Saturday, 8 September 2018

लाल किताब सूर्य खाना नंबर 6

लाल किताब 

सूर्य खाना नंबर 6

आग जला, धन से बेफिक्र, अपने भाग्य से सन्तुष्ट |

10 मंगल हो लड़के खाता, राज गाले बुध 12 जो |  
पाताल अग्नि से लड़का निकले, लाख पापी चाहे मंदा हो |

अब मंगल नंबर का होता हुआ भी कभी मंगल बद या मंगलीक या मंदा न होगा | जिस तरह आग और पत्थर में कीड़े को भी रोजी मिलती है  उसी प्रकार ऐसे प्राणी के माथे की लकीरों को धो कर (मिटा कर) भी कोई उसका रिजक बंद नहीं कर सकता | जातक अपने भाग्य पर भरोसा करने वाला होगा | राजदरबार की दौलत से बेफिक्र और आग की तरह जल्द गर्म हो जाने वाले स्वाभाव का होगा | रसूख (ताकतवर और प्रभावशाली) पसंदी का स्वामी होगा | स्त्री और दूसरी चीजे सुन्दर होंगी मगर उसे उस की सिफ़्त (खूबी) की परवाह न होगी | चाहे लाख स्त्रियों का मिलापी हो, चाल चलन गन्दा और मंदा हो मगर फिर भी धन की कमी न होगी और रिजक मंदा न होगा | राजदरबार का सम्बन्ध उत्तम होगा | जन्म नानके घर या जद्दी मकान से बाहर होगा | जन्म समय घरबार सभी कुछ राजस्थान के रेगिस्तान के सामान होगा | राजदरबार (नौकरी वगैरा) कई बार छोड़ना पड़ेगा और एक बार तो अवश्य ही कार्य में गिरावट आएगी | लेकिन संतान होने की दिन से ठीक हो जाएगा और फिर से राजदरबार कायम होगा | लड़के के जन्म के समय जहाँ पर कार्य कर रहा होगा, बाकी जीवन के लिए वहीँ पर टिक जाएगा अथार्त लड़के के जन्म से या तो काम न बदले या बदले तो आगे से स्थित हालत का हो जाएगा और जीवन भर का साथ होगा | संसारी तीन कुत्तो की पलना करना सहायक होगी | (सूर्य खाना नंबर में केतु के घर में है तो जब केतु यानि लड़का कायम होगा तो राजदरबार के धक्के ख़त्म होंगे यानि केतु लड़के के कायम होने से पहले सूर्य राजदरबार का फल मंदा होने के कारण बार कार्य नौकरी वगैरा बदलना पड़ा था |   
1)      सूर्य उत्तम और जगता हो यानी खाना नंबर 2 में  सूर्य के मित्र ग्रह चंद्र, मंगल, गुरु हो तो घर के पुराने असूलों को चलाए रखना सहायक होगा जो सूर्य को उत्तम करेगा | जवाई (दामाद) यानि अपनी लड़की के पति को लाभ होगा |
2)       केतु नंबर 1 - 7 में हो या वर्षफल में आए तो राजदरबारी हालात उत्तम होंगे | नर संतान जरूर पैदा होगी और कायम रहेगी, संतान के योग चाहे लाख मंदे क्यों न हो संसारी तीन कुत्तो की पालना सहायक होगी | बिना उपाय ही 42 साल के बाद सब बुरे दिन अपने आप ही ठीक हो जाएगे


मंदी हालत में

अकेला बैठा सूर्य इस घर में अपने शत्रु ग्रह (केतु) की चीजे नर संतान और उसका सुख, मामा, नाना, नानी, साहूकारा, रफ़्तार, खरगोश, चिड़िया का नर आदि पर अपना नेक प्रभाव बंद कर देगा | मकान की पिछली पश्चिमी दिवार तोड़ कर रोशनी करना या हठधर्मी के असूल को उत्तम मानना सूर्य की आग से शरीर को जला देगा | रात का आराम (चारपाई), बुढ़ापे में नजर का सहारा या लड़का मंदा होगा | केतु की जानदार चीजे नर संतान और मामा और स्वयं अपने स्वास्थ्य पर मंदे प्रभाव के समय सूर्य का प्रभाव यानी बन्दर को गुड़, गेहूं या भूरी चींटी को सूर्य की चीजे गंदम (बाजरा) देना शुभ होगा | केतु की बेजान चीजों मंदे प्रभाव के समय बुध को नेक कर लेना सहायक होगा | सूर्य के अपने मंदे प्रभाव के समय (राजदरबार) चंद्र की चीजे कायम कर लेना (घोडा, दरिया का पानी जैसे गंगा जल) या चंद्र नष्ट कर देने यानी शाम की रोटी पकाने के बाद आग को दूध से बुझाना सहायक होगा
1) खाना नंबर 2 खाली हो तो सूर्य की आयु 22 साल में टेवे वाला या पिता में से कोई एक ही सरकारी आमदन का स्वामी होगा | यदि दोनों ही सरकारी नौकरी में हो तो एक शहर या एक जगह पर साथ रह कर सरकार से धन नहीं ले सकते | जुदा ही रहेंगे | टेवे वाले के लिए राज दरबार का दरवाजा कई बार खुलता और बंद होता होगा | पिता की आयु समाप्त करने के लिए वह पिता पर भारी होगा | जिस के लिए उपाय के तौर पर धर्म स्थान में कुत्ते की खुराक की चीजे देते रहना सहायक होगा | पिता की आयु टेवे वाले की 23 - 11 1/2  - 5 साल में शक्की होगी | इसलिए धर्म स्थान में कुछ देते रहना चाहिए ताकि पिता की सेहत, आयु, धन बचा रहे |
2) चंद्र कुंडली में बुरा हो और पापी नंबर 5 में हो तो अग्नि बाण की तरह सूर्य की आयु 22 - 11
 (11 1 / 2) पर मंदा प्रभाव होगा |
3) शनि 12 में सूर्य से दृष्ट तो अमूमन स्त्री भाग और स्त्री बर्बाद | स्त्री पर स्त्री मरे |
4) मंगल 10 में हो तो लड़के पर लड़का मरे | ब्लड प्रेशर की बीमारी, मंदा असर होगा | गर्मी के दिनों के दोपहर में सर पर आए सूरज की तेज धूप और गर्मी, सूर्य की आग राजदरबारी सम्बन्ध में जलन पैदा करती होगी |
5) राहु या शनि नंबर 1 में हो तो भाग्य को ग्रहण लगा हुआ होगा | हर और सूर्य की मंदी रोशनी होगी जिसमे गर्मी न होगी | जन्म समय माता पिता की हालत मंदी होगी | राहू - शनि की आयु में या उनके वर्षफल में खाना नंबर 1 में आने पर एक बार जरूर ग्रहण जैसा मंदा समय आएगा जो संतान के दिन या केतु के खाना नंबर 1 - 7 में आने पर या 45 - 48 साला आयु में समाप्त होगा |
6) राहू नंबर 2 और शनि नंबर 8 में हो तो सूर्य ग्रहण या राजदरबार और अपने स्वास्थ्य की मंदी घटनाओं का समय होगा | उपाय के तौर पर धर्म स्थान में दूसरो के द्वारा खैरायत की हुई चीज अपने पास रखने से सूर्य की रोशनी को बहाल कर देगा |                     
7)  जब चंद्र 12 में हो तो स्वयं या स्त्री एक आँख से कानी होगी |
8) जब राहु 1 में और केतु 7 में होगा तो जन्म अपने घर घाट से बाहर या नानके घर होगा | जद्दी मकान की दिवार का पिछला भाग फोड़ कर रोशनी कर लेने से भाग्य का उजाला न रहेगा बल्कि अग्नि बाण भड़कते शोलो से सारा ब्रह्माण्ड भरा होगा | जद्दी पुरानी रस्मो को बंद बंद कर देना कभी आबादी या खुशहाली न देगा 


S Kuber RA
Jyotish Acharaya
Vedic & Lal Kitab Astrologer
Lal Kitab Vastu Consultant 

No comments:

Post a Comment