लाल किताब
शुक्र और शनि
टेवे शनि हो जब 9 बैठे, असर शुक्र दो देता हो |
पाया शुक्र ही घर जब दूजा, असर शनि 9 देता हो |
नजर शुक्र में शनि जब आता, माया दीगर खा जाता हो |
दृष्टि शुक्र पे शनि जब करता, मदद ग्रह सब करता हो |
फर्जी ऐय्याश, काली मिर्च और घी, स्याह काला मनव्वर (पत्थर), मिटटी का खुश्क पहाड़
शुक्र औरत तो शनि उसकी आँख की बिनाई (दृष्टि) बना रहेगा | मसनुई केतु ऐश का मालिक ऊँच हालत देगा | दोनों ग्रह 52 साल तक मुश्तरका होंगे | दोनों के मुश्तरका असर में शुक्र का अगर 4 हिस्सा तो शनि के 3 हिस्से होंगे, नेकी करने के लिए | अगर मंदा असर हो तो शनि सिर्फ 1/3 हिस्सा होगा यानि शनि अपने साथी का बुरा नहीं कर सकता | बल्कि 52 साल तक मदद ही देगा | शुक्र-शनि मुश्तरका में शनि से मुराद उसका (टेवे वाले का) बाप होगा |
जिस घर में शनि हो शुक्र में वही असर और दृष्टि भी उस घर की तरफ होगी | अगर दृष्टि की चाल पिछली तरफ, खुद शुक्र की अपनी तरफ होगी |
ऐसे टेवे में मंगल-केतु अमूमन इकट्ठे ही होंगे जो जरूरी नहीं कि इकट्ठे ही हो | घर में ठाकुर, पूजा-पाठ का इष्ट मौजूद | दोनों मुश्तरका के वक्त बुध नहीं बोलेगा और न ही मंदा होगा और न ही बुरा असर देगा | बल्कि बुध का नेक असर खुद-ब-खुद शामिल हो जाएगा | राहु-केतु भी अब मदद ही देंगे |
नेक हालत में
दोनों का बहुत उत्तम फल होगा | ऐसे टेवे वाले का बाप टेवे वाले के लिए हमेशा नेक और उत्तम साबित होगा | जिस तरह मिटटी खुद फट कर साँप को मुसीबत के वक्त बचा लेती है उसी तरह शनि (ख़ुफ़िया) शुक्र को मदद देता जाएगा | दूसरा कोई साथी होगा जिसके साथ मिलने से किस्मत जागेगी | (जब दोनों देखे गुरु को)
खाना नंबर 1
साथ राहु या केतु बैठा, सातवे रवि आ बैठा हो |
दुःख जहमत का पुतला होगा, आग जला दुःख भोगता हो |
माली मच्छ रेखा का वही उम्दा असर जो शनि नंबर 1 में लिखा है |
खाना नंबर 3
कमाई उम्र तक दूसरे खाते, भला शुक्र न होता हो |
काम शनिच्चर लम्बे बढ़ते, नफा न बेशक इतना हो |
मर्द और औरत दोनों ही खूब आराम पसंद और दोनों ही को दूसरे मर्द या औरत आराम करने या कराने के लिए बिना तकलीफ मुहैय्या हो जाया करेंगे |
खाना नंबर 4
शनि शुक्र मिल हो जब बैठा, रवि भी साथी बनता हो |
मौत सख्त पुरदर्द (दर्दनाक) पाता, कत्ल सूर्य दिन होता हो |
दोनों का अपना-अपना नेक और बुरा असर होगा | कपड़े की थैली भाग्य के लिए गुमनाम चोर साबित होगी लेकिन दो कपड़ो की और दो जुदा रंगो की इस वहम से बरी होगी |
आमदन के चश्मा के लिए खाना नंबर 10 के ग्रह का टैक्स अदा करते जाना मददगार होगा | फर्ज किया नंबर 10 में सूर्य हो तो हर रोज ताम्बे का पैसा किसी चलते पानी में डालने से आमदन का चश्मा बढ़ता होगा |
खाना नंबर 9
पाँच छटे गुरु दसवे बैठा, असर भला कुल होता हो |
जायदाद जागीरी बढ़ता, आराम औरत सब फलता हो |
एक कंजरी (बदफेल, बद नस्ल) की लड़की होते हुए भी उम्दा गृहस्थी औरत हो जाने की तरह शुक्र अब हर तरह से उत्तम फल देगा | स्त्री और लक्ष्मी का सुख होगा | जायदाद ही जायदादों वाला | उत्तम स्त्री सुख का मालिक होगा | (जब गुरु 5-6-10 में हो)
खाना नंबर 10
हादसा हमलो हर दम बचता, कबीला रेखा मच्छ होता हो |
शनि मकान खुद बनता उसका, जवाई दौलत जर खाता हो |
रवि बेशक हो साथी बैठा, असर बुरा न देता हो |
जायदाद से हरदम बढ़ता, नकद शर्त न करता हो |
शुक्र नंबर 10 में शनि की ही हालत और ताकत का होता है | शुक्र औरत तो शनि शराब का मालिक होता है | जवानी में ऐश और इश्क की खूब मददगार लहर होगी | बुढ़ापे में दोनों ग्रह और भी आराम व मददगार जमाना देंगे |
दुनियावी हादसा, सदमा और नागहानी बलाएँ वगैरा से हरदम बचाव होता रहेगा | शनि के काले कीड़े (मौन) गिरोह की तरह गृहस्थी साथी और उसके अपने बेशुमार लड़के और लड़कियाँ और आगे उनके (बच्चो के रिश्तेदार कमाई से आराम पाते होंगे) धन व् दौलत सब के लिए बहुत होगा और बढ़ता होगा | मकान बहुत बनेगे या बना देगा |
उम्र लम्बी होगी | जायदाद बनेगी | और मौत भी कोई दुखिया हालत में न होगी | नकद रुपया बेशक इतना जायदा न हो | (जब सूर्य नंबर 4 में हो)
खाना नंबर 12
असर वही 9 घर जो होगा, मिलता 12 वे में होता हो |
बाकी असर 2 बारह उम्दा, वही गिना हर दो का जो |
अपने खानदान के मेम्बरान की तायदाद ज्यादा होगी | जरायत (खेती-बाड़ी) शुक्र के कारोबार, रिश्तेदार आशिया गाय बैल आदि से पूरा नफा और फायदा और उत्तम गृहस्थी फल होगा |
जानी (व्यभिचारी) होगा मगर कामयाब गृहस्थी और बाइज्जत जिंदगी का मालिक होगा | (जब बुध नंबर 6 में हो)
गुरु नंबर 5-6-10 में हो तो जायदाद ही जायदाद वाला | स्त्री सुख पूरा होगा | दुसरो को खा-पी जाएगा |
बाकी घर अपना अपना फल होगा |
मंदी हालत में
उसकी कमाई नजदीकी रिश्तेदार या मकान खा जाएंगे | जुबान का चस्का बर्बाद करेगा | (जब दोनों को बुध देखे)
शनि का बुरा असर जोर से होगा और मौत पुरदर्द (दर्दनाक) होगी | (दोनों को जब सूर्य देखे)
उपाय
मकान के ऊपर बिजली वगैरा के बुरे असर से बचाने के लिए लोहे की सलाख मददगार होगी |
खाना नंबर 1
काग रेखा का मंदा असर होगा जैसा कि शनि नंबर 1 में जिक्र है | खुद जानी ऐय्याश |
दरिद्री, आलसी, निर्धन, दुखिया होगा | (जब मंगल नंबर 4, सूर्य नंबर 2, चंद्र नंबर 12)
जिस्म में जलती आग की तरह दुःख बीमारी कायम रहे, सेहत खराब, तपेदिक तक नौबत | किस्मत के ताल्लुक में भी दुखो का पुतला, हर तरह से मंदा हाल और मिटटी ख़राब | (जब सूर्य-राहु या सूर्य केतु नंबर 7 में हो)
खाना नंबर 3
अपनी जिंदगी और कमाई दुसरो के लिए होगी जिसका फायदा और आराम दूसरे ही उठावे | चाचा (शनि) आवारा औरतो का मिलापी होगा या फिर उसकी औरत ही आवारा होगी |
खाना नंबर 4
चाचा गैर औरतो का मिलापी होगा | निहायत सख्त और पुरदर्द मौत होगी | (सूर्य नंबर 10)
खाना नंबर 7
निहायत करीबी रिश्तेदार उसके कारोबार में शामिल हो कर उसका धन-दौलत खा-पी जाएंगे |
नामर्द वरना बुजदिल होगा | और हर तरह से बिगड़ा बिगडाया हुआ मर्द (ख़राब किया हुआ) किसी भी काम का साबित न होगा | (जब चंद्र नंबर 1 और सूर्य नंबर 4 में हो)
बाकी घर अपना अपना फल देंगे |
S Kuber RA
Jyotish Acharaya
Vedic & Lal Kitab Astrologer
Lal Kitab Vastu Consultant
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