Tuesday, 20 November 2018

लाल किताब सूर्य और शनि

लाल किताब 

सूर्य और शनि 

काम उत्तम जर चाँदी होगा, हालत तालीमी फलता हो |
बुध साथी से दोनों उम्दा, असर उत्तम सब करता हो |

दुश्मन ग्रहो (शुक्र, पापी) के साथ बैठा हुआ सूर्य (ख़्वाह किसी भी घर में हो) उस साथ बैठे दुश्मन ग्रह की उस खाना से सम्बंधित आशिया पर बुरा असर देगा | ऐसी हालत में 22 से 45 साल उम्र के दरमियान दुश्मन ग्रह अपनी अपनी मियाद पर बुरा असर देंगे | दुश्मन ग्रह को बुध की पालना से नेक कर लेना मुबारिक होगा | अगर सूर्य के दोस्त भी साथ हो (चंद्र, मंगल, गुरु) तो दोस्तों से सम्बंधित आशिया पर मंदा असर होगा | दुश्मन बचा रहेगा |

सूर्य और शनि मुश्तरका में जब कभी किसी का फल ख़राब हो तो 22 साल से 36 साल उम्र तक राहु भी मंदा और मंगल बद का असर होगा | क्योंकि सूर्य-शनि मसनुई मंगल बद और नीच राहु है | इश्क मोहब्बत या मिटटी की पूजना बहाना होगी | बदनीयती से शुक्र ख़राब होगा | 

बन्दर और बया पक्षी की दास्तान

जोर की बारिश हो रही थी | बया पक्षी अपने घोंसले में बैठा था | मगर बन्दर (जो घर नहीं बनाते) बारिश में भीग कर ठंड से काँप रहा था और पत्तियों के पीछे छुपने की कोशिश कर रहा था | बया ने बन्दर को वक्त से पहले घर बनाने की नसीहत दी तो बन्दर ने क्रोध में आकर बया का ही घोंसला तोड़ दिया | मूर्ख को सलाह देना स्वयं बया को ही महंगा पड़ा |

हूबहू ऐसे प्राणी की किस्मत, जब वह अपनी मदद के लिए किसी तरफ हाथ बढ़ाए तो साँप अपने जहरीले दाँत से सब कुछ बर्बाद कर देगा | खाली बुध का बेमानी असर होगा | जो बुध की ताकत, आम इल्म तालीम (पढ़ाई) मुराद होगी और जिसमे शनि का मंदा फल भी शामिल होगा | ख्यालात की आजादी, मौके के हिसाब से फ़ौरन लट्टू की तरह बदल जाने वाला होगा |

असर का वक्त बुढ़ापे से सम्बंधित होगा | सूर्य, चंद्र और गुरु उत्तम फल देंगे | दोनों ग्रह वास्ते धन-दौलत 46 साल तक मुश्तरका होंगे | शनि इस मिलतावत में 2/3 हिस्सा होगा | दोनों ग्रह वास्ते वालिद (पिता) की उम्र 40 साल तक मुश्तरका होंगे और शनि मिलावट में 1/2 हिस्सा होगा | दोनों ग्रह वास्ते सुख 24 साल उम्र तक मुश्तरका होंगे और शनि इस मिलावट में 1/3 हिस्सा होगा | मुश्तरका हालत में सूर्य बन्दर तो शनि साँप की आपसी लड़ाई के हाल की तरह की किस्मत में जमा (सूर्य) घटा (शनि) बराबर होगी | दोनों की आपसी दुश्मनी से शुक्र (स्त्री और स्त्री भाग) मंदा बल्कि बर्बाद होगा | मगर औलाद पर बुरा असर न होगा | बल्कि ऐसी मुश्तरका हालत में शनि का साँप हामला औरत (गर्भवती) के सामने आया हुआ अँधा हो जाएगा और उस पर कभी हमला न करेगा | और न इकलौते बेटे पर हमला करेगा |

खाना नंबर 1 हलक का कौआ, आग से जलना   
खाना नंबर 2 माह साबुत
खाना नंबर 3 पुरानी किस्म की लकड़ी, बेरी, कीकर का पेड़
खाना नंबर 4 मकानों में काले कीड़े
खाना नंबर 5 सुरमा स्याह, बुद्धू लड़का
खाना नंबर 6 कौवा, पूरा काला कुत्ता (खाना नंबर 6 बुध और केतु का है | शनि नंबर 6 में बैठा है | शनि काला और बुध से पक्षी तो काला पक्षी यानि कौवा | केतु कुत्ता तो शनि काला तो काला कुत्ता)
खाना नंबर 7 दरिंदे, सुरमा सफ़ेद, बिनाई, स्याह अनाज
खाना नंबर 8 पुड़पुड़ी कनपटी), बिच्छू
खाना नंबर 9 आक (मदार), टाली (शीशम), फलाही
खाना नंबर 10 मगरमच्छ, जाती घर का मकान
खाना नंबर 11 लोहा
खाना नंबर 12 गृहस्थी परिवार, मछली, तख्तपोश, सिर पर टटरी (चोटी वाली जगह के बाल उड़ जाना)

नेक हालत में

दोनों ही का नेक और उत्तम फल होगा | सोने-चाँदी या आग के कारोबार मुबारिक होंगे | (जब दोनों मंगल के घर खाना नंबर 1 में हो या मंगल से दृष्ट हो) |

खाना नंबर 1

ब्रह्म ज्ञानी होगा |

खाना नंबर 5 

मजबूत तवा यानि मजबूत स्वाभाव होगा | 

खाना नंबर 6

जब सूर्य कायम और शनि मंदा हो तो तकिया मुसाफिर | अगर बुध और चंद्र दोनों कायम हो तो सूर्य का फल क़दरे (थोड़ा सा) उत्तम होगा | औरत सुख पूरा उत्तम होगा | पाँव की मध्यमा अनामिका से छोटी होगी |

खाना नंबर 9

दौलतमंद मगर मतलब परस्त होगा |

खाना नंबर 12

शनि रवि न झगड़ा करते, न ही शुक्र खुद मंदा हो |
असर वक्त पर उम्दा देते, मर्द औरत सब सुखिया हो |

अब दोनों ग्रहो का उम्दा और उत्तम फल होगा | बल्कि शुक्र भी मंदा न होगा |

बाकी घर अपना अपना फल देंगे |

मंदी हालत में

खुद अपना घर फूंक तमाशा देखने वाला होगा | शनि का सामान स्याही का (मंदा असर होगा) | दो मुँह का सॉंप, मसनुई मंगल बद और नीच राहु की शरारत का असर मौजूद होगा | कीकर का पेड मंदे असर की निशानी होगा | जवानी में तकलीफ, सेहत की खराबियाँ और राजदरबार की कमाई बर्बाद होगी | लट्टू की सुई की तरह घूम जाने वाला गैर तसल्लीबक्श दोस्त होगा |

सूर्य की उम्र 22 साल या शनि की उम्र 36 से 39 साल तक राहु नीच या मंगल बद होगा | ख़्वाह टेवे में राहु किसी अच्छी जगह बैठा हो और मंगल चाहे उच्च हो | ( जब दोनों में से कोई एक मंदा हो)
   
घर बैठक के हिसाब से अगर सूर्य प्रबल हो और शनि कमजोर हो तो जिस्मानी ताकत उम्दा होगी मगर जिस्मानी ढाँचा कमजोर होगा | यह दो जुदा-जुदा बाते है |

उपाय

दुनिया में सूर्य ग्रहण के वक्त शनि की चीजे जैसे साबुत बादाम, नारियल वगैरा चलते पानी में बहाना मुबारिक होगा | टेवे में सूर्य ग्रहण से मुराद नहीं है | सूर्य और शनि मुश्तरका के वक्त औरत की जिंदगी बर्बाद हुआ करती है खासकर उस वक्त जब दिन के वक्त बच्चे बनाने की कोशिश की जाए यानि दिन के वक्त सम्भोग करने से | 

मंदे असर के बचाव के लिए ख्याल रखा जाए कि ऐसा मर्द या औरत शनि के ग्रह का मर्द या औरत न हो | यह दूसरी जगह विस्तार से लिखा है कि शनि जैसा मर्द या औरत कैसा हुआ करता है | अगर ऐसी औरत या मर्द की शादी हो ही चुकी हो तो औरत के बालो में ताम्बे (सूर्य) के टुकड़े में सोना (गुरु) और लाल पत्थर मूंगा (मंगल) बनाकर कायम करे जो तिकोना न हो |

शनि वाला इंसान कैसा होता है

शनि के प्रबल ग्रह वाला साँप स्वाभाव | आँखे साँप की आँखों से मिलती हुई गहरी और गोल होगी | रंग सफ़ेद या सुर्ख न होगा बल्कि स्याही पर या स्याह रंग होगा | भवें लेटी लकीर की तरह सीधी या भावों पर बाल कम होंगे | आवाज में साँप की तरह टक-टक करने वाला | आँखे बहुत देर बाद झपकाने वाला | बात में पता न लगने देगा कि उसक असली स्वभाव क्या है | दोनों पहलु चारो तरफ घूम जाने वाला होगा | अगर मदद पर हुआ तो दूसरे की मदद को पूरा करने के लिए अपना सब कुछ कुर्बान कर देगा | पक्का हठधर्म होगा | अगर खिलाफ हुआ तो मुकाबले वाले का सब कुछ बर्बाद और जहरीला कर देगा | और सिर्फ साँसारिक तमाशा दिखलाएगा ख़्वाह अपना और दुश्मन दोनों का ही कुछ न बने | सुनने की बजाए आँखों से ही काम लेगा | दुसरो पर साँप आ निकलने की तरह का डर पैदा कर देगा | कान छोटे और अलहदा (अलग) बैठने का आदी होगा |    

खाना नंबर 1
 
मच्छ रेखा और काग रेखा मुश्तरका मसनुई मंगल बद होगा | राहु-केतु दोनों ही मंदे होंगे | बाप (सूर्य) कमाए बेटा (शनि) उड़ाए या सूर्य से सम्बंधित कारोबार, रिश्तेदार, आशिया सूर्य का फल अगर उत्तम हो तो, शनि से सम्बंधित रिश्तेदार, कारोबार, आशिया बर्बाद या बर्बादी का सबब होंगे | नहूसत (मनहूसी) उनके घर में अव्वल दर्जा की होगी | दोनों के झगडे में शुक्र (औरत, स्त्री भाग) मंदा बर्बाद होगा | खोटे कर्मो का भंडारी या उसके हर काम में खोटापन कुदरती तौर पर खड़ा होगा | सरकारी मुलाजमत में हर तरह से खराबियाँ | जब कभी सूर्य-शनि वर्षफल में ऐसे घर में आ जाए जहाँ सूर्य का फल मंदा हो तो पागलखाना, जेलखाना वगैरा नसीब होगा |

जब जन्म कुंडली में सूर्य-शनि नंबर 1 में हो, गुरु, चंद्र, शुक्र नंबर 12 में हो और बुध नंबर 2 में हो | और

मसलन वर्षफल में 31 वे साल में सूर्य-शनि नंबर 7 में होंगे, गुरु-चंद्र-शुक्र नंबर 2 में होंगे और बुध नंबर 5 में होगा | जेलखाना वरना पागलखाना मिलेगा |  

खाना नंबर 5

अगर शनि अपने जाती स्वभाव के हिसाब से मंदा हो तो खाना नंबर 5 में आने के दिन से 9 साल मंदे होंगे | और हर तरफ का ख़ौफ़-ओ-खदश (भय और आशंका ) होगा |

खाना नंबर 6

हालत मंदी बुध हरदम मंदा, भला चंद्र न रहता हो |
चलते सीधे शनि रास्ता भूला, असर शक्की सब देता हो |
बुध, चंद्र जब होंगे उम्दा, केतु मंदा आ होता हो |
कुत्ता मुबारिक काला पूरा, वरना सोना उड़ जाता हो |

शनि का असर वास्ते केतु (औलाद, आशिया, कारोबार) मंदा होगा | सोने की जगह मिटटी के तवे | निहायत मंदा और गरीबी का जमाना | पूरा काला कुत्ता मददगार होगा | घर में अगर कोई लड़का सेहत और आँखों से रद्दी हो जाए तो उस लड़के की 18 साल उम्र के बाद गया हुआ सोना बहाल होगा | अमूमन 6* बाकी बचने वाले मकान की तरह तकिया मुसाफिर मंदा हाल ही होगा | जिसके लिए ऐसे मकान में बुध से सम्बंधित आशिया जैसे लहलहाते (हरे-भरे) पौधे, खिलखिलाते हुए फूलो के गमले, चहचहाते और बोलते हुए सुरीली आवाज वाले पक्षी, या राग-रंग वगैरा के सामान कायम या जारी रहना मुबारिक होगा |

*लाल किताब के आखिर में लिखा है कैसे निकालते है |

औरत का सुख हल्का होगा जब सूर्य मंदा और शनि कायम हो | पाँव की अनामिका मध्यमा से छोटी होगी |

उपाय

आबादी के बाहर जहाँ कोई वहम न करे चौरास्ता में वक्त पक्की शाम बुध की आशिया जैसे फूल या नीले रंग के कांच के मोती (कंचे) दबाना मददगार होगा |

खाना नंबर 7

राजा की कैद में जाए जब बुध नंबर 5 और चंद्र पहले घरो में हो | (दृष्टि की जरूरत नहीं, जैसे चंद्र नंबर 2 में हो)

खाना नंबर 8

शनि की मियाद (36) पर जहरीला साँप होगा | ऐसे वक्त में खासकर मकान की दीवारों में शनि की मूर्ति (शनि ग्रह का बुत) टेवे वाले के वजन के बराबर बंद हो | जब वर्षफल के अनुसार शनि मंदा हो जाए और कारोबार भी शनि के किए जाए तो जहर खालिस की घटनाए होगी | मसलन 37 साल की उम्र में जब शनि नंबर 5 में आए और मकान ख़रीदा जाए या शनि की आशिया का व्यापार किया जाए तो औलाद गर्क और व्यापार तबाह होंगे | (जब सूर्य-शनि 8 में, राहु 11 में, गुरु 12 में हो)

37 वे साल में राहु नंबर 4 में और गुरु 8 में होगा | 

उपाय

मूर्ति को हवा पहुँचाने के लिए दिवार में सुराख कर लेने से औलाद का साँस बंद न होगा | या औलाद बर्बाद होने से बची रहेगी |

खाना नंबर 9

खाना नंबर 3 और 9 दोनों ही के ग्रह और दोनों घर बर्बाद होंगे | (बुध नंबर 3 का ताल्लुक या मंगल बद हो)

खाना नंबर 10

दुनिया तोहमत से नाहक मरता, दुगनी ताकत दो चलता हो |
बुध जभी घर आठवे बैठा, कैदी राजा का होता हो |

दुसरो की तोहमत बदनामी से नाहक ही आप मरे या मारा जाए | (ख़्वाह सूर्य-शनि नंबर 10, ख़्वाह इनके मसनुई ग्रह यानि सूर्य के मसनुई शुक्र-बुध, शनि के मसनुई गुरु-शुक्र नंबर 10) ( जब बुध नंबर 8 में हो)  

खाना नंबर 11

वही असर जो नंबर 9 में दिया है | मगर मंदा हिस्सा |

बाकी घर अपना अपना फल देंगे |

S Kuber RA
Jyotish Acharaya 
Vedic & Lal Kitab Astrologer 

Lal Kitab Vastu Consultant 

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