लाल किताब
बुध खाना नंबर 2
योगी, राजा, मतलबपरस्त, ब्रह्म-ज्ञानी
पता उसके पिता, अगर मौत चलता |
दुआएं पैदाइश न लड़के की करता |
1) लम्बी-चौड़ी बाहर को उभरी हुए पेशानी (माथा) का मालिक होगा जिसमे बुद्धिमता और साथ लाये भाग्य का नेक प्रभाव शामिल होगा | मगर वो अपनी ही तान पर मस्त योगी, राजा और मतलबपरस्त होगा | अपने लिए स्वयं गुरु के सोने का मालिक और शुक्र का फल भी मंदा न होगा |
2) काफिर को मारने वाला, शत्रु को बर्बाद करने वाला, मगर राजाओं के परिवार की बरकत देगा |
3) अपनी स्वयं गुरु सोने की हैसियत मगर पिता के लिए सोने का कोढ़ या कली का टांका (मंदे अर्थो में) | चाहे पिता का सुख न होगा मगर स्वयं अमीर होगा | उसकी अपनी आयु भी लम्बी होगी | माता पर बुरा असर न करेगा | माता की आयु लम्बी (लगभग 80 साल) | उसे अपने आप पर भरोसा होगा | कबीले का भोझ उठाने वाला होगा | प्रयत्न से उत्तम जीवन का स्वामी होगा |
4) ससुराल (खाना नंबर 2) घर को तारने वाला और राजा की गिनती का आदमी होगा |
5) शत्रु पर विजय पाएगा | शुक्र, मंगल की चीजों का नेक असर होगा |
6) अगर राहु नंबर 8 में हो तो हाजिरजवाब होगा | कनिष्ठा ऊँगली का सिरा चौड़ा होगा |
7) राहु 9 में हो तो उत्तम भाषण दे सकेगा | कनिष्ठा बहुत लम्बी होगी |
8) मंगल नंबर 8 में हो तो जुबान और कलम में शक्ति होगी | कनिष्ठा का सिरा चौकोर होगा |
9) मंगल नंबर 9 में हो तो पक्की राय, शक्ति का स्वामी, जुबान में इतनी शक्ति होगी की सभी नुक्स छुपा ले | कनिष्ठा बहुत लम्बी होगी |
10) बुध अकेला हो तो सब को तारने वाला योगी राजा होगा |
11) खाना नंबर 6-8 खाली हो तो दिमागी ख़राबियों का कभी शिकार न होगा |
12) जब चंद्र नंबर 12, 8 से मदद करे तो पिता की आयु अब शक्की न होगी | अगर चंद्र स्वयं बुरा न हो रहा तो न ही पिता की उम्र और न ही खज़ाना बर्बाद होगा | दिल की शक्ति पूरी होगी |
13) केतु नंबर 8 में हो तो रास्ता दिखाने वाला होगा | कनिष्ठा का सिरा नोकदार |
14) केतु नंबर 9 में हो तो उत्तम बोलने की शक्ति वाला होगा | कनिष्ठा लम्बी |
15) जब नंबर 9-12 में गुरु हो तो स्वयं की अपनी इज्जत मान और माता की आयु लम्बी होगी |
16) खाना नंबर 6 में मंगल अकेला हो या फिर नंबर गुरु-मंगल हो तो अब बुध का मंदा असर गुरु (पिता) पर न हो सकेगा | अगर करे तो मंगल पर बेशक शरारत कर सकता है जो जरुरी नहीं कि मंगल का बुरा करे |
17) सूर्य नंबर 8 में हो तो दस्ती काम करने वाला व्यापारी मगर पैसे का पीर | अनामिका कनिष्ठा की और झुक जाए | (जब कोई ग्रह किसी दूसरे ग्रह को देखता है तो उसकी ऊँगली उसी ग्रह की ऊँगली की और झुक जाती है) |
18) शनि नंबर 6 में हो तो उड़ता हुआ साँप (नेक अर्थो में) हद से ज्यादा तेज होगा | मगर ससुराल मंदे हाल में होते जाएंगे |
मंदी हालत में
1) बुध एक ऐसी राख होगा जो हर एक का मुँह मिटटी से ख़राब कर देगा |
2) अब केतु का भी असर मंदा होगा यानि संतान की कमी, देरी या संतान से दुखी होगा | बल्कि संतान के सुख से वंचित होगा पर निसंतान न होगा |
3) हीरा कली से कटता और धन राख होता होगा | व्यापार, सट्टा, जुआ का प्रभाव मंदा होगा | बाप लखपति होता हुआ भी टेवे वाले के लिए शून्य ही होगा या पिता का सुख न होगा | बल्कि 16 से 21 और आखिरी हद 34 से 36 के करीब पिता की मृत्यु होगी | अगर वो जीवित हो तो मरे से भी बुरी हालत का | पिता का धन बर्बाद यानि पिता जब तक अपने जीने की कीमत देता जाएगा, पिता जिन्दा रहेगा | पिता की साल भर की कमाई के बराबर एक बार में ही घाटा होता रहेगा और पिता जीवित चलता रहेगा |
4) बुध की चीजे बहन लड़की बुआ सभी विष का प्रभाव देंगी | नाक छेदन 4-5 दिन कम से कम 96 घंटे सुराख़ कायम रखने से सहायता मिलेगी | 16 से 21 साल से पहले जयादा फायदेमंद मगर बाद में भी सहायता करेगा |
5) सूर्य नंबर 8 में हो तो (जन्म कुंडली में हो नहीं सकता) गौर, खोज, ध्यान में रहने का स्वामी | अपने दिमाग पर पूरा भरोसा | शरीर उत्तम | मगर धन का हल्का होगा |
6) जब शुक्र 12-3-8-9 या शुक्र ऐसे घरों में जहाँ बुध मंदा होता है तो साली का साथ अशुभ | जैसे शुक्र नंबर 12 में हो और बुध 2 में हो और साली आकर टेवे वाले के पास ही रहने लग जाए तो बुध पहले शुक्र (स्त्री) को नंबर 12 में जाकर बर्बाद करेगा फिर स्वयं बुध नंबर 12 की तरह मंदे परिणाम देगा | यानि दोनों ही ग्रहों का नंबर 12 वाला मंदा असर होगा | बाकी लिखे घरों में भी यही हाल होगा | भेड़, तोता (बुध) घर लाने पर भी यही हाल होगा |
7) जब शनि और सूर्य प्रबल हो तो बुध क्लॉक टावर की घूमती चिड़िया होगा यानी उस के असर का ऐतबार न होगा |
8) जब गुरु नंबर 8 में हो तो पिता की जगह बाबे (दादा) पर बुरा प्रभाव होगा | गुरु की चीजों और रिश्तेदार का भी बुरा हाल होगा |
9) चंद्र और शनि नंबर 12 में हो तो बुध की आधी मियाद (17) से शुरू हो कर शनि का समय आने तक यानि 33 या 36 साल आयु से पहले वाले साल में यानि 32 या 35 साल में पिता की कमाई, धन दक्षिण-पूर्वी
(खाना नंबर 12) कुँए (मंदा चंद्र) में जाती होगी | उपाय के तौर पर चंद्र की चीजे धर्म स्थान में देना शुभ होगा
10) आठ 6 वे ग्रह कोई बैठा, भरता तबेला कन्या हो |
लड़कियों-कन्याओं की सेवा करने से कल्याण होगा |
S Kuber RA
Jyotish Acharaya
Vedic & Lal Kitab Astrologer
Lal Kitab Vastu Consultant
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