Saturday, 8 September 2018

लाल किताब बृहस्पति खाना नंबर 4


लाल किताब 

बृहस्पति खाना नंबर 4

चन्द्र की राजधानी, बाग़ – बगीचे

नेक हालत

राजा इंद्र विक्रमादित्य की तरह प्रसिद्ध होगा
एक ही सीप में पैदा हो 2 मोती, एक ताज शाह के सर पर ओर दूसरा खरल (ओखली) में पिसता हो | अपने भाग्य का प्रभाव रूहानी शक्ति माता खानदान से होगी | शुक्र, चन्द्र, शनि, मंगल सब ही ग्रह का उत्तम फल होगा | खाना नंबर 3 का ग्रह बुर प्रभाव न देगा | देश ओर भक्ति, बाग़ – बगीचे  छुपी शक्ति का स्वामी होगा | अपने इलाके में लाखों में एक प्रसिद्ध होगा | खेती, दूध की नदी, पशु उसके आराम के लिए होंगे | बाप – दादा या स्वयं पूरी शक्ति का स्वामी होगा | धर्म का पक्का, सब ही को मदद करने वाला, दूरदृष्टि, लम्बी आयु, मान, हर मजहब को मानने वाला, झगडे से दूर, अपना घर, लालच का नाम तक न हो | राजा इंद्र की भांति हो, लोक – परलोक का स्वामी, रहम दिल, संसार में किसी भी विप्पति में सहायक होगा | चौड़ा माथा, प्रसन्न चित हो | उत्तम चरित्र, व्यवहार में उत्तम, अपनी सुखी संतान, शांत प्रकृति, उसका मकान उत्तम हो | सोने के बर्तन में दूध की तरह नेक फल खानदानी खून का सबूत होगा | बिना प्रयास लक्ष्मी आये | हमदर्द, दयालु, ज़माने का शेर, दिमाग, तेज बुधि, स्मरण शक्ति उत्तम | मुसीबत के समय तैरने वाला शेर होगा क्योंकि खाना नंबर 4 चन्द्र – पानी ओर गुरु शेर है |   

1)      2,5,9,11,12 में जब बुध, शुक्र, शनि, राहू पापी ग्रह हो कर न हो तो माता पिता की तरह सब को सुख देने वाला, साहसी, राजदरबार में सदा लाभ | 24 साल तक विद्या मिलेगी | छुपा ओर जुडा - जुड़ाया धन या ऐसी जायदाद जिसका मालिक न हो, प्राप्त होगी | छुपी शक्ति ओर ईश्वर की सहायता का उत्तम फल साथ होगा | पिता की तरह बहादुर बेटा** | 32 परियों वाला तख़्त हो | उसका मामूली ताम्बे का पैसा सोने का लाभ दे | मकान आलिशान, धन का दरिया हो |
** माँ पर धी पिता पर घोडा, बहुत नहीं तो थोडा थोडा
ऐसी मान्यता है कि बेटी पर माता का ओर बेटे पर पिता का थोडा बहुत प्रभाव अवश्य होता है
2)      जब सूरज ओर मंगल (नर ग्रह) उत्तम हो तो पिता खून के मुक़दमे का फैसला कर सकता हो या बड़ा हाकिम – जज वगैरा हो या उसके जन्म के बाद हो जाए परन्तु अपने भाग्य की शर्त नहीं |
3)      चन्द्र नंबर 1 ओर शनि 10 में हो तो हर तरह की सवारी का सुख मिलेगा |
4)      जब चन्द्र नंबर 2 में हो तो चन्द्र ओर गुरु का एक्सचेंज होगा | भाग्य का फैसला शनि राहू की नेक या बद हालत पर होगा | यदि नेक हो तो चाहे अपने बाप से कम हो हो लेकिन फिर भी लाखों में एक होगा | बड़ों के कामकाज उत्तम फल देगे | यदि स्वयं राजा नहीं तो उसका भाई या सम्बन्धी अवश्य राजा होगा | (भाई इसलिए कि तीसरे घर के दोनों ओर उच्च ग्रह है ओर 4था घर सम्बंधियो का होता है) | प्रायः स्वास्थ्य पर फ़ालतू धन खर्चेगा, कमाई का चोथा हिस्सा अवश्य खर्चेगा | मोटर गाड़ियाँ हर समय उपस्थित होंगी | धनी, ध्वजाधारी, छत्र वाला होगा |
5)      जब खाना नंबर 10 खाली हो तो गुरु सोया हुआ होगा | ऐसी हालात में टेवे वाला किसी को अपना नंगा शरीर न दिखाए या दुसरो की दृष्टि अपने नंगे शरीर पर न पड़ने दे तो निर्धन न होगा | गुरु नंबर 4 का उत्तम फल होगा |
6)      चन्द्र खाना नंबर 2 के अलावा कहीं भी हो तो टेवे में बैठा मंदा चन्द्र भी उत्तम फल ही देगा | स्वास्थ्य पर फजूल खर्च की शर्त न होगी |
7)      जब चन्द्र कायम हो या कायम रखा जाए तो माता के होते विद्या कभी रुके कभी चले पर पूर्ण होगी | यदि माता न रहे तो विद्या बिना रुके पूर्ण होगी |
8)      जब केतु उत्तम हो तो विद्या पर किया खर्चा चाहे अपनी औलाद पर या किसी विद्या के साथी पर, सूद समेत वापिस मिलेगा | यदि चरित्र ठीक हो तो आयु लम्बी होगी |
9)      बुध उत्तम हो या सूरज 10 में हो तो विद्या का धनि, ब्रहम ज्ञानी परन्तु धन, भाग्य की शर्त नहीं | हुनरमंद होगा | सीप में मोती की तरह वंश में नाम पाए | राज दरबार से धन हो, धन का लाभ पाए |
10)   जब शनि 2,9,10 में हो तो नेक प्रसिद्ध, सब को तारने वाला, घर शानदार, सब प्रकार के आराम वाला |
11)   जब राहू उत्तम हो तो चन्द्र की जानदार वस्तुओं माता का फल उत्तम होगा |


मंदी हालत

1)      बुध नंबर 10 में हो ओर ऐसा बुध जब वर्षफल में 4 में आये तो बर्बादी का बहाना होगा | (11,23,34,48,55,71,75,85,97,119 साल) उल्टी खोटी हवा से (खासकर 34 साल के बाद) जब खुदसर होता हुआ मंदे इश्क में हवाई घोड़े चलाएगा तो न सिर्फ खुद बल्कि आगे कुल के नाश का बहाना होगा | बड़ो की आज्ञा मानने से तर जाएगा | अपनी अक्ल की बेलगाम कार्यवाही से बर्बादी होगी | अपनी बेडी डुबो देने वाला मल्लाह, हर तरफ से दुखी | राजधानी की बेडी में सुराख़ कर देगा जो नंबर 4 के समुन्द्र, माता के घर या पेट में आते ही गर्क हो जाएगी |   
2)      शनि मंदा हो या कर लिया जाए | आमतौर पर गुरु नंबर 4 के समय शनि मंदा नहीं होता पर कर लिया जा सकता है | जैसे यदि वो सांप मरवाए, मकानों को गिरवाए, शराबी हो जाए या पराई स्त्रियों से यौन सम्बन्ध बनाए, तब | तो क्या होगा – बुरे काम में सदा खुश, शराब, मीठ, स्त्रिबाजी | मंदी प्रसिद्धी पसंद करने वाला | उसकी आँखों में खराबी होगी, दृष्टि खराब ओर केतु भी भला न होगा |
3)      जब शुक्र, बुध, राहू, शनि 10 में हो तो सोना, धन खतरे में होगा |
4)      जब राहू मंदा हो तो चन्द्र की जानदार चीजे माता या बेजान चीजो का फल बर्बाद, पानी तक जलता होगा |
5)      जब केतु मंदा हो तो अगर राजा होता था तो फ़क़ीर हो जाएगा या दुःख के समय डर कर जंगल में भाग जाएगा |    


S Kuber RA
Vedic & Lal Kitab Astrologer
Lal Kitab Vastu Consultant 

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