Friday, 7 September 2018

लाल किताब विशेष अध्याय

लाल किताब विशेष अध्याय 


SPECIAL CHAPTER
खबरदारी पहला चैप्टर

मकान रिहायश से मुत्ल्ल्का

1)            अगर रिहायशी मकान में दाखिल होनेपहले ही छते हुए हिस्सा में तह जमीन को अन्दर कुएं की तरह खुदी हुई भट्टी हो जो सिर्फ ब्याह शादियों के वक्त खोल ली जावे ओर बाद में मिट्टी डालकर बंद कर दी जाया करेहमेशा के लिए पक्के तौर पर कायम कर ली जाए तो जब कभी उस घर में मंगल नंबर 8 वाला बच्चा पैदा होता है तो उनकी (तमाम असली खून के साथी – रिश्तेदार) ऐसी तबाही शुरू होगी कि लोग कहेंगे कि वह सब के सब अचानक भट्टी में पड कर तबाह हो गएमर गए या बर्बाद हो गए अगर ऐसी भट्टी कायम हो ही चुकी हो तो जहाँ तक उसकी मिट्टी जल गई हो वह तमाम जली हुई मिटटी नदी नाला दरिया में डलवा दे इसका मतलब है की अगर जातक ने अपने घर में खुद ही मंगल बद (खाना नंबर 8 तह जमीन के नीचे) याने भट्टी स्थापित कर ली है तो जब उस घर में मंगल बद वाला जातक आएगा तो मंगल बद जाग जाएगा ओर मंगल बद के जाग जाने से सब ही ओर तबाही का जमाना होगा ओर मंगल याने खून के रिश्तेदार सब पर ही मंदा असर होगा जैसा की हम वैदिक में भी कहते है की अगर शनि खाना नंबर 8 में हो ओर शनि का सीधा सम्बन्ध करियर से भी हो तो Native will do some work related to underground, mining or tunnel making etc.  भट्टी की जली हुई मिटटी मंगल बद का कारक है तो इसलिए उस भट्टी को खोद कर सारी की सारी जली हुए मिटटी बाहर निकाल कर नदी – नाले में डाल दे ओर नई साफ़ मिटटी से उस भट्टी के गढ़े को वापस भर दे फिर कभी उस गढ़े को दोबारा न खोदा जाए अगर किसी का घर में पहले से ही मंगल बद खाना नंबर 8 में हो तो ऐसा ही फल समझे |

2)            रिहायशी मकान में मूर्तियाँ वगैरा (जिसमे शिवलिंगशालिग्राम सब शामिल है) रखकर पुरे तौर पर धर्म मंदिर स्थापन कर लेनापूजा की घंटियो के बजाए लावाल्दी (संतान का न होना या हो कर मर जाना) का घंटा बजा देगा खासकर जब गुरु खाना नंबर 7 वाला प्राणी उस घर में जन्म लेगा ऐसी मूर्तियाँ धर्म मंदिर में ही मुबारिक गिनते है कागज पर फोटो वगैरा या किसी देवी देवता की तस्वीर का कोई वहम न होगा | (चांदी का दिवाली के सिक्के का भी कोई वहम नहीं है) इसका मतलब है अगर टेवे वाले का गुरु खाना नंबर 7 में हो तो वो अपने घर में मूर्ति वगैरा रखता होगाअपने इस्तेमाल किए हुए कपडे दान करता होगा तो उसको घर – गृहस्थी में दिक्कत और नर संतान में दिक्कत होगी अगर फिर उसके घर में नर संतान भी पैदा हो जिसके खाना 7 में गुरु हो तो मंदे फल पुरे तौर पर मिलेंगे |     

3)            मकान में दाखिला पर दाएं हाथ आखिर पर जहाँ पहुँच कर मकान ख़त्म होकई दफा अंधेरी कोठरी (स्टोर) हुआ करती है जिसमे दाखिल होने के लिए दरवाजा के अलावा खिड़कीरोशनदान नहीं हुआ करता अगर ऐसी कोठरी को नया दरवाजा या रोशनदान रख कर रोशन कर लिया जाए तो वह खानदान बर्बाद होगा उसका चिराग बुझ गया होगा माया का हाथी ओर दौलत पर बैठा हुआ सांप उस घर से चला गया मानेगे बाद में उस खानदान पर नस्ली बर्बादी ओर मनहुसियत की मंदी हालत में हाथी की लीद बाकी गिनेंगे ओर जिसे बाहर फेंक कर मकान साफ़ कर लेने के लिए उन में माली कमजोरी की वजह से हिम्मत तक न होगी अगर किसी वजह से ऐसी कोठरी की छत बदलनी पड जाए तो पहले उस कोठरी की छत के ऊपर एक ओर ऊँची छत कायम कर ले फिर पुरानी छत को गिरा दे ऐसी कोठरी अमूमन अपने आप नहीं गिरा करती जब कभी भी होगाखुद गिराने से गिरेगी इसका मतलब है की घर में अगर कोई अँधेरा कमरा हो जिसमे सूरज की रौशनी न जाती हो क्योंकि उसमे कोई खिड़की या रोशनदान न हो तो वहां शनि का साम्राज्य याने अँधेरे का साम्राज्य होगा ओर साथ ही उसके मित्र राहु का भी स्थान होगा शनि जो की धन की थैली का मालिक है याने खाना नंबर 7 धन की थैली को उच्च करने वाला है या कहे की खजांची है घर में मौजूद था अब रौशनी करने से उसका शत्रु याने सूरज (रौशनी) कायम होने से शनि नदारद ओर मंदा हो जाएगा ओर शनि धन की हानि का भी कारक है तो जातक धन के ओर से बर्बाद होगा ओर माया धन के रक्षक यानि शनि सांप तो राहू उस नाग की अनमोल मणि दोनों ही उस घर को छोड़ कर चले गए मानेगे जिससे जातक की माली हालत इतनी ख़राब होगी कि उसके पास घर को साफ़ तक करने का पैसा न होगा पीछे अब क्या बचा बचा तो सिर्फ हाथी की टट्टी ओर हालत यह की उस कमरे तक को साफ़ करने के लिए पैसा नहीं बचागरीबी मुफलिसी के बाद अब शनि का मंदा असर फिर बाकि खानदान पर होगा ओर घर में मौत भी हो सकती है जहाँ तक छत का सवाल तो हम जानते ही है की छत का कारक राहू है ओर जब कभी राहु खाना नंबर चार में हो ओर वो वर्षफल में भी नंबर 4 में आए तो तो सिर्फ छत यानि राहू बदला जाए तो राहू का सब ओर ही मंदा फल जाग पड़ेगा इस अँधेरी कोठरी में तो केवल ओर केवल राहू के मित्र शनि का राज था तो राहू को अपने आप ही उसमे खास जगह मिल गई इस कोठरी की छत तो बहुत खास है तो इस कोठरी की सिर्फ छत न बदली जाए दीवारे यानि शनि को भी साथ में बदला जाए अगर छत के ऊपर छत बनाने की जगह न हो तो पूरा कमरा ही दोबारा बनाया जाए अगर ये भी न हो सके तो छत का पुराना लोहा आदि नए छत में इस्तेमाल करना जरुरी होगा नहीं तो सब ओर से मंदा फल होगा जेसे धन बर्बादखानदान बर्बाद मौते आदि अच्छा तो ये ही है के इस कमरे को न छेड़े क्योंकि शनि राहू से पंगा लेना बहुत महंगा पड सकता है खासकर जब वर्षफल में शनि राहू मंदे भी हो तो |    

पुराने रिहायशी मकानों मे कीमती चीजे जैसा सोनाजमा किया हुआ पैसा वगैरा सुरक्षित रखने के लिए जमीन के नीचे गुमनाम गढ़े कायम होते थे अगर ऐसे गढ़े खाली पड़े हो तो घर की धन दौलत के ताल्लुक में बुध बोलता होगा यानि घरों के मालिको की सब तरफ फोकी बाते ही बाते होगी ओर उनमे कोई पायेदारी इज्जत व् आबरू का नतीजा पैदा न होगा इसका मतलब है कि धन के स्थान को जहाँ पैसा सोना आदि रखा जाता है कभी खाली न छोड़े क्योंकि खाली जगह का मतलब है बुध का साम्राज्य जैसा खाली गोल घड़ा तो बुध ही बोलेगा मतलब के गरीबी ओर मुफलिसी होगी मकान के अन्दर फर्श पर अगर कच्चा (मिटटी का) हिस्सा बिलकुल न हो तो उस घर में शुक्र का निवास नहीं मानते शनि उनका गृहस्थ स्त्रियों की इज्जत सेहत ओर दौलत सब में शनि के मनहूस पत्थर ही पड़ते होगे क्योंकि पत्थर का फर्श तो शनि का कारक है जाहिरदारी (दिखावे) में वह बेशक हज़ार तीस मारखां बनकर फिरते हो अगर किसी वजह से कच्चा हिस्सा न रह सका हो तो वहां शुक्र की आशिया (चीजे) कायम कर छोड़े यहाँ पर एक ओर काम कर सकते है कि घर में पौधे रखे तो कच्ची मिटटी स्वयं ही उपस्थित होगी शुक्र की आशिया : दही रंग का मोतीसिले हुए कपडे जैसे कमीजरुईआलुदेसी घीकपूरदहीईंटकांसी का बर्तनचिड़ियाँचरी सफ़ेद ज्वारगाजर वगैरा पर मंदे शुक्र की चीजे खाना के हिसाब से कायम न करे 

4)            दक्षिण के दरवाजे वाला मकान स्त्रियों के लिए खासकर मनहूस होगा मर्द भी कोई खास सुख नहीं पाते रंड्वों के रहने या मातम करने की जगह हुआ करती है बड़ा दरवाजा ( मुख्य द्वार ) दक्षिण से हटा कर उस तरफ रास्ता न रख कर किसी दूसरी तरफ उस गली में किसी दूसरी तरफ को दरवाजा कर लिया करते है इलाका मद्रास जो हिंदुस्तान का दक्षिण भाग हैमें दक्षिण का दरवाजा इस बुराई से बरी हो सकता है मगर फिर भी नेक हालत कम ही होगी 

कन्या के लिए वर की खोज से मुत्ल्ल्का

1)            शनि नंबर 11 के टेवे वाला बेशक साहिबे इकबाल (प्रतापी) दौलतमंद ओर परिवार वाला होगा मगर वह दुनियावी आराम की उम्र के वक्त अपनी आल – औलाद औरत वगैरा अपने गृहस्थी साथिओं को ऐन समुंदर के दरम्यान बेडी ले जाकर अपने सिरहाने चप्पू रख कर सो जाने वाले मल्लाह की तरह ऐसे वक्त में उनका साथ छोड़ कर चला जाएगा की उन बाकी बचे हुओं की दुःख भरी आँहों को सुनने वाला शायद ही कोई दुनियावी साथी होगा या हो सकेगा लाल किताब कहना चाहती है शनि खाना नंबर 11 वाले लड़के से अपनी लड़की की शादी न करे खास कर जब शनि मंदा भी हो |

2)            अल्प आयु के ग्रहों वाला शख्स अपने आप की हद बंदी पर शक्की उम्र का मालिक होगा ओर अगर ज्यादा से ज्यादा आठ गुना यानि 8 X 8 = 64 साल तक जिन्दा रह भी जावे तो भी माली हालत ओर दुनियावी सुख सागर में उसका चंद्र दिली माया का दरिया सुखा हुआ होगा इसका मतलब यह है अगर टेवे वाला अल्पायु हो तो 8 वा घर मौत तो 8 X 8 के टेबल में मौत का खतरा होता है जैसे 16, 24, 32, 40, 48, 56 ओर आखिरी में 64 | अल्पायु वाला अगर किसी वजह से जैसे ईश्वर या किसी पहुंचे हुए गुरु की वजह से 64 साल तक जिन्दा रह भी जाए तो माली हालात में मुफलिसी गरीबी का साथ होगा ओर दुखी होगा अल्पायु के योग हम पढेगे |

3)            राहू मंदा या मंदे घरों में या बुधराहू मुश्तरका ओर मंदे घरों में (3,8,9,12) में या शनि नंबर 3 ( शनि खाना नंबर 3 नहीं शनि खाना नंबर 2 का होना चहिएमिस्प्रिंट है ) के टेवे वाला यह सब लड़की के बाप या अपने ससुर ससुराल को तबाह कर लेंगे इसका मतलब यह है कि अगर लड़के की कुंडली में राहू – बुध दोनों ही मंदे घरों के हो तो राहू याने ससुराल याने लड़की के माँ बाप बर्बाद इसी तरह शनि खाना नंबर 2 (ससुराल) में हो तो लड़का जैसे जैसे जीवन में तरक्की करता जाएगा वैसे वैसे लड़की के परिवार वाले बर्बाद होते जाएँगे |   

4)            शुक्र केतु मुश्तरका नम्बर 1 या मंगल बुध चन्द्र नष्ट तो नामर्द नाकाबिल औलाद नरिना होगा |

5)            सूरज खाना नंबर 4, शनि नंबर 7, खाना नंबर 12 निकम्मा यां
सूरज खाना नंबर 6, मंगल नंबर 10, खाना नंबर 12 निकम्मा या बर्बाद तो टेवे वाले का लड़के पे लड़का मरते जावें

6)            गुरु शुक्र मुश्तरका या चन्द्र नंबर 1 ओर गुरु नंबर 11, कामदेव की ज्यादती या ऐश की बेहद चाहत उसके सोने को गन्दी मिटटी के भाव बिकवा देगी ओर चन्द्र के मुत्ल्ल्का रिश्तेदार मातादादीनानी ओर सासमंगल के मुत्ल्ल्का जैसे पेट दर्ददूसरी खराबियांभाईतायाबड़ा मामूबर्बाद होगा यहाँ पर फिर से मिस्प्रिंट है क्योंकि सिर्फ गुरु – शुक्र मुश्तरका होने से ऐसा न होगा ऐसा तब होगा जब दोनों खाना नंबर 11 में एक साथ हो तो ओर अगर मंदे भी हो तो बेहद मंदा फल |

7)            सूरज शनि मुश्तरका या सूरज शनि का दृष्टि से झगडा या सूरज शुक्र बुध मुश्तरका हो तो जब तक खाना नंबर 12 में केतु या कोई नर ग्रह न हो यां खाना औलाद या औलाद का योग उम्दा न हो तो बेमोका तलाक जुदाई के वाकयात होगा चालचलन की बदनामी की तोहमत (सच्ची या फर्जी) तो अमूमन साधारण होगी |

अल – औलादस्त्री परिवार के सुख से सम्बंधित

1)            अपनी खुराक से गायकौवों ओर कुत्ते तीनो ही के लिए कुछ हिस्सा पहले ही जुदा रख लेना (जिसे गऊ ग्रास भी कहते है ) दुनियावी ताल्लुक के सब सुख सागर में मदद देगा |

2)            रोटी पकाने की जगह (रसोई) में ही रोटी खाना राहू की मंदी शरारतो से बचाता रहेगा ओर मंगल राहू मुश्तरका का नेक फल पैदा करेगा इसका मतलब यह है : रसोई जो मंगल का कारक है ओर खाना पीना भी मंगल का कारक है ओर रोटी जो चूल्हे पर पकाई जाती है वो चुल्हा राहू है रसोई में मंगल राहू मुश्तरका है तो राहू मंगल के साथ बिल्कुल चुप रहता है क्योंकि मंगल से डरता है राहू अब कोई शरारत नहीं कर पाएगा |

3)            हर महीने घर के सदस्यों की संख्या से कुछ ज्यादा संख्या (जो आए – गए मेहमानों की औसत संख्या हो ) के बराबर मीठी रोटियां (चाहे कितनी ही छोटी छोटी क्यों न हो) मगर तादाद कम न हो पकाकर बहार जानवरों को खाने के लिए डाल दिया करें तो घर में बीमारीझगड़ों से नाहक खर्चों की बचत रहा करेगी |

4)            रात के आराम के वक्त अपनी चारपाई के नीचे थोडा सा पानी किसी बर्तन में रख ले ओर सुबह वह पानी किसी ऐसी जगह डाल दे जहाँ उसकी बेइजती न समझी जाएन ही उस पानी को इस्तेमाल करे तो राहू की शरारतों से (नाहक झगडेफसादबेइज्जतीबीमारीतोहमत या कोई दूसरी लानत वगैरा ) बचाव होता रहेगा |

5)            आम तौर पर इंसान की तबीयत ग्रह चाल के मुताबिक़ ही हो जाया करती है लेकिन अगर कोई शख्स जिद्द से उल्ट ही चलता हो तो वह नफे के बजाय नुक्सान ही पाएगा मसलन शनि नंबर 7 उच्च हालत का मालिकतबियत से चालकआँख ही के इशारे से सर से पाँव तक जांच कर लेवेबल्कि कई दफा मक्कार चालबाज भी होना माना है लेकिन अगर ऐसा शख्स पूरा धर्मात्मादयालुता से भरपूर ओर सत्यपूत पूर्ण ही हो तो वह हर दम दुखिया बेचैन ओर नुक्सान पे नुक्सान देखता होगा |


SPECIAL CHAPTER
खबरदारी दूसरा चैप्टर

1)            औरत के गर्भवती हो जाने के दिन से ही उसके बाजू पर सुर्ख लाल धागा बांधे जो बच्चे के जन्म पर खुले ओर बच्चे के बाजू पर तब्दील कर दिया जावे ओर उस वक्त बच्चे की माता के बाजू पर ओर नया सुर्ख धागा बाँध दिया जावे वह रक्षा – बंधन या रक्षा-सूत्र कहलाता है ओर बच्चे की 18 माह की उम्र तक जारी रखना जरुरी है क्योंकि औलाद की उम्र में बरकत देगा खासकर जब किसी के बच्चे मरते जाते हो |

2)            अल – औलाद की बरकत के लिए केतु (गणेश जी) की आराधना मददगार होगी चन्द्र माया तो केतु परिवार ओर शनि खजांची होगा दोनों (चन्द्र – केतु) बाहम दुश्मन इसलिए धन ओर परिवार कम ही इकट्ठे होंगे सिवाय खाना नंबर चार ओर अमूमन मंगल शुक्र मुश्तरका ऐसा चन्द्र जिसमे बुध केतु की दुश्मनी न होने के कारण धन ओर परिवार दोनों ही इकट्ठे होगे यहाँ पर मतलब यह है कि दौलत और परिवार दोनों का सुख एक साथ कम ही मिलता है दौलत के पीछे भागते लोग परिवार को समय बहुत कम ही दे पाते है हमने पहले पढ़ा था की जब घर का मालिक ओर उस घर का पक्का घर का मालिक एक साथ हो तो उस घर का सुख कम पर गुम न होगा पर खाना नंबर चार का मालिक और पक्का घर का मालिक तो दोनों ही चन्द्र है इसलिए खाना नंबर चार के लिए मंगल – शुक्र मुश्तरका लिया क्योंकि गृहस्थी तो स्त्री – पुरुष से मिल कर ही बनती है यहाँ पर यह नहीं कहा की मंगल – शुक्र मसनुई है चन्द्र के वो तो गुरु – सूरज है मंगल – शुक्र = नेक चंद्र मुश्तरका असर जो खाना नंबर 4 का नेक असर देते है 

3)            गऊ ग्रास यानि गायंकौवा ओर कुत्ते को खुराक का हिस्सा मुबारिक होगा |

4)            बच्चे की पैदायश होने की वक्त से पहले एक बर्तन में दूध ओर थोड़ी सी (किसी दूसरी चीज कागज़ या जुदा बर्तन) खांड औरत के हाथ लगवा कर कायम रख ले बच्चा बेखतरा ओर बाआराम पैदा हो जाएगा इसके बाद वह दूध ओर खांड मय बर्तन अपने धर्मस्थान में पहुंचा दे मगर बर्तन वापिस न लावें वह धर्मस्थान की मल्कियत हो चुका होगा |     
बर्तन जिस कदर काम आने के काबिल ओर उम्दा होगा उसी कदर ही ज्यादा मुबारिक होगा |

5)            वर्षफल या जन्म कुंडली में राहु मंदे वाले के लिए बेहतर होगा की बच्चे की पैदाइश से पहले जौं (राहू) को पानी की बोतल में बंद करके रख लेवें ताकि बच्चे की पैदाईश बा आराम ओर सही सलामती से होवे  


6)            दरिया पार करते समय (जब सौ दिन या ज्यादा अरसे अपने घर से बाहर रहना पहले ही मालूम हो) दरिया में ताम्बे का पैसा डालते जाया करने से औलाद की बलाएँ बद से बचत होती रहेगी |

7)            दिन के वक्त आम साधारण कच्ची तह जमीन पर आग जलाकर जब वह जगह खूब गर्म हो जावे तो आग को वहां से हटाकर इस सुर्ख हो चुकी जगह पर कच्चे आटे की मीठी रोटी पकाकर या ऐसी मीठी रोटी तंदूर में पकाकर (मतलब यह है की यह मीठी रोटी लोहे की चीज तवे वगैरा पर न बनाई जाए) केतु दरवेश वगैरा को खिलाए |

8)            जब किसी के बच्चे बचते न हो (पैदा हो कर मर जाते हो) तो उसे चाहिए की बच्चो की पैद्याश पर ख़ुशी के तौर पर मिठाई या मीठा तकसीम करने की बजाए आम चालीस दिन में नमक या नमकीन आशियाँ तकसीम करे धर्मस्थान का पैदा हुआ बच्चा (यानि बच्चा पैदा होने के वक्त धर्मस्थान के अहाता में बच्चा जनने वाली औरत जाकर वहां ही बच्चा पैदा करे) या धर्मस्थान में बनाया हुआ बच्चा लम्बी उम्र का मालिक होगा |

9)            कुतिया का नर बच्चा जो अपने वक्त में एक अकेला ही पैदा हुआ हो मालिक की खानदानी नस्ल कायम होने ओर बढनेपरिवार की बरकत के लिए निहायत मुबारिक ओर मददगार होगा |    

10)          केतु ऊँच टेवे वाला बच्चे की पैदायश ओर परवरिश की आए दिन ज्यादती से ओर भी बरकत पाएगा इसी तरह शुक्र ऊँच वाला औरतो की पूजना शुक्र की सेवा उनको मोहब्बत और मदद से हर दम फायदा पाता होगा 

खैरियातनामा से सम्बंधित

1)            इस हिस्सा में तमाम ग्रहचाल जन्म के अनुसार लेंगे वर्षफल के अनुसार नहीं गिनेगे लकिन अगर वर्षफल में इस हिस्सा में दी हुई ग्रह चाल कायम हो जावे ओर इस साल मना किया हुआ काम या खैरातनामा किया जावे तो भी कोई नेक फल न देगा बल्कि नुक्सान का कारण हो सकता है बेशक ऐसा नुक्सान या बुरा असर सर्फ इस साल के वर्षफल तक रहकर आगे हट जावे |

2)            उच्च ग्रह वाले को अपने उच्च ग्रह की मुत्ल्ल्का चीज का दान देना या अपने नीच ग्रह की मुत्ल्ल्का चीज का किसी दुसरे से मुफ्त लेना भले नतीजा के बजाए नुक्सान बल्कि मंदी जहर का जमाना होगा |

3)            आम लोगो के फायदे के लिए मुफ्त बतौर दान तालाब कुआँ बावली बनवाना या पानी का दान करना यानि लोगो को पानी पीने के लिए मुफ्त नौकर रखकर देना या कुओं की मुरम्मत के लिए (वो कुएं जो सर्वसाधारण के सुख के लिए हो) अपनी कमाई का हिस्सा देना चन्द्र नंबर 6 वाले को लावाल्द कर के छोड़ेगा बल्कि उसका खानदान बेमौका मोतों का शिकार होता होगा ओर खानदानी नस्ल दिन बा दिन घटती होगी

4)            सराय या ऐसी मकान जहाँ आम मुसाफिर मुफ्त आराम करेशनि नंबर 8 वाले को बेघर कर के तंग हाल में डाल देगा |

5)            आम मांगने वाले फकीरों को ताम्बे का पैसा देना (पैसारोटी कपडा की शर्त नहीं)शनि खाना नंबर 1 ओर उसी वक्त गुरु नंबर 5 वाले के बच्चो की अचानक मौतों के लिएहत्या आदि का पैगाम होगा |

6)            धर्मार्थ जगह हो (मंदिरमस्जिदगुरुद्वारा) जो आम लोगो के इस्तेमाल के लिए धर्म कार्य से सम्बंधित हो गुरु नंबर 10 ओर चन्द्र उसी वक्त नंबर 4 वाले के लिए फर्जी झूठी तोहमत से फांसी तक मंदी सजाओं का बहाना होगा जब भी कभी किसी गरीब पर तरस खाकर अच्छा काम करे दंड भुक्ते अपनी जान पर दूसरों के जुल्म देखे यदि भूल कर भी भोजन दे तो जहर के इल्जाम में पकड़ा जाए |

7)            मुफ्त वजीफा (ख्वा यतीम बच्चे ख्वा विधवा कायम करना) शुक्र खाना नंबर 9 वाले के लिए गरीबी की जलती हुए रेत से मिटटी ख़राब मंदी हालत होने का बहाना होगी 

8)            मजहबी पेशवा (धर्म स्थान में उपदेश देने वाला) यानि साधू संतो को मुफ्त रोटी खिलाना या कोई स्कूल मदरसा पाठशाला मुफ्त तालीम के लिए जारी करना (मगर कीमत पर तालीम कोई बुरी न होगी) चंद्र नंबर 12 वाले के लिए ऐसे बीमारियाँ दुखड़े खड़ा करेगा कि उसे पानी तक भी नसीब न होगा जो उसकी तड़पती हुई जान या दिल के अन्दर छुपे हुए दिल को आखिरी वक्त मौत पर शांति दे सके |

9)            धर्मस्थान के पुजारी को मुफ्त नए कपडे देना गुरु नंबर 7 वाले के लिए निर्धनी ओर लावाल्दी का घंटा हरदम बगैर बजाए बजता होगा |

दत्तक पुत्र मुकरर करने से सम्बंधित

1)            चाचा शनि अगर अपने भतीजे भतीजी को बतौर दत्तक कर के या वैसे ही उनकी शादी अपनी कमाई से करा देवे तो मंदे शनि खासकर शनि नंबर 6 वाले की हालत में (जिस दिन) ऐसे भतीजे – भतीजी निर्धन दुखिया बल्कि लावाल्दी तक की मायूसी से तड़पते होंगे अगर ताया ऐसी हालत में करे तो कोई असर मंदे न होगे |  

2)            मंदे असर के वक्त दत्तक के हाथों शनि की चीजो का दान मददगार होगा मगर दत्तक के हाथों शनि के मंदे काम हरामकारियां बायसे - तबाही (बर्बादी का कारण) होगे |

S Kuber RA
Vedic & Lal Kitab Astrologer
Lal Kitab Vastu Consultant

लाल किताब विशेष अध्याय 


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