लाल किताब फरमान नंबर 9
मददगार उपाय
ग्रह – आत्मा , राशी – शरीर
रूह बुत के झगडे की तरह ग्रह को रूह ओर राशी को बुत माने तो ग्रह फल के उपाय
की इस विद्या में गुंजाईश नहीं मानी गई है
| राशि या ग्रह या राशी फल के शक का इलाज ओर ग्रहों के धोखे धक्के से बचकर चलना
इंसानी ताकत में माना गया है | बुध के ग्रह का हीरा निहायत कीमती पत्थर सबको काटता
ओर मारता है मगर बुध की खुद अपनी दूसरी निहायत नर्म चीज कलई (टाँके लगाने वाली
धातु) बुध के हीरा में सुराख़ डाल देती है | इसी तरह ही पापी ग्रह सब ग्रहो पर अपना
धक्का लगाते है मगर उनको (पापी ग्रहों को) मारने के लिए खुद अपना ही पाप (राहू –
केतु) यानि राहू के मंदे असर को केतु का उपाय दुरुस्त करेगा ओर केतु के मंदे असर
को राहू का उपाय नेक करेगा | ओर पाप की बेडी भर कर डूबेगी | संक्षिप्त में पापी
ग्रहों का उपाय उन ग्रहों की सम्बंधित की पालना करना या उनसे आशीर्वाद या क्षमा ले
लेना मुबारिक होगा | मसलन शुक्र की मुत्ल्ल्का चीज गाय तो शुक्र की मदद के लिए गाय
को अपनी खुराक का हिस्सा देवें | धन दौलत की हानि शनि की मंदी निशानी के समय कौवे
को रोटी का हिस्सा देवें ओर औलाद के लिए कुत्ते को अपनी खुराक का टुकड़ा बख्शे |
हर ग्रह की मसनुई हालत में दो ग्रह
होते है | जब कोई ग्रह मंदा हो जाए तो उसकी मसनुई हालत में दिए दो ग्रहों में से
कोई एक ग्रह को हटाने का प्रयास करे जिसके हटने से नतीजा नेक हो जाए, कोई ओर ग्रह
कायम करे जो बुरे फल के हिस्से के देने वाले ग्रह को ही गुम या नेक कर दे | मसलन
शनि मंदा हो तो शुक्र – बृहस्पति में से बृहस्पति को हटाने के लिए बुध को कायम करे
जो की बृहस्पति को गुम कर देगा ओर शुक्र बाकी रह जाएगा | अब बुध – शुक्र मिलने पर
शनि नेक होगा |
यहाँ में यह कहना चाहता हूँ कि यह
उपाय सोच समझ कर करे कहीं ऐसा न हो की हम किसी नीच / मंदे ग्रह को कायम कर ले | उस
घर के हिसाब से जहाँ पर शनि बैठा हो मसलन शनि नंबर 12 तो कायम किया हुआ बुध नीच फल
का होगा |
उपाय के इलावा हर एक पक्के ग्रह का
उपाय तो लाल किताब के मुताबिक़ ही लेंगे |
शुक्र जब ख़राब करे या खुद ख़राब होवे
तो राहू – केतु में से राहू को हटा दे तो राहू नेक फल का या शुक्र का अपना फल नेक
होगा | बुध – बृहस्पति दोनों को चलाने के लिए बुध यानि सब्ज हरा रंग वस्तु गुरु,
सोना जेवर, सब्ज कागज में रखने से मदद |
कुंडली में जब मंगल बद हो तो चन्द्र
नदारद होगा | मंगल बद वो अग्नि है जो चंद्रमा के खाना नंबर 4 के समुन्द्र को सुखा
देती है | जब मंगल बद को चन्द्र – सूर्य की मदद भी हो तो मंगल बद न होगा |
चन्द्र उम्र का मालिक है ओर हर एक
पर मेहरबान होगा | मंगल बद सबके लिए मौत का
फंदा लिए फिरता है | या जहाँ चन्द्र होगा वहां पर जीवन है तो मौत मंगल बद वहां न
होगा | इस असूल पर मंगल बद का इलाज चन्द्र की पूजना या मदद ढूढना मुबारिक होगा |
तंदूर में मीठी रोटी लगाकर खैरात में देने से भी मंगल बद का असर दूर होगा | राहू
का मंदा असर जौ को किसी बंद जगह में भोझ तले दबाया जावे यां फिर दूध से धोकर चलते
पानी में डाला जावे | जब मंदे राहू के वजह से लम्बा बुखार , तपेदिक वगैरा तंग करे
तो दूध के बजाए गौ मूत्र से धो कर लाल सुर्ख लाल कपडे से बंद करे | गौ मूत्र से
दांत साफ़ करे | जो ग्रह कुंडली में उच्च होवे उसकी मुत्ल्ल्का चीज की मदद से मंदे
ग्रह का असर दूर हो जाता है |
शनि वगैरा ग्रह जिस ग्रह की राशी या
पक्के घर में होवे तो उस ग्रह के पूजा से नेक फल होगा | मसलन शनि हो बुध के घर में
तो शनि काला ओर बुध पक्षी याने काले पक्षी की जेसे कौवे की पालना मुबारिक होगा |
शनि हो शुक्र के घर में तो काली गाय की पूजना पालना मुबारिक होगा वगैरा
धोखे के ग्रह का जो छुपा छुपाया
होता है, इलाज भी देख लेना जरूरी होगा | अगर लड़का लड़की बाप के लिए दोनों ही मंदे
फल वाले पैदा हो जावे तो सूरज लड़का ओर बुध लड़की यानि लड़की (बुध) के गले में ताम्बे
(सूरज) का टुकड़ा मुबारिक होगा जो बुध को दबा देगा | पापी ग्रहों के साथ जब कोई
दुसरे ग्रह भी हो तो मंगल को कायम करना मुबारिक होगा लेकिन कायम तब करे जब मंगल
राशि फल का हो यानि खाना नंबर 1, 8, 3 में ना हो | बुध काम देगा इसी तरह ही स्त्री
ग्रहों (चन्द्र, शुक्र) में बुध की ताकत मदद देगी, बशर्ते बुध 3, 6, 7 या 9 का न
हो | ऐसी हालत में मंगल मदद गार होगा | संक्षिप्त में उपाय के वक्त देख ले जिस
ग्रह के जरिए उपाय करना है वो ग्रह कहीं खुद ही ग्रह फल का तो नहीं है | खाना नंबर
9 के ग्रहों का उपाय रंग के जरिए फर्श मकान से होगा यानि जो ग्रह खाना नंबर 9 में
मंदा हो मसलन शुक्र या मंगल बद वगैरा तो उसके दोस्त ग्रहों की पालना करे | खाना नंबर
9 में बैठे नेक ग्रह की रंग की चीजे पाँव तले फर्श पर न लगाए | मसलन मंगल नेक हो
खाना नंबर 9 में तो लाल रंग का फर्श न बनाए |
जब आम उपाय काम न देवे तो घंटो के
अन्दर-अन्दर ही फैसला करने के लिए निम्नलिखित उपाय सहायक होगे
1)
मंगल बद के लिए रेवड़ियाँ बहा दे
2)
गुरु के लिए केसर नाभि या जबान पर लगाए या खाए
3)
सूरज के लिए गुड बहा दे
4)
चंद्र के लिए दूध या पानी का बर्तन सिरहाने रखकर किका के
वृक्ष को डाले
5)
शनि के लिए तेल का छाया पात्र करे
6)
शुक्र के लिए गौ दान या चरी – ज्वार दान करे
7)
मंगल नेक के लिए मीठा भोजन दान करे या बताशे बहा दे
8)
राहू के लिए मूली दान करे या कोयले बहा दे
9)
केतु के लिए कुत्ते को रोटी डाले वगैरा
अवधि उपाय
कम से कम 40 दिन ओर अधिक से अधिक 43
दिन करे | कुल खानदान की बेहतरी या पितृ ऋण, मातरी ऋण वगैरा के लिए 40 – 43 हफ्ते
करे | उपाय में नागा होने से निष्फल होगा ओर नए सिरे से दोबारा करना होगा | अगर
किसी वजह से उपाय बीच में बंद करना पड़े ओर पिछला असर कायम रखना हो तो चावल दूध से
धोकर अपने पास रख ले |
जन्म दिन ओर जन्म वक्त के हिसाब से
मददगार उपाय
मसलन पैदाइश हो सोमवार की (हिन्दू
कैलेंडर के हिसाब से) तो जन्म दिन का ग्रह हुआ चन्द्र | जन्म हो पक्की शाम यानि
सूर्य अस्त के समय जब कोई एक तारा भी न निकला हो तो जन्म वक्त का ग्रह होगा राहू |
जन्म वक्त के ग्रह को जन्म दिन के ग्रह के पक्के घर में मानेगे | तो राहू को खाना
नंबर 4 में मानेगे | जन्म वक्त का ग्रह, ग्रह फल का होता है ओर जन्म दिन का ग्रह
राशि फल का तो अब अगर उपाय करना हो तो राहू का उपाए न करेगे, चंद्र का उपाय करेगे |
ख्वा यह जन्म वक्त का ग्रह, ग्रह फल का ही कोई फर्क नहीं पड़ेगा | जन्म दिन के उपाय
से नेक फल होगा | एक ओर उदहारण लेते है | मसलन किसी की पैदाइश मंगलवार सुबह 6 – 9
बजे के बीच हो (सूर्य उदय से सूर्य अस्त के हिसाब से गणना करे क्योंकि यहाँ पर
सूर्य उदय सुबह 6 बजे ओर सूर्य अस्त शाम 6 बजे लिया है) तो जन्म वक्त का ग्रह गुरु
हुआ | अब जन्म वक्त के ग्रह गुरु को जन्म दिन के ग्रह मंगल के पक्के घर यानि खाना
नंबर 3 में लेंगे | फर्ज करे की गुरु मंदा है ओर बीमारी ही बीमारी खडी करता जावे
तो मंगल का उपाय करेंगे न की गुरु का चाहे, मंगल यहाँ खाना नंबर 3 में ग्रह फल का
होता है | वैसे देखे तो मंगल खाना नंबर 4 ओर 6 में ही राशी फल का लिखा था | गुरु
का उपाय यहाँ पर मददगार न होगा | इसका मतलब यह है की जन्म वक्त का ग्रह ढूँढना हर
कुंडली के लिए जरूरी होगा क्योंकि उसका उपाय काम न करेगा |
अगर किसी राशि का निशान अपनी मुकरर्र
जगह की बजाए हथेली में किसी दूसरी जगह हो मसलन मिथुन राशी का निशान हाथ में खाना
नंबर 12 में हो तो जन्म कुंडली बनाते समय खाना नंबर 12 में मिथुन राशि लिख कर बाकी
खानों में बाकी की राशी लिख दे यानि खाना नंबर 1 (लग्न) में कर्क राशी, खाना 2 में
सिंह राशी वगैरा | लग्न का मालिक है चन्द्र जो कुंडली वाले के लिए हमेशा राशिफल का ही होगा चाहे कुंडली में कहाँ भी
बैठा हो | मसलन तुला लग्न का जन्म हो तो शुक्र हमेशा राशिफल का ग्रह होगा | कुम्भ
लग्न का जन्म हो तो शनि हमेशा राशिफल का ग्रह होगा वगैरा | यह बहुत ही महत्वपूर्ण
बात है इसे हमेशा याद रखे | अगर आप हाथ देख कर कुंडली बना सकते है तो यह फरमान
आपके काम का है | इसी तरह अगर ग्रह का निशान हाथ में जिस खाना में पाया जाए उस
ग्रह को कुंडली में उस खाना नंबर में लिख देगे |
ग्रह का उपाय
1)
ग्रहफल का उपाय नहीं मानते, राशिफल हरवक्त काबिले उपाय होगा |
2)
उपाय वक्त सूरज निकलने से सूरज छिपने तक दिन का अरसा है |
रात पर शनि का राज माना है जिसमे उपाय करना कई दफा खतरनाक भी हो सकता है इसलिए
बेहतर यही होगा कि रात के वक्त उपाय न किया जाए |
3)
अवधि कम से कम 40 दिन ओर ज्यादा से ज्यादा 43 दिन होगी |
उपाय शुरू करने के लिए किसी खास वार जैसे सोमवार, मंगलवार वगैरा के दिन की शर्त न
होगी
4)
उपाय के मध्य में नागा हो जाने पर ख्वा 39 वे दिन ही भूल
जाएं तो सब किया कराया निष्फल होगा ओर दोबारा नए सिरे से उपाय करना मददगार होगा |
5)
अपने खूनी हकीकी का कोई भी रिश्तेदार उपाय कर सकता है जो
जायज ओर फल देने वाला होगा
6)
नष्ट हो चुके ग्रह या बहालत पितृ ऋण व् औलाद वगैरा के लिए
निम्नलिखित उपाय होगा
1
|
2
|
3
|
4
|
5
|
6
|
7
|
गैबी ताकत में
|
किस्म ग्रह
|
नंबर ग्रह
|
नाम ग्रह
|
रंग ग्रह
|
उपाय औलाद
|
वस्तु
|
|
|
|
|
|
|
|
ब्रह्मा जी
|
नर ग्रह
|
1
|
गुरु
|
पीला
|
हरिभजन
|
दालचना, सोना
|
विष्णु
|
नर ग्रह
|
2
|
सूरज
|
गंदमी , गेहुं जैसा
|
कथा हरिवंश
|
गंदम, सुर्ख ताम्बा
|
शिव भोले
|
स्त्री
|
3
|
चन्द्र
|
दूध का
|
शिव पूजन
|
चावल, दूध, चांदी
|
लक्ष्मी जी
|
स्त्री
|
4
|
शुक्र
|
दही का
|
लोगो की पालना
|
घी, दही, कपूर, मोती सफ़ेद
|
हनुमान जी
|
नर ग्रह
|
5
|
मंगल
|
सुर्ख लाल
|
गायत्री पाठ
|
दाल मसूर लाल, लाल पत्थर
|
दुर्गा जी
|
मुखन्नस
|
6
|
बुध
|
सब्ज हरा
|
दुर्गा पाठ
|
मुंग साबुत, पन्ना
|
भैरों जी
|
मुखन्नस
|
7
|
शनि
|
स्याह काला
|
राजा की उपासना
|
साबुत मां की दाल, लोहा
|
सरस्वती
|
मुखन्नस
|
8
|
राहू
|
नीला
|
कन्यादान
|
सरसों, नीलम
|
श्री गणेश
|
मुखन्नस
|
9
|
केतु
|
चितकबरा
|
दान कपिला गाय
|
तिल
|
नोट: जो ग्रह नीचफल देवे इस ग्रह के
बचाव के लिए इस जगह दिया हुआ दान करे |
शादी के समय, हिंदु धर्म के अनुसार
फेरे, मंदे ग्रह का उपाय बहुत ही कारगर होगा ख्वा मंदा ग्रह औरत ख्वा मर्द के टेवे
का हो | मगर मर्द के टेवे के मंदे ग्रहों का उपाय जरूर कर ले क्योंकि शादी की रस्म
पुरी होते ही, अमूमन औरत के टेवे के ग्रहों पर मर्द के टेवे के ग्रह प्रबल हो जाते
गिने है |
तफसील के तौर पर अगर जन्म कुंडली के
अनुसार
1)
गुरु मंदा हो तो क्या करे
लड़की का
संकल्प (बवक्त रस्मो रिवाज शादी) करने के ठीक उसी वक्त (बाद में) खालिस सोने के दो
टुकड़े (वजन की कोई शर्त नहीं) बराबर बराबर वजन के ठीक इसी तरह दान में दिए जिस तरह
कि लड़की का दान किया गया | फिर उन दो टुकडो में से एक को चलते पानी में बहा दे |
ओर दूसरा लड़की को दे | हिदायत सिर्फ इतनी है कि वह लड़की उस सोने के टुकड़े को बेचकर
उसकी कीमत न खा लेवे | जब तक यह टुकड़ा उसके पास रहेगा गुरु के मंदे असर से बचाव ही
होता होगा | ऐसा टुकड़ा अमूमन चोर भी नहीं चुराया करते या चुरा सकते | ओर न ही यह
गुम हुआ करता है | लेकिन अगर किसी वजह से गुम या चोरी हो जाए तो वहम को बात न होगी
| गए हुए टुकड़े के एवज में एक ओर नया टुकड़ा कायम करले | ओर यह नया टुकड़ा भी वही
नेक असर देगा जो की पहले टुकड़े का गिना है | ऐसा टुकड़ा दोबारा कायम करते वक्त
दूसरा टुकड़ा बहाने की जरूरत नहीं है | अगर कोई बहुत गरीब हो तो केसर की दो पुड़ियाँ
या साबुत हल्दी की दो गांठे ऊपर के ढंग से कायम करे | लेकिन बेहतर यही होगा की
खालिस सोना ही किसी न किसी तरह कायम किया जाए |
2)
सूरज मंदा हो तो सोने के जगह सुर्ख ताम्बा ले ले
3)
चन्द्र मंदा तो दूध रंग का सुच्चा मोती ले | न मिले तो
चांदी, चावल ओर प्राणी के वजन के बराबर दरिया का पानी शादी के वक्त घर में कायम कर
ले
4)
शुक्र मंदा तो दही रंग का सफ़ेद सुच्चा मोती ले ले
5)
मंगल मंदा हो तो कीमती पत्थर सुर्ख लाल रंग पर चमकीला न हो
6)
बुध मंदा तो हीरा ले ले | न मिले तो सीप ले ले
7)
शनि मंदा तो लोहा या फौलाद ले ले | न मिले तो स्याह नमक या
स्याह सुरमा ले ले
8)
राहू मंदा तो चन्द्र वाला उपाय करेंगे | नीलम कभी न लेंगे
वरना बहुत मंदा असर होगा
9)
केतु हो तो दो रंगा पत्थर ले ले (जैसे लहसुनिया)
1)
शुक्र नंबर 6 के वक्त वाल्दैन (माँ – बाप) की तरफ से शादी के
वक्त लड़की के लिए उसके सर पर कायम रखने के लिए खालिस सोना बतौर दान लड़की को दें
जिसे वो कभी कभी इस्तेमाल करे | शुक्र नंबर 6 के मंदी हालत से बचाव होगा |
2)
थोडा सा खालिस सोना लड़की की शादी के दहेज़ में छोड़ना उम्दा
गुरु के असर को ओर भी उत्तम करता होगा (जब तक बेचा न जाए)
3)
मर्द या औरत के टेवे में जब निम्नलिखित हालत हो
शुक्र के साथ या शुक्र के घर
1)
खाना नंबर 2, 7 में उसके दुश्मन हो (राहू, सूरज, चन्द्र) या
राहू-शुक्र, सूरज-शुक्र, चन्द्र-शुक्र मुश्तरका किसी भी घर में
2)
शुक्र अकेला या मुश्तरका नंबर 4 में
3)
राहू अकेला नंबर 1, 7, 5
4)
शनि नंबर 5, 9
5)
केतु नंबर 8 अकेला
6)
केतु के साथ उसके दुश्मन मसलन मंगल - केतु मुश्तरका या
चन्द्र – केतु, सूरज – केतु, बुध – केतु किसी भी घर में हो तो औरत के वाल्दैन के
घर से खालिस चांदी या मंदे केतु का इलाज धर्म स्थान में दो रंगा कम्बल देना या
केतु जब पितृ ऋण से मंदा हो तो 100 कुत्तो की बारात को एक ही दिन में खुराक दे
यानि खुराक साथ लेकर कुत्तो में बाटते जाए ओर सूरज छिपने से पहले 100 तादाद पूरी
कर ले |
7)
पहली औरत से पहला ही मर्द दो दफा कुछ वक्त छोड़ कर शादी की
रस्म अदा कर ले तो शुक्र नंबर 4 की दो औरत जिन्दा कायम होने के शर्त दूर होगी |
8)
बुध नंबर 12 वाला शादी के वक्त लोहे का छल्ला जिसमे जोड़ न हो
टेवे वाले के हाथ लगवा कर बहाए ओर दूसरा छल्ला वैसा ही लोहे का टेवे वाला हमेशा
खुद पहनता रहे तो बुध 12 हमेशा ही मददगार साबित होगा |
9)
मंदे केतु का उपाय केतु से या खाना नंबर 10 के ग्रह की
मार्फ़त से
10)
मंदे राहू, पापी ग्रहों का उपाय उन ग्रहों की सम्बंधित का
पालना करना
11)
मंदे शनि का धन दौलत के लिए कौए को रोटी
12)
मंदे शुक्र के लिए गाय को रोटी
13)
मंगल बद के लिए तंदूर में पकी मीठी रोटी कुत्तो को या गरीबो /
जानवरों को खिला दे | जौ दूध में धो कर बहा दे | बुखार में गौ मूत्र से धोकर सुर्ख
लाल कपडे में बांधे जो चमकीला न हो | गौ मूत्र से दांत साफ़ करे | रेवड़ियाँ पानी
में बहा दे | नाभि पर केसर लगाए | गुड पानी में बहा दे
14)
हर ग्रह अपने बैठा होने के नेक या मंदा असर जब तक न देगा जब
तक कि उस घर की मुताल्ल्का तरफ या जगह में उस ग्रह की मुताल्ल्का चीज न हो | अगर
किसी पितृ ऋण का ग्रह हो या कोई ग्रह सोया हुआ या नष्ट बर्बाद हो तो सबसे पहले उन
खाली खानों के घर के मालिक ग्रह का उपाय करे जो या तो वो बराबर का ग्रह या दोस्त
हो | उसके बाद महादशा के वक्त में काम देने वाले ग्रह लेवे | इसके बाद दुश्मन
ग्रहों की दुश्मनी हटावे या राशिफल की हालत का फायदा उठावे | अगर यह काम न दे तो
सूरज को कायम करे | अगर वह भी काम न दे तो पापी ग्रहों ओर सबसे आखिर में बुध का
उपाय करे |
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