लाल किताब
चंद्र खाना नंबर 12
छोड़ी याद मंजिल बुढ़ापा उजाड़ा |
गया जल या बिका उसमे तेरा ही क्या था |
नेक हालत में
1) नीम बूढी से पानी टपकता रहा, माता बूढी का पोता भटकता रहा |
पानी ऊपर पानी बरसता रहा | बीकानेर बेचारा तरसता रहा |
नीम (मंगल बैठा होने वाले घर का हाल)
पोता (केतु बैठा होने वाले घर का हाल)
बीकानेर (बुध बैठा होने वाले घर का हाल)
पानी ऊपर पानी ( चंद्र खुद का खाना नंबर 4 जो पानी (समुन्द्र) का ही है )
2) जब चंद्र खाना नंबर 12 में बैठा हो तो उस समय मंगल, केतु, बुध जिस किसी भी घर में बैठे हो वहाँ क्या हाल होगा | चंद्र का स्वयं अपना घर खाना नंबर 4 में बैठे हुए ग्रह पर पानी पड़ता होगा | मंगल नंबर 4 जो अमूमन मंगल बद या मंगलीक हुआ करता है अब आग से जला देने की बजाय ठंडा असर देगा | मगर केतु जो नंबर 4 के समय कुऍं (चंद्र का खाना नंबर 4, कुआँ) में गिरे कुत्ते (केतु) की भांति तड़पा करता है अब और भी वर्षा (खाना नंबर 12) में भीगते हुए कुत्ते की तरह ओर भी मंदा होगा | बुध नंबर 4 के समय (चंद्र तो पहले से ही 12 में है) माता खानदान पर ओर भी मंदा हाल होता होगा | इसी तरह बाकी ग्रहों का नंबर 4 में बैठे हुए का प्रभाव लेंगे |
खाना नंबर
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मंगल बैठा होने वाले घर का हाल
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1
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राजदरबार में जहर के बदले में शहद मिलता होगा
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2
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ससुराल के धन का दरिया फालतू होकर बगैर रोके उसके घर में आता होगा और रोकने से भी न रुकेगा
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3
| भाई- बंधू पानी की जगह दूध की नहरों में नहाते होंगे | |
4
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बड़े भाई, ताया, माता का बड़ा भाई, या बाबे का बड़ा भाई बेशक उम्र में लम्बे हो या न हो मगर जब तक जीवित होंगे दुखी न होंगे |
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5
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उसकी औलाद के खेड़े लगेंगे | (यानि उसकी औलाद के बहुत से शहर या गाँव होंगे)
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6
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जिस रिश्तेदार से उसकी लड़कियों या लड़को या माता खानदान के नाते होंगे वहाँ धन का दरिया बहने लगेगा |
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7
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गृहस्थी इतनी अच्छी कि पानी मांगे तो दूध मिले |
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8
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मरना है तो मरेंगे मगर गल,सड़ कर या दुर्घटना से नहीं |
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9
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बड़ो के घर घाट में जायदाद जद्दी में दूध की नदियाँ होगी | उसे स्वयं चाहे शहर से बहार निकल जाने का हुक्म हो चूका हो |
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10
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सिर पर चाहे कितनी मुसीबते आए दिल का दरिया कभी न रुकेगा और वह कभी दुखी न होगा |
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11
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गुनहगार होते हुए भी संसार के जज उसे बेगुनाह ही कहेंगे |
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12
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दूध में शहद का जीवन | रात को हर तरह का आराम और दिल को शांति होगी |
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केतु बैठा होने वाले घर का हाल
खाना नंबर
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केतु बैठा होने वाले घर का हाल
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1
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जिस घर में कदम रखा कचहरी से पकड़ने के वारंट आने लगे |
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2
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ससुराल में गए तो अपनी जूती गुम या चोरी हो जाने के अलावा उनको भी नंगे पाँव कर दिया |
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3
| स्वयं तो संतान से दुखी थे ही मगर भाई भी चीख रहे हो | |
4
| नालायकों की औलाद खानदानी सबूत देगी (नालायकी में) | |
5
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बेटा जो भी होगा बाप बन कर ही दिखाए (मंदे अर्थो में)
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6
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उसके रिश्तेदार चाहे उसे सुख न देंगे मगर खुद सुखिया शायद ही हो |
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7
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अपने ही घर का कुत्ता वा अपनी संतान स्त्री आदि जमीन पर पेशाब करने के बजाय उस पर पेशाब करेंगे
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8
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लड़के अचानक गुम हो या मरते हो (बलाएँ बद से)
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9
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मामा खानदान नाहक मंदी आँधियों से उड़ रहे हो |
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10
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रास्ते जाती-जाती आँधी अपना ही घर उड़ा ले जाए |
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11
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इन्साफ चाल चलन में कुत्ते का शिष्य होगा यानि मामूली लालच (रिश्वत आदि मिलने) पर इन्साफ की मिटटी उडा देगा और भूत के सहायक समान प्रेमिका, सुन्दर बद स्त्री की थोड़ी से बू आने पर चाल-चलन ढीला कर लेगा |
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12
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कमाई बहुत लाखों की मगर गिनने पर शून्य ही हो |
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बुध बैठा होने वाले घर का हाल
खाना नंबर
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बुध बैठा होने वाले घर का हाल
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1
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राजदरबार मंदा उजड़ा हुआ प्रभाव देगा |
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2
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ससुराल खानदान उजड़े बीकानेर वीरान के दृश्य लेगा |
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3
| भाई-बंधू के बाजू कटे हुए | |
4
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माता खानदान में मातमी ही रहेगी |
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5
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संतान मंदे पानी में बह रही होगी | ( चंद्र की बीमारियाँ दिल या आँख के डेले की बीमारियाँ)
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6
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लड़कियाँ जिस जगह विवाही हो वह चिल्ला रहे हो |
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7
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गृहस्थ हालत (स्त्री जाति) मंदी रेत में जल रही हो |
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8
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लम्बे खर्चे की बीमारियों का कोई अंदाज बाकी न रहा हो |
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9
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बड़ो की उजड़ी जायदाद को रोते रोते आँखोँ का पानी समाप्त हो गया हो |
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10
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पहाड़ों के बराबर सुन्दर मकान, रात को सोए अचानक उजड़कर रेगिस्तान हो जाए |
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11
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बेगुनाह होते हुए भी दूसरों की फाँसी अपने गले आ लगे |
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12
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जिस का सहारा लेने की सोची वह पहले ही आगे भागता नजर आया |
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1) वर्षा का पानी सहायक होगा | चुप रहना और पिछड़े रहना स्वयं ही तबाही का कारण होंगे |
2) चंद्र की जानदार चीजों का फल अच्छा, खुद विद्वान बुद्धिमान और विद्या में उत्तम होगा |
3) सूर्य-बुध नंबर 3 में हो तो अपने घर में खानदान को तारने वाला होगा |
4) गुरु और सूर्य उत्तम हो तो चंद्र अब मामूली पानी की जगह उत्तम दूध की तरह माया धन देगा |
मंदी हालत में
1) चंद्र अब रात को बाढ़ लाने और बस्तियाँ उजाड़ने वाला बद मंदी रेत के पानी से भरा हुआ दरिया होगा जिससे खेती जलती तथा उजड़ती होगी या यूँ कहे कि माता-पिता का दिया सब कुछ उजड़ जाए मगर अपना कमाया न उजड़े यां माँ-बाप जो उसके नाम कर दे वह उसकी बर्बादी का कारण बन जाए |
2) संसार में कोई दुखी नहीं होना चाहता मगर चंद्र नंबर 12 स्वयं आग की जगह पानी से जलता और और दुसरो को जलाता जाएगा |
3) रात की नींद और सर की जिल्द कभी ही सुख की होगी | चंद्र की बेजान चीजों का प्रभाव अमूमन मंदा ही होगा
पानी बादल से भरकर जलता, रेत मैदानों भरता हो | उजाड़ खेती जागीर भाग्य, अफीम खाए ले सुथरा वह |
दूध धन जर पानी देता, नर्क चंद्र धन डोलता हो | कर्म धर्म चंडाली साया, मान इज्जत कुल फुँकता हो |
4) गन्दा बरसाती नाला होगा | हर तरह से बुरा हाल होगा खासकर जब चंद्र नंबर 1 में आए, ससुराल की जायदाद फूँके और स्वयं की भी न छोड़ता हो | धर्म-कर्म दौलत की बर्बादी | टेवे के अनुसार गुरु की सहायता या गुरु के उपाय बर्फ की तरह काम में आने वाला तथा सहायक होगा |
खाना नंबर 12 का चंद्र नंबर 1 में आने के समय यानि जीवन के 12-24-35-46-59-71-82-91-106-116 (इंटरनेट वाली और प्रिंटेड किताब दोनों में गल्त है) साला आयु में खेती को उजाड़ने वाला पानी होगा जिससे घर घाट सब बर्बाद होंगे | चंद्र जब 12 में वापिस आएगा वह सब मंदे असर देगा जो यहाँ लिखे है |
खाना नंबर 2 का चंद्र जायदाद जद्दी के सम्बन्ध में एक ऐसा दरिया जो दिन प्रतिदिन संसार वालो के लिए खेती की जगह छोड़ता जाए और अपना रास्ता पीछे या किसी और तरफ करता रहे, जिससे कि आबादी वालों को बाढ़ के समय लाभ ही हो मगर चंद्र नंबर 12 का दरिया का पानी आबाद घरों को उजाड़ता और खेती की जमीन को बहा ले जाता और हर तरफ गन्दा पानी और रेत आदि भरता होगा जिसके प्रभाव से टेवे वाला अपने जन्म के बाद चंद्र के समय से अपनी (खासकर जब 12 का नंबर 1 में आए या 2 का चंद्र 12 में आए) बड़ो की जायदाद शान का अपने जन्म से पहले और बाद का मुकाबला करके देखता हुआ, इस पहेली का उत्तर कि अब क्या है और पहले क्या था, केवल आँसुओं से देगा , मुहँ से कुछ न बोलेगा | इसका मतलब यह है कि टेवे वाले के जन्म से पहले और बाद में उसके बुजुर्गों की बनाई हुई जायदाद को मिटटी कर देगा और टेवे वाला बेचारा एकांत में आँसू बहता होगा और सोचता होगा कि पहले परिवार के पास क्या क्या था जो अब सब बर्बाद हो गया |
ज्यों ज्यों समय गुजरेगा आगे का हाल मंदा होता जाएगा
5) आता है याद मुझको गुजरा जमाना, था ख्वाब में ही देखा या हो गए दीवाना |
सुलतान बाद पिदरम इकबाल था शाहाना, तकसीर (कसूर) उसकी आजम (महान) या हो गया बहाना |
है याद करके रोता घर उजड़े हो वीराना, जाहिल बना वही जो था माहिरे जमाना |
टेवे वाला कहता होगा मुझे गुजरा जमाना याद आता है, शायद ख्वाब में ही देखा था या वैसे ही दीवाना (पागल) हो गए | मेरा बाप बादशाह था और समय का (शान) बादशाहों, का कसूर उनका बहुत बड़ा हो गया था या वैसे ही कोई बहाना हुआ जिससे कि अब वह समय याद करके रोता है | घर उजड़ कर वीरान (जँगल वीरान बियाबान) हो गए और स्वयं वह नालायक बन रहा है जो की सारे संसार को जानता था |
6) जब मंगल नंबर 1 और सूर्य नंबर 2 में हो तो निर्धन दुखिया | आधी आयु तक से डूबने का डर होगा | ऊपर लिखी मंदी हालातों की हदबंदी आयु का 48 वां साल होगा जिसके बाद चंद्र नंबर 12 की जगह नंबर 3 का फल देगा |
7) सूर्य 6 में हो तो स्वयं या अपनी स्त्री या दोनों एक आँख से काने होंगे |
8) जब 2-6-12 में बुध, शुक्र या पापी हो तो जो चीज भी बाप अपने बेटे (टेवे वाले के) नाम कर देगा वह चीज कोड़ी कोड़ी करके जलेगी, बिकेगी वजह चाहे कोई भी हो |
शक्की पानी जिसका रंग साफ़ न हो, मत पिए |
S Kuber RA
Jyotish Acharaya
Vedic & Lal Kitab Astrologer
Lal Kitab Vastu Consultant
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