लाल किताब
सूर्य और शुक्र
लफ्ज जुबानी औरत निकला, लकीर पत्थर पर होती हो
उम्र पिता या राज हो शक्की, दुर्गा पूजन खुद करता हो |
औलाद पैदा में हो जब देरी, केतु पालन शुभ होता हो |
दुश्मन ग्रहो शुक्र और पापी ग्रहों के साथ बैठा शुक्र (ख़्वाह किसी भी घर में हो) उसके साथ बैठे हुए दुश्मन ग्रह की उस खाना की मुतल्ल्का आशिया पर बुरा असर देगा | ऐसी हालत में 22 साल उम्र में और दुश्मन ग्रह की उम्र में बुरा असर होगा | जैसे शुक्र साथ हो 22 और 25 साल में बुरा असर होगा | दुश्मन ग्रह को बुध के पालना से नेक कर लेना मुबारिक होगा | दुश्मन ग्रह के साथ-साथ अगर सूर्य के मित्र भी हो (चंद्र, मंगल, गुरु) तो दोस्तों की मुतल्ल्का आशिया पर मंदा असर होगा | दुश्मन बचा रहेगा | ऐसे टेवे में राहु अक्सर नीच फल देगा |
दोनों मुश्तरका 41 साला उम्र तक मुश्तरका असर के होंगे | इस मिलावट में शुक्र अगर 3 तो सूर्य 4 जुज़्व (हिस्सा) होगा | खुद शुक्र के फल में बेहद गर्मी या मंदे फल की जमीन का असर होगा | बल्कि शुक्र अब नीच फल का होगा | और दोनों ग्रहो (सूर्य-शुक्र) के मिलाप से बुध पैदा होगा यानि फूल (बुध) तो होगा मगर फल (शुक्र स्त्री का फल केतु संतान) न होगा | किस्सा कोताह (संक्षेप में) कहे तो एक वक्त में दोनों में से किसी एक ही का फल उत्तम हो सकता है | यानि अगर राजदरबार की बरकत हो तो स्त्री की हालत और स्त्री का फल अच्छा न होगा और अगर स्त्री नेक, भाग्यवान, सुखिया, दौलतमंद तो राजदरबार का सुख हल्का या मंदा होगा | 22 और 25 साल उम्र में शादी से औरत का नाश होगा | दोनों ग्रहो का गुरु की ठोस आशिया (सोना वगैरा) से कोई ताल्लुक न होगा | बल्कि दोनों मुश्तरका के वक्त गुरु (पिता, बाबा, मुतल्ल्का रिश्तेदार) का कोई खास नेक मतलब नहीं हुआ करता |
नेक हालत में
खुद अपनी कोई जिस्मानी खराबी न होगी | सूर्य और शुक्र दोनों में से किसी एक का फल तो हमेशा ही अच्छा होगा | उसकी रूह जबरदस्त मगर जिस्म हल्का ही होगा |
खाना नंबर 1
ग्रह मण्डल ख़्वाह तख़्त हजारी, असर रवि का मंदा हो |
शुक्र औरत हो किस्मत मारी, आग गृहस्थी जलता हो |
लगन पराई व औरत मंदी, जेलखाना तक पाता हो |
अपने लिए खुद अपना जिस्म और राजदरबार भले ही होंगे |
खाना नंबर 7
खुद अपने लिए सूर्य नंबर 9 का फल होगा | तीर्थयात्रा उत्तम और 20 साल उत्तम फल दे |
खाना नंबर 9
कभी अमीरी का समुन्द्र ठाठे मारे तो कभी धन-दौलत की कमी हो | तीर्थयात्रा उत्तम और 20 साल उत्तम फल दे |
खाना नंबर 10
राज ताल्लुक का सहगादाई (भिक्षा मांगने का काम), मदद ग्रह घर चौथा हो |
खाली होते घर चंद्र माई, चंद्र मदद खुद करता हो |
मदद ग्रह नर सबसे उम्दा, चमक रवि खुद देता हो |
राहु धुआँ जब टेवे हटता, लेख शुक्र सब बढ़ता हो |
बाकी घर अपना अपना फल
मंदी हालत में
पिता अमूमन लम्बी उम्र का मालिक न होगा | और उसका ताल्लुक और साया आतिफ़त (कृपा, दया), बेवजह अलहदी या छोटी उम्र वगैरा बचपन में उठ गया होगा |
नर औलाद शनि की पूरी हुकूमत का जमाना यानि 36 से 39 साल उम्र या सूर्य-शुक्र की मुश्तरक उम्र 41 साल उम्र के बाद कायम होगी वरना शुक्र (आशिया, रिश्तेदार, कारोबार) स्त्री और स्त्री भाग्य मंदा बल्कि बर्बाद होगा | औरत की सेहत शायद ही कभी उम्दा होगी | उसे लम्बी लम्बी बीमारियाँ (तपेदिक) हो सकती है | दुनियावी जिंदगी गृहस्थी हर दो मर्द, औरत का हाल मंदा ही होगा | औरत के रुख़्सारा (गाल) पर भद्दे निशान मंदी हालत का पहला सबूत होगा | कानो का कच्चा होगा यानि लोए सुनी-सुनाई बात पर यकीन कर के किसी दूसरे का नुक्सान कर देगा | तमाम तरफ मंदी हालत का सबब होगा |
जनमुरीदी (स्त्रीबाजी), बद इखलाखी (गन्दा चाल-चलन), बेहद गुस्सा, रूहानी नुक्स होंगे | इश्क फाहशा (वेश्या) के हमेशा नतीजे बर्बादी होंगे | जिनसे तपेदिक और जिस्म जलते रहना (खुद अपना या औरत का) आम होगा | अगर शादी उम्र के 22 वे साल या 25 वे साल हो जाए तो राजदरबार, अपना जिस्म, और औरत जात (दुनियावी गृहस्थ) दोनों ही बर्बाद होंगे |
उपाय
1) औरत के बाजू पर सोने का कड़ा, चूड़ी कायम करने से औलाद में मदद होगी |
2) औरत की सेहत मंदी होने या मंदी रहने की हालत में औरत के वजन के बराबर चरी (ज्वार, अनाज) का दान या धर्म स्थान में देना मदद देगा |
3) शादी या सगाई के दिन से ही दोनों या दोनों में से कोई एक गुड़ खाना छोड़ दे |
खाना नंबर 1
औरत की दिमागी खराबियाँ, पागलपन, मालिखोलिया (मानसिक बीमारी जिसमे चलते चलते अपने आप में ही बड़बड़ाने की आदत होती है), वगैरा और बहुत हद तक बीमार होगा | काग रेखा की किस्मत (रोटी तक से तंग) | सूर्य राजदरबार की भी मिटटी ख़राब होगी | पराई आग और औरत की मोहब्बत से जेलखाना वगैरा और अपने साथी हमराहियोँ को खुश्क तालाब में भी डुबो देने की तरह मंदी हालत होगी |
खाना नंबर 7
शुक्र चीजों का बढ़ता झगड़ा, रेत खाली बुध होता हो |
देता रवि ख़्वाह असर नौवें का, हाल बुजुर्गी मंदा हो |
दोनों ग्रहो के बजाए अब खाली बुध नंबर 7 का दिया फल होगा | औरत से झगड़ा, औरत की सेहत मंदी, बल्कि औरत की उम्र तक शक्की होगी | बुजुर्गो पर काग रेखा का असर यानि मंदी किस्मत और रोटी तक से दुखिया | मकान (बुजुर्गी जद्दी) का सुर्ख (सूर्य या मंगल) रंग होना दोनों ग्रहो की दुश्मनी का बुरा असर देगा |
खाना नंबर 9
स्त्री भाग में काग रेखा (मंदा हाल) कभी गरीबी में रेत के जर्रे की भी चमक न हो |
खाना नंबर 10
राजदरबार में हमेशा नाकामी और शनि हमेशा बुरा फल देगा | राजा होते हुए भी राजदरबार से दूर या दूसरे राजदरबार में गदाई (फकीरी) का प्याला लिए फिरता होगा | प्याला ख़्वाह मिटटी (शुक्र), पत्थर (शनि) ख़्वाह सोने (गुरु नीच नंबर 10) का ही होवे | किस्सा कोताह (संक्षेप में) राजभंग (बर्बाद) और दूसरे राज का निगरान होगा |
उपाय
साँप को दूध पिलाना मुबारिक होगा | औलाद की पैदाइश और उसकी लम्बी उम्र के लिए खाना नंबर 4 के ग्रह मददगार होंगे | अगर नंबर 4 खाली हो तो चंद्र का उपाय करे | बल्कि चंद्र खुद-ब-खुद ही मदद देता चला जाएगा
चाल-चलन का ढीलापन (पराई मिटटी की खूबसूरती की तारीफ में दिल की बेमौका लगन और बिना वजह कोशिश) अमूमन हो ही जाया करती है | मगर पक्का नहीं की यह नुक्स जरूर हो | जिल्द की बिमारियों की तकलीफ, खून की खराबियाँ या गृहस्थी दूध में मिटटी या राजा होते हुए भी आखिरी अवस्था दुखी ही होगा | गाय का दान ख़्वाह 1 ख़्वाह ज्यादा मगर गाय हाजिर का दान कल्याण या औलाद नरिना देगा | गाय की जगह गाय के मूल्य के बराबर धन देना गाय दान न माना जाएगा |
बाकी घर अपना अपना फल
S Kuber RA
Jyotish Acharaya
Vedic & Lal Kitab Astrologer
Lal Kitab Vastu Consultant
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