लाल किताब
सूर्य
सबका पालन करने वाला तपस्वी
राजा, विष्णु भगवान् जी
गर्म शौक तेरा है नीवं
उन्नति, मगर बढ़ न जाए कि हर चीज जलती
1)
सूर्य ब्रहमांड का राजा अगर रोशनी है तो गुरु उसका
तेज, मंगल सूरज की किरणे, बुध सूरज का आकार ओर चन्द्र उसकी चमक है |
2)
सूर्य स्वयं अकेला नीच या
मंदे घरों में हो तो बर्बाद करने वाला गुस्सा, संतान का भाग्य व आयु या बाप की मदद
मंदी होगी | दुसरे ग्रहों से सम्बन्ध होने पर, जैसे राहू का सम्बन्ध होने पर अपने
विचारो की गंदगी, शनि से बईमानी, शुक्र से इश्क, केतु से कानो का कच्चा ओर पैरो की
चाल ढाल |
3)
सिवाय सूर्य मंदी हालत के
समय स्वयं सूर्य का अपना उपाय काम देगा |
4)
नेक हालत का फैसला पाप (राहू,
केतु) की हालत पर होगा |
5)
सूर्य उत्तम हो तो चन्द्र,
बुध ओर शुक्र का फल भला होगा |
6)
तख़्त पर केतु ओर नंबर 6 में
मंगल हो तो सूरज का फल उच्च का होगा |
7)
नंबर 6-7 में चाहे आग जली
होता है पर मोती तक दान करने के शक्ति होगी |
8)
सूर्य नेक हो तो मित्रों से
मदद, पिता से जिन्दगी में आगे बढ़ने में मदद, ओर नमक कम खाने से सूर्य का फल नेक
होगा |
9)
दान देना सूर्य के फल नेक
करेगा ओर दान लेने से सूर्य नष्ट होगा |
10)
सूर्य शनि को देखे तो शुक्र
का फल मंदा होगा |
11)
शनि सूर्य से पहले घरों में
हो तो नर ग्रहों ओर शुक्र का फल नेक होगा |
आकाश में रोशनी, पृथ्वी के
गर्मी, राजा भिक्षु से, सच्चाई ओर पालना ओर उन्नति की शक्ति को सूर्य का नाम दिया
है | सूर्य का होना दिन ओर न होना रात, मनुष्य के शरीर में रूह, अपने शरीर से
दुसरे की सहायता की हिम्मत का नाम सूर्य है | सर्दी (चन्द्र), रोशनी, गर्मी (सूर्य),
लाली (मंगल) ओर खाली जगह का घेरा (बुध का आकाश वा आकार) इसके जरूरी भाग है ओर समय
की हवा जगत गुरु के ज्ञान, संसारी बुद्धि ओर भाग्य की नीव इसकी देन है जिसे हर
सांस लेने वाले तक पहुँचाना गुरु का काम है | चलते रहना, अपना अंत न बताना ओर
इधर-उधर हुए बिना एक ही जगह रात दिन करते रहना इसी सूर्य देव का ही एक अजूबा है |
12 घरो में सूर्य की आम हालत
सतयुगी राजा घर पहले का, दाता सुखी जब 2 में हो |
धन का भंडारी सूर्य तीसरे, धन जोड़ जोड़ मरे जब 4 में हो |
औलाद बैठेगी हर दम 5 में, फ़िक्र धन की जब 6 में हो |
परिवार कमी जब 7 में बैठा, राजा तपस्वी 8 का हो |
आयु लक्ष्मी परिवार 9 से बढ़ता, दसवे स्वास्थ्य धन उत्तम हो |
धर्म पूरा घर 11 उसका, रात सुखी घर 12 जो |
सूर्य दुनियावी राजा, जातक के जिस्म ओर राजदरबार का असर |
सूरज खाना नंबर 1 आम हालत
पिता की पूरी सहायता करेगा, बेटे की तरफ से मदद की आशा न
करेगा | बाप से चाहे धन न भी मिले परन्तु संतान को अवश्य धन देकर जाएगा | जातक ऐसा
राजा होगा जिसे सिवाय न्याय के ओर कोई सम्बन्ध (धर्म आदि से) न होगा | हुकुमत
गर्मी की ओर दुकानदारी नरमी की तबियत नेक फल देगी | रहम से भरा होगा |
खाना नंबर 2
मंदिर की ज्योति जो किसी मजहब के अनुसार दबी नहीं है | धर्म
देवता, माली हालत माध्यम, स्वाभाव से सतयुगी, छोटी जगह का राजा जो अपने भाग्य की
शर्त नहीं करता मगर साथिओं, बच्चो, सम्बंधियो को जरूर धनवान कर देता है चाहे अपने
आप निर्धन फ़क़ीर हो क्यों न हो | सेवा साधन उन्नति की नीव होगा |
खाना नंबर 3
मृत्यु के घर में बैठ कर मृत्यु को रोकने तक की शक्ति वाला
जिससे मृत्यु भी डरे | खुद हलवा पूरी खाए ओर दूसरों को भी खिलाए | जो शुभ कार्य कर
दिखलाएगा ओर झूटे को काट खाएगा | इस घर का राशी का मालिक बुध है | बुध अपने जंगल
को इतना घना कर देगा कि सूर्य नंबर 3 की जमीन तक धूप ही न आने पाए, मगर सूर्य की
अपनी गर्मी से जंगल को ही आग तक लगने को तैयार होगी | या तो जंगल में हरियाली (बुध)
हो या फिर बुध हरे रंग की बजाए खाकी (सूर्य) रंग हो जाए | अगर ऐसा व्यक्ति दूसरों
को पालेगा तो स्वयं भी पलता जाएगा नहीं तो जल कर मर जाएगा |
खाना नंबर 4
राजा के घर जन्म ले या न ले परन्तु स्वयं राजा अवश्य हो |
जातक ने चाहे जन्म से पैसा न देखा हो परन्तु संतान को (रेशम के कीड़े की तरह) पैसा
खर्चने की शक्ति दे जाएगा | माता जीवित हो न हो मगर बाप की तरफ से हो सकता है कि
माताए अवश्य हो परन्तु खुद चाल चलन वाला होगा | ऐसा व्यक्ति स्वयं चाहे हानि उठा
ले मगर दुसरे की हानि न करेगा | अगर पराई स्त्री को साथ रखे तो संतान न पावे या
निसंतान होगा | अगर दान देगा तो मोती देगा |
खाना नंबर 5
मनुष्यता की शराफत ओर दुनियावी मर्यादा से भरा हुआ राजा जो
अपने पारिवारिक खून को अपना मंदिर बना लेगा | जन्म से ही भाग्य एक जगता हुआ दीया होगा
जो किसी के जगाने से न जागेगा यानि जन्म से हो भाग्य का स्वामी होगा | आयु के साथ
साथ धन भी बढेगा | उसके खर्च किए हुए धन से संतान के लिए धन, अनाज आदि के रास्ते
खुल जाएगे, मालामाल होगा | उसका ऐसा मानना होगा की मनुष्यों में कोई बन्दर नहीं
यानि बंधे हुए व्यक्तिओं, बंदरों को आजाद करवाने का हामी होगा |
खाना नंबर 6
आसमान तो गर्म, सूर्य की गर्मी से जमीन भी जलने लगी जिसकी
गर्मी की आंच रात को भी भी ठंडी न हुई | बेवकूफ, तीस मारखां | खेत में गेहुं के
बीज भी जलने लगे | ऐसी हालत में वही बचा जिसने घर में आने वालों को पानी के बजाए
दूध पिलाया ओर जिसने जातक के साथ बुरा किया उसे बदले में आशीष दी | ऐसा आदमी ऐसी
जिद पर आया हुआ होगा जैसा की देशनिकाला राजा अपनी प्रजा को आग की लपटों में जलता
देख कर रोने के बजाए हँस रहा होगा | चाहे वह निसंतान या मंद बुद्धि न होगा | ऐसा
व्यक्ति कभी मन ओर वाणी से गन्दा न होगा चाहे उसे भाग्य का लाख मुकाबला ही करना
पड़े |
खाना नंबर 7
ऐसे व्यक्ति के पैदा होने पर ऐसा लगेगा की घर का सूर्य (चिराग)
पैदा हुआ परन्तु वो ऐसा सूरज होगा जो चढ़ते चढ़ते दुमदार तारा (like a comet) बन जाएगा | उसने
सब कुछ समझ ओर नेक बुद्धि से किया लेकिन परिणाम भला न निकला | जब स्वयं होंसला
किया सब ही जलने लगा ओर केवल आधा ही बचा | बड़ा हुआ ओर राजदरबार का साथ मिला | खेती
पकी मगर अनाज से जले की बदबू आने लगी यानि ऐसा राजा होगा जिसका ताज ही गुम हो गया
हो अर्थात सब कुछ होते हुए भी कुछ न होगा | चाहे राजघराने में जन्म भी हुआ हो फिर
भी राजगद्दी पर न बैठ पाए | हाकिमी गर्मी की ओर दुकानदारी नरमी का हामी होना ठीक
रहेगा | अगर कोई जला देवे तो हम भी उसको जलना सिखाएँगे मगर खुद न जलेंगे |
खाना नंबर 8
ऐसा व्यक्ति जन्म से ही कहने लगेगा कि “ मरने वाले पूछ कर
मरे, जन्म लेने वालों पर कोई बंधन नहीं “ | जो आए अपना खर्च साथ ले कर आए ओर जाने
वाला कोई चीज साथ लेकर न जाए | जन्म चाहे शमशान का हो मगर गुरु गद्दी या राजगद्दी
का स्वामी हो | उसको कोई नहीं हटाएगा मगर अपने हाथो से हारा भाग्य वापिस न पाएगा |
यानि भंडारी रहे तो भंडारे भरे परन्तु भिक्षु बने तो भिक्षा न पाए | जब तक अपने
खानदानी खून पर हमला न करेगा, बर्बाद न होगा | मर गए का अफ़सोस तो है मगर जीवित
करने की भी हमारी ही जिम्मेदारी है का स्वाभाव ओर शक्ति रखेगा |
खाना नंबर 9
हाकिमो को बिना दवाई ठीक करने की हिम्मत देने वाला | शाह ओर
स्वयं भी बड़ा हकीम, डॉक्टर | अपने परिवार के अलावा अपने साथ सभी को पालेगा | ” पिछली
को छोड़ ओर आगे न घबरा क्योंकि संसार का सूर्य तेरे साथ चल रहा है “ की भांति कार्य
करने वाला होगा |
खाना नंबर 10
पैसा तो खरा है मगर बाजार में कोई उसका सौदा नहीं देगा |
संसार उसके सच्चे होने पर उससे डरता है | उसकी असली बची आग को दुनिया भूत-प्रेत की
आग समझती है | मगर फिर भी राजा घमंडी गुस्से वाला, दूसरों को माफ़ करना तो एक तरफ
अपने माँ-बाप को भी फांसी का हुक्म लिख देगा | नाक पर मक्खी तक नहीं बैठने देगा |
जब तक रहेंगे, झुक कर न रहेंगे | जब झुकना पड़ा तो हम नहीं रहेंगे ओर अगर रहेंगे तो
सिर्फ उसी के साथ जो हम प्याला हम निवाला हो, ऐसी प्रवृति वाला इंसान होगा | दिखाने
को सच्चा मगर दिल से झुठा होने की बदमाशी की निशानी अगर नहीं देखी तो वह कर
दिखाएगा |
खाना नंबर 11
लालची मगर धर्म तपस्वी होगा | अगर कोई धर्म बेचकर खाएगा तो
हमारा क्या खा लेगा, के विचार का स्वामी होगा | जिस तरह नेकी बढे खुद भी बढ़ता जाए |
लेकिन जब स्वयं रोटी (गेंहू सूर्य) के साथ मीठ – मांस (शनि) मिला कर खाए तो सूरज
शनि के झगडे में अब शुक्र के बजाए केतु (नर संतान) बर्बाद होगा | परन्तु परिवार
में ऐसा व्यक्ति (का यह मानना होगा कि), आप चाहे किसी भी खून से हो हम नेकी कर
दिखाएगे, का पक्का देवता होगा |
खाना नंबर 12
सुख की नींद सोने वाला बेफिक्र राजा ऐसा जिसके राज्य में
बन्दर भी घर बनाना सीखे (जो कभी घर नहीं बनाते) | लेकिन जब धर्म हानि का आदी हो तो अंधी देवी, नाक
कटे पुजारी, दिन दहाड़े चोरी की घटनाए हो | बेआराम जीवन जिसके लिए साधू के सेवा,
शुक्र की पालना सहायक होगी | सुबह की मीठी हवा का शानदार जमाना न भी हो ओर अगर जले
भी तो आकाश का सूर्य मंदा जमाना न रहने देगा | उसके चारों ओर जितनी भी आफते (मौसम)
हो मगर वह बर्बादी (पतझड़) न देखेगा ओर न ही निर्धन ओर संतान रहित होगा |
12 घरों में सूर्य की उत्तम हालत का प्रभाव ओर अन्य ग्रहों
से सम्बन्ध
उत्तम सूर्य वाला कुल संसार को चमकाए, धन देता हो, लम्बी (100
वर्ष) आयु पाए, अन्दर बाहर सब सच्चा हो | मंदे समय बुरा प्रभाव रात के स्वप्न की
भांति छुपे ढंग से रहे | किसी का सवाली न हो बल्कि स्वयं खैरात पूरी कर दे | भीख
चाहे न दे मगर किसी की झोली से कुछ भी न ले | स्वयं चोटें खाकर बढेगा मगर दूसरों
को चोट न मारेगा | चाहे मृत्यु को कोई अच्छा नहीं गिनता फिर भी उत्तम सूर्य वाले
की मृत्यु अच्छी ही होगी | 22 साल की उम्र में राजदरबार से धन कमाने लगेगा | सूर्य
की गर्मी, धूप ओर उसका नाप तौल राहू केतु से पता चलेगा | उत्तम सूर्य के समय
चन्द्र, बुध, केतु का फल भला ही होगा | केतु नंबर 1 ओर मंगल 6 में हो तो सूर्य
उच्च फल का नेक, उत्तम होगा चाहे सूर्य किसी भी घर में बैठा हो |
1)
सूर्य जब चन्द्र को देखे (मगर खाना नंबर 1 से नहीं) चन्द्र
का फल चन्द्र के आधे समय तक सूर्य के प्रभाव में दबा हुआ होगा | इसके बाद वह अपना
जुदा असर सूर्य की तरह उत्तम फल देगा | सूखे कुंए भी पानी देने लग जाए | जन्म
कुंडली में 24-12-6 साल ओर वर्षफल में 12-6-3 मास |
2)
जब चन्द्र देखे सूर्य को तो
अब चन्द्र सूर्य को कोई सहायता न देगा | अपना प्रभाव चाहे मंदा करले |
3)
बुध नंबर 6 में हो ओर सूर्य
कायम हो तो अपनी कलम से राजधानी का धन बढे | इमानदारी का धन साथ दे |
4)
सूर्य देखे बुध को 100% तो
सूर्य को सहायता होगी |
सूर्य देखे बुध को 50% तो
ससुराल अमीर, स्त्री का भाग्य शीशे की तरह चमके |
सूर्य देखे बुध की 25% तो
योगाभ्यास, गणित, ज्योतिष आदि उत्तम हो |
(50% दृष्टि होती है 3-5 से
ओर बाकी 25%)
5)
बुध देखे सूर्य को दर्जा
दृष्टि कुछ भी हो तो बुध का प्रभाव उत्तम | स्वास्थ्य, बुद्धि, स्त्री सभी पर
प्रभाव उत्तम होगा |
6)
शनि देखे सूर्य को 25% तो
सूर्य का प्रभाव बर्बाद मगर शुक्र आबाद होगा ओर उत्तम फल का गणित, संपादक होगा |
शनि देखे सूर्य को 50% तो शनि की चीजे सहायक होंगी, जैसे मकानों की विद्या | शनि
देखे सूर्य को 100% तो जादूगरी का स्वामी होगा |
7)
सूर्य देखे शनि को तो शुक्र
बर्बाद, स्त्री पर स्त्री मरे | पर शारीरिक शक्ति कम न होगी |
8)
शनि हो पहले घरों में ओर
सूर्य बाद के घरों में तो सूर्य का प्रभाव मंदा ओर शनि सूर्य के प्रभाव में अपना
मंदा प्रभाव अवश्य मिलाता होगा | यानि सूर्य की रोशनी तबाही से भरी होगी | शारीरिक
कमजोरी होगी | मगर चन्द्र (सर्दी), मंगल (लाली), गुरु (हवा), बुध (आकाश) जो सूर्य
के आवश्यक अंग है उन पर मंदा प्रभाव न होगा | ऐसी हालत में रहने के मकान में
दक्षिण – पूर्व में पानी का कोरा बर्तन भरा हुआ दबाए ओर उसका पानी 40-43 दिन तक न
सूखने दे |
9)
सूर्य की जड़ में यानि नंबर
5 में पापी ओर उसी समय शुक्र के घरों 2-7 में शुक्र के दुश्मन चन्द्र, राहू बैठे
हो तो माता पिता की आयु शक्की | जिस भी घर में शुक्र बैठा हो उसी घर की शुक्र से
सम्बंधित चीजो की हालत मंदी होगी | सूर्य बैठा होने वाले घर पर शुक्र का बुरा
प्रभाव न होगा |
10)
सूर्य की जब अपने मित्र (चन्द्र,
मंगल, गुरु) की सहायता हो या टेवे वाला नमक कम या न के बराबर खाता हो तो वह नेकी
ओर सांसारिक कामो में अपने पिता से आगे बढेगा |
11)
जन्म कुंडली में सूर्य
1-5-11 का हो तो टेवा बालिग़ होगा जो बच्चे के गर्भ में आने से ही प्रभाव देने लग
जाएगा | ऐसी हालत में यानि जब सूरज 1-5-11 में जन्म कुंडली में हो या वर्षफल में आ
जाए तो :
नंबर 1 का सूर्य नंबर 1 के साथी ग्रहों चाहे मित्र हो चाहे
शत्रु दोनों को मदद देगा क्योंकि उच्च का है | नंबर 5-11 में होने पर दुसरे ग्रह
स्वयं सूर्य की सहायता करेंगे चाहे वो उसके शत्रु हो | टेवे में गृहण लगा हो यानि
सूर्य – राहू या चन्द्र - केतु एक साथ हो तो 45 साल की आयु तक कोई भला फल न मिलेगा
बल्कि मंदा फल ही देना माना गया है |
सूर्य अकेला नीच या मंदे घरों में हो तो स्वयं कभी नीच न
होगा मगर सूर्य की जगह (केतु) नर संतान का भाग्य, आयु या पिता को सन्तान का सुख
बर्बाद या मंदा होगा | बेहद गुस्सा बर्बादी का कारण होगा ओर इसका उपाय दान कल्याण माना
गया है |
सूर्य जब कभी भी में नंबर 1 में आए, जन्म कुंडली में कही भी
बैठा हो, शुक्र का प्रभाव नीच होगा | मगर सूर्य स्वयं ले लिए उत्तम होगा | ऐसी
हालत में बुध की पालना सहायक होगी |
2-6-7-8-10-11-12 में अकेला सूर्य इन घरों से सम्बंधित चीजो
पर अपना अच्छा प्रभाव न देगा परन्तु यह मतलब नहीं की बुरा प्रभाव देगा | शत्रु ग्रहों के साथ यानि सूर्य-शुक्र, सूर्य-शनि,
सूर्य-राहू, सूर्य-केतु चाहे किसी भी घर में हो, साथ बैठे हुए ग्रह की उस खाना
नंबर से सम्बंधित वस्तुओं पर जिनमे की वो बैठा हो, दोबारा वर्षफल में आने पर मंदा
प्रभाव देगा | ऐसी हालत में 22 से 45 साल आयु के मध्य शत्रु ग्रह अपनी अपनी उम्र में
भी बुरा प्रभाव देगे | मसलन सूर्य – शुक्र नंबर 5 में हो तो जब कभी भी वर्षफल में 22
से 45 साल के बीच, नंबर 5 में आए (34 वे साल में) या शुक्र की अपनी मियाद 25 वर्ष
में स्त्री पर शारीरिक चमड़ी पर मंदा प्रभाव देगा | बुध की पालना से शत्रु ग्रह को
नेक कर लेना सहायक होगा | लेकिन अगर शत्रु ग्रहों के साथ ही सूर्य के मित्र ग्रह भी
बैठे हो तो मंदा प्रभाव मित्र ग्रहों से सम्बंधित चीजो उस खाना नंबर की जहाँ बैठे
हो पर होगा ओर शत्रु बचा रहेगा | शत्रु
ग्रह यदि एक, दो तीन की गिनती से सूर्य से पहले घरों में ओर दृष्टी के असूल पर भी
पहली तरफ में बैठे हो तो सूर्य का मंदा प्रभाव टेवे वाले पर होगा | लेकिन अगर
शत्रु ग्रह बाद में बैठे हो तो मंदा प्रभाव शत्रु ग्रह ओर घर पर होगा जहाँ की
शत्रु ग्रह बैठा हो |
मंदे प्रभाव का उपाय
यदि सूर्य का स्वयं अपना प्रभाव दुसरे ग्रहों पर बुरा हो रहा
हो तो सूर्य के मित्र ग्रह को नेक कर लेना सहायक होगा | खाना नंबर 6-7 में बैठा
होने के समय आम मंदी हालत में बुध का उपाए सहायक होगा तथा चन्द्र नष्ट करने से भी
सहायता मिलेगी यानि रात को रोटी पकाने के बाद चूल्हे की बाकी बची आग पर दूध के
छींटे मार कर उसे बुझाते रहना सहायक होगा पर अगली सुबह उदय से पहले चूल्हा दोबारा
न जलाए | जब कोई ग्रह सूर्य से नष्ट बर्बाद हो रहा हो तो स्वयं सूर्य का उपाय करे |
जब सूर्य का अपना प्रभाव नष्ट हो रहा हो तो जो शत्रु ग्रह उसे बर्बाद कर रहा हो
उसे नेक करना सहायक होगा |
सूर्य के शत्रु ग्रहों (शुक्र,
पापी) ग्रहों के घर (माल्कियत या पक्का घर) में अकेला बैठा सूर्य उन घरों के मालिक
घरों से सम्बंधित वस्तुओं पर अपना शुभ प्रभाव बंद कर देगा | यह नीचे लिखे टेबल के
अनुसार है :
सूर्य के शत्रु
|
उसका घर जहाँ सूर्य अकेला बैठा है
|
सम्बंधित वस्तुएं
|
शुक्र
|
2
|
स्त्री, धन, बचत जो की अपनी कमाई से हो, पति
रहित या प्यार से फसाई स्त्री | सम्बन्धिओ में माता, बुआ, फूफी | आलु, गाय
स्थान, घी, सफ़ेद कपूर, बगैर सींग की गाय, शारीरिक अंग गुदा |
|
केतु
|
6
|
संतान (लड़का) वा उसका सुख, माता पिता के
ताल्लुक के रिश्तेदार (वो रिश्तेदार जो टेवे वाले के जन्म से पहले कायम थे जैसे
मामा, नाना, नानी आदि), रफ़्तार चाल, साहुकारा, खरगोश, चिड़ा यानि चिड़िया का नर,
शारीरिक भाग यानि कमर (नीचे की )
|
शुक्र
|
7
|
बाहरी स्त्री, शरीरिक त्वचा की सुन्दरता, शादी
गृहस्थी का फल, चरी ज्वार, सफ़ेद गाय, कांसी का बर्तन, हर दो प्यार, शारीरिक
त्वचा, चमड़ा
|
शनि
|
8
|
स्त्री पुरुष, बिच्छु, कनपटी
|
शनि
|
10
|
जद्दी जायदाद, पिता या माता का सुख, काला नमक,
तेल, लोहा. लकड़ी, दृष्टि, आयु, बाल, 3 साल से रहने का मकान, मगरमच्छ, सांप का
घर, भैंस, घुटना
|
शनि
|
11
|
जन्म समय आयु तक अपनी आय, ख़रीदा हुआ मकान,
संतान की आयु वा गिनती, पहला हाकिम, शारीरिक शक्ति, राहू केतु के कार्यों का
निर्णय, चूतड
|
राहु
|
12
|
धन श्राप, हड्डी, पारिवारिक खून, सिर, दिमागी
काम-काज, स्त्री पुरुष की आपसी आयु का सम्बन्ध, विचारों का आना जाना अचानक पैदा
होना, बदनामी की प्रसिद्धी, कोयला, हाथी, खोपड़ी, सिर की हड्डी
|
सूर्य के उपाय :
1)
सिवाय सूर्य मंदी हालत के
समय स्वयं सूर्य का अपना उपाय काम देगा
2)
हुकुमत गर्मी की ओर दुकानदारी नरमी की तबियत नेक फल देगी
3)
नमक का प्रयोग कम करे
4)
दान देने से सूर्य नेक ओर लेने से मंदा होगा
5) सेवा
साधन उन्नति की नीव होगा
6)
अगर व्यक्ति दूसरों को पालेगा तो स्वयं भी पलता जाएगा
7)
बुध की पालना करना
नेक फल देगा
8)
यदि सूर्य का स्वयं अपना प्रभाव दुसरे ग्रहों पर बुरा हो रहा
हो तो सूर्य के मित्र ग्रह को नेक कर लेना सहायक होगा
9) जब
कोई ग्रह सूर्य से नष्ट बर्बाद हो रहा हो तो स्वयं सूर्य का उपाय करे |
10) जब
सूर्य का अपना प्रभाव नष्ट हो रहा हो तो जो शत्रु ग्रह उसे बर्बाद कर रहा हो उसे
नेक करना सहायक होगा |
Vedic & Lal Kitab Astrologer
Lal Kitab Vastu Consultant
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