लाल किताब
शुक्र और बुध
8, छठे, 2, 9, 3, 12, मसनूई सूर्य दो होता हो |
उत्तम बराबर असर दोनों का, दृष्टि रवि न करता हो |
बुध-शुक्र जब दो इकट्ठे, शनि उम्दा होता हो |
अन्न दौलत की कमी न कोई, घी मिटटी से निकलता हो |
निस्फ़ (आधी)सरकारी मुलाजमत (नौकरी), मसनुई (बनावटी) सूर्य, तराजू, रेतली मिटटी, आटा पीसने की चक्की जिसके दो पत्थर हो |
दोनों ग्रह बराबर की ताकत और बराबर की मियाद (उम्र) के होंगे और सूर्य की तरह असर देंगे | 44 साल उम्र तक मुश्तरका होंगे | तथा सेहत और रिजक से मुतल्ल्का होंगे | राजदरबार और हुकूमत की शर्त न होगी |
शुक्र अगर केतु (कुत्ते) का जिस्म है तो बुध उसकी टेढ़ी दुम होगा | जब कभी मंगल का ताल्लुक हो (कैसे भी) तो बुध शेर को भी दाँत देखा देगा और शेर की तरह गाय पर हमला कर देगा |
नेक हालत में
जब तक बुध-शुक्र से सूर्य का ताल्लुक न हो, नतीजा उम्दा ही होगा | औरत का सुख 37 साल, धन-दौलत कभी हार न देगा | मसनुई सूर्य आधा सरकारी काम रियासती ताल्लुकदारी नौकरियाँ | सूर्य का ताल्लुक हो तो औरत अमीर खानदान से होगी |
खाना नंबर 1
किस्मत में नेक मसनुई सूर्य (आधा राजदरबार का असर होगा)
खाना नंबर 2
अगर चाल-चलन उम्दा हो तो हर दो ग्रह का अपना-अपना और उत्तम फल होगा | व्यापारी और आढ़ती उम्दा होगा |
खाना नंबर 3
अगर चंद्र मंदा हो तो दोनों नंबर 3 में बैठे हुए चंद्र के मंदे असर से बचाएँगे, सिवाय सौतेली माता के चंद्र की बाकी चीजों का फल उत्तम होगा | ख़्वाह चंद्र ग्रहण ही हो |
खाना नंबर 4
खुद बुध (व्यापार) राजयोग | बुध और शुक्र के अलावा किसी भी ओर ग्रह के मुतल्ल्का व्यापार राजयोग का असर देंगे | लड़की वाला मामू मुबारिक और मददगार होगा |
खाना नंबर 5
औलाद पर कोई बुरा असर न होगा |
खाना नंबर 6
खुद अपने लिए राजयोग होगा | रेत से सीमेंट लोहे की तरह मजबूत हो जाता है मगर अब बुध की रेत से शुक्र की मिटटी ही सीमेंट का उम्दा काम देवे | यानि अगर नर औलाद न भी हो फिर भी लड़कियाँ मसनुई सूर्य का उत्तम फल देगी | औरतो की मदद होगी | गृहस्थी का आराम होगा | जब सूर्य नंबर 2 में हो तो किताबो का काम, छापाखाना, तिजारती (व्यापार) पैमाने पर दिमागी तहरीरी (लिखाई) काम, राजदरबार और अहले कलम (लेखक होने से) से बहुत नफा होगा | शनि नंबर 2 में हो तो जायदाद बढ़ती जाए | हर दो हालत के समय (चाहे सूर्य नंबर 2, चाहे शनि नंबर 2) के वक्त ईमानदारी का धन साथ देगा |
खाना नंबर 7
उत्तम फूल | दोनों की शानदार गुलजार की तरह घर-बार और गृहस्थी सुख उम्दा हो | उम्दा व्यापारी और उम्दा आढ़ती होगा | तराजू के काम से हरदम नफा हो |
खाना नंबर 9
खाना नंबर 1-3-6-7-9-11 में अगर चंद्र, केतु या गुरु बैठा हो तो बुध मंदा फल न देगा और शुक्र का फल भी मंदा होने से बचा रहेगा |
खाना नंबर 10
उत्तम सेहत का मालिक और साहिबे अक्ल होगा जब तक नंबर 2 भला हो | खाली हो तो भी ठीक है |
खाना नंबर 12
खुद अपनी उम्र लम्बी बल्कि पूरी सदी के आस-पास होगी | उम्दा सेहत होगी |
मंदी हालत में
जनहाकार, ऐय्याश हो सकता है
खाना नंबर 1
अल्पायु और मवेशियों के सुख से महरूम होगा |
खाना नंबर 2
जनाहकार | दोनों अपना अपना फल देंगे |
खाना नंबर 3
जब चंद्र मंदा हो तो सौतेली माता का कोई फायदा या मदद न होगी | औरत खानदान के आदमी कारोबार में साथी होंगे जिनका कोई फायदा न होगा | वो सिर्फ खा-पीकर चलते बनेगे | बुध नंबर 3 में बैठा हुआ साथ बैठे ग्रह और नंबर 9-11-5-4 सब ही घरो को बर्बाद ही किया करता है | इसलिए ऐसे प्राणी की पहली शादी नष्ट होने पर अगर उसी खानदान में दूसरी शादी भी दोबारा हो जाए तो बुध पहले ही की तरह दूसरी शादी भी नष्ट कर देगा | लेकिन अगर ऐसी शादियों से तीन लड़कियाँ कायम हो तो बुध खामोश हो जाएगा | बकरी का दान बहुत मुबारिक होगा | (जब मंगल का सम्बन्ध हो)
बुध की उम्र 34-17-8 साला उम्र इस शुक्र की उम्र 25-12 1/2, 6 1/2 में अगर पहली शादी हो तो राजदरबार पर मंदा असर होगा | दूसरी शादी हो तो वाल्दैन या ससुराल पर मंदा असर होगा | तीसरी शादी हो तो मर्द-औरत हर दो की सेहत लगातार मंदी होगी |
खाना नंबर 4
ससुराल मामू घर अक्सर मंदा, भला चंद्र न होता हो |
उल्टी चक्की बुध-शुक्र चलता, मंदा असर वो देता हो |
बुध (बर्तन, ढोल, रागरंग के सामान बाजे वगैरा) और शुक्र (खेती-बाड़ी, गाय, बैल) के मुतल्ल्का कारोबार निकम्मे होंगे | मामू खानदान और ससुराल का मंदा हाल होगा | खुद भी चाल-चलन का शक्की होगा | लेकिन अगर चंद्र कायम हो या कायम कर लिया जाए तो कोई बुरा असर न होगा | माता के भाई-बंध और माता की बहन वगैरा कारोबार में खराबी का सबब होंगे |
खाना नंबर 5
इश्क जवानी हमराहियों को बर्बाद करावे | शुक्र के पतंग का मंदा हाल होगा | घर में जमींदोज आग कायम रखने के लिए गोल गहरा गड्ढा मंदे असर की पूरी निशानी होगा |
खाना नंबर 6
अगर सूर्य का ताल्लुक हो जाए तो औरतो से मुखालफत होगी | औलाद के विघ्न और दीगर (दूसरे) तकाजे होंगे |
खाना नंबर 7
अगर राहु या केतु से चंद्र मंदा हो रहा हो तो शुक्र-बुध की चक्की का असर भी मंदा ही होगा | शादी और औलाद के विघ्न और मंदे फल होंगे | कांसी का बर्तन (कटोरा) मददगार होगा |
खाना नंबर 8
रब्ब ने बनाई जोड़ी, एक अँधा तो दूजा कोढ़ी |
राख भरी वो मिलकर बोरी, जितनी उड़े उतनी ही थोड़ी |
दोनों ही ग्रहो का मंदा फल होगा | स्त्री-पुरुष की ऐसी जोड़ी होगी जिसमे एक तो दुनियावी अँधा और दूसरा कोढ़ी (बीमार) | शादी और औलाद में खराबियाँ | शुक्र अब अक्ल के खिलाफ कारवाईयाँ करने वाला बुध निकम्मा होने से मामू और बहन बर्बाद, पूरा मारक स्थान, निकम्मी और लानत की हालत ही होगी | शुक्र अँधा तो बुध थूकने वाला कोढ़ी होगा | बुध के कारोबार, आशिया जानदार, की निहायत मंदी हालत 34 उम्र तक | और शुक्र की बेजान आशिया खेती-बाड़ी और उसमे काम आने वाले गाय-बैल बेमानी होंगे
खाना नंबर 9
लड़की जन्म या उम्र 17, दोनों मंगल बद बनता हो |
उमींद बुजुर्गा पानी फेरा, मंदा असर 2,9 का हो |
अगर बुध निकम्मा साबित हो तो 17 साल उम्र या पहली लड़की की पैदाइश पर अपने बुजुर्गो की सब उमींद पर पानी फेर देगा | और मंगल बद की जलती हुई आग का तूफ़ान शुरू होगा |
खाना नंबर 10
अगर नंबर 8 मंदा हो रहा हो तो बुध-शुक्र दोनों ही के फल में जहरीला असर होगा |
खाना नंबर 11
अजीजो से जुदाई, मुलाजमत में पहले हाकिम के ताल्लुक में यह ग्रह (बुध) उल्लू का पट्ठा और बेमुरव्वत साबित हुआ करेगा | मंदी हालत में बुध और शुक्र की मुतल्ल्का आशिया मददगार होगा |
सोने के पिले मनको की माला अमूमन मौजूद होगी जिसे दूध या दरिया के पानी में धोने से बुध और गुरु की जहर दूर होगी | या फिर चंद्र का उपाय मददगार होगा वास्ते राजदरबार और गृहस्थी हालत | (जब गुरु-सूर्य नंबर 10 में हो)
खाना नंबर 12
हड़काया कुत्ता या पागल बकरी, पेट गाय आ फाड़ती हो |
खांड गृहस्थी रेत हो भरती, शीशा मिटटी धोखा देती हो |
शत्रु बुध-शुक्र दूजे बैठा, दांत जहर शनि भरता हो |
दूजे अगर जब मित्र आया, आकाशवाणी बुध वर्षा हो |
दोनों ग्रह अब सेहत के मालिक होंगे | अगर बुध उल्टा हो निकला (यानि शनि या गुरु 2,12,3 में न हो) तो दोनों का फल निकम्मा होगा |
मामूली सी बकरी (बुध) या गाय (औरत, शुक्र) हड़काए कुत्ते की तरह पेट फाड़ देने का असर दे | लड़की की पैदाइश के दिन से गृहस्थ रद्दी, बर्बाद या मंदा ही होगा | बल्कि खांड में रेत मिली हुई की किस्मत का हाल होगा | या यूँ कहे की पिसा हुआ शीशा देखकर लगा की खांड पड़ी है मगर जब उठा कर मुँह में डाला तो मुँह दुखिया हो हुआ |
S Kuber RA
Jyotish Acharaya
Vedic & Lal Kitab Astrologer
Lal Kitab Vastu Consultant
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