में
1) जब
दृष्टि आदि से गुरु की हालत मंदी हो तो निर्धन, नास्तिक, धर्म को छोड़ जाए परन्तु
निर्धनता कारण न हो |
2) जब
खाना नंबर 5 में शत्रु बुध, शुक्र, शनि, राहू पापी होकर हो तो हर समय अपने आप
खुदगर्ज, खुद्पसंदी का तूफ़ान जोरो पर हो, औलाद मंदी, बेटे से दुखी मर जाता हो |
पहली निशानी धर्महीनता हो |
3) जब
खाना नंबर 1 खाली तो सेहत मंदी, दिल की बीमारी हो |
4) 3,5
दोनों हो खाली हो तो अपने भाग्य के लिए दुनिया के विरुद्ध आप ही मेहनत करनी होगी
बुध मंदा हो तो कम आयु, मंद भाग्य
बल्कि मंगल बद का बुरा प्रभाव होगा |S Kuber RA
Vedic & Lal Kitab Astrologer
Lal Kitab Vastu Consultant
No comments:
Post a Comment