लाल किताब
बृहस्पति खाना नंबर 2
1) शुक्र
बैल, गुरु महा योगी – शिवजी बैल पर सवार मानेगे | इस घर को सब ही ग्रहों ने मान से
देखा है ओर इस घर में वे सिर्फ शिवजी को ही बिठाएँगे |
यह गुरु की असली जगह है जिसे गुरु का मित्र चन्द्र उच्च करता
है | गुर के इस घर को कोई भी ग्रह नीच नहीं करता | देखा जाए तो गुरु के 5,9,11 घर
को भी कोई ग्रह नीच नहीं करता | इसी कारण बृहस्पति को सब गुरु मानते है | यही घर
बृहस्पति को दौलत ओर मान का मिला है | सब ही ग्रह में से कोई भी चाहे गुरु के
सामने 6 में या गुरु के साथ 2 में या टेवे में कही भी हों सब ग्रह गुरु को प्रणाम
करते है |
सब ग्रहों का प्रभाव गुरु खाना दो के समय अपने पक्के घरो के
हिसाब से
शनि – खाना नंबर 10 – सांप कान बंद किए मगर टिकटिकी लगाए चुपचाप बैठा है |
सूरज – खाना नंबर 1 – गुरु की प्रतीक्षा में है, बन्दर बना
बैठा है, मगर फूंक नहीं मार सकता यानि गुरु की हवा को सांस माना है जिसे वह बाहर
नहीं निकल सकता, बल्कि गुरु की हवा को ढूंढता है |
राहू – खाना नंबर 12 – राहू का हाथी, केतु खाना नंबर 6 के
साथ मिलकर, अपने कान (केतु) लम्बे करके खाना नंबर 2 की जड़ में गुरु के उपदेश के
खातिर चुपचाप बंधा हुआ है |
केतु - खाना नंबर 6 – गुरु का आसन जो नंबर 2 की जड़ से मिला
रहता है कि न मालूम गुरु को कब आराम करना है | केतु को गाय ओर कुत्ता भी माना है
जो गुरु के साए में रहते है |
चन्द्र – खाना नंबर 4 – दिल का दरिया सदा गुरु नंबर 2 को
चलाता है |
शुक्र – बुध खाना नंबर 7 – शादी रेखा व खुद सर रेखा बनकर
नंबर 2 की जड़ में |
मंगल – खाना नंबर 3 – इसकी जड़ ही नंबर 2 से इक्कठी है |
जब केतु कुत्ते ने खाना नंबर 6 लेकर गुरु नंबर 2 के पाँव ओर
उसके सामने रहना पसंद किया तो बुध की सर रेखा कुत्ते की दुम की तरह केतु के साथ
नंबर 6 में पक्की हो बैठी | बुध – केतु दोनों ही शुक्र के भाग है ओर खाना नंबर 2
शुक्र का ही है शुक्र की चीज गाय स्थान है | यहाँ बैठा गुरु सब को देख रहा है |
बैल पर सवार शिवजी को सब ही देवता बहुत आदर मान से देख रहे है |
नेक हालत में
सबको तारने वाला जगत गुरु मंदिर का पुजारी परहेजगार होगा | दौलत बेशक खैरात दान से बढे मगर मुसाफिर की सेवा करने से वह ओर भी उत्तम होगा | अपना भाग्य गृहस्थी कारोबार (सिवाय बच्चो के पैदा होने से) ससुराल (खाना नंबर 2) के सम्बन्ध से बढेगा | खाना नंबर 2 – 8 में बैठे हुए शत्रु ग्रहों का अपना असर चाहे कितना भी मंदा हो मगर उनकी जहर गुरु पर न चड़ेगी लेकिन ध्यान रहे की गुरु नेक हो | गुरु का प्रभाव सारे ग्रहो पर होगा सिवाय सूरज के जिसका अच्छा या बुरा असर टेवे में बैठे हुए घर के अनुसार होगा | जातक स्त्रियों का गुरु अवश्य होगा, पुरुषो का भी हो सकता है | जातक अपने पिता के धन को बढाता है | स्वयं भी गृहस्थी होते हुए भी ज्ञानी गुरु मसीहा होगा | माया दौलत हवा (गुरु) की तरह आये ओर पानी (चन्द्र) की तरह बहती होगी | उत्तम दिमागी हालत | सोने (गुरु) के काम नेक फल न देगे लेकिन शुक्र मिटटी के काम उम्दा जैसे सडको पर मिटटी डलवाना, कच्चे मकान बनवाना, खेती बाड़ी, स्त्रियों के प्रयोग की चीजे आदि लाभदायक | राजदरबार में 27 वर्ष (शुक्र की आखिरी आयु तक) का उत्तम समय उन्नति का होगा चाहे सूरज (राजदरबार) मंदा हो ओर जन्म चाहे निर्धन ओर निर्दयी कसाई के घर का हो |
16 से 32 वर्ष की आयु (16 साल गुरु की आयु से गुरु की आयु 16
साल तक यानि 32) में लक्ष्मी (शुक्र) पर ब्रह्मा (गुरु) का साया यानि धन जमा करेगा चाहे कबीला पढ़ा
हो या न हो | खुद विधाता का हाथ होगा मगर बादशाह या भारी कबीला की शर्त न होगी | इसका
बाप जायदाद बना कर दे देगा वर्ना स्वयं बना लेगा चाहे खाना नंबर 4 माता, 5 औलाद,
10 पिता पूर्वजो की हालत, 11 अपनी जाती आमदनी, 12 पूजा पाठ, रात का आराम सब ही
रद्दी हो | खाना नंबर 2 के शुक्र से सम्बंधित सब तरह के स्वाद भोग देख कर भी गुरु
धर्मात्मा बन जाएगा | मगर हर हालत में दिल का साफ़ होगा | दृढ निश्चय ओर शासन की
ताकत होगी, उच्च विचार होगे |
गुरु नंबर 2 में जब कायम ग्रह व उत्तम ग्रह हो ओर हर तरह से
अकेला खासकर 9 मंदा न हो ओर न ही वहां गुरु के शत्रु बुध, शुक्र, राहू हो तो राज
दरबार का 27 साला अच्छा सम्बन्ध, सबको सहायता देगा | उम्र 75 साल, मान धन दौलत
ससुराल से मिले, अपने आप आए | लाटरी ओर दबा धन मिले | उत्तम गृहस्थ | पिता उसे तार
दे वर्ना खुद ही बढे |
मंगल जब खाना नंबर 8 में हो तो सच्चाई पसंद होगा
मंगल 9 में हो तो हुकुमत राज्य की शक्ति होगी
बुध 8 में हो तो साहिबे तदबीर होगा
शनि 8 में तो संसार को छोड़ देने वाला, मुर्दा विचार ओर उदास
रहे |
राहू 8 में हो तो शक्तिशाली वीर होगा
राहू 9 में हो तो सोच विचार की शक्ति का स्वामी होगा
केतु 8 में हो तो ईमानदार ओर तीक्ष्ण बुधि का होगा
केतु 9 में हो तो राज्य की शक्ति, बड़ो के जैसी बात करने
वाला, जीवन खुद चुनने वाला |
सूरज 10 / 12 में हो तो प्रसिद्ध जीवन
सूरज – बुध – शनि 8 में हो तो पक्का विचार, साहस भरा आदमी
होगा
शनि 12 में हो तो नेपोलियन जैसा साहसी, काम का आदमी, सुखी हो
1) जब
2-6-8 शुभ हो या 8-10 से मंदी हवा 2 में ना जाए और 12 भी मंदा न हो तो दबा माल या
लाटरी या बिना औलाद वाले का धन मिले
2) जब
नंबर 8 – 9 – 10 – 12 में कोई न कोई ग्रह अवश्य हो चाहे मित्र चाहे शत्रु तो गुरु
सब कठिनाइयों को स्वयं दूर करे | बच्चो से सुखी, धन होगा, गुरु की मदद, स्वतंत्र
प्रकृति, उन्नति प्रेमी, दृढ निश्चय, आशावादी होगा |
3) जब
शनि साथ या साथी हो तो विद्वान होगा, जिसकी नीव ओर फैसला शनि पर होगा | विद्या की
कमी या अधिकता उसके भाग्य की चमक को कम न करेगी |
4) जब
8 खाली हो ओर साथ में सूरज, चन्द्र, शनि, राहू या बुध में से कोई भी 6 में हो तो
अपनी धुन का पक्का परन्तु परिवार बहुत होगा |
5) राहू
नेक हो मगर गुम न हो तो राजा की तरह मान हो, दाता हो |
6) राहू
नेक ओर कायम हो तो नेक काम ओर भलाई करने वाला होगा, हर जगह मान होगा जागीर पास हो
या न हो, दुनिवायी सुख सागर उत्तम हो
गुरु मंदी हालत में
1) जब 8-2 किसी तरह भी मंदा हो रहा हो जैसे खाना नंबर 8 में चन्द्र – मंगल होने से 8 मंदा होगा | मंगल बद 2 में हो वगैरा | ऐसी हालत में अपने ही कुल को मारने वाला, गर्क करने वाला होगा | नंबर 2-8 की मंदी हालत की पहली निशानी केतु कह देगा |
2) जब
शनि वर्षफल में 2 में आएगा तो स्वास्थ्य बिगड़े, ससुराल में धन हानि हो |
3) अगर
8 खाली हो तो गुरु का फल राहू के सम्बन्ध में मंदा ही होगा |
4) जब
8-2 में कोई मंदा ग्रह हो या कोई ग्रह गुरु के प्रभाव को दृष्टि से ख़राब करे तो
जिस जगह यह व्यक्ति जाए या मेहमान बने वहां हानि हो, मनहूस, परन्तु उसकी अपनी कोई
हानि न होगी | मंदे प्रभाव की खबर पहले ही केतु या संसारी कुत्तो से जाहिर हो
जाएगी परन्तु टेवे वाले पर गुरु का बुरा असर न होगा |
5) जब
शुक्र मंदा ओर शनि नंबर 10 में हो तो रात दुखी, स्वास्थ्य ओर स्त्री मंदी हालत,
बीमार |
6) बुध
नंबर 8 ओर शनि 10 में हो तो धन हानि, बड़े बीमार, स्वयं भी राजा की कैद में जाए |
7) बुध
9 में हो तो ईर्ष्यालु होगा |
8) जब
8 – 10 में बुध, शुक्र, राहू, शनि पापी हो तो मंदी हवा, सब तरह से मानहानि, लानत
मुसीबत हो |
उपाय :
1) नंबर 8 के शत्रु ग्रहों के लिए उन हर एक के खाना नंबर 8 का दिया उपाय सहायता देगा |
2) स्वयं
मंदे या मंदे ग्रह के समय बाकी सब हालतों में गुरु का अपना उपाय सहायता देगा |
3) खाना
नंबर 10 के मंदे बुध, राहू के लिए शनि का उपाय करे
4) खाना
नंबर 10 के मंदे शुक्र के लिए चन्द्र का उपाय करे
5) खाना
नंबर 10 के मंदे शनि के लिए गुरु का उपाय करे
S Kuber RA
Vedic & Lal Kitab Astrologer
Lal Kitab Vastu Consultant
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