लाल किताब
सूर्य और राहु
ग्रहण रवि की किस्मत होती, वरना उम्र* छोटी मरता हो |
उम्र राहु औलाद हो शक्की, राजकमाई जलता हो |
*45 साला उम्र तक
दुश्मन ग्रहो (शुक्र, पापी) के साथ बैठा सूर्य (ख़्वाह किसी भी घर में हो) उस साथ बैठे दुश्मन ग्रह की सम्बंधित आशिया पर बुरा असर देगा |
किस्मत की चमक और गुरु का असर राजा के बजाए चोर का होगा | बदनीयती का पेशे खेमा (होने वाले काम की तैयारी) होगी | और अपने ख्यालात की गंदगी से सूर्य ग्रहण होगा | सूर्य-राहु मुश्तरका के वक्त राहु एक हिलता हुआ हाथी और गुरु की हवा बर्फानी, मायूसकुन (निराश करने वाली) होगी |
ऐसी हालत में 22 साल से 45 साल उम्र के बीच दुश्मन ग्रह अपनी मियाद पर बुरा असर देंगे | दुश्मन ग्रह को बुध की पालना से नेक कर लेना मुबारिक होगा |
अगर सूर्य के दोस्त (चंद्र, मंगल गुरु) उसके साथ हो तो दोस्तों से सम्बंधित आशिया पर मंदा असर होगा | दुश्मन बचा रहेगा |
सूर्य के लिए राहु का साथ चलती रहने वाली दिवार की तरह सूर्य ग्रहण का जमाना होगा | यानि सूर्य की रौशनी तो होगी मगर मगर उस धूप में गर्मी न होगी | दिन होते हुए भी वह धूप रात के चाँद की चाँदनी की तरह मालूम होगी | राजदरबार में हर बात उलझी हुई नजर आनी मालूम होगी | मगर ग्रहण के दूर होते ही जिस तरह सूर्य की रौशनी में गर्मी बहाल हो जाती है हूबहू वही हाल किस्मत के मैदान का होगा | यानि राहु का बुरा असर खत्म होते ही सब कुछ फिर उसी तरह उम्दा हो और उत्तम हालत का हो जाएगा जैसा कि ग्रहण शुरू होने से पहले था | ऐसे टेवे में मंगल खुद राहु को दबाता होगा |
सूर्य ग्रहण के मंदे ज़माने में अगर शुक्र, बुध इकट्ठे हो या वह दृष्टि की रूह से (जिसमे बुध की नाली की दृष्टि भी शामिल है) परस्पर मिल रहे हो तो सूर्य ग्रहण का बुरा असर न होगा | राजदरबार में किसी न किसी तरह मदद जरूर ही मिलती रहेगी और धन-दौलत की आमदन होती रहेगी | सूर्य 39 साल में औऱ 39 साल तक यानि 78 साल की उम्र तक सूर्य का असर उत्तम होगा | ग्रहण का आम अरसा 2 साल और कुल अरसा 22 साल हो सकता है |
राहु से सम्बंधित आशिया
खाना नंबर 1 : ठोड़ी, नाना-नानी
खाना नंबर 2 : हाथी के पाँव की मिटटी, ससुराल, सरसो, कच्चा धुआँ, घर का भेदी चोर
खाना नंबर 3 : हाथी दांत गैर मुबारिक, तेंदुआ, जौ (अनाज), जुबान
खाना नंबर 4 : स्वप्न, स्वप्नकाल, धनिया (मसाला), सोया हुआ दिमाग
खाना नंबर 5: छत, औलाद का सुख और उम्र
खाना नंबर 6 : पूरा काला कुत्ता
खाना नंबर 7 : सट्टे का व्यापार
खाना नंबर 8: मालोखोलिया
खाना नंबर 9 : दहलीज, नीला रंग, हलक से ऊपर की बीमारियाँ
खाना नंबर 10: गर्की गन्दी नाली
खाना नंबर 11: नीलम
खाना नंबर 12 : कोयले, हाथी, खोपड़ी
नेक हालत में
खाना नंबर 5
राहु की उम्र तक सदारत (अध्यक्ष, सभापति) का मालिक होगा | मगर मामूली मुंशी या क्लर्क न होगा |
मंदी हालत में
ग्रहण का मंदा असर पूरे जोर पर होगा जब दोनों 9/12 में बैठे हो | राहु भूचाल तो सूर्य आग होगा | जिस भी घर में दोनों बैठे हो वहां तो मंदा असर होगा ही मगर साथ लगने वाला आगे वाला घर भी जलता होगा | मसलन दोनों नंबर 6 में बैठे हो तो राहु की दृष्टि से नंबर 12 पर तो मंदा असर होगा ही मगर खाना नंबर 7 भी मंदा हो जाएगा |
औलाद मंदी 42, 21 साल | अगर मंगल किसी भी तरह से राहु को न दबाता हो तो या मंगल खुद ही मंदा हो तो या सूर्य-राहु ऐसी जगह बैठे हो जहाँ से राहु मंगल पर कीचड़ फेंक सकता हो तो ऐसे टेवे वाले की सेहत और उम्र दोनों शक्की होगी | किस्मत के मैदान में सूर्य ग्रहण का नजारा होगा | राजदरबार से खराबी (सिवाय नंबर 5 के), खुद अपने दिमाग की पैदा की हुई खराबियों से नुक्सान या फिजूल खर्चा होगा | जिस्म की जिल्द पर स्याह-सफ़ेद धब्बे मगर फुलबहरी (leucoderma) न होगी |
उपाय
1) चोरी या गुमनाम नुक्सान से बचने के लिए जौ (अनाज) को भोझ तले अँधेरी जगह रखना मददगार होगा |
2) बवक्त बुखार वगैरा जौ और गुड़ का दान मदद करेगा | या जौ को दूध या गौमूत्र से धोकर दरिया में डाल दे |
3) सूर्य की चमक को बहाल करने के लिए शुक्र-बुध मुश्तरका या किसी एक ग्रह की चीजों का दान से कल्याण होगा |
4) जब भी सूर्य ग्रहण लगे, राहु की चीजे या सूर्य के शत्रु ग्रह की चीजे दरिया में बहाना सहायक होगा |
राहु और सूर्य के परस्पर झगडे के वक्त यानी जब दोनों का असर तंग कर रहा हो तो ताम्बे का पैसा रात भर आग में जलाकर (कम से कम 12 घंटे) प्रातः नदी-नाला में बहा दे | जला हुआ पैसा लेजाते समय यह ख्याल जरूर रखे कि अपना कोई बच्चा सामने न आए | वरना उस पर मंदा असर हो जायेगा |
खाना नंबर 1
अगर शनि या मंगल या दोनों नंबर 5 / 9 में हो तो जन्म से ही अँधा होगा |
खाना नंबर 3
34 साल उम्र तक बुध और केतु दोनों का फल मंदा होगा |
खाना नंबर 5
औलाद बेशक 21 साल तक बेमानी मगर राजदरबार में कोई खराबी न होगी |
जब दोनों नंबर 5 और चंद्र नंबर 4 में हो तो ससुराल और मामू दोनों ही राहु की उम्र 42, 21, 10 तक मंदे, निर्धन, मामूली आई-चलाई होती रहे | चंद्र बर्बाद ही लेंगे |
खाना नंबर 9,10,11,12
घर 9,12 ग्रहण रवि का, वहम उम्र नहीं होता हो |
दोनों बैठे घर 10 या 11, उम्र शक्की का होता हो |
उम्र मंदी खुद करने वाला, आठवे साथी ग्रह होता जो |
शनि बैठा हो मंदे टेवा*, नष्टि हुआ या मंदा हो |
दोनों तभी घर 10 वे बैठे, शनि दूजे** ग्रह मंदा हो |
मदद मंगल न गुरु खुद पाते, उम्र 22 का होता हो |
*शनि खुद मंदा या नष्ट या उम्र को रद्दी कर रहा हो |
**शनि मंदा, स्त्री ग्रह बैठे हो नंबर 2 में |
उम्र सिर्फ 22 साल बशर्ते कि नर ग्रह (मंगल, गुरु) साथी साथ या मददगार न हो | वरना उम्र लम्बी होगी | (जब दोनों 10/11 में हो)
खाना नंबर 9/12 में सूर्य ग्रहण का जमाना होगा |
S Kuber RA
Jyotish Acharaya
Vedic & Lal Kitab Astrologer
Lal Kitab Vastu Consultant
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