Tuesday, 9 October 2018

लाल किताब मंगल खाना नंबर 6


लाल किताब

मंगल खाना नंबर 6 


तरसेंवे की औलाद | सन्यासी साधू | अगर मंगल बद तो फसादी |

बजे नाम लड़के पे बाजा जो शादी |
गमी देर करती न उस जगह पे आती |

1) हिम्मत से भरा हुआ | पाताल (नंबर 6) और पानी में भी आग जला देने की शक्ति का स्वामी होगा | अपने कबीले का रक्षक खुद होगा | संसारी न्यायप्रिय होगा | साधु सन्यासी की तरह होगा | अपने आप मारने वाला अकेला ही धर्मवीर होगा |

2) जब मंगल नंबर 6 में होता है तो वो सूर्य को उच्च करता है यानि सूर्य टेवे में कैसा भी हो उत्तम फल देता है | बुध के कारोबार, दोस्ती, लिखाई की विद्या, राग विद्या, व्याख्यान आदि का शौक़ीन व मस्ताना होगा | कलम में तलवार से अधिक शक्ति होगी | जो लिख देगा वो मिटाने से भी न मिटेगा | अपने चाल चलन पर पूरा काबू होगा | अगर राहु नंबर 12 में हो तो भी उसका मंदा असर न होगा लकिन केतु का प्रभाव शक्की ही होगा |

3) अगर मंगल जागता हो या कायम हो तो जिस दम खुद बढ़ेगा, बड़े भाई और दूसरे साथी भी बढ़ेंगे, जिसके सबूत में घर में अनाज भरने की कच्चे मिटटी की कोठियाँ 14 साल आयु तक कायम होंगी | वरना वहाँ गिरा कोठा लगा तम्बू जैसा हाल होगा | इसका मतलब यह है कि ऐसा व्यक्ति बेफिक्र और गैर जिम्मेदार होगा जो कि बसे बसाए घर को उजाड़ कर तम्बू या किसी अस्थाई निवास पर रहने की इच्छा मन में रखता हो | अपनी गृहस्थी के वास्ते और भाईयों की मदद के लिए लड़कियों (बुध) की पूजना, माता के द्वारा बुध (लड़की) की पूजना करने से केतु और शत्रु से बचाव होगा |

4) शुक्र कुंडली में भला हो या नंबर 7 उम्दा हो या नंबर 7 में शनि /  बुध / केतु हो तो पोते पड़पोते देख कर मरे | तीन पुश्त तक औलाद की बरकत हो और परिवार बढे |

5) अगर टेवे में गुरु, सूर्य और बुध उत्तम हो तो संतान की कमी न होगी बल्कि संतान उत्तम ही होगी | 24 साल संतान होती रहे |

6) केतु नंबर 8 और शनि 5 में हो तो संतान के लिए मंदा होगा | लेकिन अगर गुरु, सूर्य, बुध उत्तम हो तो संतान का परिणाम नेक ही होगा |

मंदी हालत में

1) ख़ुशी के बाजे से मातम की आवाज क्यों आने लगी | जिस जगह बैठ कर संतान के नाम पर ख़ुशी की महफ़िल करता होगा वहीँ पर चंद दिनों के अंदर-अंदर मातम के आँसू बहाता होगा | भाई की माली हालत अच्छी न होगी | अगर वो किसी तरह अच्छी हालत के हो भी जाएं तो भारी हानि देखे | उसके भाइयों को चाहिए वो टेवे वाले को कुछ न कुछ देते रहें जिससे उनका बचाव होता रहे | अगर टेवे वाला उनसे न लेना चाहे तो बहा दे |

2) केतु (मामा, संतान), शुक्र (स्त्री के रिश्तेदार, स्वयं स्त्री नहीं), बुध (लड़की, बहन, बुआ) चंद्र (माता, दूध देने वाले पशु) सब ही की जानो पर मंदा होगा | स्वयं झगड़ालू होगा | नर संतान की कमी होगी | मामे दुखी या बर्बाद होंगे | स्वयं तरस कर ली हुए औलाद होगा | 

3) जब गुरु, सूर्य या बुध मंदा हो तो केवल एक ही नर संतान होगी |

4) जब केतु मंदा हो तो 34 साल आयु तक नर संतान जरूर कायम होगी मगर संतान की ख़ुशी मनाना संतान की मंदी हालत की निशानी होगी | पहला लड़का शायद कायम न रहे | नर संतान के जन्म पर मीठे की जगह नमकीन चीजे बाँटना शुभ होगा | संतान के शरीर पर सोना डालना अच्छा न होगा | उसकी संतान जब तक शरीर पर सोना न डालेगी वो सोना कमाएगी | अगर सोना डालेगी तो सोने को खाक में उड़ाएगी |

5) अगर बुध नंबर 12 में बैठ जाए तो उल्ट दृष्टि से मंगल को देखेगा जिससे बहन भाई कम होंगे और दुख बढ़ेगा |

6) बुध नंबर 8 में बैठ जाए और सूर्य, चंद्र की मदद न मिले तो माता छोटी आयु में चल बसे |

7) बुध नंबर 4 में हो तो टेवे वाला छोटी उम्र में गुजर जाए और बाद में माता-पिता भी गुजर जाए |

उपाय

1) अपनी गृहस्थी हालत मंदी होने पर शनि का उपाय करे |
2) भाइयों की मदद के लिए लड़कियों की पूजा और आशीर्वाद | 
3) संतान के लिए चंद्र और बुध का उपाय करे |
4) चाल चलन की मजबूती हो यानि लंगोट का पक्का हो तो गरीब घर (केतु फ़क़ीर) में जन्म होने पर भी समय का शेर बहादुर होगा और शत्रुओं को पाँव तले दबाने की की हिम्मत का प्राणी होगा |

S Kuber RA
Jyotish Acharaya 
Vedic & Lal Kitab Astrology
Lal Kitab Vastu Consultant
 

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