लाल किताब
मंगल खाना नंबर 4
पकड़ हौंसला सब मुसीबत हो कटती |
मगर लेख उल्टे हो तो हिम्मत न बनती |
नेक हालत में
1) अब मंगल बद न होगा | बल्कि जहर के बदले दूध का उत्तम असर देगा | शरारत का माकूल जवाब देने की हिम्मत का मालिक, कबीला परवर (पालने वाला) और दिल का साफ़ सुच्चा होगा | ऐसा कब कब होगा :-
#जब कुंडली में कोई दो पापी इक्कट्ठे हो (शनि-राहु, शनि-केतु)
#चंद्र या शुक्र अकेले या मंगल के साथ खाना नंबर 3-4-8 में हो तो खुद अपना असर चाहे जैसा भी हो मगर मंगल को मंगल बद न होने देंगे
#जब चंद्र बंद मुट्ठी के खानो (1-4-7-10) से बाहर किसी जगह नष्ट हो रहा हो या सूर्य नंबर 6 में हो या मित्र ग्रह (सूर्य, गुरु, चंद्र) 3-4-8 में हो यानि मित्र ग्रह मंगल को मदद दे रहे या सूर्य-गुरु नंबर 9 में हो तो मंगल बद न होगा
नीचे लिखे हालातो में मंगल को सूर्य की मदद न होगी
1) जब खाना नंबर 1-8 में मंगल के साथ सूर्य न हो
2) जब खाना नंबर 7-8-12 में सूर्य अकेला हो
3) सूर्य -केतु 6-9 में हो
4) सूर्य - राहु 6-12 में हो
5) सूर्य-शुक्र 7 में हो
6) सूर्य-शनि 10 में हो
7) सूर्य-बुध 12 में हो
2) जब मंगल कुंडली में नेक हो तो भाई की स्त्री, दबी दौलत शुभ होगी | बड़े भाई की और या उनकी औलाद पर कोई बुरा असर न होगा |
मंदी हालत में
1) 32 दाँत वाला तो बुरा वचन कह कर किसी का बुरा करता है मगर मंगल बद या मंगलीक तो नजर से ही तबाह करता होगा | उजड़े जंगल में उखड़े या कटे हुए सूखे वृक्ष की लकड़ियों से चूल्हा जलाना शनि का काम होता होगा मगर बसे बसाए घराने के सबसे मूल्यवान और आवश्यकता वाले पुरुष को (जो परिवार की देख-भाल करने वाला और कमाने वाला हो) काट कर उसकी सुखाई गई लाश से भट्टी जलाना मंगल बद का काम होता है |
2) मंगल बद वाला बदनसीब और मनहूस व्यक्ति ऐसे घर में जन्म लेता है जहाँ एक-दो पुश्त पहले कोई बुजुर्ग पूरा बृहस्पति (ब्रह्म गुरु) खालिस सोना या शहाना (majestic, princely) हो चुका हो और उसके जन्म से पहले घर में हर तरफ हरियाली और खिला बाग़ हो और ईश्वर की नजरे इनायत हो | जिसे यह मंगल बद वाला बर्बाद कर सके | उजड़े खानदानो और वीरान घरों में मंगल बद वाला कभी पैदा न होगा क्योंकि उसके लिए बर्बाद करने को वहाँ कुछ होगा ही नहीं | ऐसा व्यक्ति अमूमन सख्त और कड़वे स्वाभाव का होगा | अकड़खान, ऐयाश और कम अक्ल वाला होगा | कोताह अंदेश (मामूली छोटा आदमी) और तक़रीबन सारी आयु गुलामी में गुजार देगा | खुद मियाँ फजीहत लेकिन दुसरो की नसीहयत देने वाला होगा | मुँह फाड़ कर हरएक को उसके खिलाफ या ऐब की बाते सुना देगा |
3) बेमुहार (अनियंत्रित, बेनकेल) ऊँट की तरह गर्दिश में घूमने वाला, बुरी नजर वाला, काला, काना, लावल्द, आँख का नुक्स होगा | हर तरह से मंदा, हर समय जलती आग और बदी का सरदार होगा | समुन्द्र तक को अपनी आग से जला देने वाला या ऐसी आग जो पानी से बुझने के बजाए सारे के सारे समुन्द्र को उसकी तह तक जला दे | माँ, सास, नानी, स्त्री की आयु पर भारी होगा | भाई (बड़े) की स्त्री, दौलत और छुपे धन पर 28 साल की आयु तक हर तरह से मंदा असर देगा | अगर किसी कारण से बड़े भाई जीवित हो तो वो लावल्द या मुर्दे के बराबर तंग होंगे या मंदी सेहत के स्वामी होंगे |
4) मंगल बद के मंदे प्रभाव को नीचे लिखी बाते और भी मंदा करेंगी :-
१) जब मकान की तह जमीन के 8-18-13-3 कोने हो या मकान के अंदर तहखाना बंद किया हुआ या तहखाना फाड़ कर कुँए के साथ मिलाया हुआ हो |
२) घर का मुख्य दरवाजा दक्षिण में हो या घर से बाहर निकलते वक्त आग दाएँ और पानी बाएँ या मकान के ऊपर किसी वृक्ष की छाया हो या कीकर / बेरी का पेड़ अपने मकान के सेहन (आँगन) में हो या पीपल के कटे-फटे पेड़ का साथ हो |
३) घर के दाएँ-बाएँ भड़भूजे (भुनने वाली) की भट्टी हो या हलवाई की दूकान (जहाँ मिठाइयां बनती भी हो), या कोई और आग के काम या कोई कब्रिस्तान, शमशान घर के पास हो |
४) लावल्द व्यक्ति (जिसका पुत्र न हो) से जगह ले कर बनाया हुआ मकान किसी कुँए के ऊपर बनाया मकान हो | गली या रास्ते को छतकर बनाया मकान हो | या ऐसा मकान जिसमे आम रास्ते से आकर हवा सीधी टकराती हो यानि गली की टक्कर का आखिरी मकान या घर से निकलने का बड़ा रास्ता दक्षिण में हो |
5) जब 8-4-3 सूर्य, चंद्र, गुरु न हो तो या इनकी मदद न मिलती हो | अगर ये इन घरों में हो लेकिन मंदे शनि या मंदे केतु का साथ भी हो जाए तो मंगल बद ही होगा | जिससे घर-बार, धर्म, माया, दौलत सब कुछ जल जाएगा | बुध और पापी ग्रहो की चीजे, सम्बन्धी काम से बर्बाद हो | जब मंगल 3-4-8 में अकेला हो और बाकी के दो घरों में बुध-केतु हो तो मंगल बद ही होगा और पतिहीन औरते अपना कबीला बर्बाद करे |
6) अलग-अलग घरों में बैठा मंगल बद
खाना नंबर 1-8 : अपनी जान और खून सम्बन्धियों पर बुरा होगा या फिर सिर्फ धन दौलत पर मंदा होगा | जब केतु मंदा हो तो खाना नंबर 8 का मंगल बद सिर्फ धन दौलत के मंदे स्वप्न दिखाएगा | दोनों ही घरों में अपने और दोस्तों-सम्बन्धियों पर एक ही समय मंदा होगा |
खाना नंबर 2 : अपनी जान और खून के सम्बन्धियों की औरतो की जान पर मंदा असर होगा जब शनि भी मंदा हो
खाना नंबर 5-9-12 : अपने और खून के सम्बन्धियों की जानो पर मंदा होगा |
खाना नंबर 5-9-12 : दूसरों पर मंदा हो जब बुध भी मंदा हो |
खाना नंबर 6-10-11 : दूसरों पर मंदा हो सिर्फ धन दौलत के लिए |
खाना नंबर 7 : दूसरों की स्त्रियों की जानो पर मंदा जब शनि भी मंदा हो |
खाना नंबर 4: माँ, नानी, स्त्री पर मंदा जब शनि भी मंदा हो |
7) मंगल नंबर 4 का मंगलीक माल, जान, धन, परिवार सब तरफ मंदी आग होगा मगर सिर्फ एक ही घर के लिए | या चाहे मर्द चाहे स्त्री का घर उजड़े मगर एक ही घर बर्बाद होगा | मंगलीक के वक्त रंडवा-रन्डवी की जोड़ी होगी | मंगल बद या मंगलीक (सिवाए 8/12 के) 28 साल आयु तक मंदा होगा | मंगल नंबर 8 वाला अपनी 20 साल आयु तक छोटे भाई पर और मंगल नंबर 12 वाला 28 साल आयु तक बड़े भाई पर मंदा होगा |
8) 70 साल की उम्र तक अपने वंश (जिसमे जन्मा) पर मंदा होगा | 70 साल आयु के बाद दूसरे वंश पर मंदा होगा (बाप-दादा के सम्बन्धियों पर) | आखिरी समय अँधा और सेहत से दुखी होकर मरे |
9) जब बुध नंबर 8 में हो बुध अब ताई-चाची होगा | अपने घर की जहर बर्बाद करती होगी जो यह बुध होगी |
10) शुक्र या मंगल में से कोई 4-8 में हो तो बर्बादी के लिए अपने ही घर की जहर होगी जो प्रायः कोई ताया-चाचा होगा |
इन दो हालातों में बेवा चाची ताई या चाचा ताया का आशीर्वाद लेते रहना मदद करेगा |
11) मंगल बद के वक्त जब मंगल की दृष्टि में नर ग्रह हो तो खून के सम्बन्धियों (नर) पर मंदा | यदि दृष्टि में स्त्री ग्रह हो तो घर की स्त्रियों पर मंदा होगा | या टेवे वाले पर मंदा होगा | बुध और पापी ग्रह की चीजों का फल बर्बाद करेगा |
12) जब मंगल शत्रु ग्रहों के साथ हो तो सूखी हुई लकड़ी की तरह का भाग्य, तंगहाल, भाइयों से अलग, दुखी होगा | जिस वृक्ष के नीचे बैठ जाए वो वृक्ष भी सूख जाए या जड़ से निकल जाए | जहरीले साँप की तरह दुसरो को बर्बाद करे | आवाज ढोल की तरह बुलंद होगी |
13) जब बुध या चंद्र नंबर 6 में हो और मंगल के साथ शनि हो तो छोटी उम्र में माता की उम्र तक मंदा साबित होगा | जुबान की बीमारी होगी | चोरो का शत्रु होगा |
14) जब नंबर 9 में पापी हो तो अपने परिवार के लिए मंदा साबित होगा |
15) जब बुध नंबर 12 में हो तो दुखों से भरा हुआ, बेफकूफ, तंगहाल, अंदर के जलते हुए खून से तड़पता होगा |
16) जब गुरु नंबर 8 में हो तो कायर, दरिद्र होगा |
19) जब शनि नंबर 1 में हो तो चोर, फरेबी, मंदे हाल का स्वामी होगा |
उपाय :
1) हर रोज पानी से दाँत साफ़ करना |
2) चंद्र का उपाय, बड़ के वृक्ष की जड़ में में दूध में मीठा (गुड़, शक़्कर) डालकर चढ़ाना और गीली हुए मिटटी से माथे पर तिलक लगाना पेट की खराबियों को दूर करेगा |
3) आग की घटनाओं से बचाव के लिए छत पर खांड की बोरियाँ रखना और घोड़े के मुँह में देसी खाण्ड डालना |
4) लावल्दी के समय या स्त्री, संतान की बर्बादी के समय मिटटी के बर्तन में शहद भरकर शमशान या वीराने में दबाना सहायक होगा |
5) लम्बी बीमारी में चाँदी का चकोर टुकड़ा मदद देगा |
6) दक्षिणी दरवाजा लोहे से कील देंवे |
7) काले, लावल्द, काने मुसलमान और ढाक के वृक्ष से दूर रहे |
8) सूर्य (ताम्बा, गुड़, गेहूँ), चंद्र ( कुआँ, घोडा, चाँदी), गुरु (सोना, बुजुर्ग, साधु) को कायम करे |
9) चिडे-चिड़िया को मीठा डाले |
10) हाथी दाँत पास रखना मुबारिक होगा |
S Kuber RA
Jyotish Acharaya
Vedic & Lal Kitab Astrology
Lal Kitab Vastu Consultant
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