लाल किताब
बुध खाना नंबर 8
बीमारी, जहमत (मुसीबत) और लानत का घर | छुपी तबाही का फंदा | माली हानि करने वाला | कोढ़ी
कब्र तक की लानत, फरिश्ता भी डर के भागे |
जले आग ऐसी, नजर जो न आवे |
नेक हालत में
1) नर ग्रह 7 या 8 में हो यानि बुध को नर ग्रह की मदद मिले तो मंदा न होगा | उसका वही उत्तम प्रभाव होगा जो उस नर ग्रह का हो |
2) सूर्य, चंद्र या नंबर 4 उत्तम हो तो 34 साल आयु में बुध अपनी जहर धो देगा | अब केतु बर्बाद न होगा | माता की आयु और चंद्र की चीजों का नेक फल होगा |
3) मंगल नंबर 12 में हो तो बुध का नंबर 8 पर बुरा असर न हो सकेगा |
4) मंगल नंबर 8 में बुध के साथ हो तो चाहे दोनों अलग-अलग इस घर में मंदे होते है पर अब मंदा असर न होगा | दोनों का उत्तम फल होगा |
5) कनिष्ठा का सिरा गोल हो तो ज्ञानी होगा |
मंदी हालत में
1) बुध चाहे सेहत के सम्बन्ध में शनि (नजर) मंगल (खून) को मदद दे मगर अपना जाति असर, दाँत, नाड़ियों की मंदी हालत करके जहर उगलता होगा | वो एक ताजा कोढ़ी, फाँसी की रस्सी या विषैला दाँत की भांति चलता होगा |
2) ऐसी छुपी सजा मिले कि बड़े से बड़ा भी, अजल (मृत्यु) का फरिश्ता चिल्लाने लगे मगर कसूर का कभी पता न चले | नतीजे पर करे तो टेवे वाले की सिर्फ धन की हानि करेगा | ज्यादा नहीं तो आधी कर देगा मगर शून्य कभी न होगा |
3) राजदरबार में अचानक धोखे की घटना से जिसका परिणाम माली हानि होना होगा | मंदी बदचलन लड़की की तरह खाना नंबर 8 के बुध के दिल में ख्याल आया की जवानी का परिणाम क्या होगा ? अगर हमारी जेब में धन नहीं किसी दूसरे को फंसा कर उसकी जेब उलटा लेंगे | ख़राब चरित्र वाली लड़की ने कईं को फाँसा | इस बेहया बदचलन लोंडी (बुध) की नजर एक होनहार नौजवान पर पड़ी (टेवे वाले पर) | उसके संग भी आँखे चार करने लगी | मगर बदचलनी बदस्तूर जारी रही | जब बदचलनी के इल्जाम लगे तो दूसरों को यकीन दिलाने के लिए फिर उसी नौजवान के संग हो ली | जब अपनी असली औकात दिखाने का सही समय आया तो उस बेचारे (टेवे वाले) को धमका कर (blackmail) उसकी जेब खाली करा ली | यानि टेवे वाले के 800 रूपया को 400 कर के दिखाया | वह गरीब बेचारा (टेवे वाला) अपनी इज्जत बचाने की खातिर कीमत दे कर चलता बना मगर उसे यह भेद कभी समझ नहीं आया कि उसके साथ ये क्या हुआ | वो यही सोचता रहा कि यह स्वप्न था कि हकीकत | संक्षेप में कहे तो खाना नंबर 8 का मंदा बुध टेवे वाली की नौकरी का दर्जा और आमदनी कई बार आधी तक कर देगा और धन हानि कराता रहेगा | मगर नंबर 8 का बुध एक बेहया लड़की की तरह बिना बताए सिर काटने के लिए हमेशा जवान ही रहेगी, कभी बूढी न होगी यानि इसका मंदा फल लम्बी उम्र तक चलेगा | कम से कम 34 वर्ष तक तो जरूर होगा |
4) बुध की जानदार चीजे सब दुखिया और बर्बाद और स्वयं बुध का प्रभाव मंगल की जानदार चीजों पर मंदा होगा | मंदे बुध की निशानी यह होगी कि मकान की सीढियाँ (बुध) गिरती या गिराकर नई बनाई गई होंगी | घर के पूजा का स्थान जब बदला जाए तो बुध का जहरीला चक्र शुरू होगा | जानो तथा कामो में तबाही का फंदा, धन की हानि करने वाला | भयंकर जलती हुए आग की तरह का फल मगर वो आग नजर ही न आए लेकिन हर तरफ राख ही राख करती जाए |
5) जब कभी भी वर्षफल में बुध नंबर 8 में वापिस आए तो जन्म दिन शुरू होने से पहले 34 दिन के समय और जन्म दिन के बाद 34 दिन के समय दोनों ही समय दो बार उपाय करना होगा | मिटटी का गोल घड़ा शहद या खांड भर कर वीराने में दबाना सहायक होगा | अगर बुध का बहुत जयादा मंदा फल दिख रहा हो तो इस उपाय के साथ एक ओर उपाय करे - ताम्बे के बर्तन में हरी मुंग साबुत दाल भर कर, ताम्बे का ढक्कन लगा कर, ताम्बे से टांका लगा कर बहा दे | यह उपाय पहले (34 दिन वाली मियाद) या बाद में कर सकते है | दो बार करना अधिक उत्तम होगा | नितम्ब पर काला सुरमा लगाना, छत पर वर्षा का पानी या दूध कायम करना, लड़की के नाक में चाँदी का छल्ला डालना शुभ होगा | लड़की के लाल रंग के चमकीले (रेशमी, वेलवेट आदि) कपडे टेवे वाले के लिए हर जगह आग लगने का बहाना होंगे |
6) बुध अकेला नंबर 8 में कभी भला न होगा |
7) जब खाना नंबर 2 खाली हो (कुंडली या वर्षफल में) तो मंदा समय 34 साल आयु होगी और मंदी मौत का बाजा बजता होगा और भट्टी का रेत जल रहा होगा | उस समय टेवे में जो भी नीच ग्रह हो उसके असर में बुध साँप की जहर भरता होगा | उस ग्रह के मंदे असर को शुर करने के लिए बतौर कमान का (उस नीच ग्रह का) तीर (बुध) बन जाएगा |
8) जब नंबर 2 में कोई भी ग्रह हो तो गुरु की आयु 16 से 21 में बुध की जहर पिता पर चढ़ेगी और पिता की आयु और धन खतरे में होगा |
9) वर्षफल में बुध के मंदे असर के समय, जन्म कुंडली के खाना नंबर 2 के ग्रह की चीजे उस ग्रह के रिश्तेदार या जानवर को दे जो वर्षफल के हिसाब से नंबर 2 में आए और बुध भी उस समय नंबर 8 में आया हो |
उदहारण के लिए माना जन्म कुंडली में चंद्र नंबर 2 और बुध नंबर 8 में है | वर्षफल में केतु नंबर 2 में आ जाए और बुध नंबर 8 में तो चंद्र की चीजे केतु (कुत्ते वगैरा) को देंगे जैसे खोए के पेड़े जिसमे मीठा न हो या फिर दरिया में डाल दे | लेकिन अगर जन्म कुंडली का नंबर 2 खाली हो तो उसी ग्रह का उपाय करे जो नंबर 2 में वर्षफल में आया हो | एक और उदहारण लेते है | माना की जन्म कुंडली में खाना नंबर 2 में शनि है और वर्षफल में नंबर दो में सूर्य आ जाए तो शनि की चीजे सूर्य (बन्दर, भूरी चींटी, भूरी भैंस आदि) को दे | किसी सरकारी अफसर को भी दे सकते है |
10) जब खाना नंबर 2 मंदा हो तो सिवाय गुरु के सब ही ग्रहों का फल मंदा होगा | जैसे राहु (ससुराल), केतु (औलाद), शुक्र (स्त्री), खुद बुध (बहन बेटी, बुआ) आदि |
11) जब नर ग्रह 6 में हो और बुध 8-12 में हो तो माता छोटी आयु में चल दे वरना माँ-बेटा दोनों का हाल मंदा होगा | संतान और मामा भी दुखिया होंगे |
12) खाना नंबर 12 खाली हो तो पट्ठो के रोग हो सकते है |
S Kuber RA
Jyotish Acharaya
Vedic & Lal Kitab Astrologer
Lal Kitab Vastu Consultant
1 comment:
Good information
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