लाल किताब पक्का घर खाना
नंबर 1
1) घर पहला है तख़्त हजारी, ग्रह फल राजा कुंडली का |
2) अकेला तख़्त पर बहुत हो सातवें, राज वजीरी होती है, उल्ट तख़्त मे हो बहुत ग्रह, जड़ सातवें की कटती है |
3) मसलन तख़्त में गुरु, चन्द्र, बुध, राहू हो ओर सातवें में केतु अकेला हो, तो सबसे पहले
यह देखा कि सबसे अधिक उम्र किस ग्रह की है, तो वो राहू है पर राहू तो केतु का मित्र
है | अब पीछे आये तो बुध की आयु 34 साल है ओर हम जानते है की बुध ओर केतु बराबर के ग्रह है तो
जब दोनों टकराव पर आये तो बुध ने केतु का फल मंदा कर दिया इसलिए नर औलाद 34 साल तक नदारद
यां पैदा होकर मरती जाए | 34 साल से लेकर 48 साल तक केवल एक नर औलाद ही कायम हो पाएगी | अगर 48 साल उम्र से
दूसरा लड़का यानि केतु आ जाए तो केतु पलटवार करेगा यानि अब बदला लेने का समय होगा
बुध से, तो
बुध यानि बेटी बेघर बेइज्जती हया मंदे नतीजो में बर्बाद होगी | वास्ते उपाय
टेवे वाला अगर चार जानवरों ( तख़्त में चार ग्रह है ) कोई भी चार मसलन कुत्ता, घोडा, गाय, तोता वगैरा का
दान करे या उनकी सेवा करे तो नर औलाद कायम होगी ओर औलाद पैदा होने के दिन से
चन्द्र. गुरु, राहू, बुध मुश्तरका
राज योग होगे वरना इन चारो के उम्दा असर के बजाए ख़ाक ही नसीब होगी या हर तरफ लानत
नसीब होगी |
4) जिस वक्त टेवे में असल मंगल के साथ साथ मंगल मसनुई (सूरज – बुध या सूरज – शनि) भी मौजूद हो तो नंबर एक देखेगा नंबर 11 को |
5) जब खाना नंबर 11 खाली हो तो नम्बर 1 का ग्रह अपना असर करने के ताल्लुक में मेढे यानि बुध की चाल
पर चलेगा जैसा की उस वक्त बुध टेवे में हो |
6) इसी तरह जब खाना 8 खाली हो तो नंबर 1 वाले ग्रह की आँखों को रोकने के लिए कोई रूकावट न होगी ओर
वो खुद ही अपनी आँखों से सब देखभाल करता होगा |
7) गुरु, सूरज या राहू के साथ चुप ही होता है | मगर बुरे
ग्रहो के साथ अपने आधा समय यानि 8 साल तक नेक असर करता है ओर बुरे ग्रहों का असर 8 साल बाद ही हो सकेगा |
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