Friday, 30 November 2018

लाल किताब चंद्र और राहु

लाल किताब 

चंद्र और राहु  




निस्फ़ (आधी) उम्र तक दोनों मंदा, बुध भला न मंदिर हो |
ससुराल घराना लाख हो ऊँचा, पाप  खंडहर हो |
इकट्ठे दोनों से धर्मी टेवा, उम्र लम्बी खुद पाता हो |
असर राहु जब मंदा होता, केतु भला न रहता हो
नेक रोशन जब दोनों होते, हाथी माया में नाहता हो |
घर पहले ता 6 वे बैठे, माता सालो उन मरती हो |
समय बच्चे के पैदा होते, प्लेग, गोली चल बसती हो |

मनहूस घोडा, दोनों पाना-अपना फल देंगे | मगर चंद्र का किसी कदर मद्धम यानि अगर माली निर्धन हुआ तो ज़लीलो ख्वार, दरबदर और फरार भी होगा | मगर कैद में न होगा खासकर जब दोनों नंबर 2 में हो | गाय दो रंगा लाल बछड़ा मौत का बहाना होंगे |

भूचाल 45 साल में रुकेगा | या 45 के भाग में यानि 45 दिन, महीने, साल चंद्र और राहु दोनों का फल बर्बाद | राहु एक भयानक हाथी जो दरिया के रास्ते को भी रोक दे और खुद भी बर्बाद हो | चंद्र की आयु 24 दिन माह, साल तक होगा | वरना फिर ऐसा बुरा असर न होगा |

दोनों मुश्तरका किसी भी घर में खासकर नंबर 2 में हो तो ऐसा टेवा धर्मी टेवा होगा | जिसमे पापी ग्रहो का मंदा असर न होगा | बल्कि तमाम उम्र ही धर्मी होंगे | राहु अगर भूचाल है तो उसका भूचाल चंद्र से रुक जाता है यानि चंद्र बैठा होने वाले घर से आगे नहीं जा सकता | दोनों इकट्ठे जिस घर में बैठे हो उस घर की चीजों पर दोनों ही का बुरा असर होगा | खाना नंबर 1 से 6 में बैठे हो तो जिस घर नंबर में बैठे हो उस घर की उम्र में माता के लिए बुरा असर होगा | जैसे नंबर 3 में हो तो तीसरे साल, 15 वे साल, 27 वे साल वगैरा | मगर खुद अपनी उम्र का तकाजा न होगा | माता को गोली वगैरा से मौत का खतरा होगा | 7 से 12 में बैठे हो तो माता पर बुरा असर न होगा | अगर कभी होगा तो माँ-बेटे दोनों पर होगा |

नेक हालत में

टेवे में शनि अगर उम्दा हो तो राहु का असर उम्दा होगा |

खाना नंबर 7

चंद्र-राहु गर 7 वे बैठे, ऊँच शुक्र राशि 11 हो |
मौत मारे घर ससुर का उजड़े, लाख पुत्र ख़्वाह पोता हो |

स्त्री और राजदरबार मंदा न होगा |

खाना नंबर 9

निस्फ़ (आधा) चंद्र ख़्वाह नोवे गिनते, ग्रहण मद्धम ख़्वाह होता हो |
खुश्क कुँए घर जद्दी उसके, पानी दोबारा आता हो |

जद्दी घर-बार में रौनक होगी | खुश्क हो चुके कुओं में पानी खुद-ब-खुद दोबारा आ जाना माना है |

खाना नंबर 11

सोने को आग में जलाकर दूध में बुझा कर उस दूध को इस्तेमाल करने से औलाद पैदाइश में बरकत होगी | (जब बुध नंबर 3, गुरु नंबर 2 में हो)

मंदी हालत में

पानी से नुसान का डर | निस्फ़ उम्र या राहु की कुल उम्र (42) में जिस्म की जिल्द खराब होगी या जिस्म पर स्याह-सफ़ेद दाग और गोश्त के छोटे-छोटे टुकड़े उभरे हुए होंगे | ससुराल भी बर्बाद होगा | दरिया का पानी भी दो टुकड़ो में बंट कर चलेगा यानि चंद्र का असर मद्धम ही होगा | दिल के फर्जी वहम से दीवानगी, अपना ही दिल खराबी का बहाना होवे |

उपाय

औलाद के लिए वही उपाय जो ऊपर लिखा है और चंद्र नंबर 11 में भी लिखा है | राहु का भी वही उपाय जो राहु नंबर 11 में लिखा है | इसके अलावा चंद्र ग्रहण के वक्त चंद्र के दुश्मन ग्रहो की चीजे बहाना मुबारिक होगा | राहु का भूचाल चंद्र से रुक जाता है और राहु का मंदा असर केतु ही हटा सकता है | मंगल, गुरु या चंद्र का उपाय करे | अगर वह भी मंदे हो तो बुध को कायम करे |

खाना नंबर 3

34 साल उम्र तक बुध और केतु का मंदा फल होगा |

खाना नंबर 7

ससुराल घर वीराना ही होगा |

खाना नंबर 9

चंद्र का जाती फल मद्धम बल्कि ग्रहण में आए हुए चंद्र की तरह हल्का ही होगा |

खाना नंबर 12

न सिर्फ चंद्र की जानदार और बेजान चीजों का मंदा हाल होगा बल्कि शुक्र का फल भी भला न होगा | 

S Kuber RA
Jyotish Acharaya 
Vedic & Lal Kitab Astrologer 

Lal Kitab Vastu Consultant 

लाल किताब चंद्र और शनि

लाल किताब 

चंद्र और शनि 

पहाड़ शनि तो मैदान चंद्र का, कोहसार समंदर बनता हो |
एक भला तो दूसरा मंदा, मौत बहाने घडता हो |
ससुराल, औरत के उसकी माया, काम अमूमन आती हो |
शत्रु चंद्र जब तख़्त पे बैठे*, चोरी हानि धन जाता हो |
रवि हुआ जब टेवे मंदा, जहर शनि की बढ़ती हो |
जान शनि जो चीज दो रंगी, हमले औलाद पे करती हो |
चमड़े का बटुआ बक्स लोहे का, माया कभी जब होती हो |
जान चीजों पर बिजली कड़के, जहर दौलत सब बनती हो |
साँप शनि दूध चंद्र पीता, जहर माता खुद देती हो |
दृष्टि मगर ग्रह जब कोई बैठा, जान शफा जहर बनती |      

*वर्षफल में |

लाल रंग भूरी भैंस औलाद (केतु) के बजाए बाप, दादा, भाई-बंधू पर हमला करेगी, मंदे असर होंगे जब तक वहाँ प्रबल सूर्य मौजूद न हो |

चंद्र देखे शनि को तो शनि मंदा और शनि देखे चंद्र को तो चंद्र मंदा | शनि का दूसरे ग्रहो से सम्बंद में शनि की पोस्ट में विस्तार से देखे | 

दोनों मुश्तरका में अँधा घोडा (अँधा शनि और घोडा चंद्र) या दरिया (चंद्र) में बहता हुआ मकान (शनि) (मंदे अर्थो में) होगा | एक भला तो दूसरा मंदा होगा | दोनों 44 साल तक मुश्तरका होंगे | मसनुई नीच केतु का असर होगा | अगर शनि का असर उम्दा हो तो उसमे 1/3 हिस्सा चंद्र का मंदा फल होगा | जहाँ चंद्र उम्दा वहाँ शनि का मंदा असर साथ होगा | दोनों ग्रहो में से प्रबल कौन है का फैसला आँख की हालत पर होगा | साँप को दूध पिलाना मुबारिक होगा |

काली स्याही, पानी की बावली (जैसे कुआँ. तालाब), उल्टा हथियार (कुल्हाड़ी) जो अपने माथे पर ही लगता रहे | कछुआ (पानी का जानवर), बिगड़ा हुआ दूध, लोहे की ऐसी मशीन जिस पर सवारी करके इंसान घोड़े की तरह चला सके मसलन मोटर गाड़ी या लोहे की सफर की चीज, खूनी कुआँ, दूध में जहर | माली हालत के लिए खाना नंबर 10 का दिया हुआ फल लेंगे ख़्वाह किसी भी घर में इकट्ठे बैठे हो |

नेक हालत में

किसी दूसरे के साथ से जो हम उम्र हो, रिश्तेदारी में चाहे ऊपर का चाहे नीचे का मगर बराबर उम्र का, से धन पैदा होगा और शनि मदद देगा |

खाना नंबर 1

वही नेक और उम्दा असर जो सूर्य-शनि का नंबर 10 क दिया है |

खाना नंबर 2, 3

नंबर 2 घोडा काला या कुआँ लगते, कारे रफा (आम लोगो के आराम) सब उम्दा हो |
नंबर 3 खाली बक्स धन -दौलत होवे, दोनों पाया घर तीजे जो |

नंबर 2: उम्दा असर होवे स्याह घोडा या कुआँ लगाना मुबारिक होगा | रफ़ाए आम के काम में कामयाब होगा |

खाना नंबर 3: जायदाद ज्यादा बल्कि बेशुमार |

खाना नंबर 4

उतरे मोतिया आँखे उसकी, बुध चौथे जब बैठा हो |
शत्रु बैठक 10 चंद्र होती. मौत बाहर जा पाता हो |

चंद्र अब कुंडली वाले के लिए मानसरोवर होगा | अगर सूर्य की मदद मिलती हो तो पितृ रेखा ( वाल्देन का साया) का फल मुबारिक होगा | शनि मददगार साँप और खुद साया करने वाला होगा | खुद उसके लिए यानि किसी वक्त जिस्म नकारा हो जाए तो साँप डस कर मार देने के बजाए उसे मजबूत और आसूदा (खुशहाल, आरामदायक) कर देगा | मगर दुसरो के लिए खूनी साँप होगा | 

खाना नंबर 6

शनि चंद्र की मिटटी बोले, चीजे चंद्र सब मंदा हो |
तीनो कुत्ते घर उसके मंदे, मकान कमाई उम्दा हो |

खुद अपनी आमदन और खुद अपने बनाए मकान आबाद और मुबारिक होंगे | मंदा फल मंदी हालत में नीचे देखे

खाना नंबर 9

माया दौलत जो हरदम बढ़ता, असर चंद्र खुद मंदा हो |
आबे हयात (अमृत जल) भी जो उसको मिलता, जिस्म पर छाले करता हो |

धन-दौलत उत्तम और निहायत मददगार |

खाना नंबर 12

माया पर पेशाब की धार मारने वाले बेगर्ज इंसान होगा

मंदी हालत में

इंसानी दिल (चंद्र) औरत की शरारती आँख की लहर या इशारा और गेसू ( जुल्फ) (शनि के काम) से ही मौत ढूंढ़ता फिरता होगा | यानि इश्कबाजी बाइस-ए-तबाही का कारण होगा |

उसका धन स्त्री या स्त्री खानदान के या दूसरे दोस्त और गैर हकीकी (जो असली न हो) भाई बंधू (फर्जी दोस्त) के बहुत काम आए | जब कभी चंद्र के दुश्मन ग्रह नंबर 1 में आएँगे, चोरी या धनहानि होगी | शनि के काम, आशिया, रिश्तेदार दुःख का सबब होंगे | स्याह मुँह, बदनाम करने वाली माया होगी | यानि उसका खालिस चाँदी का रुपया हर तरह से खोटा और स्याह बदनामी का कारण होगा | उसके ठन्डे मीठे पानी के कुँए में काली स्याही जरूर मिली हुई होगी | शनि के मकान आराम देने के बजाए दुःख का बहाना होंगे | शनि की उदासी और वैराग्य दिल को शांति देने के बजाए उल्टा उसे जलाते होंगे | अगर चंद्र उम्दा धन तो शनि ऐसा मंदा खजांची होगा जो जरूरत के वक्त उसे पैसा निकलने ही न देगा | यानि टेवे वाले की अपनी कमाई उसके काम न आएगी | स्याह मुँह बदनाम करने वाली माया का मालिक होगा |

शनि या चंद्र की दो रंगी आशिया जैसे घोडा, भैंस, स्याह मगर माथा सफ़ेद, चारो पाँव और माथा सफ़ेद बाकी भूरी लाल रंग, गुरु और केतु की जानदार और बेजान चीजों का फल मंदा करेगी | हादसा हो या नजर पर हमला हो |

एक आँख सीधी दूसरी आँख टेडी या आँख का कानापन या दिल पर जहरीली बीमारिया, या सांप की तरह हर किसी पर जहरीला हमला कर देने वाला खुदगर्ज इंसान हो सकता है | 

उपाय

मंदे वक्त दो रंगे जानवरो का माथा स्याह कर दे | नजर मंदी होने के वक्त 43 दिन लगातार खालिस पानी न पिए यानि पानी में कोई न कोई चीज मिला ले जैसे खांड, दूध, निम्बू, चाय वगैरा जो भी मौसम के हिसाब से ठीक हो | नशे वाली आशिया (शनि की) का इस्तेमाल भी मददगार होगा |

सांप को दूध पिलाना चंद्र को प्रबल करेगा और उसका नेक फल होगा | चंद्र ग्रहण के वक्त शनि की आशिया जैसे साबुत बादाम, नारियल वगैरा बहाना मददगार होगा |

ऐसी टेवे वाले के लिए आगे से हथियार (जैसे कुल्हाड़ी) का आ मिलना मंदी निशानी होगा | उसके लिए ऐसे वक्त नेक काम करना गैर मुबारिक होगा | घर में लोहे का सेफ बड़ा बक्सा होने पर इसमें चाँदी की थाली में पानी डाल कर रखना मुबारिक होगा जब दोनों नंबर 5 में न हो | अगर 5 में हो तो शनि-मंगल की चीज उसमे रख दे जैसे साबुत बादाम और छुआरे |

खाना नंबर 1

वही मंदा और बुरा असर जो सूर्य-शनि खाना नंबर 10 का दिया है |

खाना नंबर 2

मौत हथियार से हो | हादसा भी हो सकता है |

खाना नंबर 3

चोरी का घर है | संदूकची होगी मगर धन से खाली होगी | नकद माल नदारद या बहुत कम धन के लिए शनि का उपाय मददगार होगा | केतु का उपाय मददगार होगा | अगर केतु भी मंदा हो तो लाल फिटकरी जमीन में दबाना मददगार होगा |

खाना नंबर 4

चंद्र अब खूनी कुआँ होगा दुसरो के लिए | मौत पानी से रात को होगी खासकर जब नंबर 1-7-10 में सूर्य न हो | लेकिन अगर सूर्य इन घरो में बैठा हो तो मौत दरिया, नदी, नाला से दिन में होगी | उस का धन पानी से दबा हुआ धन होगा जो उसके लावल्द होने या मौत पा जाने के बाद दुसरो के काम आएगा | औरत के फजूल खर्च (बतौर फर्ज, दुनियावी) या माशूका बतौर कबूतरबाजी बाइस-ए-तबाही होंगे | साँप को दूध पिलाना मुबारिक होगा | अगर चाल-चलन मंदा हो तो अपनी बेफ़कूफी, मोतिया वगैरा से नजर बर्बाद कराए खासकर जब बुध नंबर 4 में हो | चोट से नजर ख़राब न होगी | अमूमन मौत परदेस में या अपने घर-घाट से बाहर होगी | अगर खाना नंबर 10 में चंद्र के शत्रु ग्रह हो तो बाकी चार बचने वाले मकान की किस्मत का मालिक होगा यानि निर्धन, मनहूस, मानिंद (जैसे) गधा, काम काज मजदूरी की कोई हद न होगी मगर खुराक के लिए कोई मौका नसीब न होगा | चंद्र नंबर 4 और शनि नंबर 4 का दिया उपाय मददगार होगा | पिता की मौत गोली वगैरा से अचानक और चंद्र या शनि की मियाद में हो सकती है |

 खाना नंबर 5

धन-दौलत औलाद हो मंदी, दुखिया मुसीबत मरता हो |
आतिशखेजी (ज्वाला-मुखी) धुआँ जमाना, गर्क समंदर करता हो |

वही असर जो सूर्य-शनि नंबर 1 का दिया है | धन-दौलत के लिए औलाद पर खराबी होगी | मुसीबत के समय दुःख का यम, आतिशखेज शनि के पहाड़ का धुआँदार जमाना खड़ा कर देगा |  जो चंद्र के समुन्द्र के पानी में गर्क होकर डुबा देने का कारण होगा | माता की या अपनी नजर मंदी होगी जब शनि के साँप मरवाता हो | शनि का बड़ा बक्सा वगैरा धन हानि और मकानों के बिक जाने का बहाना होगा | ऐसी सेफ में चंद्र की चीजे मुबारिक न होगी | बल्कि शनि-मंगल मुश्तरका की चीजे छुआरे वगैरा रखना मुबारिक होगा |

खाना नंबर 6

दुनिया के तीन कुत्ते बाइस-ए-खराबी होंगे | चंद्र-शनि दोनों ही ग्रहो की आशिया जानदार और बेजान, रिश्तेदार, कारोबार मुतल्ल्का हर दो ग्रह मंदा फल देंगे | और बर्बाद होंगे या बर्बाद करेंगे |

खाना नंबर 7

आँखों की बीमारियाँ और अँधापन तक नौबत हो सकती है | स्त्री झगड़ो (शुक्र की मुतल्ल्का आशिया, रिश्तेदार, कारोबार) से जिंदगी तबाह होगी | दूध में काली मिर्च का इस्तेमाल, खासकर रात को, फेफड़े में पानी या दिल की दूसरी बीमारियाँ देगा जो धन हानि और कमजोरी नजर का बहाना होगी | 42 साल की उम्र में माता-पिता में से सिर्फ एक ही जिन्दा बाकी होगा (शनि की उम्र 36-18-9) | मौत अपने गृहस्थ और मातृभूमि में ही होगी | धन-दौलत स्याह मुँह बन्दर की तरह बदनामी का बहाना होगी और शनि मौत का सबब होगा |

खाना नंबर 8

शनि की उम्र (36-18-9) में शनि की आशिया हथियार, जानवर, साँप वगैरा के मंदे वाक्यात होंगे | बुढ़ापे में नजर कम या गुम होने की निशानी है मगर अँधा न होगा |

खाना नंबर 9

हर सुख और आराम में दूध में जहर की तरह चंद्र का मंदा असर मिला हुआ होगा | अगर आबेहया (अमृत जल) कभी मिले तो जिस्म पर छाले (जिल्द पर जख्म) करेगा |

खाना नंबर 10

ख़त्म कुँए ख़्वाह पानी माया, टट्टू तारे का होता हो |
उम्र खत्म तक बाकी कर्जा, दुखिया जगत से जाता हो |

पानी की जगह अगर माया के कुँए भी हो तो हो तो वह भी खर्च करके खुश्क कर देगा | या खुश्क हो जाए | टट्टू  घोडा होगा | मंद नसीब के घर-घाट और बुजुर्गी शान में जहर बढ़ती ही होगी | इश्कबाजी बाइस-ए-तबाही होगा |

खाना नंबर 12

औरत का सुख हल्का होगा |

 S Kuber RA
Jyotish Acharaya 
Vedic & Lal Kitab Astrologer 

Lal Kitab Vastu Consultant 

Friday, 23 November 2018

लाल किताब चंद्र और बुध

लाल किताब 

चंद्र और बुध  



माँ-बेटी, दरिया के पानी में रेत, मैना, तोता, हँस परिन्दा, सीढ़ियों वाला कुआँ

दोनों ग्रह 29 या 58 साल उम्र तक मुश्तरका होंगे |  चंद्र नेक होने की हालत में बुध 1/2 हिस्सा मंदा हो सकता है | बुध का नेक फल व्यापार वगैरा का फायदा समुंद्री सफर वगैरा 34 साल की उम्र के बाद ही होगा |

अगर बुध नेक हो तो चंद्र भी नेक होगा मगर बुध मंदा हो तो न सिर्फ चंद्र मंदा बल्कि शनि भी औलाद के ताल्लुक में अपने ही बच्चे तक खा जाने वाला बुरा साँप होगा |

चंद्र पहले घरो में हो तो चंद्र का असर प्रबल होगा | गैबी हाल अच्छा, दुनियावी हालत में दोनों का फल मंदा होगा | दोनों के साथ गुरु भी आ मिले तो बुध मारा जाएगा |

बुध पहले घरो का हो तो बुध का असर प्रबल होगा | या दोनों बुध के घरो में इकट्ठे हो तो मंदा फल होगा |

दोनों मंदे हो रहे हो तो माँ (चंद्र) बेटी (बुध) अलग-अलग रहे |

दोनों बिलमुकाबिल हो और दृष्टि हो

100 फीसदी तो निहायत ही ख़राब असर
50 फीसदी दृष्टि तो खराब
25 फीसदी दृष्टि तो मामूली ख़राब

मगर धन बर्बाद न होगा जब तक चंद्र प्रबल रहे |

नेक हालत में

1) दोनों ऐसे घरो में हो जहाँ बुध नेक हो रहा हो तो चंद्र धर्मात्मा और नेक फल देगा |

2) दोनों ऐसे घरो में हो जहाँ दोनों में से किसी एक का फल (अलग-अलग ले कर) खराब हो रहा हो तो दोनों का उत्तम फल होगा |

3) जब दोनों अपने-अपने पक्के घरो से बाहर हो ( यानि 4/7 घर) और दृष्टि की रूह पर हर तरफ से खाली हो तो इकबालमंद, और धन-दौलत उम्दा होगा | मगर दिल का फिर भी डरपोक ही होगा |

4) जब दोनों मुश्तरका को गुरु / सूर्य / शनि देखे तो नेक असर होगा |

खाना नंबर 2

पिता की उम्र अब शक्की न होगी और न ही धन-दौलत और पिता का बचाया धन-दौलत बर्बाद न होगा |

खाना नंबर 4

अमोलक (अनमोल) हीरा, धन-दौलत का गहरा दरिया जो हर तरह की शांति दे | गैबी हाल अच्छा नेक होगा |

खाना नंबर 6

माता-पिता का सुख सागर नेक और लम्बा अरसा होगा | बजाजी (कपडे) के कामो से मिस्ल (सामान) राजा होगा | अक्ल कायम, हमदर्द, मातृ हिस्सा का नेक असर होगा | मगर इक तरफ़ा तबियत का मालिक होगा |

खाना नंबर 10

समुन्द्र और सफर दोनों मोती देंगे | गुरु खाना नंबर 3 का नेक फल साथ होगा | शेर दहाना (शेर मुखी) मकान की हैसियत या तिजारती काम (व्यापार) और मर्दो की बरकत होगी |

खाना नंबर 11

मोती समुन्द्र पैदा करती, रोज बारिश न होती हो |
वक्त शादी या अपनी लड़की, बारिश मोती की होती हो |

समुन्द्र के सीप में मोती बनाने वाली बारिश रोज नहीं होती लेकिन जब होगी तो मोती बनाकर ही जाएगी | अपनी शादी और लड़की की शादी के दिन से मुबारिक पर मुबारिक मोती पैदा होंगे यानि धन-दौलत की बरकत होगी |

बाकी घर अपना-अपना फल होगा |

मंदी हालत में

1) दोनों ऐसे घरो में बैठे हो जहाँ बुध का फल निकम्मा हो रहा हो तो चंद्र का दुनियावी फल भी निकम्मा और ख़राब होगा | गल्बा-ए-इश्क (इश्क की प्रबलता)से तबाह होगा | बल्कि शनि भी भला न होगा | ऐसी हालत में चंद्र का रूहानी फल उत्तम बल्कि प्रबल होगा |

2) अगर पापी ग्रहो का ताल्लुक हो जाए तो दोनों ही ग्रहो का दुनियावी और गैबी फल मंदा होगा | जब दोनों को मंगल बद देखे तो केतु का फल निकम्मा और केतु के मुतल्ल्का रिश्तेदार मामू तरफ खराबियाँ ही होगी मगर अपनी उम्र लम्बी होगी | ग़शी-गोता (मूर्छा), दिल की बीमारियाँ होगी |

उपाय

मंदे बुध के समय राहु या मंगल बद की मदद मुबारिक होगी |

खाना नंबर 3

शनि और राहु बर्बाद और शुक्र का फल मंदा होगा खासकर जब खाना नंबर 6 में बुध के दोस्त (सूर्य / शुक्र / राहु) न हो |

खाना नंबर 4

दुनियावी हाल मंदा ही होगा | दोनों मुश्तरका मंदे शनि की तरह फल देंगे | चाँदी की जगह कलई होगी | चंद्र का जहर बुध की रेत को और भी जलाता होगा | पराई मुसीबत को अपने ऊपर ले कर खामखा बर्बाद होगा | या फर्जी वहम में अपने सिर की कमजोरी दिखलाएगा और खुदखुशी की नौबत तक हो सकती है जिसकी वजह गरीबी, मुफलिसी न होगी | बल्कि दिल न होने का सबब या गल्बा-ए-इश्क सबब होगा |
 
खाना नंबर 6

नजर शक्की खुद खूनी होता, माया दौलत ख़्वाह लखपति हो |
मंगल चौथे घर आठवे बैठा, माता मासूमी मरती हो | (छोटी आयु)

ऐसा आदमी खूनी होगा | ऐसा आदमी लखपति होता हुआ भी मुसीबत पर मुसीबत देखता चला जाएगा | मगर अक्ल की कोई पेश न जाएगी | 6 बाकी बचने वाले मकान की तरह की किस्मत (तकिया मुसाफिर) |

खाना नंबर 7

दूध में रेत | बकरी दूध तो देगी मगर मेंगने डाल कर | यानि हर दो ग्रह का फल खराब और बदमजा या बेजायका ही होगा | लखपति फिर भी दुखिया | माता न होगी | अगर होगी तो शायद अंधी ही होगी | दिमागी सदमात भी हो सकते है | दस्ती पेशा बर्बाद ही होगा |

खाना नंबर 8

वही मंदा फल जो नंबर 4 का लिखा है 

खाना नंबर 10

औरतो और बच्चो के ताल्लुक में कोई ऐसा मुबारिक काम न होगा | अगर नंबर 8 मंदा हो तो निहायत बुरी मौत का खतरा होगा | मनहूस जिंदगी का मालिक होगा |

खाना नंबर 12

शनि का फल अब जहरीला होगा | ख़्वाह शनि टेवे में कैसा ही उम्दा बैठा हो | जिसके सहारे दिमाग ने सोचा वह पहले हो रोता हुआ और आगे भागता हुआ जाता नजर आया |

S Kuber RA
Jyotish Acharaya 
Vedic & Lal Kitab Astrologer 

Lal Kitab Vastu Consultant 

Thursday, 22 November 2018

लाल किताब चंद्र और मंगल

लाल किताब 

चंद्र और मंगल 

श्रेष्ठ धन

मीठी गुजर हो दूध शहद की, लाल चाँदी धन माया से |
आयु उत्तम और शान्ति पूरी, दान देने से बढ़ता हो |
ऋण पितृ जब टेवे बैठा, आकाश पातळ आ काँपता हो |
विपदा कबीले खुद सर लेता, जान जोखों (जोखिम) कर जाता हो

जब दोनों ऐसे घरो में बैठे हो जहाँ चंद्र उम्दा और नेक हो तो 52 साल तक मुश्तरका
जब दोनों ऐसे घरो  हो जहाँ मंगल उम्दा हो तो 38 साल तक मुश्तरका
जब दोनों ऐसे घरो में बैठे हो जहाँ मंगल बद हो तो 33 साल तक मुश्तरका

मुश्तरका मिलावट में दोनों का बराबर और नेक हिस्सा शामिल होगा | जब चंद्र उम्दा हो तो मंगल आधा हिस्सा होगा | लेकिन जब मंगल उम्दा हो तो चंद्र का दोगुना होगा | जब मंगल बद हो तो उसका 1/3 बुरा हिस्सा मिला हुआ होगा | दोनों 3/4/8 में हो तो मंगल बद न होगा |

1) सब से श्रेष्ठ या उत्तम लक्ष्मी माया दौलत होगी या दोस्तों की पूरी मदद होगी | (जब दोनों को गुरु देखे या दोनों गुरु को देखे)

2) साहिबे हुकूमत, राजयोग, सूर्य का उत्तम फल होगा | (जब दोनों को सूर्य देखे या दोनों सूर्य को देखे)  

3) औलाद के विघ्न, अपना धन बिन बरते चला जाए यानि मर जाए या धन का सुख न पाए | (जब दोनों को शुक्र देखे या दोनों शुक्र को देखे)

4) व्यापारी, आलिम (विद्वान), अक्लमंद, अक्ल का धनी मगर धन की शर्त नहीं | मुतल्ल्का दुनिया से मदद होगी | (जब दोनों को बुध देखे या दोनों बुध को देखे)

5) शनि का पूरा नीच फल, जहरीले जानवरो, दरिंदो से दुःख, खतरा बल्कि मौत होगी | जिद्दी, अहमक (मुर्ख) दुनियावी हर तरह से मंद भाग्य | जहर खाकर मरे या हथियार से मौत होगी | (जब दोनों को शनि देखे या दोनों शनि को देखे मगर शनि नंबर 10 /11 का न हो ) |

6) करीबी रिश्तेदार लड़के, भतीजे, सरकारी मुलाजमत में जाने की निशानी है मगर वह पैसा धेला कमाकर या बचाकर न देंगे | (जब दोनों को केतु देखे या दोनों केतु को देखे)

नेक हालत में

दोनों का नेक फल होगा | दूध (चंद्र) में शहद (मंगल) धन रेखा उम्दा जिंदगी होगी | दुनियावी गृहस्थी जंगो-जदल (लड़ाई-झगडे) में नेक फल होगा |

खाना नंबर 2

श्रेष्ठ धन रेखा

खाना नंबर 3

अक्लमंद, साहिबे तदबीर, इज्जत, तरक्की और मरातब (पदवी) का मालिक साहिबे इकबाल (प्रतापी) और आराम पाए | ऐसा शख्स बड़ा ही दौलतमंद और अमीर कुबेर होगा | मगर दुष्ट भाग्यवान कहलाएगा | उसे किसी की परवाह न होगी |

खाना नंबर 4

धन-दौलत और परिवार का मालिक, खूब उम्दा धन दौलत जब तक बुध / शनि का साथ खाना नंबर 4/10 में न हो

खाना नंबर 7

धन-दौलत और परिवार का धनाढ्य यानि बहुत बड़ा अमीर और कबीले वाला होगा |

खाना नंबर 9

खुद दुष्ट भाग्यवान मगर औलाद उत्तम, धनवान होगा |

खाना नंबर 10

शर्त माया न मंगल गिनते, शनि फैसला खुद करता हो |
बुध, मंगल गर नेक आ होते, राज खजाने भरता हो |
दृष्टि शर्त न घर दो गिनते, पाँच जहर न देता हो |
घर चौथे जब शत्रु बैठा, नाश दोनों ग्रह का होता हो |

खाना नंबर 11

धन का फैसला शनि की जाती हालत पर होगा | अगर शनि उत्तम, उम्दा तो धन भी ज्यादा और हर तरह से उन्नति देगा | सरकार के घर से रूपए की प्राप्ति होगी |

खाना नंबर 12

दूध में शहद की जिंदगी, रात को हर तरह का आराम और दिल की शान्ति होगी |

मंदी हालत में

खाना नंबर 7

लालची, पैसे का पूत, मौत सदमे या हादसे से होगी |

अगर शनि खाना नंबर 1 में हो तो लाल रंग का सांप खजाने के ऊपर बैठा हुआ होने की तरह बुजुर्गो की माया का कोई फायदा न होगा |

खाना नंबर 9

मौत सदमे से होगी |

खाना नंबर 10

बुरी मौत और हादसे से होगी | धन की ज्यादती की कोई शर्त नहीं |

खाना नंबर 11

वहमी, लालची होगा | अगर मंगल बद हो तो नाकामयाब आशिक, औरतो के ताल्लुक में बेमानी होगा |

बाकी घर अपना-अपना फल होगा |

S Kuber RA
Jyotish Acharaya 
Vedic & Lal Kitab Astrologer 

Lal Kitab Vastu Consultant 

Wednesday, 21 November 2018

लाल किताब चंद्र और शुक्र

लाल किताब 

चंद्र और शुक्र 


हाल घरो का हर दो* मंदा, ससुर मामू का का होता हो |
माता, औरत जब साथ इकट्ठा, एक आँख से दुखिया हो |

*शुक्र के घर 2/7 और चंद्र का घर नंबर 4

दोनों ग्रह 37 साल तक मुश्तरका गिने जाएंगे | मुश्तरका मिलावट में शुक्र पूरा और चंद्र निस्फ़ (आधा) होगा | शुक्र औरत (बहु) और उसके (औरत के) वाल्दैन यानि  के ससुराल, चंद्र (सास) और उसका घर माता खानदान मामू, दोनों ही घरो का मंदा हाल होगा | बारीक उड़ने वाली जर्रा जर्रा मिटटी (कण) को शुक्र और जमकर तमाम एक ही तह बनी हुई मिटटी को चंद्र की धरती माता कहते है | जेरे काश्त जमीन (खेतीबाड़ी की) को शुक्र और जेरे मकान (तह मकान) को चंद्र कहते है | अगर शुक्र दही तो चंद्र दूध रंग होगा | रंग में दोनों ही सफ़ेद है पर सफेदी में फर्क है | सूती सफ़ेद कपडा शुक्र है तो दूध के रंग की सफेदी और सफ़ेद रेशमी कपडा चंद्र होगा

खेती हुई जमीन को शुक्र और खाली खेत और मकान की जमीन को चंद्र मानते है |          

नेक हालत में

दोनों ही ग्रहो का अंदरूनी {गैबी, बातनी (गूढ़, अप्रत्यक्ष)} फल प्रबल और उत्तम होगा | ख़ुसरा (न गाय न साँड़) न अमीर न गरीब, न जिन्दा न मुर्दा, मामूली जिंदगी बसर करने वाला होगा | चंद्र को अगर दुनियावी धन-दौलत माया जर माने तो जगत लक्ष्मी बोलती हुई मिटटी की मोहिनी तस्वीर होगी | फर्क यह होगा कि चंद्र चाँदी ठोस धातु अगर दिल की शांति के लिए दुनियावी शक्ल में रुपया-पैसा होवे तो शुक्र की जानदार आशिया स्त्री, गाय, बैल गृहस्थी हालत की जगत लक्ष्मी का आराम देंगे | (खाना नंबर 12 रात का आराम जहाँ शुक्र उच्च माना है) संक्षेप में कहे तो चंद्र माया दौलत व बेजान हालत में दौलत है तो शुक्र जानदार हालत में लक्ष्मी का असली सुख माना है |  

खाना नंबर 2

काम दवाईयाँ दौलत देते, हकीम बेशक न होता हो |
यकीनी शफा हो बच्चे पाते, पहचान मर्ज न करता हो |
शुक्र निक्क्मा होगा उसका, इश्क बुढ़ापे बढ़ता जो |
असर मंदा दो शादी होगा, कुआँ नया जब लगता हो |

दवाईयों के काम से फायदा होगा मगर खुद हकीम होने की शर्त नहीं है | इश्क में दर्जा कमाल (कामयाब) होगा |

खाना नंबर 4

दसवे शनि जब टेवे बैठा, उत्तम माता शुभ होती हो |
पिता अमोलक (अमूल्य) गिनते उसका, दसवे रवि जब साथी हो |
रवि बैठा घर पांचवे उसका, माता-पिता सुख लम्बा हो |
शुक्र असर न मंदा होगा, दूध, दही घर भरता हो |

कामदेव दुनियावी मोहब्बत और इश्क फाहशा (वैश्या, अश्लील) से दूर, फ़कीर, साहिबे कमाल होगा | 

शरीफ उलनफ़्स (शराफत भरी हुई) माँ-बाप दोनों की तरफ से खालिस और भला लोग होगा खासकर जब दृष्टि खाली हो |

जब शनि 10 में हो तो माता का नेक असर शामिल होगा |

जब सूर्य नंबर 3 में हो तो पिता का नेक असर शामिल होगा |

सूर्य नंबर 5 में हो तो लड़कियों की तरह शर्मिला मगर बुद्धू न होगा |

खाना नंबर 7

काम दौलत से पूरा लेते, माया दौलत सब बढ़ता हो |
वरना गाय हो ख़ुसरा कहते, थोड़ा ऐबी वो होता हो

आबिद (पूजा-पाठी, भक्त, धार्मिक), सखी (दान करने वाला, उदार), परहेजगार होगा | अगर धन का पूरा और नेक फायदा ले तो उम्दा असर वरना वही धन पाँचो ही इन्द्रियों के ऐब करवा कर बर्बाद कर देवे | बाकी सात बचने वाले मकान की किस्मत {फीलखाना (हाथीखाना), मवेशीखाना)} का मालिक होगा |

सूर्य नंबर 1 में हो तो पिता का नेक असर शामिल होगा |

खाना नंबर 8

सेहत और धन दौलत के लिए बूढी माता और शुक्र गाय की सेवा या दान मुबारिक होगा |

बाकी घर अपना-अपना फल होगा |

मंदी हालत में

शादी के दिन से दोनों ही ग्रहो का दुनियावी फल ख़राब होगा | माता न होगी अगर होगी तो अंधी होगी या औरत और माता दोनों में से एक वक्त में एक ही देखती-भालती चलती-फिरती होगी या सही सलामत होगी | बहु-सास का झगड़ा होगा | जब चंद्र किसी वजह से शुक्र को बर्बाद कर रहा हो तो बुध की मदद देवे | दही से पानी निकालना हो तो दही (शुक्र) पर कपडा (चंद्र) डाल कर राख (बुध) डाल दे | अब बुध (राख) पानी सोख लेगा  और दही (शुक्र) को ख़राब न करेगा | अगर चंद्र शुक्र से बर्बाद हो रहा हो तो चंद्र को मंगल की मदद दे |

खाना नंबर 1

औरत की सेहत मंदी बल्कि दीवानगी, पागलपन, कम यादाश्त (स्मरण-शक्ति) होगी

खाना नंबर 2

दूध में खांड की जगह मिटटी मिली हुई जैसी किस्मत का हाल होगा | गुरु का असर किसी नेक फल का न होगा | इश्क दुनियावी का आम गल्बा (प्रबलता) बाइस-ए-तबाही (तबाही का कारण) होगा | औरत की बदफेली (पराई स्त्री के साथ किया जानेवाला सम्भोग ), इश्कबाजी वगैरा से बाईस-ए-तबाही होगी |  

खाना नंबर 4

अगर उल्ट हुआ तो दुनिया से मदहोश तमाम ही नशो में गर्क रहने वाला होगा | (भांगी (भांग पीने वाला), चरसी, शराबी, अफीमी)

खाना नंबर 7

माता की आँखों पर झगड़ा यानि नजर कम या गुम हो | शादी के दिन से धन का बढ़ना बंद होगा |

खाना नंबर 8

हिजड़ा बुद्धू बदचलनी बढ़ती, उजाड़ उल्लू कर देता हो |
सेवा गऊ और माता बूढी, सेहत दौलत सब पाता हो |
मकान दौलत सुख दुनिया पूरे, असर शराफत रेखा हो |
सेहत औरत जर जब कभी मंदे, रक्षा बंधन शुभ होता हो |

नामर्द वरना बुजदिल होगा | अपने ही मंदे कारनामो की वजह से चंद्र का धन और शुक्र का गृहस्थी सुख बर्बाद होगा | बदचलनी की मर्ज (बीमारी) की ताल्लुक भी हो सकती है | जिसकी वजह से खुद साख्ता (सख्त) बेवकूफियाँ बाइस-ए-तबाही होगी |

बाकी घर अपना-अपना फल होगा |

S Kuber RA
Jyotish Acharaya 
Vedic & Lal Kitab Astrologer 

Lal Kitab Vastu Consultant 

लाल किताब सूर्य और केतु

लाल किताब 

सूर्य और केतु  **



गर्मी सूर्य जब साथ हो मिलती, केतु*  होता खुद रद्दी हो |

* केतु की आशिया मामा, औलाद, कारोबार, आशिया
**सूर्य का असर मद्धम, कानो का कच्चापन बर्बादी देगा 

दुश्मन ग्रहो (शुक्र, पापी) के साथ बैठा सूर्य (ख़्वाह किसी भी घर में हो) उस साथ बैठे दुश्मन ग्रह की सम्बंधित आशिया पर बुरा असर देगा |

ऐसी हालत में 22 साल से 45 साल उम्र के बीच दुश्मन ग्रह अपनी मियाद पर बुरा असर देंगे | दुश्मन ग्रह को बुध की पालना से नेक कर लेना मुबारिक होगा |

अगर सूर्य के दोस्त (चंद्र, मंगल गुरु) उसके साथ हो तो दोस्तों से सम्बंधित आशिया पर मंदा असर होगा | दुश्मन  बचा रहेगा |

केतु की आशिया 

खाना नंबर 1 : नानका घर 
खाना नंबर 2 : इमली, तिल 
3: रीढ़ की हड्डी, फोड़े, फुंसी 
4: सुनना 
5: पेशबगाह 
6: पूजा स्थान 
7: दूसरा लड़का, सूअर, गधा 
8: कान, छलावा 
9: दो रंगा कुत्ता 
10: चूहा 
11: दो रंगा कीमती पत्थर 
12: छिपकली, मुतबन्ना 

नेक हालत में 

किस्मत के मैदान में चाहे सूर्य ऐसा उत्तम असर न देगा मगर फिर भी सिर्फ बादल का साया होगा | सूर्य ग्रहण न होगा पर मद्धम जरूर होगा | 

मंदी हालत में 

सूर्य का फल मद्धम होगा | सफर में नुक्सान, दुसरो की सलाह-मशवरा से खराबी, खुद अपने पाँव से पैदा की हुई बुराइयाँ पतन का कारण या बर्बादी देगी | टेवे वाले के लड़के की औरत बेशक मोटी-ताज़ी मगर बद-जुबान और खुद टेवे वाले का लड़का टेवे वाले के राजदरबार की कमाई में मंदा धक्का लगाने वाला और बर्बाद करने वाला साबित होगा | कुत्ता मुँह ऊपर को करके रोता हुआ मंदे वक्त की पहली निशानी होगा | औलाद का सुख मंदा और टेवे वाले को अपने पोते-पड़पोते मुश्किल बल्कि शायद ही देखने नसीब होंगे | मगर टेवे वाले की अपनी उम्र पर कोई मंदा असर न होगा | 

उपाय 

सूर्य ग्रहण के वक्त सूर्य के दुश्मन ग्रहो की चीजे, केतु की चीजे चलते पानी में बहाना सहायक होगा | 

खाना नंबर 2 

मंदा तूफ़ान, खुद केतु बर्बाद, मामू मंदे, औलाद बर्बाद, पेशाब की नाली से टेवे वाला हरदम दुखी |  

   
S Kuber RA
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Tuesday, 20 November 2018

लाल किताब सूर्य और राहु

लाल किताब 

सूर्य और राहु 


ग्रहण रवि की किस्मत होती, वरना उम्र* छोटी मरता हो |
उम्र राहु औलाद हो शक्की, राजकमाई जलता हो |

*45 साला उम्र तक

दुश्मन ग्रहो (शुक्र, पापी) के साथ बैठा सूर्य (ख़्वाह किसी भी घर में हो) उस साथ बैठे दुश्मन ग्रह की सम्बंधित आशिया पर बुरा असर देगा |

किस्मत की चमक और गुरु का असर राजा के बजाए चोर का होगा | बदनीयती का पेशे खेमा (होने वाले काम की तैयारी) होगी | और अपने ख्यालात की गंदगी से सूर्य ग्रहण होगा | सूर्य-राहु मुश्तरका के वक्त राहु एक हिलता हुआ हाथी और गुरु की हवा बर्फानी, मायूसकुन (निराश करने वाली) होगी |  

ऐसी हालत में 22 साल से 45 साल उम्र के बीच दुश्मन ग्रह अपनी मियाद पर बुरा असर देंगे | दुश्मन ग्रह को बुध की पालना से नेक कर लेना मुबारिक होगा |

अगर सूर्य के दोस्त (चंद्र, मंगल गुरु) उसके साथ हो तो दोस्तों से सम्बंधित आशिया पर मंदा असर होगा | दुश्मन  बचा रहेगा |

सूर्य के लिए राहु का साथ चलती रहने वाली दिवार की तरह सूर्य ग्रहण का जमाना होगा | यानि सूर्य की रौशनी तो होगी मगर मगर उस धूप में गर्मी न होगी | दिन होते हुए भी वह धूप रात के चाँद की चाँदनी की तरह मालूम होगी | राजदरबार में हर बात उलझी हुई नजर आनी मालूम होगी | मगर ग्रहण के दूर होते ही जिस तरह सूर्य की रौशनी में गर्मी बहाल हो जाती है हूबहू वही हाल किस्मत के मैदान का होगा | यानि राहु का बुरा असर खत्म होते ही सब कुछ फिर उसी तरह उम्दा हो और उत्तम हालत का हो जाएगा जैसा कि ग्रहण शुरू होने से पहले था | ऐसे टेवे में मंगल खुद राहु को दबाता होगा |

सूर्य ग्रहण के मंदे ज़माने में अगर शुक्र, बुध इकट्ठे हो या वह दृष्टि की रूह से (जिसमे बुध की नाली की दृष्टि भी शामिल है) परस्पर मिल रहे हो तो सूर्य ग्रहण का बुरा असर न होगा | राजदरबार में किसी न किसी तरह मदद जरूर ही मिलती रहेगी और धन-दौलत की आमदन होती रहेगी | सूर्य 39 साल में औऱ 39 साल तक यानि 78 साल की उम्र तक सूर्य का असर उत्तम होगा | ग्रहण का आम अरसा 2 साल और कुल अरसा 22 साल हो सकता है |

राहु से सम्बंधित आशिया

खाना नंबर 1 : ठोड़ी, नाना-नानी
खाना नंबर 2 : हाथी के पाँव की मिटटी, ससुराल, सरसो, कच्चा धुआँ, घर का भेदी चोर
खाना नंबर 3 : हाथी दांत गैर मुबारिक, तेंदुआ, जौ (अनाज), जुबान
खाना नंबर 4 : स्वप्न, स्वप्नकाल, धनिया (मसाला), सोया हुआ दिमाग
खाना नंबर 5: छत, औलाद का सुख और उम्र
खाना नंबर 6 : पूरा काला कुत्ता
खाना नंबर 7 : सट्टे का व्यापार
खाना नंबर 8: मालोखोलिया
खाना नंबर 9 : दहलीज, नीला रंग, हलक से ऊपर की बीमारियाँ
खाना नंबर 10: गर्की गन्दी नाली
खाना नंबर 11: नीलम
खाना नंबर 12 : कोयले, हाथी, खोपड़ी

नेक हालत में

खाना नंबर 5

राहु की उम्र तक सदारत (अध्यक्ष, सभापति) का मालिक होगा | मगर मामूली मुंशी या क्लर्क न होगा |

मंदी हालत में

ग्रहण का मंदा असर पूरे जोर पर होगा जब दोनों 9/12 में बैठे हो | राहु भूचाल तो सूर्य आग होगा | जिस भी घर में दोनों बैठे हो वहां तो मंदा असर होगा ही मगर साथ लगने वाला आगे वाला घर भी जलता होगा | मसलन दोनों नंबर 6 में बैठे हो तो राहु की दृष्टि से नंबर 12 पर तो मंदा असर होगा ही मगर खाना नंबर 7 भी मंदा हो जाएगा |

औलाद मंदी 42, 21 साल | अगर मंगल किसी भी तरह से राहु को न दबाता हो तो या मंगल खुद ही मंदा हो तो या सूर्य-राहु ऐसी जगह बैठे हो जहाँ से राहु मंगल पर कीचड़ फेंक सकता हो तो ऐसे टेवे वाले की सेहत और उम्र दोनों शक्की होगी | किस्मत के मैदान में सूर्य ग्रहण का नजारा होगा | राजदरबार से खराबी (सिवाय नंबर 5 के), खुद अपने दिमाग की पैदा की हुई खराबियों से नुक्सान या फिजूल खर्चा होगा | जिस्म की जिल्द पर स्याह-सफ़ेद धब्बे मगर फुलबहरी (leucoderma) न होगी |

उपाय

1) चोरी या गुमनाम नुक्सान से बचने के लिए जौ (अनाज) को भोझ तले अँधेरी जगह रखना मददगार होगा |
2) बवक्त बुखार वगैरा जौ और गुड़ का दान मदद करेगा | या जौ को दूध या गौमूत्र से धोकर दरिया में डाल  दे |
3) सूर्य की चमक को बहाल करने के लिए शुक्र-बुध मुश्तरका या किसी एक ग्रह की चीजों का दान से कल्याण होगा |
4) जब भी सूर्य ग्रहण लगे, राहु की चीजे या सूर्य के शत्रु ग्रह की चीजे दरिया में बहाना सहायक होगा |

राहु और सूर्य के परस्पर झगडे के वक्त यानी जब दोनों का असर तंग कर रहा हो तो ताम्बे का पैसा रात भर आग में जलाकर (कम से कम 12 घंटे) प्रातः नदी-नाला में बहा दे | जला हुआ पैसा लेजाते समय यह ख्याल जरूर रखे कि अपना कोई बच्चा सामने न आए | वरना उस पर मंदा असर हो जायेगा |

खाना नंबर 1

अगर शनि या मंगल या दोनों नंबर 5 / 9  में हो तो जन्म से ही अँधा होगा |

खाना नंबर 3

34 साल उम्र तक बुध और केतु दोनों का फल मंदा होगा |

खाना नंबर 5

औलाद बेशक 21 साल तक बेमानी मगर राजदरबार में कोई खराबी न होगी |

जब दोनों नंबर 5 और चंद्र नंबर 4 में हो तो ससुराल और मामू दोनों ही राहु की उम्र 42, 21, 10 तक मंदे, निर्धन, मामूली आई-चलाई होती रहे | चंद्र बर्बाद ही लेंगे |

खाना नंबर 9,10,11,12

घर 9,12 ग्रहण रवि का, वहम उम्र नहीं होता हो |
दोनों बैठे घर 10 या 11, उम्र शक्की का होता हो |
उम्र मंदी खुद करने वाला, आठवे साथी ग्रह होता जो |

शनि बैठा हो मंदे टेवा*, नष्टि हुआ या मंदा हो |
दोनों तभी घर 10 वे बैठे, शनि दूजे** ग्रह मंदा हो |
मदद मंगल न गुरु खुद पाते, उम्र 22 का होता हो |

*शनि खुद मंदा या नष्ट या उम्र को रद्दी कर रहा हो |
**शनि मंदा, स्त्री ग्रह बैठे हो नंबर 2 में |

उम्र सिर्फ 22 साल बशर्ते कि नर ग्रह (मंगल, गुरु) साथी साथ या मददगार न हो | वरना उम्र लम्बी होगी  | (जब दोनों 10/11 में हो)

खाना नंबर 9/12 में सूर्य ग्रहण का जमाना होगा |


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लाल किताब सूर्य और शनि

लाल किताब 

सूर्य और शनि 

काम उत्तम जर चाँदी होगा, हालत तालीमी फलता हो |
बुध साथी से दोनों उम्दा, असर उत्तम सब करता हो |

दुश्मन ग्रहो (शुक्र, पापी) के साथ बैठा हुआ सूर्य (ख़्वाह किसी भी घर में हो) उस साथ बैठे दुश्मन ग्रह की उस खाना से सम्बंधित आशिया पर बुरा असर देगा | ऐसी हालत में 22 से 45 साल उम्र के दरमियान दुश्मन ग्रह अपनी अपनी मियाद पर बुरा असर देंगे | दुश्मन ग्रह को बुध की पालना से नेक कर लेना मुबारिक होगा | अगर सूर्य के दोस्त भी साथ हो (चंद्र, मंगल, गुरु) तो दोस्तों से सम्बंधित आशिया पर मंदा असर होगा | दुश्मन बचा रहेगा |

सूर्य और शनि मुश्तरका में जब कभी किसी का फल ख़राब हो तो 22 साल से 36 साल उम्र तक राहु भी मंदा और मंगल बद का असर होगा | क्योंकि सूर्य-शनि मसनुई मंगल बद और नीच राहु है | इश्क मोहब्बत या मिटटी की पूजना बहाना होगी | बदनीयती से शुक्र ख़राब होगा | 

बन्दर और बया पक्षी की दास्तान

जोर की बारिश हो रही थी | बया पक्षी अपने घोंसले में बैठा था | मगर बन्दर (जो घर नहीं बनाते) बारिश में भीग कर ठंड से काँप रहा था और पत्तियों के पीछे छुपने की कोशिश कर रहा था | बया ने बन्दर को वक्त से पहले घर बनाने की नसीहत दी तो बन्दर ने क्रोध में आकर बया का ही घोंसला तोड़ दिया | मूर्ख को सलाह देना स्वयं बया को ही महंगा पड़ा |

हूबहू ऐसे प्राणी की किस्मत, जब वह अपनी मदद के लिए किसी तरफ हाथ बढ़ाए तो साँप अपने जहरीले दाँत से सब कुछ बर्बाद कर देगा | खाली बुध का बेमानी असर होगा | जो बुध की ताकत, आम इल्म तालीम (पढ़ाई) मुराद होगी और जिसमे शनि का मंदा फल भी शामिल होगा | ख्यालात की आजादी, मौके के हिसाब से फ़ौरन लट्टू की तरह बदल जाने वाला होगा |

असर का वक्त बुढ़ापे से सम्बंधित होगा | सूर्य, चंद्र और गुरु उत्तम फल देंगे | दोनों ग्रह वास्ते धन-दौलत 46 साल तक मुश्तरका होंगे | शनि इस मिलतावत में 2/3 हिस्सा होगा | दोनों ग्रह वास्ते वालिद (पिता) की उम्र 40 साल तक मुश्तरका होंगे और शनि मिलावट में 1/2 हिस्सा होगा | दोनों ग्रह वास्ते सुख 24 साल उम्र तक मुश्तरका होंगे और शनि इस मिलावट में 1/3 हिस्सा होगा | मुश्तरका हालत में सूर्य बन्दर तो शनि साँप की आपसी लड़ाई के हाल की तरह की किस्मत में जमा (सूर्य) घटा (शनि) बराबर होगी | दोनों की आपसी दुश्मनी से शुक्र (स्त्री और स्त्री भाग) मंदा बल्कि बर्बाद होगा | मगर औलाद पर बुरा असर न होगा | बल्कि ऐसी मुश्तरका हालत में शनि का साँप हामला औरत (गर्भवती) के सामने आया हुआ अँधा हो जाएगा और उस पर कभी हमला न करेगा | और न इकलौते बेटे पर हमला करेगा |

खाना नंबर 1 हलक का कौआ, आग से जलना   
खाना नंबर 2 माह साबुत
खाना नंबर 3 पुरानी किस्म की लकड़ी, बेरी, कीकर का पेड़
खाना नंबर 4 मकानों में काले कीड़े
खाना नंबर 5 सुरमा स्याह, बुद्धू लड़का
खाना नंबर 6 कौवा, पूरा काला कुत्ता (खाना नंबर 6 बुध और केतु का है | शनि नंबर 6 में बैठा है | शनि काला और बुध से पक्षी तो काला पक्षी यानि कौवा | केतु कुत्ता तो शनि काला तो काला कुत्ता)
खाना नंबर 7 दरिंदे, सुरमा सफ़ेद, बिनाई, स्याह अनाज
खाना नंबर 8 पुड़पुड़ी कनपटी), बिच्छू
खाना नंबर 9 आक (मदार), टाली (शीशम), फलाही
खाना नंबर 10 मगरमच्छ, जाती घर का मकान
खाना नंबर 11 लोहा
खाना नंबर 12 गृहस्थी परिवार, मछली, तख्तपोश, सिर पर टटरी (चोटी वाली जगह के बाल उड़ जाना)

नेक हालत में

दोनों ही का नेक और उत्तम फल होगा | सोने-चाँदी या आग के कारोबार मुबारिक होंगे | (जब दोनों मंगल के घर खाना नंबर 1 में हो या मंगल से दृष्ट हो) |

खाना नंबर 1

ब्रह्म ज्ञानी होगा |

खाना नंबर 5 

मजबूत तवा यानि मजबूत स्वाभाव होगा | 

खाना नंबर 6

जब सूर्य कायम और शनि मंदा हो तो तकिया मुसाफिर | अगर बुध और चंद्र दोनों कायम हो तो सूर्य का फल क़दरे (थोड़ा सा) उत्तम होगा | औरत सुख पूरा उत्तम होगा | पाँव की मध्यमा अनामिका से छोटी होगी |

खाना नंबर 9

दौलतमंद मगर मतलब परस्त होगा |

खाना नंबर 12

शनि रवि न झगड़ा करते, न ही शुक्र खुद मंदा हो |
असर वक्त पर उम्दा देते, मर्द औरत सब सुखिया हो |

अब दोनों ग्रहो का उम्दा और उत्तम फल होगा | बल्कि शुक्र भी मंदा न होगा |

बाकी घर अपना अपना फल देंगे |

मंदी हालत में

खुद अपना घर फूंक तमाशा देखने वाला होगा | शनि का सामान स्याही का (मंदा असर होगा) | दो मुँह का सॉंप, मसनुई मंगल बद और नीच राहु की शरारत का असर मौजूद होगा | कीकर का पेड मंदे असर की निशानी होगा | जवानी में तकलीफ, सेहत की खराबियाँ और राजदरबार की कमाई बर्बाद होगी | लट्टू की सुई की तरह घूम जाने वाला गैर तसल्लीबक्श दोस्त होगा |

सूर्य की उम्र 22 साल या शनि की उम्र 36 से 39 साल तक राहु नीच या मंगल बद होगा | ख़्वाह टेवे में राहु किसी अच्छी जगह बैठा हो और मंगल चाहे उच्च हो | ( जब दोनों में से कोई एक मंदा हो)
   
घर बैठक के हिसाब से अगर सूर्य प्रबल हो और शनि कमजोर हो तो जिस्मानी ताकत उम्दा होगी मगर जिस्मानी ढाँचा कमजोर होगा | यह दो जुदा-जुदा बाते है |

उपाय

दुनिया में सूर्य ग्रहण के वक्त शनि की चीजे जैसे साबुत बादाम, नारियल वगैरा चलते पानी में बहाना मुबारिक होगा | टेवे में सूर्य ग्रहण से मुराद नहीं है | सूर्य और शनि मुश्तरका के वक्त औरत की जिंदगी बर्बाद हुआ करती है खासकर उस वक्त जब दिन के वक्त बच्चे बनाने की कोशिश की जाए यानि दिन के वक्त सम्भोग करने से | 

मंदे असर के बचाव के लिए ख्याल रखा जाए कि ऐसा मर्द या औरत शनि के ग्रह का मर्द या औरत न हो | यह दूसरी जगह विस्तार से लिखा है कि शनि जैसा मर्द या औरत कैसा हुआ करता है | अगर ऐसी औरत या मर्द की शादी हो ही चुकी हो तो औरत के बालो में ताम्बे (सूर्य) के टुकड़े में सोना (गुरु) और लाल पत्थर मूंगा (मंगल) बनाकर कायम करे जो तिकोना न हो |

शनि वाला इंसान कैसा होता है

शनि के प्रबल ग्रह वाला साँप स्वाभाव | आँखे साँप की आँखों से मिलती हुई गहरी और गोल होगी | रंग सफ़ेद या सुर्ख न होगा बल्कि स्याही पर या स्याह रंग होगा | भवें लेटी लकीर की तरह सीधी या भावों पर बाल कम होंगे | आवाज में साँप की तरह टक-टक करने वाला | आँखे बहुत देर बाद झपकाने वाला | बात में पता न लगने देगा कि उसक असली स्वभाव क्या है | दोनों पहलु चारो तरफ घूम जाने वाला होगा | अगर मदद पर हुआ तो दूसरे की मदद को पूरा करने के लिए अपना सब कुछ कुर्बान कर देगा | पक्का हठधर्म होगा | अगर खिलाफ हुआ तो मुकाबले वाले का सब कुछ बर्बाद और जहरीला कर देगा | और सिर्फ साँसारिक तमाशा दिखलाएगा ख़्वाह अपना और दुश्मन दोनों का ही कुछ न बने | सुनने की बजाए आँखों से ही काम लेगा | दुसरो पर साँप आ निकलने की तरह का डर पैदा कर देगा | कान छोटे और अलहदा (अलग) बैठने का आदी होगा |    

खाना नंबर 1
 
मच्छ रेखा और काग रेखा मुश्तरका मसनुई मंगल बद होगा | राहु-केतु दोनों ही मंदे होंगे | बाप (सूर्य) कमाए बेटा (शनि) उड़ाए या सूर्य से सम्बंधित कारोबार, रिश्तेदार, आशिया सूर्य का फल अगर उत्तम हो तो, शनि से सम्बंधित रिश्तेदार, कारोबार, आशिया बर्बाद या बर्बादी का सबब होंगे | नहूसत (मनहूसी) उनके घर में अव्वल दर्जा की होगी | दोनों के झगडे में शुक्र (औरत, स्त्री भाग) मंदा बर्बाद होगा | खोटे कर्मो का भंडारी या उसके हर काम में खोटापन कुदरती तौर पर खड़ा होगा | सरकारी मुलाजमत में हर तरह से खराबियाँ | जब कभी सूर्य-शनि वर्षफल में ऐसे घर में आ जाए जहाँ सूर्य का फल मंदा हो तो पागलखाना, जेलखाना वगैरा नसीब होगा |

जब जन्म कुंडली में सूर्य-शनि नंबर 1 में हो, गुरु, चंद्र, शुक्र नंबर 12 में हो और बुध नंबर 2 में हो | और

मसलन वर्षफल में 31 वे साल में सूर्य-शनि नंबर 7 में होंगे, गुरु-चंद्र-शुक्र नंबर 2 में होंगे और बुध नंबर 5 में होगा | जेलखाना वरना पागलखाना मिलेगा |  

खाना नंबर 5

अगर शनि अपने जाती स्वभाव के हिसाब से मंदा हो तो खाना नंबर 5 में आने के दिन से 9 साल मंदे होंगे | और हर तरफ का ख़ौफ़-ओ-खदश (भय और आशंका ) होगा |

खाना नंबर 6

हालत मंदी बुध हरदम मंदा, भला चंद्र न रहता हो |
चलते सीधे शनि रास्ता भूला, असर शक्की सब देता हो |
बुध, चंद्र जब होंगे उम्दा, केतु मंदा आ होता हो |
कुत्ता मुबारिक काला पूरा, वरना सोना उड़ जाता हो |

शनि का असर वास्ते केतु (औलाद, आशिया, कारोबार) मंदा होगा | सोने की जगह मिटटी के तवे | निहायत मंदा और गरीबी का जमाना | पूरा काला कुत्ता मददगार होगा | घर में अगर कोई लड़का सेहत और आँखों से रद्दी हो जाए तो उस लड़के की 18 साल उम्र के बाद गया हुआ सोना बहाल होगा | अमूमन 6* बाकी बचने वाले मकान की तरह तकिया मुसाफिर मंदा हाल ही होगा | जिसके लिए ऐसे मकान में बुध से सम्बंधित आशिया जैसे लहलहाते (हरे-भरे) पौधे, खिलखिलाते हुए फूलो के गमले, चहचहाते और बोलते हुए सुरीली आवाज वाले पक्षी, या राग-रंग वगैरा के सामान कायम या जारी रहना मुबारिक होगा |

*लाल किताब के आखिर में लिखा है कैसे निकालते है |

औरत का सुख हल्का होगा जब सूर्य मंदा और शनि कायम हो | पाँव की अनामिका मध्यमा से छोटी होगी |

उपाय

आबादी के बाहर जहाँ कोई वहम न करे चौरास्ता में वक्त पक्की शाम बुध की आशिया जैसे फूल या नीले रंग के कांच के मोती (कंचे) दबाना मददगार होगा |

खाना नंबर 7

राजा की कैद में जाए जब बुध नंबर 5 और चंद्र पहले घरो में हो | (दृष्टि की जरूरत नहीं, जैसे चंद्र नंबर 2 में हो)

खाना नंबर 8

शनि की मियाद (36) पर जहरीला साँप होगा | ऐसे वक्त में खासकर मकान की दीवारों में शनि की मूर्ति (शनि ग्रह का बुत) टेवे वाले के वजन के बराबर बंद हो | जब वर्षफल के अनुसार शनि मंदा हो जाए और कारोबार भी शनि के किए जाए तो जहर खालिस की घटनाए होगी | मसलन 37 साल की उम्र में जब शनि नंबर 5 में आए और मकान ख़रीदा जाए या शनि की आशिया का व्यापार किया जाए तो औलाद गर्क और व्यापार तबाह होंगे | (जब सूर्य-शनि 8 में, राहु 11 में, गुरु 12 में हो)

37 वे साल में राहु नंबर 4 में और गुरु 8 में होगा | 

उपाय

मूर्ति को हवा पहुँचाने के लिए दिवार में सुराख कर लेने से औलाद का साँस बंद न होगा | या औलाद बर्बाद होने से बची रहेगी |

खाना नंबर 9

खाना नंबर 3 और 9 दोनों ही के ग्रह और दोनों घर बर्बाद होंगे | (बुध नंबर 3 का ताल्लुक या मंगल बद हो)

खाना नंबर 10

दुनिया तोहमत से नाहक मरता, दुगनी ताकत दो चलता हो |
बुध जभी घर आठवे बैठा, कैदी राजा का होता हो |

दुसरो की तोहमत बदनामी से नाहक ही आप मरे या मारा जाए | (ख़्वाह सूर्य-शनि नंबर 10, ख़्वाह इनके मसनुई ग्रह यानि सूर्य के मसनुई शुक्र-बुध, शनि के मसनुई गुरु-शुक्र नंबर 10) ( जब बुध नंबर 8 में हो)  

खाना नंबर 11

वही असर जो नंबर 9 में दिया है | मगर मंदा हिस्सा |

बाकी घर अपना अपना फल देंगे |

S Kuber RA
Jyotish Acharaya 
Vedic & Lal Kitab Astrologer 

Lal Kitab Vastu Consultant 

Saturday, 17 November 2018

लाल किताब सूर्य और बुध

लाल किताब 

सूर्य और बुध 

मुलाजमत मुतल्ल्का  कलम, सरकार का धन, सरसब्ज पहाड़, लाल फिटकरी, शीशा सफ़ेद

सूर्य-बुध मुश्तर्का को शनि देखे तो शनि से सम्बंधित कारोबार से शनि की उम्र (27- 33, 36-39) नफा होगा | लेकिन अब सरकारी ठेकेदारी या मुलाजमत वगैरा के नतीजे मंदे ही होंगे | सूर्य के साथ बड मानिंद पारा होगा | 

 
दोनों ग्रह 39 साल उम्र तक मुश्तरका होंगे | इस मिलावट में अगर सूर्य का असर दो हिस्से तो बुध का एक होगा | दोनों का उत्तम फल होगा मगर सूर्य का प्रबल होगा | दोनों मुश्तरका में सूर्य कभी नीच फल का न होगा | बुध बेशक मारा जाए और मंदा फल दे यानि जिन घरो में सूर्य मंदा हो या नीच हो तो बुध मंदा असर देगा | और जहाँ बुध मंदा हो वहाँ सूर्य को बेशक धब्बा लगे मगर बुध की आशिया सूर्य को मदद देगी | सूर्य अगर इंसानी रूह तो बुध विधाता की कलम होगी | या सूर्य अगर दुनियावी बन्दर हो तो बुध लंगूर की दुम की तरह मददगार होगा | बुध की आधी उम्र तक (17) बुध का जुदा फल जाहिर न होगा | दोनों मुश्तरका से मुराद मसनुई मंगल नेक होगा | खुद काम करने की ताकत और आदत ज्यादा होगी | दुसरो की कमाई की तरफ उम्मींदे रखने के बजाय अपनी कमाई पर शुक्र और सब्र करने वाला होगा |

नेक हालत में

1) राजताल्लुक और सरकारी मुलाजमत वगैरा जरूर होगी और फायदेमंद होगी | उम्र लम्बी होगी मगर मौत अचानक होगी | तालीम और कलम हमेशा मददगार होगी | लैम्प (रात की रौशनी में कारोबार) और तहरीर (लेखन) दस्ती लिखना उत्तम फल देगा |   

2) जवानी में किस्मत जागेगी | स्त्री की दिमागी ताकत उत्तम होगी | या रुख़्सारा (चेहरे की हड्डी) पर जख्म का निशान होगा |  

3) दुसरो के बजाय खुद अपनी हाथो पैदा की हुए कमाई पर भरोसा करने वाला होगा | जिसका नतीजा नेक होगा | वह खुद साख्ता (अपने आप बना हुआ मर्द) | सेहत उम्दा होगी |

4) नेक नतीजे | अब सूर्य और शनि दोनों का झगड़ा न होगा | (शनि 3,4,5 में हो)

अनामिका और कनिष्ठा के बीच छोटी सी लकीर हो तो ज्योतिष विद्या का जानकार होगा |

खाना नंबर 1

चलती फिरती घूमती चक्की, अक्ल वजीरी पता हो |
शेर जंगल या सब्ज पहाड़ी, माहिर रियाजी (गणित विद्या) होता हो |
सात, छटे जब दोस्त बैठा, ऊंच बुलंदी होता हो |
शत्रु मगर जब 7, 6 होता, दुखिया मुसीबत होता हो |

अब मंगल का असर कम होगा | मगर शनि का 1/4 मंदा असर शामिल होगा |

मानिंद (जैसे) वजीर, साहिबे तदबीर, सर सब्ज (हरे-भरे) पहाड़ की किस्मत में शान, इल्म रियाजी, योगाभ्यास का नेक फल, दौलतमंद, राजदरबार से नेक ताल्लुक | आम राजदरबारी झगड़ो का फैसला अपने हक में होगा जब तक शनि का मंदा असर शामिल न हो |

खाना नंबर 2

जिस्मानी और दिमागी उम्दा असर होगा | खाना नंबर 1 का असर जैसा भी हो शामिल ही होगा |

खाना नंबर 3

कुंडली असर न राहु मंदा, न ही बुरा दो होता हो |
भला शुक्र न जिसदम होता, बुरा राहु, बुध मंदा हो |

राहु का अब कुंडली में बुरा असर न होगा | पक्का आशिक और निहायत उत्तम असर होगा |

खाना नंबर 4

राज व्यापारी रेशम होते, चीजे बिसाती (फुटकर सामान बेचने वाला) बजाजी (कपडे का व्यापार) जो |
माया दौलत जर इतने भरते, खाली नाली भर जाती हो |

राज योग, दोनों का अपना-अपना उत्तम फल होगा |

बिसाती : वह जो कपडा या चटाई पर सामान फैलाकर बेचता हो; सुई, धागा, चूड़ी, बटन, साबुन, तेल आदि फुटकर सामान बेचने वाला व्यक्ति | 
   
खाना नंबर 5

बुध का अब सारी उम्र (34) जुदा असर जाहिर न होगा | औलाद और बजुर्गो पर कोई बुरा असर न होगा | उम्र कम से कम 90 साल होगी | (जब शनि नंबर 9 में हो)

खाना नंबर 6

राज सभा खुद कलम से अपनी, ऊँचा मुबारिक होता हो |
कायम दोनों, जब घर दो खाली, सुखिया औलाद से होता हो |

सूर्य कायम और बुध नंबर 2 की दृष्टि से मंदा हो तो नेक असर, नेक नसीब हो | पाँव की कनिष्टिका छोटी होगी अनामिका से |

नंबर 2 खाली हो और दोनों कायम हो तो औलाद का सुख होगा | अनामिका और कनिष्ठा दोनों बराबर होगी |

खाना नंबर 7

घर ससुराल शुक्र गो (चाहे) मंदा, बर्बाद केतु ख़्वाह होता हो |
फ़ौव्वरा दौलत का इतना उठता, सैराब (पानी से भरा हुआ, सिंचित) जंगल को करता जो |
रहट* माया का योग से चलता, भला लाखो का करता हो |
स्नान जगत गो सारा करता, प्यासा मगर खुद रहता हो |

*रहट : खेतों की सिंचाई के लिए कुएँ से पानी निकालने का एक प्रकार का यंत्र जो गोलाकार पहिए के रूप में होता है और जिस पर हाँड़ियों की माला पड़ी रहती है।

औरत की किस्मत का अच्छा-बुरा असर शुक्र की अच्छी-बुरी हालत पर होगा | उसकी औरत अमीर खानदान से सूर्य की तरह मुकम्मल और उत्तम होगी | रंग और स्वभाव साफ़ और नेक होंगे | खुद टेवे वाले की हालत में ख़्वाह शुक्र अच्छा हो या बुरा, किस्मत के मैदान में चलते हुए रहट की तरह हर दम आमदनी जारी और फव्वारे के उछलते हुए और ताजे पानी की तरह हर वक्त उत्तम असर का मालिक होगा | ऐसे मर्द की आमदन हजारो जंगल और पहाड़ो के मैदानों को सैराब करेगी | अपनी जान के लिए खुद आप वह मर्द इतना नफा न पा सके और राजदरबार से उसे ऐसा नफा न हो मगर फिर भी सूर्य की तरह उत्तम और मुकम्मल होगा | मुसीबत के वक्त बदंर की तरह (यानि बहुत आसानी से) कामयाब होगा | जवानी का हिस्सा ऐसा शानदार न निकले तो मुमकिन मगर उसका बचपन और बुढ़ापा तो जरूर ही नेक और उम्दा होंगे | अभ्यास और इल्म ज्योतिष मुबारिक होंगे | केतु और बुध का फल 34 साल उम्र के बाद नेक होगा | यानि बुध की मियाद तक बेशक दौलत ज्यादा होगी मगर बुध की मुतल्ल्का आशिया, कारोबार, रिश्तेदार का असर अच्छा नहीं होगा | (जब शुक्र कायम और नेक हो)

खाना नंबर 8

बुध असर दे हरदम उम्दा, खाली पड़ा जब दूजा हो |
असर ग्रह घर दो गो मंदा, आयु मगर खुद लम्बी हो |

उपाय

शीशे के बर्तन को गुड़ से भर कर श्मशान / वीराने में दबाना मददगार होगा | जिस पर दोनों ग्रहो का अपना अपना नंबर 8 का दिया हुआ फल शुरू होगा |

खाना नंबर 9

वास्ते राजदरबार और तालीमी ताल्लुक दोनों ग्रहो का 24 साल उम्र से नेक असर और मुबारिक फल होगा जो 34 साल उम्र से ओर भी तरक्की पर होगा | ऐसे टेवे वाले की लड़की 6 साल उम्र तक (सिवाय पहले और तीसरे) निहायत ही मुबारिक साबित होगी | उसकी हर नंबर की लड़की (बमजूब (के अनुसार) पैदाइश एक के बाद दूसरी पैदा हो तो पहले पैदाशुदा को खाना नंबर 1 की कहेंगे) और आगे ऐसी लड़की की उम्र का हर नंबर का साल वही फल देगा जो जो बुध हर खाना में देता है |

खाना नंबर 10

दौलतमंद ज्यादा होगा | शनि, सूर्य और बुध का अपना-अपना और उत्तम फल साथ होगा | टेवे के खाना नंबर 1 - 2  के ग्रहो की दोस्ती-दुश्मनी के मुश्तरका असर का फल किस्मत में शामिल होगा | अगर नंबर 1,2 खाली हो तो सूर्य और बुध का उत्तम फल होगा | मगर शनि का फिर भी अच्छा या बुरा फल जैसा कि शनि टेवे के मुताबिक़ हो जरूर साथ शामिल होगा |

खाना नंबर 11

पाप जद्दी घर ख़्वाह कोई करता, जहर टेवे आ भरती हो |
बुध रवि कोई चाल न चलता, बुनियाद पहले घर होती हो |

अगर उसके जद्दी, बुजुर्गी मकान में धर्म पूजन, नेक और भद्र स्वभाव पुरुष हो तो नसीबा हरदम बढे | दोनों ग्रहो का नेक और बुरा असर शुरू और खत्म होने की निशानी फ़ौरन उसके खानदान के मेम्बरो पर जाहिर कर देगा  और जद्दी मकानों जाती मकान की जमीन से मुतल्ल्का होगा |

खाना नंबर 12

अपन अपना फल देंगे | बुध का सूर्य पर (राजदरबार, सेहत) कोई बुरा असर न होगा बशर्ते उसके जिस्म पर सोना कायम रहे | बुध नंबर 11 वाला उपाय करना मददगार होगा यानि गले में ताम्बे का पैसा सहायक होगा जो इस ग्रह को बेफ़कूफी के कामो में धन हानि करवाने से बाज रखेगा |   
 
मंदी हालत में

शुक्र का असर 25 साल रद्दी बल्कि मंदा ही होगा | बचपन में तकलीफ और राजदरबार में झगड़ा मगर फैसला अपने हक में हो जब सूर्य नीच घरो या दुश्मन ग्रहो का साथी हो जाए |

बुध का जाती असर मंदा यानि व्यापार वगैरा बेमानी होगा |

जब चंद्र नष्ट हो तो दिमागी सदमात होंगे |

झगड़ो का फैसला हक में न होगा, जब दोनों शनि को देखे |

दोनों के बिलमुकाबिल (मुकाबले पर) यानि नंबर 3,6 बुध की जड़ और नंबर 5 सूर्य की जड़ में चंद्र या गुरु हो तो मंदे नतीजे होंगे |

खाना नंबर 1

राजदरबार में जब भी झगड़ा हो अपने से बड़ो से होगा अगर उस वक्त (वर्षफल के अनुसार) शनि का टकराव (दृष्टि के अनुसार) हो तो फैसला अपने हक में होने को कोई शर्त न होगी | दृष्टि का दर्जा फैसला हक में होने का दर्जा होगा | अगर 100 फीसदी दृष्टि तो 100 फीसदी फैसला हक में होगा और इसी तरह 50 और 25 फीसदी में उतना फैसला हक में होगा |

खाना नंबर 2

किस्मत के ताल्लुक में माली असर हल्का ही होगा |

खाना नंबर 3

अगर गन्दा आशिक हो तो राहु और शुक्र दोनों का पूरा मंदा असर होगा | बदनाम और मतलबपरस्त | बुध का अरसा और बुध की गंदगी की वजह से 34-17 साल लगातार नुक्सान-ही-नुक्सान होगा |

खाना नंबर 5

मौत अचानक होगी |

खाना नंबर 6

बुध कायम और सूर्य नंबर 2 की दृष्टि से मंदा हो तो दोनों का नेक असर कम होता चला जाएगा | पाँव की कनिष्टिका अनामिका से बहुत बड़ी होगी | मनहूस, जलील, और मंद भाग होगा | अपनी उम्र लम्बी होने की कोई तसल्ली न होगी |   

खाना नंबर 7

शुक्र (औरत) का (फल) केतु औलाद मंदा | औरत खुद इतना सुख न पावे | ससुराल बर्बाद या औलाद की उम्र के तकाजे हो | (जब शुक्र मंदा, ख़राब या बर्बाद हो)

बुध की 34 साल उम्र या नंबर 9 के ग्रह की उम्र तक सूर्य को बुध की कोई ऐसी मदद न होगी और सूर्य के असर को चमकने न देगा | बल्कि लोगो में बेइतबारी और हकीरता (ईर्ष्या) ही पैदा करता जाएगा | और सूर्य (राजदरबार) पर स्याही ही फैंकता होगा | लेकिन ग्रहण नहीं लगाएगा | मगर फर्जी रेत तो जरूर होगी और राजदरबार में नीच सूर्य का नजारा, दरवेश होगा | (खाना नंबर 9 में ऐसे ग्रह हो ख़्वाह बुध उनका दुश्मन ख़्वाह वह बुध के दुश्मन यानि चंद्र, मंगल, गुरु हो |

खाना नंबर 8

खाना नंबर 2 के ग्रह अगर कोई भी हो बर्बाद होंगे और बुध की आशिया, कारोबार, रिश्तेदार जैसे बहन, फूफी, मौसी वगैरा की हालत मंदी होगी | बेरहम, बेचलन होगा और मुमकिन है जंगो-जदल या लड़ाई-झगडे में मारा जाए | (जब मंगल बद हो)     

खाना नंबर 9

जब बुध मंदा हो तो 17 से 27 साल उम्र तक मंदा असर होगा | अगर एक लानत हटे तो दूसरी खडी होगी | नर औलाद 34 साल उम्र से पहले शायद ही कायम होगी | औरत के टेवे में नर औलाद 22 साल उम्र से पहले शायद ही कायम होगी | मंदी हालत के समय सूर्य या मंगल के नेक कर लेने का उपाय मददगार होगा | इतवार या मंगलवार के दिन पैदाशुदा लड़की के वक्त किसी उपाय की जरूरत न होगी | सब कुछ स्वयं ही उम्दा फल पैदा हो जाएगा |   

खाना नंबर 10

शनि का बुरा फल अब शामिल होगा | बदनामी में मशहूर होगा | अपने काम स्वयं बिगाड़ता होगा |

खाना नंबर 11

जब उसके जद्दी मकान में जहर या मंदे काम पैदा करने वाले लोग हो तो वह जहर फ़ौरन टेवे वाले पर मंदा असर देगी |

खाना नंबर 12

गृहस्थी हालत में बुध की आशिया (जानदार और बेजान दोनों), कारोबार, रिश्तेदार फ़ालतू बोझ (नाहक खर्चा और जहमत) का बहाना होंगे | जिस्मानी नुक्स, नाड़ी की खराबियाँ, मूर्च्छा, मिर्गी तक हो सकती है | बुध खाना नंबर 6 के ग्रहो को बर्बाद करेगा |

S Kuber RA
Jyotish Acharaya 
Vedic & Lal Kitab Astrologer 

Lal Kitab Vastu Consultant 

Friday, 16 November 2018

लाल किताब सूर्य और मंगल

लाल किताब 

सूर्य और मंगल 


असर बुरा न हर दो कोई, चंद्र भला न होता हो |
खोट धर्म न धेला पाई, खून कबीला तारता हो |
बुध, राहु जब केतु मंदे, सब्ज-कदम (मनहूस) ही होता हो |
मौत प्लेगी चूहा गिनते, मंदा सूरज न होता हो |

दोनों ग्रह 48 साल आयु तक मुश्तरका होंगे | सूर्य का असर अगर 1 जुज़्व (हिस्सा) तो मंगल दो गुना होगा | सूर्य का उत्तम और प्रबल असर होगा | जब मंगल नेक हो तो दोनों मुश्तरका किसी भी घर में हो, सूर्य हमेशा उच्च फल का होगा | ऐसे टेवे में चंद्र भाग माता, खजाना वगैरा चंद्र की आशिया मंदा या हल्का ही होगा | मगर चंद्र कष्टी न होगा |


नेक हालत में

मंगल की आशिया, कारोबार, रिश्तेदार, बचपन की उम्र, अपनी औलाद, अपने खून के हकीकी (असली) रिश्तेदार और दुनियावी ताल्लुक, इंतजमिया महकमा (प्रशासन, प्रबंधन) की मुलाजमत या ऐसे कारोबार जहाँ पर आम पब्लिक (साथी) दुनियादारों से सीधे ताल्लुक पड़ता हो, सब उत्तम प्रभाव पड़ता हो | चारगोशा (चार कोनो वाला) मकान उत्तम असर देगा | ऐसा शख्स और उसका भाई (टेवे वाले से बड़ा) दोनों दौलतमंद और जायदाद वाले होंगे | जन्म दिन से ही उम्दा किस्मत, दुश्मन पर हमेशा ग़ालिब (हावी, विजयी) | उम्र पूरी लम्बी बल्कि 100 साल होगी | दिली साफ़ ताकत, धर्म में धेले का (रत्ती भर) खोट न होगा | जिस कदर उम्र बढे, राजदरबार में मर्तबा (पदवी) बढ़ता होगा |

खाना नंबर 1, 2

पहली उम्र में दोनों ही ग्रहो का चढ़ते सूर्य की लाली तरह उत्तम फल होगा | ऐसा शख्स साफ़दिली में भी उत्तम होगा | उम्र पूरी बल्कि 100 साल तक हो सकती है | मानिंद (जैसे) तलवार दुश्मन पर ग़ालिब होगा |

खाना नंबर 9, 10

आला मर्तबा नोवे होता, उड़ती दौलत 10 मंदिर हो |
दोनों बैठे 10 दौलत  बढ़ता, 11 शनि 6 चंद्र जो |

खाना नंबर 9 में हो आला मर्तबा होगा | (शनि नंबर 11)

खाना नंबर 10 में हो तो भाग्यवान होगा | (चंद्र नंबर 6)

बाकी घर अपना, अपना फल होगा |

मंदी हालत में

जब मंगल बद हो तो 3, 13 गोशा मकान मंगल बद की पूरी मंदी हालत दिखलाएगा | दुनिया से सख्त मुखालफत | रोजगार में धोखेबाजी | हर काम में दुनियावी धक्काबाजी (मंदी हालत) | टेवे वाले की अपनी मौत तो न होगी मगर अपने करीबी खून के रिश्तेदारों की मौते जरूर देखेगा | उसकी अपनी आँखों पर बुरा असर अगर होना हो तो हो सकता है |

खाना नंबर 1,2

अगर मंगल बद हो तो मैदाने जंग या लड़ाई-झगडे में मारा जाए |

खाना नंबर 10

जब मंगल बद हो तो अपने अजीजो (अपने प्रिय) जरो-माल का झगड़ा होवे |

बाकी घर अपना अपना फल होगा |

S Kuber RA
Jyotish Acharaya 
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Thursday, 15 November 2018

लाल किताब सूर्य और शुक्र

लाल किताब 

सूर्य और शुक्र 

लफ्ज जुबानी औरत निकला, लकीर पत्थर पर होती हो
उम्र पिता या राज हो शक्की, दुर्गा पूजन खुद करता हो |
औलाद पैदा में हो जब देरी, केतु पालन शुभ होता हो | 

दुश्मन ग्रहो शुक्र और पापी ग्रहों के साथ बैठा शुक्र (ख़्वाह किसी भी घर में हो) उसके साथ बैठे हुए दुश्मन ग्रह की उस खाना की मुतल्ल्का आशिया पर बुरा असर देगा | ऐसी हालत में 22 साल उम्र में और दुश्मन ग्रह की उम्र में बुरा असर होगा | जैसे शुक्र साथ हो 22 और 25 साल में बुरा असर होगा | दुश्मन ग्रह को बुध के पालना से नेक कर लेना मुबारिक होगा | दुश्मन ग्रह के साथ-साथ अगर सूर्य के मित्र भी हो (चंद्र, मंगल, गुरु) तो दोस्तों की मुतल्ल्का आशिया पर मंदा असर होगा | दुश्मन बचा रहेगा | ऐसे टेवे में राहु अक्सर नीच फल देगा |

दोनों मुश्तरका 41 साला उम्र तक मुश्तरका असर के होंगे | इस मिलावट में शुक्र अगर 3 तो सूर्य 4 जुज़्व (हिस्सा) होगा | खुद शुक्र के फल में बेहद गर्मी या मंदे फल की जमीन का असर होगा | बल्कि शुक्र अब नीच फल का होगा | और दोनों ग्रहो (सूर्य-शुक्र) के मिलाप से बुध पैदा होगा यानि फूल (बुध) तो होगा मगर फल (शुक्र स्त्री का फल केतु संतान) न होगा | किस्सा कोताह (संक्षेप में) कहे तो एक वक्त में दोनों में से किसी एक ही का फल उत्तम हो सकता है | यानि अगर राजदरबार की बरकत हो तो स्त्री की हालत और स्त्री का फल अच्छा न होगा और अगर स्त्री नेक, भाग्यवान, सुखिया, दौलतमंद तो राजदरबार का सुख हल्का या मंदा होगा | 22 और 25 साल उम्र में शादी से औरत का नाश होगा | दोनों ग्रहो का गुरु की ठोस आशिया (सोना वगैरा) से कोई ताल्लुक न होगा | बल्कि दोनों मुश्तरका के वक्त गुरु (पिता, बाबा, मुतल्ल्का रिश्तेदार) का कोई खास नेक मतलब नहीं हुआ करता |

नेक हालत में

खुद अपनी कोई जिस्मानी खराबी न होगी | सूर्य और शुक्र दोनों में से किसी एक का फल तो हमेशा ही अच्छा होगा | उसकी रूह जबरदस्त मगर जिस्म हल्का ही होगा |

खाना नंबर 1

ग्रह मण्डल ख़्वाह तख़्त हजारी, असर रवि का मंदा हो |
शुक्र औरत हो किस्मत मारी, आग गृहस्थी जलता हो |
लगन पराई व औरत मंदी, जेलखाना तक पाता हो |

अपने लिए खुद अपना जिस्म और राजदरबार भले ही होंगे |

 खाना नंबर 7

खुद अपने लिए सूर्य नंबर 9 का फल होगा | तीर्थयात्रा उत्तम और 20 साल उत्तम फल दे |

खाना नंबर 9

कभी अमीरी का समुन्द्र ठाठे मारे तो कभी धन-दौलत की कमी हो | तीर्थयात्रा उत्तम और 20 साल उत्तम फल दे |

खाना नंबर 10

राज ताल्लुक का सहगादाई (भिक्षा मांगने का काम), मदद ग्रह घर चौथा हो |
खाली होते घर चंद्र माई, चंद्र मदद खुद करता हो |
मदद ग्रह नर सबसे उम्दा, चमक रवि खुद देता हो |
राहु धुआँ जब टेवे हटता, लेख शुक्र सब बढ़ता हो |

बाकी घर अपना अपना फल

मंदी हालत में

पिता अमूमन लम्बी उम्र का मालिक न होगा | और उसका ताल्लुक और साया आतिफ़त (कृपा, दया), बेवजह अलहदी या छोटी उम्र वगैरा बचपन में उठ गया होगा |

नर औलाद शनि की पूरी हुकूमत का जमाना यानि 36 से 39 साल उम्र या सूर्य-शुक्र की मुश्तरक उम्र 41 साल उम्र के बाद कायम होगी वरना शुक्र (आशिया, रिश्तेदार, कारोबार) स्त्री और स्त्री भाग्य मंदा बल्कि बर्बाद होगा | औरत की सेहत शायद ही कभी उम्दा होगी | उसे लम्बी लम्बी बीमारियाँ (तपेदिक) हो सकती है | दुनियावी जिंदगी गृहस्थी हर दो मर्द, औरत का हाल मंदा ही होगा | औरत के रुख़्सारा (गाल) पर भद्दे निशान मंदी हालत का पहला सबूत होगा | कानो का कच्चा होगा यानि लोए सुनी-सुनाई बात पर यकीन कर के किसी दूसरे का नुक्सान कर देगा | तमाम तरफ मंदी हालत का सबब होगा |

जनमुरीदी (स्त्रीबाजी), बद इखलाखी (गन्दा चाल-चलन), बेहद गुस्सा, रूहानी नुक्स होंगे | इश्क फाहशा (वेश्या) के हमेशा नतीजे बर्बादी होंगे | जिनसे तपेदिक और जिस्म जलते रहना (खुद अपना या औरत का) आम होगा | अगर शादी उम्र के 22 वे साल या 25 वे साल हो जाए तो राजदरबार, अपना जिस्म, और औरत जात (दुनियावी गृहस्थ) दोनों ही बर्बाद होंगे |

उपाय

1) औरत के बाजू पर सोने का कड़ा, चूड़ी कायम करने से औलाद में मदद होगी |
2) औरत की सेहत मंदी होने या मंदी रहने की हालत में औरत के वजन के बराबर चरी (ज्वार, अनाज) का दान या धर्म स्थान में देना मदद देगा |
3) शादी या सगाई के दिन से ही दोनों या दोनों में से कोई एक गुड़ खाना छोड़ दे | 

खाना नंबर 1

औरत की दिमागी खराबियाँ, पागलपन, मालिखोलिया (मानसिक बीमारी जिसमे चलते चलते अपने आप में ही बड़बड़ाने की आदत होती है), वगैरा और बहुत हद तक बीमार होगा | काग रेखा की किस्मत (रोटी तक से तंग) | सूर्य राजदरबार की भी मिटटी ख़राब होगी | पराई आग और औरत की मोहब्बत से जेलखाना वगैरा और अपने साथी हमराहियोँ को खुश्क तालाब में भी डुबो देने की तरह मंदी हालत होगी |

खाना नंबर 7

शुक्र चीजों का बढ़ता झगड़ा, रेत खाली बुध होता हो |
देता रवि ख़्वाह असर नौवें का, हाल बुजुर्गी मंदा हो |

दोनों ग्रहो के बजाए अब खाली बुध नंबर 7 का दिया फल होगा | औरत से झगड़ा, औरत की सेहत मंदी, बल्कि औरत की उम्र तक शक्की होगी | बुजुर्गो पर काग रेखा का असर यानि मंदी किस्मत और रोटी तक से दुखिया | मकान (बुजुर्गी जद्दी) का सुर्ख (सूर्य या मंगल) रंग होना दोनों ग्रहो की दुश्मनी का बुरा असर देगा |

खाना नंबर 9

स्त्री भाग में काग रेखा (मंदा हाल) कभी गरीबी में रेत के जर्रे की भी चमक न हो |

खाना नंबर 10

राजदरबार में हमेशा नाकामी और शनि हमेशा बुरा फल देगा | राजा होते हुए भी राजदरबार से दूर या दूसरे राजदरबार में गदाई (फकीरी) का प्याला लिए फिरता होगा | प्याला ख़्वाह मिटटी (शुक्र), पत्थर (शनि) ख़्वाह सोने (गुरु नीच नंबर 10) का ही होवे | किस्सा कोताह (संक्षेप में) राजभंग (बर्बाद)  और दूसरे राज का निगरान होगा |

उपाय

साँप को दूध पिलाना मुबारिक होगा | औलाद की पैदाइश और उसकी लम्बी उम्र के लिए खाना नंबर 4 के ग्रह मददगार होंगे | अगर नंबर 4 खाली हो तो चंद्र का उपाय करे | बल्कि चंद्र खुद-ब-खुद ही मदद देता चला जाएगा
   
चाल-चलन का ढीलापन (पराई मिटटी की खूबसूरती की तारीफ में दिल की बेमौका लगन और बिना वजह कोशिश) अमूमन हो ही जाया करती है | मगर पक्का नहीं की यह नुक्स जरूर हो | जिल्द की बिमारियों की तकलीफ, खून की खराबियाँ या गृहस्थी दूध में मिटटी या राजा होते हुए भी आखिरी अवस्था दुखी ही होगा | गाय का दान ख़्वाह 1 ख़्वाह ज्यादा मगर गाय हाजिर का दान कल्याण या औलाद नरिना देगा | गाय की जगह गाय के  मूल्य के बराबर धन देना गाय दान न माना जाएगा |

बाकी घर अपना अपना फल   

S Kuber RA
Jyotish Acharaya 
Vedic & Lal Kitab Astrologer
Lal Kitab Vastu Consultant

Wednesday, 14 November 2018

लाल किताब सूर्य और चंद्र

लाल किताब 

सूर्य और चंद्र 


बढ़ के वृक्ष का खालिस दूध, लीची (फल), घोडा तांगा

रवि मालिक जो उम्र बुढ़ापा, माया चंद्र खुद देता हो |
घर 1 से 6 चंद्र बढ़ता, बाद (7 से 12 ) जाहिर न होता हो |
साथ ग्रह कुल ही चाहे मंदा, बुध, गुरु पर उम्दा हो |
असर सूर्य से चंद्र बढ़ते, राजा कभी न मंदा हो |
मर्द बढ़ेंगे जिस घर बैठे, ख़्वाह ही औरत न उम्दा हो |

दोनों ग्रह 40 साल तक मुश्तरका होंगे | मिलावट में अगर चंद्र का असर 3 हिस्से तो सूर्य का 4 गुना होगा | मगर प्रबल और जाहिरा तो सूर्य का असर होगा | चंद्र सूर्य का भिकारी (काम करने के लिए) होगा |

दिन के वक्त सूर्य से सम्बंधित काम और रात के वक्त चंद्र से सम्बंधित काम नेक असर देंगे | कोई खास काम दाईं साँस के वक्त और रोजमर्रा के काम बाईं सांस मुबारिक होंगे | 

नेक हालत में

बुढ़ापा खासकर उम्दा होगा | जायदाद जद्दी का उत्तम फल व गृहस्थी आराम शांति से होगा | सूर्य देखे चंद्र को तो खुश्क कुऍं खुद-ब-खुद पानी देने लग जाए मगर सूर्य नंबर 1 का न हो |

मुलाजमत - आला सरकार का धन, डाक्टरी

खाना नंबर 1

मिसल (समान) राजा जो दुसरो से खिराज (टैक्स) ले |

खाना नंबर 2

गुरु मंदिर फल उम्दा गिनते, राज तरक्की होती हो |
औरत बहाना झगडे होते, हार, हानि जो देती हो |

दोनों का उम्दा फल होगा | राज दरबार में तरक्की, इज्जत, मान जब तक मुकाबले पर स्त्रियाँ न हो यानि घर की औरतो से झगड़ा न हो | स्त्रियों का सम्मान करना उम्दा फल देगा |

खाना नंबर 3

अपने लिए उम्दा  मगर दुसरो के ताल्लुक से मतलब परस्त होगा |

खाना नंबर 4

राजा, महाराजा, सीप में मोती, या मोती दान करने की हैसियत का मालिक, दुनिया का पूरा आराम, रथ गाडी व दीगर (अन्य) सवारी का सुख बशर्ते नंबर 10 खाली हो |

खाना नंबर 5

जिंदगी भर आराम रहे | किस्मत का नेक असर ऐसे प्राणी की औलाद पेट में आने के वक्त से ही शुरू हो जाएगा

खाना नंबर 6

असर दोनों का अपना अपना, साथ पापी न मिलता हो \
खाली पड़ा जो दूजे टेवे, माता-पिता दो मंदा हो |
अब उपाय मंगल होगा, ऊंच रवि को करता जो |
मंद रवि की जहर हटाता, उम्र बढ़ा कुल देता हो |

दोनों का अपना अपना असर होगा |

खाना नंबर 9

मातृ हिस्सा यानि माता की तरफ से और माता की मदद व ताल्लुक से निहायत मुबारिक होगा | तीर्थ यात्रा 20 साल और उत्तम फल |

खाना नंबर 12

गर्म पानी से जख्म न जलते, राज समाधि बढ़ता हो |
शत्रु मगर जब घर 2 बैठे, आग पानी से जलता हो |

दोनों का जुदा-जुदा मगर सूर्य का प्रभाव प्रबल होगा |

मंदी हालत में

औरतो से मुखालफत रहे तो हरदम दुखिया, दिन-रात मुसीबत पर मुसीबत देखे | बेशक लखपति हो फिर भी न दिन में चैन न रात में आराम | कामयबा जिंदगी या आम सुख व कामयाबी की कोई तसल्ली न होगी | फिजूल खर्च व सफर दरवेश रहे | (जब दोनों की जड़ो में यानि 4, 5 में दुश्मन या पापी ग्रह हो |

खाना नंबर 1

मौत अचानक होगी |

खाना नंबर 2 औरतो से अमूमन नफरत, झगड़ा, हार या हानि होगी |

खाना नंबर 4

मौत अचानक होगी | मौत दिन के समय और दरिया, नदी, नाला या जमीन के नीचे के पानी या चलते पानी से होगी | (जब शनि नंबर 10 में हो)

खाना नंबर 6

लम्बी आयु की कोई तसल्ली न होगी मगर यह मतलब नहीं कि उम्र छोटी ही होगी | (जब नंबर 2 में पाप यानि राहु / केतु हो |

दोनों मुश्तरका के साथ अगर राहु / केतु हो तो माता-पिता की मौत के साथ खुद भी मौत पाए बशर्ते नंबर 2 खाली हो | 

खाना नंबर 11

असर ग्रह हर दो का मंदा, उम्र साला 9 वेदी हो |
खुराक शनि का गोश्त छोड़ा, आयु सदा लम्बी हो |

अमूमन उम्र सिर्फ 9 साल होगी | अगर गोश्त खाना छोड़ दे तो उम्र 100 साल लम्बी होगी |

खाना नंबर 12

जुदा-जुदा असर मगर सूर्य का प्रबल असर होगा |

बाकी घर जुदा-जुदा असर होगा | 

S Kuber RA
Vedic & Lal Kitab Astrologer
Lal Kitab Vastu Consultant

लाल किताब बृहस्पति + केतु

लाल किताब 

बृहस्पति + केतु 



जर्द निम्बू (पीला गुरु. निम्बू केतु), गुरु गद्दी (आसन)

साथ केतु से सेवा उम्दा, चंद्र बिना गुरु होता हो |
पहले केतु गुरु पीछे बैठा, मंदा असर गुरु देता हो |
बुध मदद जब उनको करता, लेख विधाता खुलता हो |
धन आयु औलाद इकट्ठा, शनि औरत सुख पूरा हो |
बाप गुरु तो केतु बेटा, पाठ पूजा शुभ होता हो |
वक्त मंदे जब दोनों इकट्ठा, दुखिया कोई न रहता हो |

दोनों के मिलाप से हर दो का असर उम्दा होगा | केतु अब गुरु गद्दी का मालिक या ऐसे पान का मालिक जो जहां चरण डाले वहां परिवार और दौलत आ पहुँचे |

गुरु {दरगाही (ईश्वरीय) कुदरती} और केतु (दुनियावी बनावटी ) दोनों ही दरवेश (फ़कीर) माने गए है | अगर बृहस्पति गुरु तो केतु उसका चेला होगा | गुरु अगर पूजा पाठ हो तो केतु गुरु के लिए पूजा पाठ करने की जगह या बैठने के लिए उसका आसन होगा | गुरु की हवा बेक़ैद और खुली हवा हुआ करती हो | मगर केतु जो साँप  (शनि) के खर्रांटे की हवा है दुनियावी धंधो से बंधी हुई किसी मतलब या जहर को (जब केतु मंदा हो) साथ लेकर चलती है | गुरु किसी बुराई-भलाई का ख्वाहिशमंद होगा मगर केतु किसी के भले-बुरे के लिए अपना छलावापन दिखला देगा |

नेक हालत में

अब खुद केतु (औलाद) ऊंच फल का होगा | मामा मरे तो बेशक, हमसाए (पडोसी) मारे जाए तो भी ठीक मगर गुरु का खुद जाती फल बुरा न होगा | नाक की तरफ से दोनों कानो के बीच फासला ज्यादा होआ |

खाना नंबर 1

सिँह सिंहासन योगी कुटिया, धर्मी राजा वह होता हो |
कदम मुबारिक जिस घर रखता, सुखिया वहां सभी होते हो |

हमेशा आराम पाए | हाथ पर शंख का निशान होगा |

खाना नंबर 2

गुरु मंदिर दरवेश फकीरी, आठ दृष्टि खाली जो |
लेख नसीबा खुलती पेशानी, बुलंद मर्तबा आली हो |
आठ बैरी या दुश्मन साथी, कुत्ता फांसी आ मरता हो |
लेख-लिखत सब ही कुछ मंदी, आयु अल्प तक होता हो |

उम्दा आसान (केतु), नेक आकबत (भविष्य), लम्बा चेहरा, चौड़ी पेशानी (माथा) जो हमदर्द और बुलंद मर्तबा (पदवी)  होगा | बशर्ते आठ खाली हो |   

हुक्मरान आसूदा (खुशहाल, निश्चिन्त, सुखी, संतुष्ट) होगा | जब 8 में दोस्त ग्रह हो |

खाना नंबर 4

उच्च गुरु ख़्वाह केतु मंदा, औलाद मंदा नहीं होता हो |
जर दौलत घर-बार हो उम्दा, भक्त पिता और माता हो |
पितृ रेखा का असर हो बढ़ता, इल्म अक्ल सुख मिलता हो |
समुन्द्र हवाई बारिश उम्दा, पाँव लक्ष्मी देता हो |

तालीम वाला होगा |

खाना नंबर 6

अगर खाना नंबर 2 खाली हो या नंबर 2 से दृष्टि भली हो तो किस्मत का हाल भला, शुभ गुजरान होगा | उसे मरने से पहले अपनी मौत का पता चल जाएगा | चेहरा लम्बा और नेक स्वभाव होगा |

खाना नंबर 7-8-12

गरीब तपस्वी पेट से भूखा, साथ दरिद्र भरता हो |
रात आराम अमीरी आत्मा, बाकी असर सब उत्तम हो |

खाना नंबर 7 तपस्वी मगर पेट से भूखा 
खाना नंबर 8  दरिद्री से भरपूर
खाना नंबर 12 बड़ा ही अमीर और आसूदा (खुशहाल, निश्चिंत, सुखी, संतुष्ट) 

बाकी घर अपना अपना फल होगा |

मंदी हालत में

दुश्मन 40 साल आयु तक तंग करेंगे जब केतु की जड़ नंबर 6 में उसके शत्रु चंद्र / मंगल हो या गुरु की जड़ 9 / 12 में उसके शत्रु शुक्र / बुध / राहु हो  | जर्द निम्बू धर्म स्थान में देना मददगार होगा |

कुंडली वाले के लिए दोनों का फल उत्तम और मुबारिक होगा मगर केतु और की जानदार आशिया का फल मंदा ही होगा | नाक की तरफ से मर्द के दोनों कानो के बीच का फासला अगर ज्यादा हो तो चौड़ा चेहरा होगा और खुदगर्ज होगा | (जब दोनों में से कोई एक मंदा हो)

खाना नंबर 2

तंग पेशानी और छोड़ा चेहरा, खुदगर्ज, मंद भाग्य होगा | (जब 8 में दुश्मन हो)

खाना नंबर 4

नर औलाद की देरी बल्कि किल्लत होगी |

खाना नंबर 6

पहले लड़के या लड़की का सुख न होगा | (खाना नंबर 2 की दृष्टि के मुताबिक अगर केतु मंदा और गुरु कायम) पैर का अंगूठा छोटा और तर्जनी बड़ी होगी

दुसरो का गुलाम होगा जब नंबर 2 से दृष्टि के मुताबिक केतु कायम और गुरु मंदा हो | पैर का अंगूठा बड़ा और तर्जनी छोटी होगी |

खाना नंबर 7

तपस्वी मगर मुफ़लिस (गरीब) होगा | गुरु नंबर 7 का फल प्रबल होगा |

खाना नंबर 8

दरिद्र, निर्धन मुर्दा रूह का मालिक होगा |

S Kuber RA
Vedic & Lal Kitab Astrologer
Lal Kitab Vastu Consultant