Monday, 1 October 2018

लाल किताब मंगल

 लाल किताब

मंगल 

शास्त्र धारी

दो रंगी अच्छी न यक रंग होजा |
सरासर तू हो मोम या पत्थर हो जा |

मौत निमाणी रास्ता तीजे, नेक मंगल जा रोकता हो | 
मारक घर 8 दुनियां लेते, जिसमे मंगल बद बैठता हो | 


1) तमाम शरीर के बीच का मात्र नाभि (मंगल) की किरणे माना जिनसे मंगल का रंग पता चल जाएगा |

मंगल से शनि का सम्बन्ध

नेकी (केतु ) और बदी (राहु) के फ़रिश्ते केतु और राहु दोनों शनि के एजेंट है अतः शनि का नेक और बद, दोनों और जाने का स्वाभाव है | शनि आँखों की शक्ति का मालिक है | निष्कर्ष में कहे तो सामने आए को पहचान लेना या लिखे हुए को देख कर पढ़ लेना शनि की शक्ति है | शनि तो शत्रुता नहीं करता मगर मंगल खुद ही शनि से शत्रुता करता है | मंगल के घर खाना नंबर 3 में शनि हो तो निर्धन कंगाल होगा |

2) मंगल ऐसा नेक और सीधा चलने वाला है कि कभी बुराई की उकसाहट हुई तो फिर से पीछे ने हट सकेगा और अपनी सारी शक्ति बुराई की तरफ उकसाने वाले को ही दे देगा | मंगल नजर का स्वामी तो नहीं है नजर के प्रभाव का परिणाम इसका भाग है | किसी को नजर लग गई या नजर से ही किसी जगह बैठे हुए सैंकड़ो मील दूर की चीज को ख्वाब में देख लेना इसकी शक्ति है | शनि के घर नंबर 10 में मंगल उच्च और राजा होगा जब अकेला मंगल या मंगल शनि 10 में हो |

दोनों का आपसी दृष्टि सम्बन्ध

मंगल देखे शनि को तो मंगल की चीजे काम सम्बन्धी या मंगल स्वयं सिफर संतानहीन होगा मगर शनि की चीजे काम सम्बंधित दुगना नेक और अच्छा होगा |

शनि देखे मंगल को तो दोनों डाकू एक ही असूल के मिले हुए की भांति दोनों ही ग्रहों का नेक और अच्छा फल होगा |

मंगल से राहु का सम्बन्ध

जब मंगल देखे राहु को तो राहु का बुरा असर न होगा | राहु देखे मंगल को तो बाजुओं, पेट या खून की ख़राबियों से जिस्म के दाएँ भाग में बड़ा कष्ट होगा | चंद्र का उपाय करे |

मंगल का केतु से सम्बन्ध

जब सिर्फ दोनों ही आपसी दृष्टि या मुकाबले पर आ जाए तो भाग्य के मैदान में मंगल (शेर) और केतु (कुत्ते) की लड़ाई की तरह भाग्य का हाल होगा यानि दोनों मंदे होंगे | ऐसे वक्त में उपाय करे जो मंगल-केतु इक्कट्ठे में लिखा है |        

आम हालत

जब टेवे में सूर्य-बुध (नेक मंगल के मसनुई ग्रह) एक साथ हो तो मंगल नेक होता है | अगर सूर्य-शनि एक साथ हो तो मंगल बद होगा | खाना-पीना, भाई-बंधुओं की सेवा, लड़ाई-झगड़ा, शारीरिक दुःख, बीमारियाँ 28 साल आयु का समय मंगल है | सारे शरीर के बीच का भाग नाभि मंगल की राजधानी और सूर्य की किरणों की जगह मानी है  | कुंडली की नाभि खाना नंबर 4 के ग्रह मंगल की नेक और बुरी हालत का पता बतायंगे | जैसा नंबर 4 में होने वाले ग्रह का असर होगा वैसी ही हालत मंगल के खून की होगी | दान, दुनिया में भलाई के काम और भंडारे खोलने की हिम्मत, मंगल के नेक होने का सबूत होंगे |  मंगल नेक हो तो कुल खानदान की लावल्दी दूर करता है | अकेला बैठा मंगल जंगल के शेर के समान होगा | मंगल नेक अपने असर की निशानी सदा उस ग्रह की चीजों के जरिए देगा जो कुंडली में उत्तम हो और उस ग्रह के अपना असर देने का समय हो | मंगल बद मंदे ग्रह के जरिए और उस ग्रह के अपने असर देने के समय बुरे असर की हवा का आना पहले ही बता देगा | हर हालत में मंगल के असर में एक साल लगातार और बीच के ढंग की रफ़्तार न होगी | चाहे मंगल नेक चाहे बद |

मंदी हालत में

बदी का तुख्म (बीज), खून का बदला खून से लेना | जब चंद्र या सूर्य की मदद मिल जाए तो मंगल बद न होगा (विस्तार मंगल नंबर 4 में देखे) |  जब कोई दो पापी जैसे शनि-राहु, शनि-केतु या कोई दो शत्रु जैसे बुध-केतु, सूर्य-शुक्र मंगल के साथ हो तो मंगल बद न होगा | जब अपनी मार पर आएगा तो एक का बुरा न करेगा बल्कि अगर हो सके तो कुल खानदान का ही बेडा ग़र्क़ करेगा | जब बुध मंदा हो तो मंगल बद ओर भी मंदा होगा |

मंगल के अपने भाई-बंधू

   

मंगल बैठा हो खाना नंबर मंगल की आम हैसियत   टेवे वाले के कितने भाई होंगे  
इन्साफ की तलवार छोटे भाईओं की शर्त नहीं पर अकेला भाई न होगा  
2  भाइयों की पालना करने वाला खुद बड़ा भाई होगा  
3  चिड़िया घर का कैदी शेर जिसे अपनी ताकत का पता न हो   बहन-भाई जरूर होंगे चाहे छोटे चाहे बड़े | मंगल की उम्र और बुध बैठा होने वाले खाने के गिनती के बराबर, 7 या 14 साल आयु के बाद तीन भाई    
4  भाई की स्त्री धनी, अपनी माँ, नानी, सास सब पर मौत तक भारी   टेवे वाला बेशक जन्म से छोटा हो मगर 28 साल आयु तक खुद ही बड़ा भाई हो जाएगा | वरना उसका  बेबुनियाद, लावल्द या मंडी सेहत का स्वामी होगा    
रईसों का बाप-दादा, जब तक मंगल नेक हो लेकिन जब मंगल बद हो तो आँख से ही तबाही करता जाए |   खाना नंबर 3 में अगर नर ग्रह हो तो 4 भाई होंगे | स्त्री ग्रह हो तो 3 भाई होंगे | पापी ग्रह हो तो 5 भाई | बुध अकेला हो तो 2 भाई |    
6  साधू सन्यासी के स्वाभाव का स्वामी, जो खुद अपना आप ही मारे |     एक अकेला ही धर्मवीर होगा |  
7  विष्णु जी, भाई की औलाद की 
पालना सहायक होगी |   
लावल्दी, निर्धनता जब बुध का साथ मिले |  
मौत का फंदा 4-8-13 बल्कि 15 साल आयु के बाद दूसरा भाई हो | बल्कि कई बार तो अकेला ही रह जाए |  
9  तख़्त शाही खजाना | बड़े भाई की और भाई की स्त्री के सेवा और ताबेदारी मंगल की बुलंदी के नींव होगी  जितने बाबे, उतने ही भाई होंगे |  
10   अगर शनि उत्तम तो राजा की भांति जो भाई के लिए जीवन भर सहायक होगा | जितने ताए -चाचे उतने ही भाई वर्ण मच्छ रेखा | 
11   फकीरी में जो बुध और शनि की नक़ल करेगा यानि बुध-शनि टेवे में जैसे हो |   फैसला गुरु पर होगा | यानि जिस घर में गुरु बैठा हो उसी घर का मंगल का लिखा असर लेंगे | जिस घर में गुरु हो उतने भाई | गुरु जब 1 से 10 में हो तो गुरु के बैठा  होने वाले घर से अमूमन 9 भाई हो सकते है | गुरु 11 में हो तो 2 भाई | गुरु 12 में हो तो अकेला ही भाई या सिर्फ एक और वह भी कम सुखी |   
12   गुरु चरणों का ध्यान रखने वाला | सिर जाए मगर धर्म न जाए |  बड़े भाई को जिन्दा न रहना देगा | मगर टेवे वाले के जन्म से पहले उसका बड़ा भाई (ज्यादा से ज्यादा 2 बड़े भाई) जरूर ही जिन्दा और कायम होगा | स्त्री के टेवे में बड़े भाई को तबाह करने की शर्त नहीं है |  


S Kuber RA
Jyotish Acharaya 
Vedic & Lal Kitab Astrology
Lal Kitab Vastu Consultant 

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