लाल कताब
बृहस्पति खाना नंबर 12
बुरे का भला करने वाला, उत्तम ज्ञानी वैरागी
प्रार्थनाए भले की सबकी अगर तु करेगा |
खजाना न शक्ति का तेरा घटेगा |
नेक हालत में
गुरु पवन माया चाहे सोना ही बख्शे, मगर मर्द त्यागी जो देखे
न बरते |
अपने भाग्य का शुभ प्रभाव, सुख से सम्बंधित काम, योग तपस्या,
पूजा पाठ से होगा | छोटी आयु में राहू के समय पिता को खर्च की अधिकता की चिंता
होगी | माया पर पेशाब करने वाला ग्रहस्थी | उसके घर में गंगा होगी | खाना नंबर 9
का उत्तम प्रभाव | माया लक्ष्मी स्वयं पाँव पकडती होगी चाहे बुध मंदा या केतु बुरा
हो मगर माया की कभी कमी न होगी | शुक्र कहीं भी कैसा भी बैठा हो, उत्तम होगा | ऐसे
व्यक्ति के आशीर्वाद से लाभ ओर सताने से हानि होगी | संसार के लिए भंडारे खोले तो
अपना घर सोने से भर ले | चुप समाधि की आदत से सोने की वर्षा होगी | दयालुता के
असूल पर धर्म बड़ा मुबारिक होगा जो रात का आराम भी देगा | नेक काम करने का असूल,
राहू के हाथी को गुरु के सोने की जंजीर से बांध लेने का शस्त्र होगा | जिससे रात
का आराम ओर धन मिलेगा | कभी निर्धनता का मारा साधू न होगा | 11 साल की आयु से
मंत्री की भांति उत्तम होगा | राजदरबार का स्वामी, त्यागी होगा | खुश गुजरान |
छुपी हुई शक्ति उत्तम होगी | खर्चा चाहे अधिक हो पर कबीलदारी (घर – परिवार) पर ही
लगेगा |
किसी के घर मेहमान बनकर गया हुआ, धर्म स्थान में पूजा-पाठ
करता या आयु के लिखे वर्ष उत्तम होगे (11-19-31-42-53-67-84-89-101-114 साल जब
गुरु नंबर 2 में आयगा) | किताब ओर इन्टरनेट वाली किताब में मिस्प्रिंट है | ठीक कर
ले | गृहस्थ का सुख मिलेगा मगर शर्त यह है की राहू के काम न करे जैसी कभी झूठी
गवाही, धोखा, फरेब न दे ओर बईमानी से परहेज करे | अपनी समाधि ओर परलोक की विचारों
की लहर में या साथी गृहस्थिओं के भले की मस्ती ओर धुन में मग्न होआ | इसे कोई
सताएगा तो श्राप पाएगा ओर सेवा में आशीष पायेगा | शुक्र अपना प्रभाक कम से कम 25
साल आराम देगा ओर अपने लिए मंत्री समझदार होगा |
1) शनि
साथ – साथी हो या खाना नंबर 9 में हो तो शनि के कारोबार, मोटर लारी, मशीन आदि से
उच्च भाग्यवान हो | रात को आराम पाए | राजदारी का स्वामी | कूच की तैयारी की फ़िक्र
में शर्त यह है कि शनि मंदा न हो यानि अब शनि को राहू केतु किसी तरह न आ मिलते हो |
फैसला सांस (गुरु) पर होगा | यदि दोनों या दायाँ सांस चल रहे हो तो शुभ कार्य ओर
देर तक रहने वाले कार्य शुभ फल देगे | बायं सांस में किया काम कोई शुभ फल न देगा |
2) शनि
साथ या साथी 2-11 में हो तो शनि के कार्यों से अच्छा भाग्य मगर फिर भी त्यागी
3) राहू
उच्च नंबर 6 में हो तो गुरु दो जहाँ का स्वामी, रात का आराम देगा परन्तु संतान की
लगन, फजूल खर्चा ओर शत्रु से बचाव ओर मृत्यु समय उत्तम हालत होगी |
4) केतु
उच्च का उत्तम हो तो धर्म समाधि का फैसला केतु की हालत पर होगा | बड़ा ही अमीर ओर
संतान हर तरफ से सबका सुख हो |
मंदी हालत में
1) बुध
मंदा तो चाहे अपनी आयु लम्बी परन्तु दुसरो के लिए भारी मनहूस | बदी का काम मौत का
कारण बनेगा | लोगो के सामने हाथ फ़ैलाने से राख हो मिलेगी |
2) 2-5-9-12
में पापी बैठे हो सिवाय केतु 9-12 के तो 42 साल की आयु तक फोकी उमींदे विशेषकर
बुध, शुक्र हर दो ग्रहों के मंदे प्रभाव होंगे |
3) 2-8-9-10
खाली हो तो राजा होता हुआ भी लाभ न उठाए अपितु फ़क़ीर हो जाए | गुरु सोया हुआ होगा |
4) राहू
नीच 9-12 में तो बुद्धिमान मगर विद्या काम मंदे ओर कार्य लाभ न दे | विचार धर्म
विरुद्ध हो | फजूल खर्चा खड़ा रहे | पिता को राहू की आयु तक कष्ट रहे |
5) गुरु
मंदा हो तो स्वयं भाग्यवान पर संतान के विघ्न रहे | चन्द्र धरती जो खेती के प्रयोग
में, खुले मैदान वीरान ओर चन्द्र के दुसरे कामो में फोकी उमींदे |
6) बुध
मंदा हो तो केतु 34 साल तक मंदा प्रभाव देगा |
उपाय:
गुरु की मंदी चीजो के काम जैसे हरदम
गले में माला, गुरु, साधू को सताना, पीपल कटवाना मंदे भाग की निशानी होगी | गुरु
की पीली चीजे पीला केसर का तिलक लगाना या नाक का पानी साफ़ रखना सहायक होगा
S Kuber RA
Vedic & Lal Kitab Astrologer
Lal Kitab Vastu Consultant
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