Saturday, 8 September 2018

लाल किताब सूर्य खाना नंबर 7


लाल किताब 

सूर्य खाना नंबर 7

कम कबीला, डरता डरता मर रहे

जबान नर्म हाकिम व्यापारी हो जलता, जमाना उसे क्यों पामाल (रोंदता) करता |

सेहन (आँगन)  गली के साथ होगा यानि घर के साथी गली बाजार और मकान के दरम्यान सिर्फ खाली दिवार होगी जिस पर छत न होगी | गली और सेहन की दरम्यानी दिवार छोटी ही होगी | बाहर गली में खड़े हो तो दिवार के साथ सेहन के साथ लगता हुआ मकान नजर आएगा | ऐसी हालत में सूर्य नंबर 7 का प्रभाव  होगा |

नेक हालत में

होंसला | मुझ से दूसरा अपनी शान न बढ़ाने पाए का आदी होगा | बुध की 34 साल आखिरी हद मंदी गुजर गुजरने पर माया, जर, परिवार की हद शुरू होगी | स्वयं अपनी जान और जिस्म पर सूर्य का बुरा असर न होगा बल्कि टेवे वाले का अपना परिवार उत्तम और फिर आगे औलाद के दिन से माया दौलत की बरकत मगर माता पिता कुनबा व ससुराल खानदान का राजदरबारी सम्बन्ध में सूर्य का बुरा असर घास पर आग पड़ी हुई की तरह मंदा ही होगा | सूर्य कभी मंदा न होगा | सब कुछ उत्तम होगा | मर्द स्त्री दोनों की आयु लम्बी ही होगी | सफर से जिन्दा वापिस आएगा | ऊँचे सूर्य की तरह किसी सवाली को अगर भिक्षा देगा तो चांदी या मोती ही देगा | मगर मिटटी खाना नंबर 7 शुक्र गृहस्थी मिटटी का घर न देगा | बेशक कितने ही दुःख देखने पड़े फिर भी अपने में एक उदहारण पुरुष होगा | स्त्री का सुख 25 साल ही हल्का होगा | स्त्री रहे तो लाजवंती के फूल की तरह ऊँगली रखते ही मुरझा जाने वाली और अपनी इज्जत स्वयं बचानी वाली होगी तो जीवन भर आराम से रहे | वर्ना वह न रहे | अगर वह बद हो लेकिन फिर भी रहे तो उस का घर (ससुराल तरफ या शुक्र का साथी ग्रह जन्म कुंडली के हिसाब से ) ही न रहे | फिर भी रहे तो सांसारिक धन दौलत माया लक्ष्मी की जगह मंदी मिटटी या पराई ममता (गैर मुसीबत) ही गले लगेगी | फिर भी रहे तो उस घर में (टेवे वाले का खानदानी या शुक्र बैठा होने का घर (जन्म कंडली के हिसाब से) कोई न रहे | बहरहाल ऐसा व्यक्ति बुध की आयु 17 / 34 साल से इकबालमंद होगा |              

1)       जब खाना नंबर 2-3-5 या बुध गुरु या शुक्र उत्तम हो तो चाहे रिजक सारी उम्र परदेस में होगा पर मृत्यु अपने जद्दी मकान में होगी |
2)       जब शनि, बुध, केतु नंबर 2 में हो तो स्त्री भाग हल्का पर मंदा नहीं गिनते | पराई ममता गले लगी रहे |
3)      जब गुरु, मंगल या चंद्र नंबर 2 में हो तो ऊँचे दर्जे का मंत्री होगा |
4)       जब बुध उच्च या बुध नंबर 7 में या मंगल की सहायता नंबर 7 में तो आमदन धन अच्छी मगर अक्ल की शर्त नहीं |

मंदी हालत में

घर की हालत उसके जन्म के दिन से बोलना सीखते सीखते मंदी (हूंझ बिहारी) अर्थार्थ टेवे वाले के जन्म के समय तो धनाढ्य थे पर बाद में देखते देखते ही सब कुछ सफाचट हो गया और सब पर ही झाड़ू फिर गया | और जन्म दिन से ही बुआ फूफी बर्बाद | टेवे वाले में रूहानी नुक्स आम होंगे | इस घर में अकेला बैठा सूर्य अपने शत्रु शुक्र की चीजे शादी या गृहस्थी का फल, स्त्री की बाहर की शान, जिस्म की जिल्द, कांसी के  बर्तन,चरी ज्वार, सफ़ेद गाय, हर दो प्यार पर अपना अच्छा प्रभाव बंद कर देगा |

नर्म जुबान हाकिम और गर्म स्वभाव दुकानदार होने की हर दो हालत में टेवे वाला बर्बाद होगा | बेहद गुस्सा, दाल सब्जी में हद से ज्यादा नमक खाना, मन पसंदी, मंदी प्रसिद्धि बर्बादी तथा मंदी हालत की निशानी होगी | परिवार की कमी और सोने की जगह घर मिटटी से भरता जाए | ख़ुदकुशी तक की सलाह मगर होंसला मौजूद (गुरु का उपाय मदद करेगा) यदि सब ही ग्रह मंदे | स्त्री सुख 25 साल ही हल्का होगा |

1)       जब शुक्र या पापी नंबर 2 में हो तो कोई कोइ न कोई स्त्री दुखी हो कर उसके गले लगती रहेगी | कोइ स्त्री गृहस्थी बोझ बनी रहेगी | उसकी अपनी स्त्री भी अपने माता पिता को हर दम दुखी देख कर रोती रहेगी | ऐसा भी हो सकता है कि ससुराल बाकी ही न रहे मगर जातक खुद इकबाली रहे | पराई ममता गले लगे |   
2)      जब गुरु, शुक्र या पापी 11 में हो और बुध किसी और जगह बर्बाद हो तो घर में इतनी मौते हो कि न कफ़न मिले न ही लाशो को दफ़नाने या जलाने वाला मिले | राजदरबार में खराबियां | दमा तपेदिक या स्त्री पुरुष दुखों का जोडी मंदा जमाना 34 साल आयु तक होगा | मंदी और जहरीली हवा से हर गृहस्थी सम्बंधित साथी का दम घुटता होगा | मरीज में मर्ज का पता और हकीम के घर का पता न चले | पितृ ऋण का बोझ देखा देता रहे | आत्महत्या, आग की घटनाए, गबन, गृहस्थ से तंग आ कर भागे हुए फ़क़ीर की तरह का जीवन भाग्य होगा | दीवानगी दिमागी खराबी तक नौबत चली जाए | बदमिजाजी, खुदगर्जी, बेहद तबाही का गुस्सा | राजदरबार की कमाई बर्बाद हो |
3)      बुध 9 में हो तो लोगो में देनदारी |
4)      जब बुध का साथ या मदद न हो तो

न धन रहे न धनाढ्य रहे, न गुल रहे न गुलजार हो |
सब मालोजान बर्बाद, चाहे कितना ही घर-बार हो |
जन्म समय लाख हजारी, बोलना सिखने तक या टू - टू करने पर ही कागज पर फैलने वाली स्याही की भांति भाग्य का मंदा हाल होगा
5)      मंगल या शनि 2-12 में हो और चंद्र नंबर 1 में हो तो फुलबहरी (Leucoderma) होगी |
6)      केतु नंबर 1 या बुध नंबर 11 में हो तो नरम जुबान का अफसर या गर्म जुबान  का दुकानदार हो तो बर्बाद होगा | दोहता पोता की पैदाइश पर स्वास्थ्य मंदा होगा |
7)      जब नंबर 1 खाली हो तो सर्दी के मौसम में धूप की तपिश कम होने की तरह सूर्य का प्रभाव सोया हुआ या मंदा ही होगा और उसी दिन उत्तम होगा जब जब खाना नंबर 8 का ग्रह नंबर 2 में आएगा | इसमें पहली 12 साल की साइकिल को नहीं लिया जो पांचवे साल में 8 का ग्रह 2 में आता है | 13, 29, 41, 54, 72, 78, 86, 98, 119 साल में | लाल किताब में 64 साल भी लिखा है जो गलत है (मिसप्रिंट) |

उपाय

संसार की जाहिरदारी (दिखावा) उत्तम रखना | दुकानदारी नरमी की और अफसरी गर्मी की होना नेक होगा चाहे फर्जी हो क्यों न हो नहीं तो सूर्य टेवे वाले की मिटटी तक उडा देगा यानि बर्बाद कर देगा | अगर शनि का टकराव नंबर 1 से आ जाए तो चंद्र नष्ट करना सहायक होगा यानि शाम की रोटी पकाने के बाद चूल्हे की आग को दूध से बुझाना सहायक होगा | इस बुझी आग को प्रातः सूर्य निकलने से पहले फिर न जलाया जाए | अगर आग जलाना जरूरी ही हो जाए तो किसी दूसरी जगह पर जलाए | बुझाए गए चूल्हे को सूरज निकलने के बाद पोचा फेर कर फिर इस्तमाल कर सकते है | आम मंदी हालत में बुध को नेक कर लेना सहायक होगा | माली गृहस्थी का, केतु (नर संतान) की मंदी हालत के समय जमीन में ताम्बे का चकोर टुकड़ा दबाना सहायक होगा | थोड़ा सा मीठा मुंह में डाल कर पानी पीकर या यूँ ही पानी के कुछ घूँट पीकर काम करना अच्छा और शुभ होगा स्याह रंग या बिना सींग वाली गाय की सेवा करना शुभ होगा | उसका रंग देखना जरूरी है क्योंकि सफ़ेद गाय दही रंग (शुक्र) अशुभ है | स्याह रंग (शनि)  शुभ, बिना सींग वाली गाय शुभ | मगर लाल रंग (सूर्य या मंगल) शक्की (मंगल बद) पर होगी | इसके अलावा रोटी खाने से पहले भोजन का टुकड़ा आग में आहुति के तौर पर डालना गृहस्थ में सहायता करेगा |

S Kuber RA
Jyotish Acharaya 
Vedic & Lal Kitab Astrologer
Lal Kitab Vastu Consultant 

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