Saturday, 29 September 2018

लाल किताब शुक्र खाना नंबर 12


लाल किताब 

शुक्र खाना नंबर 12 


आड़े समय हर जगह सहायता की देवी और भवसागर से पार करने वाली गाय

लहर माया चलती फिरा कुल जमाना |
गया भूल क्योँ फिर तू जिस घर को जाना |

राज सम्बन्ध हर दम ऊँचा, 37 साला सुखी स्त्री हो |
नाश बैरी कुल इक दम होता, रात भली जर दौलत हो |
गुरु शनि मच्छ रेखा सातवे, सुखिया औरत न होता हो |
बुध बैठा जब कायम 6 वे, परिवार सुखी औलाद का हो | 
खाली मंदा सात दूजे होते, शुक्र होता सब मिटटी हो |
तीन छटे जब उत्तम टेवे, कामधेनु गाय होती हो |

नेक हालत में

1) जवानी की रात और मिले हुए आराम में चारपाई से नफरत क्योँ जबकि लोगो को शिक्षा देने के लिए बुढ़ापा बहुत बड़ा है | बाबू साहिब की मंजे-चारपाई की कहानी, स्त्री की बीमारी और स्वाभाव की नासाजी (प्रतिकूल) कभी समाप्त न होगी | स्त्री स्वयं पतिव्रता और सुखवंती होगी |

2) स्त्री की पूजा और प्यार की लहर गृहस्थी सुख पैदा करेगी |

3) भवसागर से पार करने वाली गऊ माता की तरह स्त्री भाग्य की मालिक होगी | जन्म समय चाहे मिटटी उड़ती हो मगर शादी के बाद से पौ बारह (सभी और से जीत और लाभ होना) यानि उत्तम हालात होंगे | चंद्र और नर ग्रहों का तीन गुना उत्तम प्रभाव होगा और नंबर 2 का प्रभाव भी उत्तम होगा या शुक्र नंबर 2 का उत्तम फल प्राप्त होगा | राजदरबार हरदम ऊँचा और स्त्री का कम से कम 37 साला सुख होगा | रात का आराम और धन का सुख होगा |

4) गुरु, शनि नंबर 7 में या आपस में साथ-साथी हो तो टेवे वाला को धन दौलत का उत्तम फल मिलेगा पर स्त्री स्वयं दुःखिया होगी |

5) जब बुध नंबर 2/6 में कायम हो तो रागी, कवि और भण्डारों का मालिक होगा | उम्र बहुत लम्बी 96 वर्ष तक चाहे स्त्री चाहे मर्द |

मंदी हालत में

1) हर मुसीबत के समय पहले उसकी स्त्री दुःख भोगेगी | फिर उसके मर्द को कोई कष्ट होगा | इसलिए स्त्री का स्वास्थ्य मंदा होगा | यानि मर्द की जान को स्त्री और स्वयं स्त्री की जान को उसके हाथ (स्त्री के) से दान करना कराना या वैसे ही स्त्री के नाम पर गऊ दान या कोई भी चीज दान रूप से देते रहना स्त्री के स्वास्थ्य और अपने धन में बरकत देगा | मुसिबर के समय जब कोई भी सहायता न करे तो स्त्री का भाग्य एकदम सहायता देकर उसे पार करेगा जब तक ऐसा व्यक्ति नास्तिक न हो या जब तक वो मालिक को याद रखे | स्त्री के अपने हाथ से शाम के समय नीला फूल (राहु) बाहर वीराने में दबाने से सब दुःख दूर होंगे |

2) जब नंबर 2-7 खाली हो या मंदे हो तो शुक्र मंदी मिटटी के तरह बुरा फल देगा |

3) जब बुध मंदा हो तो स्त्री स्वयं और उसकी जुबान और स्त्री का आराम सबके सब मंदे प्रभाव के होंगे |

4) जब राहु 2-6-7-12 हो तो गृहस्थ 25 साल आयु तक बर्बाद | नीली (राहु) गाय (शुक्र) शुभ न होगी | राहु की चीजों का साथ और सम्बन्ध भी मंदा ही होगा |

5) शुक्र गाय का साथ हरदम शुभ होगा क्योंकि शुक्र अब ऐसी कामधेनु गाय होगी जो बिना बच्चा पैदा किए भी सारी आयु अपने स्वामी के प्यार में दूध देती रहेगी |

S Kuber RA
Jyotish Acharaya 
Vedic & Lal Kitab Astrologer
Lal Kitab Vastu Consultant       

लाल किताब शुक्र खाना नंबर 11

लाल किताब 

शुक्र खाना नंबर 11 

सुन्दर स्त्री/पुरुष माया के सम्बन्ध में घूमता लट्टू

इश्क औरत लहर न ही इतनी बढ़ती |
चिमट बाद जिसके है जाती नामर्दी

तीन भाई खुद स्त्री होते, भंडारी जगत कुल बनता हो |
साथ माता न बेशक देवे, कन्या स्त्री धन बढ़ता हो |

नेक हालत में

1) बचपन की मोह माया में लगे रहना अमूमन स्वाभाव होगा | 

2) सुन्दर स्त्री / मर्द धन का / की भंडारी अमीर माल वाला या फिर हिजड़ा, शुक्र या जिल्द की बीमारियाँ |

3) सांसारिक कामो में लगे हुए अपने कामदेव की शक्ति ही भूल बैठे | मिटटी की मासूम स्त्री इसलिए नहीं कि उसका खून खानदानी है मगर इसलिए कि उसका कोई दूसरा ग्राहक नहीं है | क्योंकि अपनी ही नजाकत (कोमलता) वह सब से बढ़ रही है | कुछ ऐसे भी हालात है कि कोई दूसरा उसका कुछ बना नहीं सकता या यूँ कहे कि वह कुऍं में गिरी बेशर्म की तरह हँस रही होगी या हंसती नजर आती होगी | मगर उसका दिल, चंद्र का पानी शादी (शुक्र) के दिन से ही जल चुका होगा या जल रहा होगा |

4) जब बुध या चंद्र कायम हो तो छुपे (ख़ुफ़िया) काम करने का आदी होगा | हर दम स्वाभाव बदल लेने वाला होगा मगर धन से खाली न होगा | मौत सिर काटने से होगी और 12 साल खूब धन आए नहीं तो हिजड़ा होगा | 5 लड़कियों की शादी की बराबर धन कायम होगा चाहे शादी कोई भी न की जाए या की हो |

5) जब राहु नंबर 12 में हो तो लड़कियों के साथ से ही धन की ज्यादती होगी |

मंदी हालत में

1) हर काम परदे में करने वाला | दिखावे में भोला भाला मगर अंदर से हजरत | हर दम स्वाभाव बदलने की आदत कोई अच्छी बात न होगी | चाहे दिमाग की कमजोरी कहो चाहे शनि की चालाकी | अमूमन मौत सिर कटने से होगी | स्त्री अब घर की खजांची अशुभ होगी | कपिला गाय शनि के बुरे प्रभाव से बचाएगी |

2) बुध नंबर 3 या साथ साथी हो तो चाहे धन दौलत मंदा न होगा मगर मर्द की अपनी कुल खानदान घटती जाएगी | लड़कियाँ घर का धन बर्बाद करेंगी | बुध और पापी ग्रहों का मंदा फल होगा | और शुक्र का कोई ऐतबार न होगा 

3) जब खाना नंबर 3 खाली हो :

मंगल की सहायता : दृष्टि से, साथ या साथी या किसी तरह भी | या फिर मंगल का उपाय या स्त्री के भाइयों की सहायता शुक्र को मंदे जहर से बचाएगी | यानि धन भी होगा और परिवार भी होगा | शादी के तीन साल बाद बर्बादी होने लगेगी और नामर्दी तक हो सकती है | हाथ से वीर्यपात, एहतलाम (स्वपन दोष) की अधिकता, या गुप्त अंग बिलकुल व्यर्थ | वीर्यपात या पेशाब की बिमारियों से बिगड़ी हालत के समय शनि (लोहे का कुश्ता या किसी और तरह या मछली का तेल) या चंद्र (चाँदी का कुश्ता या किसी और तरह दूध की चीजे) इस मर्ज की दवाइयों के साथ मिलाकर 40/43 दिन तक ऐसी ढंग पर प्रयोग करे कि फ़ौरन जोश भड़क उठना हो जाए | सोना दवाइयों में मिला भी सहायता कर सकता है जब तक केतु टेवे में निक्क्मा न हो वरना शनि और चंद्र की चीजों ही दवाइयों में सहायता देंगी | दूसरी और नर संतान मरती जाए या कायम न हो सके | शुक्र की विंशोत्तरी 20 साल की महादशा मंदी होगी जिसके लिए बुध की पालना करना सहायक होगा | स्त्री चाहे भाग्य, आय की स्वामी मालूम होती हो मगर वह स्वयं ही तबाही का कारण होगी | मंदे समय तेल (शनि का) दान कल्याण करेगा |
 
S Kuber RA
Jyotish Acharaya 
Vedic & Lal Kitab Astrologer
Lal Kitab Vastu Consultant          

Friday, 28 September 2018

लाल किताब शुक्र खाना नंबर 10


लाल किताब 

शुक्र खाना नंबर 10 

स्वप्न हूर खुद शनिच्चर, शनि उत्तम तो धर्म मूरत (पुरुष या स्त्री)

सदा फूल औरत जवानी पे मरता |
गवा खाली औलाद पीरी तरसता |

स्त्री जात पर बुरी नजर रखता हो और अमूमन उसके स्वप्न देखेगा जिससे चंद्र और मंगल का फल भी निक्कम्मा होगा |

नेक हालत में

1) जवानी में सदाबहार फूलों की तरह पराई स्त्री से ताल्लुक का बहुत मौका मिलेगा | ऐसा मर्द पराई स्त्री पर और स्त्री पराए मर्द पर नजर रखते होंगे | और अमूमन उसके ख्वाब देखते होंगे जिससे चंद्र और मंगल का फल मंदा ही होगा |   

2) शनि साथ या साथी या नंबर 1 में हो तो धर्मी शनि का खानदान (परिवार) पर उत्तम प्रभाव होगा | शनि के स्वाभाव वाला होगा (शैतान, चालाक, होशियार) | हर ग्रह का नेक प्रभाव होगा | शनि के मंदे कामो से दूर रहेगा |

3) जब खाना नंबर 4 खाली हो तो शुक्र अब खुद शनि ही की तरह उम्दा फल देगा |

मिर्जा हल्का, सारंगी भारी | यानि पति बेहद पतला और कमजोर और पत्नी बहुत भारी हो |

स्त्री हो तो ऐसी स्त्री जो किसी दुसरी स्त्री के मर्द को निकाल का ले जाए | पूरी कामदेव से भरी और मद पर आए हुई स्त्री होगी |

4) शनि उत्तम या शनि 9/11 में शत्रु के साथ न हो तो बुध भी उत्तम फल देगा | हादसा कभी न होगा | यानि स्त्री के साथ कहीं मोटर गाडी से जा रहे हो और कुदरत की तरफ से कोई दुर्घटना आने को हो तो जब तक उसकी स्त्री गाडी में बैठी हो, हादसा न होगा | इसी तरह उसके बैठे होने तक, मकान न गिरेगा | मतलब यह है कि स्त्री के रहते शनि के उत्तम फल मिलेंगे | बाग़, बगीचे, मकान आदि उत्तम होंगे | स्त्री की सेहत उत्तम | स्त्री मर्द दोनों धर्म मूरत होंगे | घर के पश्चिमी हिस्सा कच्चा हो या पश्चिमी दिवार कच्ची मिटटी की हो तो धन उत्तम और बुढ़ापे में आराम होगा |

5) अगर खाना नंबर 1/5 में कोई भी ग्रह बैठा हो तो सारी आयु आराम और खासकर जवानी में खूब ऐशो आराम हो यानि शनि के इश्क की हर और सफलता होगी | बुढ़ापा भी शुभ होगा |

6) जब अकेला चंद्र 2-4-7 में हो तो पत्थरी मिटटी (शनि पत्थर के घर शुक्र मिटटी) की उम्दा खांड की तरह का उत्तम फल मिलेगा | सबसे उत्तम असर के और फलते फूलते होंगे |

 मंदी हालत में

1) औलाद में विघ्न या न होना या होकर मर जाना | औरत से सम्भोग में हद से ज्यादा रूचि | स्त्री को चाहिए कि वो अपने गुप्तांग को दही से धोए जो संतान में सहायता करेगा | ऐसे व्यक्ति के खून में संतान की पैदाइश के सम्बन्ध में कोई कमी या बीमारी न होगी | अगर होगी तो गुप्तांग की जिल्द में नुक्स हो सकता है |   

2) कपिला गाय का दान शनि की मंदी जहर से बचाता होगा | मंदी सेहत के समय गाय का दान करने से ऐसा व्यक्ति एक तरफ का हो जाएगा यानि अगर आयु बची हो तो ठीक हो जाएगा वरना चल बसेगा | सड़ गल कर नहीं मरना पड़ेगा | अमूमन नतीजा शुभ ही होता है | जवानी में इश्क और बुढ़ापे में संतान को रोता रहेगा | पराई स्त्री से कामदेवी सम्बन्ध से 12 साल तक केतु (संतान), मंगल (भाई) और चंद्र (माता, दौलत) बर्बाद होंगे | काली कपिला गाय शनि के मंदे प्रभाव से बचाएगी |  शुक्र जब खाना नंबर 1 या 7 में आए या शनि जब अपनी जन्म कुंडली में बैठा होने वाले घर में आए तो हर तरफ से शुभ होगा जब टेवे वाला शनि के मंदे काम न करे |

नंबर 10 का शुक्र नंबर 1 में आएगा

10-22-32-47-58-70-79-96-108-120 

नंबर 10 का शुक्र नंबर 7 में आएगा

4-16-33-44-50-66-76-94-98-111

3) जब शत्रु का साथ हो तो मर्द का 12 साल का समय मंदा होगा |

4) शनि मंदा हो तो शुक्र का फल मंदा हो जाएगा | स्त्री अक्ल या आँखों से अंधी होगी और हर तरफ से दुखिया होगी |

5) जब शनि नंबर 5 में जाकर बैठ जाए तो अच्छा न होगा क्योंकि नंबर 5 और 10 के ग्रह आपस में शत्रु हो जाते है चाहे मित्र ही क्यों न हो | इसलिए गाय (शुक्र) को साँप के जहर (शनि) से खतरा या स्त्री (शुक्र) को आँखों (शनि) की तकलीफ होगी | अगर किसी वजह से 10 गऊ बर्बाद हो जाए तो कोई वहम नहीं | इसे शनि ग्रह का जहर का असर माने | उपाय के तौर पर बकरी पालने से गाय और स्त्री का बचाव होगा और शुभ होगा |

S Kuber RA
Jyotish Acharaya 
Vedic & Lal Kitab Astrologer
Lal Kitab Vastu Consultant 

लाल किताब शुक्र खाना नंबर 9

लाल किताब 

शुक्र खाना नंबर 9 


मिटटी की काली आँधी, मंगल बद

गिना सबसे बेहतर, चाहे मेहनत का खाना |
मगर शेखी क्या, खून हरदम बहाना |



नेक हालत में

1) चाहे बुजुर्गो का धन दौलत बढ़ता होगा लेकिन औलाद का हाल कुछ खास भला न होगा | खुद उसके अपने यहाँ मर्द और धन दोनों शायद ही इक्कट्ठे होंगे | यानि धन होगा तो मर्दों की कमी होगी और घर में मर्द हो तो धन की कमी | टेवे वाला अक्लमंद वजीर, तदबीर वाला होगा | लखोंपति होता हुआ भी अपने पेट की रोटी की कीमत के बराबर मेहनत करके रोटी खाएगा | स्वयं मेहनती होगा या होना पड़ेगा | आराम करने की जगह हद से ज्यादा मेहनत करना या खून-पसीना बहाते रहना कोई शुभ फल न देगा | माली हालत के लिए नीम के पेड में (जड़ में नहीं) चाँदी का चकौर टुकड़ा दबाना शुभ होगा |

2) दूसरों की मुसीबत और मंदी सेहत स्वयं बुलाकर मोल ले ली | जिसे लोग खूबसूरत समझते थे वो अब दूसरों को अपनी बदसूरती से डराने लगा | 

3) जब चंद्र या मंगल का साथ हो तो मकान की नींव में या मकान में चंद्र की चीजों (घोडा, कुआँ, चाँदी, चावल आदि) के साथ मंगल की चीजे (शहद) को कायम रखना शुक्र की उड़ती हुए मिटटी की जगह 9 गुना उत्तम और चंद्र (दिल की शांति, माया, दौलत) का उत्तम फल होगा | चंद्र, मंगल साथ न भी तो भी शुभ होगा |

मंदी हालत में

1) भाग्य के सम्बन्ध में काली मिटटी की आँधी |

2) शुक्र की आयु में (25 वे साल में) शुक्र से सम्बंधित काम या कारोबार (शादी, गाय, खेती आदि) या रिश्तेदार का सम्बन्ध होने पर घर की चाँदी की बनी दीवारे भी जली हुई मिटटी की तरह मंदी हो जाएंगी |

3) मंगल बद का असर होगा यानि धन, संतान मंदा | बुध और केतु का फल भी अमूमन मंदा होगा | और (राहु) शरारत और खराबी का बहाना होता रहेगा | जिसके लिए नीम के वृक्ष में सुराख़ करके चाँदी का चकोर  टुकड़ा डाल कर फिर सुराख़ को नीम की ही लकड़ी से भर देना शुभ होगा |

4) पापी (सिवाय केतु - शुक्र इक्कट्ठे के और जब शुक्र मंदा न हो) या बुध किसी भी तरह से आ मिले या साथ साथी हो तो 17 साल आयु से नशे और बीमारियाँ तंग करे और शुक्र का मंदा फल होगा | अस्पताल से मुर्दा उठाकर लाए हुए की तरह | शादी के दिन भी डोली में दुल्हन का खून बर्बाद और उसकी मंदी सेहत के कारण खर्चे पर खर्चा होगा | चाँदी की चूड़ी ले कर उसपर सुर्ख लाल रंग कर के स्त्री के हाथ में डालने से वो रक्षा सूत्र का काम करेगी और शुभ होगी | या मकान बनाने पर सब कुछ उत्तम हो जाएगा | अगर कुंडली में शनि भी नेक हो तो जितना जल्दी हो सके, मकान बना ले |

5) जब खाना नंबर 4 मंदा हो या नंबर 4 में शुक्र के शत्रु ग्रह हो तो जब भी वो शत्रु ग्रह / मंदा ग्रह खाना नंबर 1 में आए तो धन माया बर्बाद हो | (4-16-28-40-52-64-76-88-100-114 साल में आएँगे) |

6) जब कुंडली में चंद्र, शुक्र के घर नंबर 7 में हो या मंदा हो कर कहीं भी बैठा हो तो गृहस्थ मंदा (संतान और धन के लिए) होगा |

7) अगर नंबर 1 खाली हो तो खून की बीमारियाँ होंगी | बीमारी की पहली निशानी यह होगी कि उसके नाखून सफ़ेद होने लग जाएगे |

8) जब कुंडली में गुरु और शुक्र मिल रहे हो या गुरु वैसे ही मंदा हो तो संतान के विघ्न होंगे | लोगो और साथियों से सांसारिक लेनदेन, व्यापार का हाल मंदा होगा |             

S Kuber RA
Jyotish Acharaya 
Vedic & Lal Kitab Astrologer
Lal Kitab Vastu Consultant 

लाल किताब शुक्र खाना नंबर 8

लाल किताब 

शुक्र खाना नंबर 8 


जली मिटटी की चांडाल स्त्री

कब्र दूसरे की न जब कोई पढ़ता |
कसम पर जमानत क्यों फिर तू पढ़ता |

खाना नंबर 8 का शुक्र अगर मंदा हो या मंदा कर लिया जाए तो शुक्र मंगल बद की तरह असर देगा | स्त्री का स्वास्थ्य अगर मंदा हो तो चरी (ज्वार) का दान देना या उसे जमीन में दबाना उत्तम होगा

सफ़ेद गाय मंद भाग मगर काली या लाल गाय मुसिबत में मदद करेगी |

नेक हालत में

1) मेहनत की रोटी कोई विष नहीं होती मगर मेहनती को आराम कर लेना भी जुर्म नहीं |

2) स्त्री सख्त स्वाभाव की होगी | स्त्री ने जब खाना परोसा तो मर्द (टेवे वाला) ने कहा कि दाल तो पतली है | जवाब में स्त्री ने उसके हाथ पर चिमटा दे मारा | तब मर्द ने फ़ौरन कहा कि दाल पतली है मगर स्वाद है | ऐसे ही बेचारे ने अपना जीवन बिताया | स्त्री की जुबान का अक्षर पत्थर की लकीर होगा | वह जो भी कुछ बुरा कहेगी एकदम सच्च साबित होगा | कोइ नेक या अच्छी कही हुई बात पूरी होने की शर्त नहीं है | इसलिए टेवे वाले को चाहिए कि अपनी स्त्री को तंग न करे क्योंकि इसी में दोनों की भलाई होगी |

3) दान लेना छोड़ दे और मंदिर में सिर झुकाता रहे | शत्रु का सिर अपने आप कट जाएगा |

4) शुक्र नंबर 8 वाला कहता है कि उसे सब कुछ पता है मगर उससे कोई पूछता ही नहीं है | इसलिए वह बोल बोल कर थक कर बैठे हुए मर्द की तरह अपनी खुदी के तंदूर (खाना नंबर 8 मंगल बद) में जल रहा होगा |

5)  जब नंबर 2 में कोई भी ग्रह हो तो शुक्र नंबर 2 के ग्रह का ही प्रभाव देगा |

मंदी हालत में

1) शुक्र नंबर 8 में हमेशा मंदा न होगा | शुक्र जब कभी खाना नंबर 12 में (उच्च) आएगा, नेक फल देगा |  शुक्र नंबर 12 में  आता है इन इन सालो में : 12-19-30-40-52-64-76-89-100-115 |  शुक्र का मंदा कुल 20 साल होगा | बदी के दरिया की बाढ़, यानि मंदा फल जन्म से 11 साल = 11 साल, आयु का 27 वा साल = 1 साल, 34 व साल = 1 साल, 39 से 45 साल = 7 साल | कुल जमा 11 + 1 + 1 + 7 = 20 साल | (लेकिन 40 वे साल में तो 12 में होगा?) | 25 साल आयु तक शादी करनी अशुभ ही होगी | जब तक चंद्र, मंगल या बुध, जो अमूमन ऐसे टेवे में मंदे ही हुआ करते है, अगर कायम हो तो शुक्र का बुरा प्रभाव न होगा | इन ग्रहों की सम्बंधित चीजे कायम करना इस या सम्बंधित रिश्तेदार से आशीर्वाद लेते रहना सहायक होगा | चंद्र (माता), मंगल (भाई), बुध (बहन) आदि

2) गंदे नाले में ताम्बे का पैसा या या फूल डालते रहना शुभ होगा | गऊ सेवा या गऊ दान से बरकत होगी | धर्म स्थान में सिर झुकाते रहना शत्रुओं के सिर उडाता रहेगा | अगर ऐसा न हो तो चाल चलन शक्की होगा |

3) जब खाना नंबर 2 खाली हो तो चाहे लड़ाई में सहायता देगा मगर चांडाल मंदी मिटटी की तरह गृहस्थी की हालत होगी | बड़ो का साया डोलता या हर समय खतरे में होगा | स्त्री के स्वास्थ्य और धन के लिए ज्वार का दान या जमीन में दबाना सहायक होगा | कुऍं में गिरने वाले की तरह स्त्री और मर्द होंगे | ससुराल की नाव को डुबोने वाला होगा | खाना नंबर 5, संतान का घर जो शादी के बाद आने वाला समय है, वो भी मंदा होगा यानि संतान भी बर्बाद होगी | स्वयँ अपने लिए कष्ट पर कष्ट खड़ेगा |

4) अगर शुक्र के शत्रु सूर्य / चंद्र / राहु शुक्र के साथ नंबर 8 में हो तो किसी के लिए कसम खाना, जमानत देना कभी भी उत्तम और नेक न होगा | जनाही (व्यभिचारी) मर्द और औरत, मंगल बद का असर होगा (खाना नंबर 8 मंगल बद) खासकर जब मंदे मर्द या स्त्री का साथ हो जाए | जब चालचलन का ढीला हो तो अवश्य ही सुजाक आदि  (gonorrhoea, STD etc) सेक्स सम्बंधित बीमारियाँ होंगी |  गऊ दान सबसे उत्तम उपाय होगा | और शुक्र नंबर 10 मंदी हालत में देखे |

S Kuber RA
Jyotish Acharaya 
Vedic & Lal Kitab Astrologer
Lal Kitab Vastu Consultant     

Thursday, 27 September 2018

लाल किताब शुक्र खाना नंबर 7


लाल किताब 

शुक्र खाना नंबर 7 



अकेला शुक्र नेक होगा | साथ बैठे जैसा ग्रह, वैसा ही शुक्र होगा |

ऐवज गैर पतिव्रता जो भूली |
जली माया घर की, यह क्या नार (आग) ले ली |

नेक हालत में

1) लम्बी आयु, जिंदगी की इच्छा मगर तरक्की से अर्थ नहीं | समय और गृहस्थ में चलते जब तक अकेले हो, दिल की उकसाहट के पीछे न जाएँगे मगर कोई प्यार का नाता हो जाए तो मंदा न होगा |

2) खाना नंबर 7 शुक्र का अपना और पक्का घर है | इस घर में अगर शुक्र अकेला हो तो बहुत नेक होगा | यह बुध का भी पक्का घर है और बुध शुक्र का मित्र है | अगर बुध साथ में हो तो भी नेक फल ही होगा | बुध के साथ से उत्तम घरबार और गृहस्थी सुख होगा और टेवे वाला उत्तम व्यापारी होगा, आढ़ती होगा और तराजू के काम से हर दम नफा होगा | शुक्र जिसके साथ साथी हो उसी का फल देगा | शनि की आँखों की रफ़्तार होगी (देखे शनि खाना नंबर 10) | टेवे में शनि जहाँ बैठा हो उसकी आँखों की गिनती के हिसाब से अगर शनि एक आँख की भी साबित हो तो शुक्र शुभ फल देगा |  

 शनि की आँखे इस प्रकार है :

शनि खाना नंबर 1 में हो तो 1 आँख का मालिक
नंबर 2 में हो तो 2 आँख का मालिक 
3 में हो तो 3 आँख का मालिक 
4 में 4 का
5 में अँधा  
6 में न्यौराता (रतांध) यानि दिन में तो देखे पर रात को नहीं
7 में हो तो दूसरे की आँख में मिटटी डाल देने की शक्ति के मालिक की आँख 
8 में हो तो मौत या जालिमाना आँखे
9 में हो तो जले हुए को आबाद करने वाली आँखे
10 में हो तो चारो तरफ देखने वाली चार आँखे 
11 बच्चे की तरह मासूम आँख
12 में हो तो दुःखी को सुखी, वीरान को आबाद करने वाली आँखे

3) सफर में ज्यादा समय गुजरेगा और उत्तम होगा या यूँ कहे कि जब तक स्वयं कमाए उस समय तक सफर और परदेश में होगा | आयु का कभी धोखा न होगा | जद्दी घर का आराम कम ही मिलेगा और न ही कोई बैठक (पुरुषो के बैठने की जगह) बनेगी |

4) नंबर 1 का उत्तम ग्रह हो या टेवे का कोई भी उत्तम ग्रह हो या शुक्र के साथ कोई ग्रह बैठा हो, शुक्र उसकी नकल करेगा और उत्तम फल देगा | जब शुक्र अपनी आयु के बाद (25 साल) खाना नंबर 1 में आए (31 साल में) तो  भी उत्तम फल देगा | शादी और गृहस्थ और स्त्री खानदान की हालत शुक्र की उम्र 25 साल उत्तम होगा |

5) स्त्री उत्तम नेक स्वाभाव होगी | हद से ज्यादा गोरी या आम दर्जा से ज्यादा सुन्दर न हो तो ही शुभ होगी | सफ़ेद गाय का साथ भी शुभ न होगा | उसकी स्त्री किसी लेन देन या इधर उधर के झगड़ों में दखल न देगी |

6) शुक्र कायम और उत्तम हो तो स्त्री पुरुष का साथ लम्बा अपनी आयु तक होगा | सुखी गृहस्थ होगा | माता पिता की हालत उत्तम होगी | स्वाभाव की नरमी, विनम्रता माया की बरकत की सीढ़ी होगी | आयु 80 से 90 साल तक होगी |

7) गुरु सोया हुआ हो तो सफर से जिन्दा वापिस आएगा | मौत कभी परदेश या सफर में न होगी | अगर किसी दूसरे कारण से हो भी जाए, तो शरीर घर वापिस आएगा |

8) अगर खाना नंबर 1-7-9-11 में शत्रु ग्रह सूर्य, राहु, चंद्र हो तो माया दौलत तो बढ़ता होगा चाहे दूसरे फल ख़राब हो जाए | (इन शत्रु ग्रहो के इन खानो में बैठे का हाल में देखे) 

9) जब ऊपर लिखे घरों में मित्र ग्रह (शनि, बुध, केतु) हो तो शुक्र वही फल देगा जैसा इन ग्रहों का वहाँ बैठे होने का हो |           

10) जब शनि 9/11 में हो तो आम लोगो के आराम के सामान के कारोबार बरकत देंगे |

11) जब बुध 4-6-2 में शुभ हो (जन्म कुंडली में 4/2 में हो नहीं सकता) तो शादी के दिन से पुरुष के लिए शुक्र और बुध दोनों का उत्तम फल 37 साला समय तक होगा |

12) शुक्र अगर नेक हो तो विवाह और शुक्र के काम सदा नेक फल देंगे |

13) संतान (पुत्र) की हालत केतु की हालत पर, गृहस्थ की हालत शनि की हालत पर, माली धन की हालत राहु की हालत पर और परिवार की हालत बुध की हालत पर होगी |

14) चंद्र नंबर 4 में अकेला हो तो कामदेव से दूर होगा |

मंदी हालत में

1) धन, स्त्री के काम में बहुत लगेगा बल्कि पराई मिटटी (स्त्री) की पूजना में भी लगेगा |  इश्कबाजी, सबकुछ धन जायदाद बर्बाद | जिस का सबब अपनी खुदगर्जी हो व दिमागी नक़्ल (राहु की शरारत) होगी | गुस्सा (सूर्य) सूर्य की गर्मी नीच होगी | आयु 85/96 साल होगी | स्त्री खानदान के साथ हिस्सेदारी में कारोबार करना धन और गृहस्थी खरीबियों का बहाना होगा |

2) जब शुक्र और गुरु मिल रहे हो तो संसारी लेनदेन या कारोबार का हाल मंदा होगा और संतान के विघ्न होंगे |

3) वर्षफल में जब शुक्र के शत्रु खाना नंबर 1 में आए और नंबर 3 भी मंदा हो तो चोरी और धन हानि की घटनाएँ होगी |

4) चंद्र नंबर 1 में हो तो शुक्र का फल मंदा और भाग्य बर्बाद होगा | संतान की मंदी हालत से बचने के किए विवाह के दिन से कुत्तो का घर में रहना सहयक होगा |

5) सूर्य नंबर 4, चंद्र नंबर 1 और शनि शुक्र के साथ 7 में हो तो स्त्री चाहे पुरुष खस्सी, ख़ुसरा, नपुंसक, नामर्द, बाँझ, हो | या फिर वो संसार छोड़ कर निराशा से भर रहा हो |

6) नंबर 8 में सूर्य या बुध हो तो हर दो का मंदा हाल होगा | स्त्री पर स्त्री मरे खासकर जब घर की छत में आसमान की और से रौशनी आए |

7) राहु नंबर 8 में हो तो स्त्री का मंदा हाल हो | स्त्री को सारी आयु तक नीला (राहु) कपडा अशुभ होगा |

8) राहु शुक्र के साथ हो या फिर साथी बन रहा हो तो शुक्र का हर तरफ से मंदा प्रभाव होगा खासकर जब राहु का साथ भी होवे जैसी बिल्ली (राहु) की चमड़ी से बना बटुआ पर्स आदि | शनि के काम भी मंदे असर देंगे | खाऊ मर्द उड़ावे | स्त्रियों को खूब ऐश करावे और खुद बर्बाद हो |

9) जब नंबर 1 खाली हो तो शुक्र सोया हुआ या मंदा न होगा (क्योंकि अपने पक्के घर में है) | पराई स्त्री की लगन और गुस्सा बर्बादी की नींव होगा |

10) जब खाना नंबर 4 मंदा या नंबर 4 में शुक्र के शत्रु सूर्य, चंद्र, राहु हो तो शुक्र हर तरफ से मंदा होगा | खुदगर्जी बर्बादी की नींव होगी | जिससे जद्दी जायदाद का फायदा न उठाएगा |
 
11) गुरु नंबर 2 में हो और मंगल भी नष्ट हो तो संतान न होगी या दुखिया होगा |

11) जब खाना नंबर 8 खाली : खाना नंबर 7 शुक्र का पक्का घर है और नंबर 7 में उसका साथी बुध यानि मिटटी (शुक्र) में रेत (बुध), स्त्री पुरुष में विषय की शक्ति और साथ वाले घर घाटों में (खाना नंबर 6) बुध केतु सहित कामदेव की नाली, और नंबर 8 मंगल और शनि (शैतान) सही या गल्त किसी भी ढंग से अपना मतलब निकाल लेना माने गए है |    

नंबर 7 जो की बुध और शुक्र का घर है और खाना नंबर 7 को चक्की भी माना है और नंबर 8 इस चक्की को चलाने वाला हत्था या किली है  जो गृहस्थ की हालत में सांसारिक शर्मोहया 8 गुना शक्ति में लेते है इसलिए खाना नंबर 8 के खाली होते हुए शर्म और हया का हवाई परदा उठ जाने से स्त्री में विषय (मंदी नाली) में कामदेव का खून जोर पर होगा जिसके कारण बेहयाई तक हो सकती है | पुरुष स्त्री में से किसी एक या दोनों को तपेदिक या जिल्द जलते रहने की बीमारी हो सकती है |    

12) शनि नंबर 6 में हो तो स्त्री (शुक्र) के गुप्तांग की खराबियां या दिल की खराबी होगी | उपाय के तौर पर शनि की चीजे (पानी की तरह बहने वाली) सहायक होगी जैसे अल्कोहल जो नरम जिल्द को बिना जलाए खुश्क रखता है | किसी बुद्धिमान डॉक्टर की सलाह से प्रयोग करना फायदेमंद होगा |

S Kuber RA
Jyotish Acharaya 
Vedic & Lal Kitab Astrologer
Lal Kitab Vastu Consultant 

Wednesday, 26 September 2018

लाल किताब शुक्र खाना नंबर 6

लाल किताब 

शुक्र खाना नंबर 6  


शान से रखी तो दौलत के महल वरना नीच दौलत (कुलक्ष्मी)

जवानी तू न गर बच्चे भुलाता |
बुढ़ापा न दुनिया में तुझको रुलाता |

नेक हालत में

शुक्र खाना नंबर 6 हो तो यह टेवे वाले की धन की रहनुमाई या भाई-बंधू पर संयम या नम्बरदारी जाहिर करती है | ऐसा व्यक्ति धर्महीन होने के अलावा स्त्री जाति की प्रंशसा के पुल बांधने और और जवानी याद में समय गुजारने का आदी होगा | दूर बैठे नौजवान की तरह इश्क को याद करता होता | स्वास्थ्य अच्छा, जवान और आँखों की शक्ति सलामत होगी | स्त्री जाति तथा अपनी स्त्री खानदान से सम्बन्ध नेक होगा | मगर सूर्य की किरणे इस शुक्र के दरबार में मैला सा रंग दिखाती है यानि सरकार (सूर्य) के घर से पैसा कमाने का सीधा सम्बन्ध न होगा | मगर राजदरबार वालो की कमाई से अपना कारोबार लगाए बिना नहीं रह सकता | इतना जरूर है कि वो अपने साथ चलने वालो को कई बार ख़राब कर देता है | शुक्र का नीच फल होगा और गृहस्थ के कामो में बुरा प्रभाव होगा | स्वयं पर बुरा असर न होगा | दिमागी कमजोरी, दीवानगी, विचारो में पशुता और परेशानी हुआ करती है | उसकी स्त्री सदाबहार और स्वयं ऐशी पट्ठा होगा | लकिन स्त्री का टेवा हो तो उल्ट कहेंगे | उसकी स्त्री को जमीन पर नंगे पाँव नहीं चलना चाहिए (खासकर मिटटी वाली जमीन पर) | अच्छा होगा कि जुराब वगैरा डाल कर चले ताकि पाँव का तलवा फर्श को न छुए | गाय, बैल, धन, दौलत की चोरी या गुम होना शुक्र मंदे की निशानी होगी | इसी तरह ही गुरु, साँस, दमा आदि और सूर्य, शरीर, गुस्सा नीच हालत की निशानी होती है | कुंडली में अगर चंद्र कायम हो तो शुक्र का बुरा असर न होगा यानि तब चालचलन का ढीला न होगा | शुक्र नीच में चाहे अक्ल साथ छोड़ दे मगर भाग्य साथ नहीं छोड़ता | चाहे बुध का साथ न मिले, स्त्री को कष्ट हो मगर धन गुम न होगा | सक्षेप में कहे तो

लल्लू करे कवालियाँ, रब सिद्धियाँ पावे | इसका मतलब है कि लल्लू यानि एक बेफकूफ आदमी बिना सोचे समझे काम कर रहा है लेकिन भगवान् फिर भी उसे नेक फल देता होगा | अगर रोजी अक्ल के हिसाब से होती तो नादान या बेफकूफ तो भूखा ही मर जाता |  यह  सब तो किस्मत का खेल है | शुक्र खाना नंबर 6  में नीच होना टेवे वाले के लिए मंदा नहीं होता | यानि इस ग्रह का दुनिया से सम्बन्ध होना, न होना विशेष फर्क नहीं होता | दुनिया का आशिक न हो तो दुनिया का त्यागी जरूर होगा | विराग से नहीं बल्कि अक्ल की कमी से | कृपा न करने की आदत और स्वाभाव का बदल जाने वाला होगा |

गरीबों की मदद करेगा और उनको रूपया पैसा खिलाएगा | बुद्धि के उल्ट कई काम करेगा | अपने घर का फायदा न पाएगा | स्त्री, परस्त्री या स्त्री सुख न होगा | आखिरी आयु में आराम होगा जिसके लिए चंद्र का उपाय सहायक होगा |

नेक  हालत में

हर काम के लिए तैयार और काम में लगा रहने वाला | काम बीच में न छोड़ेगा और पूरा करेगा | मगर भाग्य का ऐसा चककर कि इन्तजार करते करते समय निकल गया और अंत में वस्ल (मिलन-सम्भोग ) की रात और आशा का फल निक्कमा ही मिला | संतान के लिए नीच फल, वही फल जो शुक्र नंबर 2 का लिखा है |

1) जब नंबर 2-8 से मंदा असर शुक्र में शामिल हो जाए या इन घरो में शुक्र के शत्रु सूर्य, चंद्र, राहु हो या 2, 8 वैसे ही मंदे हो तो शुक्र का प्रभाव उल्ट जाएगा यानि अब शुक्र खाना नंबर 6 के बजाए नंबर 12 का नेक फल देगा | लकिन राजदरबार का फल नहीं बदलेगा |

2) चंद्र कायम तो शुक्र नेक फल देगा |

3) मंगल साथ-साथी हो तो उत्तम जीवन होगा | मगर शुक्र का जाति प्रभाव राहु-केतु की हालत पर होगा |

4) जब सूर्य या गुरु नंबर 2 से शुक्र को देखे या नंबर 6 में शुक्र के साथ हो या शुक्र की दृष्टि में खाना नंबर 12 में कोई भी ग्रह हो तो टेवे वाले या उसके पिता की धन दौलत माली हालत अच्छी होगी |

5) जब सूर्य या गुरु या दोनों ही 6-2 साथ साथी हो तो खूब धनवान होगा | शुक्र तो कीमती हीरा होगा मगर संतान नालायक ही होगी | भाई बंधुओं गृहस्थी साथियों की बरकत और सहायता होगी | 7 भाई 3 बहने होंगी या फिर 7 लड़के 3 लड़कियां होंगी |         

6) शुक्र नंबर 6 वाले को चाहे स्त्री चाहे पुरुष ऐसी स्त्री/पुरुष से शादी न करे जो अकेली बहन/भाई हो | मंगल का साथ होने शुभ होगा यानि उसका भाई हो तो शुक्र मंदा फल न देगा |

7) शुक्र के मित्र ग्रह शनि, बुध, केतु शुक्र के मंदे फल आने से पहले स्वयं अपना मंदा असर देंगे या शुक्र के शत्रु ग्रह सूर्य, चंद्र, राहु अपनी मंदी हालत जाहिर करेंगे | शनि (मकान, मशीन), बुध (बहन, बुआ, लड़की) केतु (पुत्र संतान, हड्डियों के जोड़, रीढ़ की हड्डी, पेशाब की तकलीफ आदि) से शुरू होगी | उसके जद्दी मकान में बुध की चीजे जैसे गोल बड़े बड़े मिटटी या धातु के बर्तन या शनि की चीजे लोहे का बक्सा तह जमीन में दबे हुए होंगे | फैसला बुध की हालत तथा बुध को शनि की मदद पर होगा | राहु, केतु शरारत की खबर सबसे पहले देंगे मगर आखिरी परिणाम मंगल बना देगा | यानि शुक्र के असर का फैसला उसके सहायक, साथी, साथ वाले ग्रहो से होगा

मंदी हालत में

1) जब 6-7 में मंगल और गुरु के अलावा कोई ग्रह हो तो शुक्र और साथी ग्रह दोनों बर्बाद, मंदे होंगे | ठोस चाँदी घर में रखना शुभ होगा |

2) जब नंबर 2 खाली हो या सूर्य नंबर 6 में हो और 2 खाली हो तो शुक्र मंदा असर करेगा | औलाद हर तरफ से मंदी | पिता बचपन में ही चल दे | स्त्री का फल (संतान आदि) 28 साल के बाद उत्तम होगा |

3) जब बुध खाना नंबर 5 में मंदा हो कर बैठा हो तो स्त्री जिस तरह शान से रखी धन के महल बने वरना नीच धन होगा कुलक्ष्मी | खाना नंबर 3-4-7-9 के ग्रहों का मंदा हाल होगा | बुध नंबर 1 में आने पर ठीक होगा | नंबर 10 का ग्रह मदद देगा | 

4) जब नीच केतु भी साथ हो और गुरु 12 में हो सब ही ग्रहों का मंदा फल होगा | चाहे सूर्य, चंद्र, गुरु सब ही की सहायता हो जाए |

5) अगर खाना नंबर 2 से शुक्र को उसका शत्रु राहु देखे तो पहली स्त्री मर जाए | राहु के समय तक शत्रुओं से कष्ट हो |

6) जब बुध खाना नंबर 5 के अलावा कई ओर मंदा हो तो सेहत मंदी होगी | नीचे लिखे सब ही खानो का प्रभाव मंदा बल्कि बरबाद हो जाएगा | मगर अगर खाना नंबर 1 में कोई ग्रह हो तो वो सहायता देगा | या बुध के खाना नंबर 1 में आने पर मंदा समय दूर होगा |

खाना नंबर 9 बड़ो का खानदान
नंबर 3 भाई बंधू
नंबर 4 माता और माता खानदान
नंबर 6 मामा
नंबर 7 स्त्री लक्ष्मी
नंबर 10 पिता की आयु
नंबर 11 आय, आमदन
नंबर 12 रात का सुख, आराम

7) जब बुध नंबर 8 में हो तो शुक्र का फल मंदा ही होगा और नर संतान की कमी होगी |

8) जब शनि मंदा हो तो धन दौलत दिन प्रतिदिन घटता जाए |

9) केतु मंदा या साथ साथी हो तो गन्दी नाली (काम सेक्स की नाली), औरत बाँझ और मर्द ख़ुसरा हो, नर संतान न होगी पर लड़कियों के टोकरे भरे रहेंगे | अक्ल की कमी पर रिजक की कमी न होगी | त्यागी होगा | पराई और मंदी स्त्रियां गले पड़ेंगी और बर्बादी का बहाना होंगी |

10) शुक्र नंबर 6 वाले स्त्री या पुरुष से नर संतान पैदा करने के सम्बन्ध में कोई बीमारी न होगी लकिन उसकी गुप्त अंग की जिल्द में नुक्स होगा और वहां फालतू कीड़े पैदा होंगे खासकर जब संतान पैदा न की जाए |

उपाय : संतान की मंदी हालत यानि पैदा न होना या पैदा हो कर मर जाना या सिर्फ लड़किओं का पैदा होना तो ऐसे समय में मर्द चाहे स्त्री गुप्त अंगो की सफाई के लिए मंगल की चीजे जिससे कीड़े मर जाते हो डाक्टर की सलाह लेकर प्रयोग करे | जैसे लाल दवाई या सौंफ का उबला रस किसी और दवाइयों में मिलाकर धोने ले लिए बनाया पानी इस्तेमाल करे जिसका रंग लाल (मंगल) हो |

11) शुक्र की दृष्टि खाली या बर्बाद हो तो घर की नम्बरदारी से सब को सूखे तालाब में भी डुबो देगा | खासकर जब स्त्री के लिए मुँह से प्रशंसा या इश्क में फर्जी पुल बनते हो |

12) जब शुक्र मंदा या सोया हुआ हो तो नर संतान जब भी हो दूसरा बच्चा 12 साल बाद होगा |

13) जब सूर्य और गुरु खाना नंबर 7 से 12 में हो तो धन बर्बाद, शुक्र का हर तरफ से मंदा फल होगा | मंदे  समय की आहट और शरारत पहले पापी ग्रहों द्वारा जाहिर होगी और आखिर में मंगल परिणाम देगा | पापी ग्रहों से मतलब है पापी ग्रहों से सम्बंधित रिश्तेदार, कारोबार आदि |

14) जब कोई मंदा ग्रह खाना नंबर 1 यानि तख़्त पर आता है तो टेवे की विष को धो देता है | शुक्र स्वयं भी बुरा न होगा | साथ वाले ग्रह का बुरा प्रभाव होगा | स्त्री का नंगे पैर चलना संतान की कमी देगा | शुक्र नंबर 6 का फैसला बुध की हालत (बुध को शनि की सहायता) पर होगा | स्त्री के सर पर सोना कायम करना धन और लक्ष्मी की बरकत देगा | गुप्तांग को दही से धोना उत्तम फल देगा | शादी के समय अगर माता पिता होने वाले जवाई या बहु को जिसका शुक्र नंबर 6 में है खालिस सोने के दो टुकड़े (वजन की शर्त नहीं पर बराबर हो) संकल्प कर के दे तो सारी आयु संतान के सम्बन्ध में सहायक होंगे |

15) खाना नंबर 7 में शुक्र के शत्रु ग्रह हो या कोई दो ऐसे ग्रह बैठे हो जो आपस में शत्रु हो तो जो भी काम करे मंदा परिणाम हो | अक्ल ख़राब होगी | गुरु, सूर्य, चंद्र तीनो ही का मंदा फल होगा | या तीनो ही ग्रह सोये हुए जैसे हो और तीनो ही ग्रहों की सम्बंधित चीजों से कोई फायदा और साथ न होगा |

S Kuber RA
Jyotish Acharaya 
Vedic & Lal Kitab Astrologer
Lal Kitab Vastu Consultant      

लाल किताब शुक्र खाना नंबर 5


लाल किताब 

शुक्र खाना नंबर 5  



बच्चो से भरा परिवार

ज़माने की माताएँ औरत जो तेरी |
नस्ल तेरे बच्चो की तुझे कौन देगी |

आग जली (सूर्य का घर) न मिटटी (शुक्र) उड़े, पर उड़ेगी जिस दम वो,
जो ग्रह पहले नौवें बैठा अँधा-काना हो |

(सिवाय सूर्य नंबर 1 और गुरु नंबर 9 के)


नेक हालत में

बच्चो के परिवार से भरी हुए स्त्री जिस के बैठे (या शुक्र की चीजे कायम रहते) रिजक कभी बंद नहीं होगा |

1) ऐश तथा परिवार के प्यार वाला और देश भक्ति का परवाना हो | अगर सूफी जीवन बिताए तो भवसागर से पार होगा लेकिन यदि आशिक दुनिया हुआ तो वृक्ष में अड़ी पतंग (शुक्र) की तरह का भाग्य होगा |  बल्कि एक को क्या रोते यहाँ तो कबीला ही मंदा हो गया | टेवे वाले के चालचलन ही उसके भाग्य-माली हालत की नींव होगा | स्त्री और संतान पर मंदा प्रभाव न होगा |

2) जब शुक्र के मित्र ग्रह बुध, शनि, केतु कायम हो यानि यह कुंडली में नेक हो और इन ग्रहों में इनके शत्रु ग्रहों का असर न मिल रहा हो तो सूफी धर्मात्मा होगा और भवसागर से पार कराने वाली गऊ माता की तरह उत्तम लक्ष्मी और कुल (परिवार) को तारने वाली स्त्री होगी |

3) जब नर ग्रह कायम हो या साथ-साथी तो माया, धन बढ़ता होगा | परिवार और देश से प्यार करने वाला होगा | शुभ असर होगा |

4) जब बुध या पापी 1/7 में हो तो खाना नंबर 1 और खाना नंबर 9 (दृष्टि वाला घर) में बैठे ग्रह से सम्बंधित रिश्तेदार शुक्र से धन की बरकत पाएँगे या टेवे वाले को उस ग्रह से सम्बंधित कारोबार दौलत की बरकत देंगे |  मसलन खाना नंबर 9 में शनि हो तो उसेक चाचा (शनि) धन की बरकत पाए और टेवे वाले को शनि के काम जैसे मशीनरी, मकान बनाना, लोहे, लकड़ी के काम आदि |

5) जब सूर्य नंबर 1, मंगल 3 में हो तो हर तरह की बरकत होगी |

मंदी हालत में

1) जब शुक्र कुंडली में मंदा हो या टेवे वाला उसे खुद ही मंदा कर ले तो अपना मंदा चाल चलन शनि करवाता रहे | भाग्य रिजक मंदा होगा पर स्त्री और संतान मंदे न होंगे | खाना नंबर 1 और 9 में बैठे ग्रह से सम्बंधित रिश्तेदार (सिवाय खाना नंबर 1 के सूर्य और खाना नंबर 9 के गुरु के) जैसे राहु हो तो ससुराल, मंगल हो तो बड़ा भाई या ताया आदि अँधा या काना हो | टेवे वाले को उस ग्रह से सम्बंधित कारोबार बरबादी का बहाना होंगे |  |  

2) जब शुक्र के दुश्मन ग्रह सूर्य, चंद्र, राहु खाना नंबर 1/7 में हो तो खाना नंबर 12 जलता होगा चाहे नंबर 3 और 8 अच्छे ही हो | टेवे वाले पर मंदा प्रभाव न होगा | मगर साथिओं पर शुक्र अब वृक्ष में फसी पतंग की तरह लिपटा हुआ भाग्य की हानि देखता होगा | चंद्र उसे पतंग की डोर की तरह काम देगा | इश्क सांसारिक कामयाब होगा | देश प्रेमी भी होगा |

3) शुक्र की दृष्टि में कोई ग्रह न हो तो शुक्र (स्त्री) चोर हो | शुक्र से सम्बंधित कारोबार अच्छे न होंगे | चोरी गया माल शायद ही वापिस मिले | ऐसे टेवे वाली की केवल स्त्री ही ऐसी न होगी बल्कि वहाँ तो आवा ही उत गया हो | आवा यानि ईंट पकाने का भट्ठा, उत जाना मतलब नष्ट हो जाना यानि समूर्ण तंत्र का नष्ट हो जाना | यानि सब ही एक जैसे होंगे | दिन को ज्ञान, रात को इश्क स्नान | धर्म सिर्फ एक धोखे का ही पर्दा बनाया गया है, के विचार का स्वामी होगा |

4) टेवे वाला जब स्त्री के सौंदर्य से मोहित हो कर, आशिकी प्रेम में पड कर और माता पिता के विरुद्ध जा कर विवाह करे तो उसकी औलाद उसे बाप न कहेगी या बाप न मानेगी | औलाद बाद में काम न आएगी | इसलिए अच्छा यही होगा की माता-पिता की सम्मति से ही विवाह करे |

5) जब कुंडली में चंद्र मंदा हो तो चंद्र का मंदा असर शुक्र पर होगा | मंदी पतंग (शुक्र) के लिए चंद्र डोर का काम देगा | चालचलन नेक रखने के लिए चंद्र का उपाय मददगार होगा |

6) जब शुक्र के साथ उसके शत्रु ग्रह बैठ जाए तो भी शुक्र का फल ख़राब न होगा |

7) गऊ और माता की सेवा करने, साफ़ पवित्र दिल रखने से घर-बार और धन-दौलत की बरकत होगी | लेकिन जब चालचलन मंदा और दूसरी स्त्रियों से शारीरिक सम्बन्ध बनाए, नाजायज बच्चे पैदा करता हो तो स्वयं और उसकी स्त्री दोनों ही दुखी और जल कर बर्बाद होंगे |

उपाय: सेहत के सम्बन्ध में शुक्र की जगह पर (गुप्तांग) चाहे मर्द, चाहे स्त्री दूध / दही से धोते रहना शुक्र की उड़ती हुए मिटटी (दुनियावी अफवाह) से बचाव होगा | गुप्तांग साफ़ रखना मददगार होगा | गृहस्थी परिवार माया की बरकत होगी |

S Kuber RA
Jyotish Acharaya 
Vedic & Lal Kitab Astrologer
Lal Kitab Vastu Consultant       

Monday, 24 September 2018

लाल किताब शुक्र खाना नंबर 4


लाल किताब 

शुक्र खाना नंबर 4  


नुक्स चार अपना इश्क औरतो का |
चश्म पोशी (evil eye) करते भी लानत ही देखा |

पहली ही स्त्री से यदि मर्द पूरी तरह दो बार शादी करले तो खाना नंबर 4 के शुक्र की दो स्त्री की शर्त न रहेगी | संतान जल्दी हो मगर अब स्त्री की सेहत खासकर गर्भाशय बरबाद होती हो | ऐसे समय मंगल की चीजे काम रिश्तेदार जो मंगल से सम्बंधित हो से शुक्र को मदद मिलेगी | घर की सबसे पुरानी दहलीज मंदे समय सहायक होगी |

नेक हालत में

जमीन पर सफर सदा होता रहेगा जो नेक हालत और उत्तम परिणाम देगा | शादी के चार साल बाद खूब आराम मिले (शुक्र खाना नंबर 4) | बाग़ लगाने का मौका मिले | उसके भाग्य की कलम गुरु के हाथ होगी जब तक गुरु का शनि से सम्बन्ध न हो | वर्ना बुध से फैसला होगा | मर्द के लिए उसकी स्त्री के भाग्य की सहायता साथ न होगी मगर वह स्वयं ऐश करेगी | दोस्ती या मुलाकात की शक्ति, ऐब पर पर्दा, खूबी पर नजर डालने की शक्ति |  उल्फत, प्यार और प्यार के बाद का गलवा के तीनो हिस्सों का स्वामी जहाँ दिल और आँख मिले मिलाते है | एक चारपाई पर दो अतिथि या एक अतिथि के लिए दो चारपाई जरूर होंगी मगर आराम करने की जगह या निवाड (चारपाई की रस्सी) सदा भीगी ही रहेगी या सब होते हुए माया बरबाद संतान की कमी होगी | ऐसे समय चंद्र का उपाय सहायता देगा वर्ना कुएँ में गुरु की चीजे गिराना सहायक होगा | चिकड़ी तालाब छत पर लगाएं |           

अगर शुक्र के खाना नंबर 2, 7 खाली हो और शुक्र किसी दूसरे का साथी ग्रह न बन रहा हो तो स्त्रियाँ एक ही समय में दो जीवित होंगी | एक बूढी माँ (चंद्र का घर) की तरह बड़ी आयु की और दूसरी ऐशो आराम की मालिक हरफनमौला समय की बेगम होगी | मगर संतान की फिर भी कमी होगी या निसंतान होगी |

शुक्र चौथे जब पानी आया, स्त्री हुआ विराग |
एक से दो भी हुई, पर बुझी न उसकी आग |

मंदी हालत में
   
पत्थर (शनि) भी रेत (बुध) हो गए अगर, तो रेत उड़ता होगा |
औरत की हो आजादी (बदमाश), बुध, केतु मंदा होगा 

1) इस घर में शुक्र से मतलब यह होगा कि सुंदरता जवानी के बाजार में बिकने लगी |

2) बंद कुओं या कुएं पर छत डाल कर मकान बनाने से पूरी लावल्दी का सबूत होगा | प्यार महोब्बत मंदे अर्थो में बरबादी के लिए दीमक से कम न होगा | ऐब पर पर्दा, खूबी पर नजर डालना सहायक होगा | मकान की छत की अच्छी हालत स्त्री की सेहत में सहायता देगी | शुक्र और चंद्र जब दोनों मंदे हो तो आड़ू की गिट्टक में सुरमा भर कर बाहर दबाना सहायक होगा | 22-24-25-32-34-47-51-60 साल आयु अशुभ होगी |

3) शुक्र अकेला और 2,7 खाली हो तो नुक्स अपना इश्क औरतो का, चश्मपोशी करना व लानत ही देगा |

4) शनि और गुरु एक साथ न हो तो स्त्री भाग अच्छा या बुरा गुरु पर निर्भर करेगा |

5) जब शनि साथ हो तो नशे से बर्बाद होगा | बुध की चीजे और काम बहाना होंगे | शुक्र और चंद्र को मिलाने वाली नशे की रेखा | 

6) जब चंद्र साथ हो तो गरीब मगर भगवान् की मदद जरूर होगी तथा उत्तम |

7) गुरु नंबर 1 में हो तो चंद्र (सास) और शुक्र (बहु) की लड़ाई, मामा बर्बाद, और ख़राब हालत की नींव स्वयं चंद्र पर होगी |      

8) शनि मंदा हो तो प्यार (मंदे अर्थो में) तबाही का कारण होगा और संतान की कमी होगी |

9) जब चंद्र मंदा हो और बुध नंबर 6 में हो तो शुक्र मंदा फल देगा और लड़कियां बर्बादी का कारण होंगी | उसकी स्त्री टेवे वाले के खानदान के लिए मंदी अशुभ होगी |

10) मंगल, बुध, पापी ग्रहों में से कोई भी अपने दूसरे दौरे के अनुसार खाना नंबर 1 में आए या शुक्र का साथ साथी हो जाए तो संतान की कमी दूर होगी |

S Kuber RA
Jyotish Acharaya 
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लाल किताब शुक्र खाना नंबर 3

लाल किताब 

शुक्र खाना नंबर 3


बुरा क्योँ जो इज्जत तू औरत की करता |
वक्त पर है तेरे जो स्वयं मर्द बनता |

शुक्र नंबर 3 वाले पर कोई न कोई स्त्री मरती ही होती है पर अपनी स्त्री गाय की जगह अब बैल और शेर स्वाभाव (खूंखार तंग करने वाली होगी मगर होंसले वाली होगी) बुरी स्त्री भी लाभ देगी |

नेक हालत में

1) चाहे वह मुनष्य हर स्त्री का प्यारा होगा, इश्क का परवाना, मगर उसके स्वयं के लिए अपनी स्त्री का मान करना शुक्र नेक की नींव होगी | अब शुक्र गाय की जगह बैल की हैसियत का होगा यानि अपनी स्वयं की स्त्री मामूली हैसियत होने के बजाय टेवे वाले के सगे भाई की तरह का पुरुष हिम्मत सहायक होगी | ऐसी स्त्री चाहे दूसरों के लिए भयानक पशु (शेर जैसी) हो मगर अपने मर्द के लिए कायर या खुशामद पसंद ही होगी जिसके बैठे मृत्यु का देवता और चोरी सभी घटनाओं से बचाव होता रहेगा | प्यार या माता-पिता के प्यार का स्वामी होगा | 1 से 15 साल आयु का प्यार या माता पिता का प्यार, अगर पकडे ही गए तो प्यार से घृणा क्यों और सामने आती हुए थाली पर इंकार न होगी, के स्वाभाव का स्वामी होगा | पराई स्त्री और बुरी स्त्री और बुरे पुरुष भी फायदा और सहायता देंगे |
     
संक्षेप में कहे तो शुक्र नंबर 3 वाले पर कोई न कोई स्त्री मोहित ही होती है | उदहारण के लिए, ऐसा प्राणी सड़क के किनारे जा रहा था तो पीछे से आवाज आई कि ऐ मुसाफिर मै भी तो तेरी साथिन हूँ | अभी कुछ ही दिन हुए थे जब विवाह हुआ था और में आपको ढूंढ रही थी के आप कहाँ है |  टेवे वाला बेचारा हैरान परेशान होकर कांपती आवाज में बोला कि मेरी पत्नी तो घर पर है, आप कौन ? बातो ही बातो में वो स्त्री गले ही पड़ गयी और टेवे वाला बेचारा इसी शक में रहा कि उसकी असल स्त्री कौन सी है ? बेचारा उसकी हाँ में हाँ मिलता हुआ समय गुजारता चला गया | ऐसी मजबूरी की वजह से उसको अपनी असल स्त्री से दब कर ही रहना पड़ा |  

2) जब केतु उत्तम हो तो उसके घर में स्त्रियों की अमूमन कदर होगी और स्त्रियां पतिव्रता होगी और उनके रहते कभी चोरी न होगी |

3) शनि अगर खाना नंबर 9 में हो तो माता पिता का सुख सागर लम्बा होगा |

4) जब मित्र ग्रह शनि, बुध, केतु या मंगल 2/7 में हो और बुध नेक भी हो तो मिटटी की लकीर की तरह बहुत कम हालत की मिटटी की बेजान चीजे भी बोलती हुई सीता पतिव्रता की तरह उत्तम फल देंगी | शुक्र अब चंद्र का भी उत्तम फल देगा | मुफ्त की रोटी या गुजारा आसानी से होता होगा | 20 साला तीर्थ यात्रा का शुभ उत्तम फल होगा | माता पिता का सुख लम्बा होगा |

5) अगर खाना नंबर 8 मंदा न हो  और चंद्र उत्तम हो तो मिटटी की हालत में भी तालाब की ऐसी मिटटी होगी जो पशुओं के पेट की बीमारियाँ दूर करने के लिए उसके हाथ से ली हुई शुभ होगी | शुक्र अब गुरु और सूर्य से भी उत्तम फल देगा | बुध, केतु अब चंद्र का असर शुक्र में पैदा होने पर भी शुक्र से शत्रुता न करेंगे |  खाना नंबर 8 के बुरे ग्रह का मंदा प्रभाव नेक करके मौत का मुँह तोड़ देगा |

मंदी हालत में

1) गुरु नंबर 9 में हो तो खुद शुक्र का विषैला प्रभाव होगा, मंदा स्वास्थ्य बल्कि सारी कुल की ही मंदी सेहत और दुखिया, हर ओर बीमारी जहमत |

2) बुध 11 में हो तो शुक्र स्वयं बर्बाद होगा | 34 साल आयु तक चाहे लाख कितने धन, महल, गाड़ियाँ हो, सुख की नींद नसीब न होगी | धन हर रोज घटता ही जाएगा |

3) खाना नंबर 9,11 के ग्रह बर्बाद न होंगे  | अगर वहाँ शुक्र के शत्रु हो तो शुक्र खुद बर्बाद होगा |

4) शुक्र का सम्बन्ध अगर मंगल बद से हो तो लखपति होते हुए भी अपने पेट के लिए अनाज की कीमत के बराबर मेहनत किए बगैर रोटी न पाएगा | 

5) जब बुध और मंगल दोनों मंदे हो तो शुक्र नंबर 3 का मंदा असर सिर्फ धन पर होगा | औरत का हाल टेवे वाले के अपने लिए बर्ताव के सम्बन्ध में उम्दा न होगा | गुरु (16), चंद्र (24), बुध (34) साल उम्र तक के भाग्य का असर मंदा हो | लडकियों  (बुध) स्त्रियों (शुक्र) का मंदा हाल और भाई बंधुओं के हाथो से धन हानि आम होगी | लड़किओं के हाथो और सम्बन्ध से धन बर्बाद होगा और अपने बनाए मकानों का सुख न होगा और न ही पिता (गुरु) की जायदाद या उनका सोना जातक के काम आएगा | पिता की तरफ से बुध की चीजे (लम्बी किताबो की लायब्रेरी), संगीत के सामान जो बुलंद आवाज से दुसरो के कान फाड् दे, अमूमन बाकी मिलेंगे |

S Kuber RA
Jyotish Acharaya 
Vedic & Lal Kitab Astrologer
Lal Kitab Vastu Consultant  

Sunday, 23 September 2018

लाल किताब शुक्र खाना नंबर 2


लाल किताब 

शुक्र खाना नंबर 2 

मोह माया का उत्तम गृहस्थ | मालिक (ईश्वर) से माँगना ही तेरी कमी पूरी कर देगा

बने माया तेरी पशु जो मिटटी |
तू फिर माँगता क्योँ सोने की हड्डी |

नेक हालत में

मिन्नतकश गैर हरगिज़ न होगा, खुदा का ही अमूमन अहसान होगा |

1) जूती खोर साधु वह बिल्कुल न होगा, गृहस्थी न हो चाहे गुरु जगत हो | कभी खाली धन न वह बच्चो से होगा | वक्त 60 साल जर और धन का होगा | अपना रिजक धन और ससुराल की धर्म अवस्था सदा नेक होगी | दुनियावी तथा खुदाई दोनों के प्यार का स्वामी होगा |  

2) नंबर 2 में कोई भी नीच नहीं होता  बल्कि इस घर का मालिक शुक्र (मिटटी या स्त्री) जो पहाड़ पर सफ़ेद झंडा लहराए हुए लड़ाई में सुलह करा लेता है | हर एक बीज की रक्षा करता है | शुक्र की इस अच्छाई के लिए उसे लक्ष्मी का अवतार माना है | अपनी गृहस्थी स्त्री सम्बन्ध नेक और उत्तम होगा |

3) एक के बाद शादी की इच्छा, विचार | इश्क के बाद का गलवा जो 37 से 70/72 साल की आयु तक लहरें मारता होगा | बूढी स्त्री की तरह उल्फत (प्यार से पहले का समय) और प्यार के बाद का गलवा या सिवाए प्यार वह  कामदेव की शक्ति के बाकी दोनों भागो का मालिक यानि भूख तो बहुत अधिक मगर हाजमा कम हो जिससे कै (उलटी) करते करते घर ही भर दिया | स्त्री सिवाय औलाद बनाने के बाकी सब में उत्तम होगी | जानो जानदारों का उत्तम फल होगा | चाहे बीमारी के झगडे का कोई हिसाब न हो मगर रिजक कभी ख़राब न होगा | बल्कि दिन दोगुना रात चौगना का हिसाब होगा या गाय या शुक्र की देवी अब गुरु स्थान और अपने असली सँसार में गऊ घाट में अपने ठीक स्थान तथा आराम करने की जगह पर होगी | जिससे बाल बच्चो की बरकत, शादियों के नेक नतीजे, गृहस्थ सुख की वृद्धि और शुक्र का असली नेक फल होगा | जाती कमाई शुरू करने के दिन से कम से कम 60 साल धन (शनि) आएगा | उसकी बाहर की चाल सुफिओं की से ( गुरु जैसी) मगर अंदर की प्यार (शुक्र) भरी होगी यानि नौं सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली यानि बगुला भगत होगा | उसके लिए बुराई करना अपने लिए ही बुरा होगा | चाल चलन को संभालना हर नेक नतीजे की नींव होगा | आयु लम्बी और शत्रु दबे रहेंगे |

4) शनि अब टेवे में कहीं भी हो वो शुक्र के लिए शनि नंबर 9 का दिया शुभ फल देगा चाहे बैठा होने वाले घर का फल खराब ही कर दे | गृहस्थ सदा भला ही होगा |

5) गुरु, केतु और बुध का उत्तम फल होगा और शनि का फल भी शुभ ही होगा | धन का उत्तम भाग्य अपने माथे पर होगा | घर बार राजाओं की भांति होगा |

6) जब उसका घर गऊ घाट यानि घर का अगला हिस्सा गऊ मुख की तरह तंग और पिछला हिस्सा गऊ मुख की तरह चोडा खुला हुआ तो बाकी पाँच बचने वाले मकान भाग्य वाला होगा यानि उसके नाम पर इस जीवन में पाँच प्रॉपर्टी / मकान बनेंगी |

7) अपने भाई तथा लड़के का भाग्य तथा दूसरे सम्बन्ध का हाल गुरु की हालत पर होगा |

8) गुरु अगर 6/12 में हो तो भाई बन्दों की बरकत और साँसारिक सहायता होगी |

9) जब गुरु भी नंबर 2 में शुक्र के साथ हो और मंगल कुंडली में नष्ट हो तो प्यार में दर्जा कमाल और प्यार में कामयाब होगा |

10) शनि शुक्र के साथ 2 में हो या खाना नंबर 9 में बैठ कर नंबर 2 के शुक्र को मानसून से भरे बादल भेजता हो तो शुक्र स्वयं जागता और शनि स्वयं अपना खाना नंबर 9 की तरह प्रभाव देगा | लकिन शनि अगर हो ही खाना नंबर 9 में तो बहुत ही उम्दा और नेक फल होगा | शुक्र का दो गुणा नेक प्रभाव होगा | हर दो इश्क हकीकी (सच्ची), संसार में कामयाब, स्वयं कमाई शुरू करने के दिन से 60 साल तक उत्तम कमाई का होगा | पशुओं, कच्ची मिटटी आदि (शुक्र) के कामो से रिजक, संतान बढ़ता होगा |

मंदी हालत में

शेर दहाना (शेर मुखी) हो घर उसका, या काम करे सोने (गुरु) का |
ग्रहण लगा जब कभी टेवे, मिटटी फल होव किस्मत का |

शेर मुखी मकान: गऊ मुखी के विपरीत यानि आगे से चोडा और पीछे से तंग
ग्रहण : सूर्य-राहु इक्कट्ठे या चंद्र-केतु इक्कट्ठे

1) स्त्री के टेवे में शुक्र नंबर 2 का मतलब होगा कि उसका मर्द संतान पैदा न कर सके और मर्द के टेवे में का मतलब उसकी स्त्री (बाँझ) | इसका मतलब यह नहीं कि उसमे कामदेव की शक्ति (बुध की शक्ति) न होगी मगर संतान पैदा करने की शक्ति न होगी | फर्टिलिटी प्रॉब्लम होगी |

2) जब नंबर में शुक्र पाप ग्रहों (राहु-केतु) के साथ या मंदे शनि के साथ हो तो चाहे अपनी संतान हो मगर फिर भी किसी दूसरे का लड़का बिना गोद लिए ही अपना लड़का बन बैठे |

3) जब खाना नंबर 9/12 मंदे हो तो स्त्री दुखी करे चाहे रिजक का योग कितना ही अच्छा हो |

4) जब गुरु के घरों में (2-5-9-12) में राहु-केतु हो तो किसी पतिहीन स्त्री की बतौर फर्ज, जिम्मेदारी लेनी पड़े और कोई आवारा प्रेमिका या बाजारू औरत बर्बादी का बहाना होगी | वीर्य का कतरा आवारा गिरते ही टेवे वाले को मिटटी की तरह उड़ा कर रख देगा |

5) जब खाना 8 खाली हो तो स्त्री पुरुष स्वयं बच्चा न बना सकेंगे और न ही उसके काबिल होंगे | मगर सुन्दर अच्छा साफ़ सुथरे रहने वाले होंगे | धन घटे और मंदी हालत | स्त्री बाँझ होगी |

6) गुरु खाना नंबर 8-9-10 में हो तो संतान शादी में गड़बड़ | स्वयं कमाई करने के योग वाली स्त्री संतान को जन्म देने और गृहस्थी योग में मंदा फल ही देगी | अगर नेकी पर ओर ठीक चले तो जीवन आराम से भरा होगा |

उपाय: ऐसा प्राणी चाहे स्त्री चाहे पुरुष के खून या वीर्य में कमी, संतान की बीमारियाँ हो मगर पेशाब की नाली में चाहे पुरुष चाहे स्त्री शायद ही कमी या खराबी होगी | इसलिए खून में संतान पैदा करने की दवाइयाँ (खुराक के तौर पर) जिनमे  मंगल की चीजे शामिल हो अगर आवश्यकता पड़े तो सहायक होंगी |

केवल ईश्वर के आगे हाथ फैलाने से सच्ची और अच्छी इच्छा पूरी होगी |

S Kuber RA
Jyotish Acharaya 
Vedic & Lal Kitab Astrologer
Lal Kitab Vastu Consultant               
 
                         

Friday, 21 September 2018

लाल किताब शुक्र खाना नंबर 1

लाल किताब 

शुक्र खाना नंबर 1 


काग तथा मच्छ रेखा की रंग बिरंगी माया (गरीबी-अमीरी)


यदि धर्म दुनिया न स्त्री में बिकता |
कोई लेख विधाता मंदा न लिखता |

नेक हालत में

1) धर्महीन हो जाए तो बेशक, इश्क में मजहब का फर्क समझे या न समझे मगर उसका राजदरबार कभी मंदा न हो | शुक्र आम प्रभाव के लिए एक ओर की चाल का स्वामी होगा यानि जिस पर कृपा दृष्टि हो जाए उसके लिए प्राण तक न्योछावर कर दे और जिसके विरुद्ध हो जाए उसकी मिटटी तक उड़ा कर रख दे | शुभ हो तो मच्छ रेखा यानि सब सुख औलाद आदि और यदि अशुभ हो तो काग रेखा यानि शुक्र सिर्फ एक ही आँख से देखता या काना होगा | हर घर में शनि की हालत उसकी (शुक्र की) नजर होगी | फिर भी सवारी का सुख और चौपाया का आराम साथ होगा |   

2) धर्म की नेक तथा बद हालत का फैसला खाना नंबर 8 के ग्रहों और गुरु की हालत पर होगा |

3) इश्कबाजी और (शनि से सम्बंधित)  इश्क जवानी 16 से 36 की आयु में उठती जवानी के समय स्त्री जाति का,  परस्त्री (अपनी धर्म पत्नी नहीं) की सुंदरता की रंग बिरंगी दिल को अच्छी लगने वाली कहानी के ऊँचे पुल बाँध लेगा | ख़ुदपसन्दी, जाति घमण्ड और कामदेव की आग में जलते हुए चलता होगा जिसकी वजह से दिल और दिमाग पर काबू ही न रहा | और आखिर में पराई स्त्री की खातिर ईमान तक बिकने लगा |    

4) स्त्री का प्रभाव (संतान और आराम) को थोड़ा हल्का सा खराब करे मगर प्यार को धर्म से घृणा नहीं | टेवे वाला धर्महीन, स्त्रियों के पीछे घूमने वाला, शुक्र बाहर से आशिकाना मगर अंदर से सूफियाना फल देगा | स्वाभाव फिर भी फटे खरबूजे की तरह होगा | स्त्री का स्वास्थ्य मंदा होगा, स्वयं ठीक होगा, अपने भाग्य के सम्बन्ध में भाग्यवान होगा | अपनी तथा बच्चो की हालत शारीरक शुभ होगी | अपने कार्यों के लिए दुसरो से सलाह ले कर काम करना ठीक होगा |

1) शनि जब जन्म कुंडली में अपने घर में उत्तम हो तो स्त्री कमाई शुरू होने से पहले ही घर आ जाएगी जो घर की मालिक और हर तरह से राज करेगी |

2) जब मंगल 6-7-12 में हो तो आयु पूरी 100 वर्ष | पुत्र, पौत्र आदि देखेगा |  

3) शनि अगर कुंडली में उच्च हो  या नंबर 7-10 खाली हो  (इन घरों में राहु, केतु, बुध, शनि हो खाली जैसा ही समझे) | अगर मंगल 6 से 12 में न हो तो 7-10 खाली होते हुए काग रेखा होगी | इसका मतलब यह है कि राहु-केतु 4 -10 में हो, बुध या शनि नंबर 7 हो और मंगल खाना नंबर 6 से 12 में हो | इस हालत में मच्छ रेखा का उत्तम प्रभाव होगा | विष्णु भगवान् की तरह दुसरो को पालने वाला | अगर घर में नौकरानी न रखे तो धन, माया के आने के रास्ते में पहाड़ खड़े होंगे | धन की थैली चाहे दिन भर भरती हो मगर शाम को खाली हो जाएगी |

4) जब बुध खाना नंबर 3 में या 6 में उच्च हो तो उत्तम दिमागी हालत होंगे और मुक़दमे का फैसला उसके हक में होगा | चंद्र का प्रभाव अमूमन बुरा न होगा |

मंदी हालत में

शनि शुक्र घर पहले बैठे काग रेखा कहलाती है |
मालिक चाहे हो तख़्त हजारी, मिटटी कर दिखलाती है |  

1) जवानी में इश्कबाजी, घर की नम्बरदारी (मुखिया होना, घर का धन आदि संभालना, दुसरो को रास्ता दिखाना) न सिर्फ अपनी बल्कि सम्बन्धिओं की भी तबाही का बहाना होगा |

2) शुक्र कुंडली में जब मंदा हो तो माता छोटी उम्र में चल दे | अगर जिन्दा रहे तो मरने से भी अधिक दुखिया हो | अच्छा यही होगा के माता टेवे वाले की स्त्री से दूर ही रहे ताकि दुखी न हो | लेकिन जब दोनों इक्कट्ठी रहे तो दोनों में से एक अंधी ही लेंगे | सूर्य कभी बुरा न होगा |

3) जब खाना नंबर 8-10 खाली न हो तो काग रेखा होगी खासकर जब शादी शुक्र की उम्र यानि 25 साल हो तो न धन रहे न स्त्री जिन्दा रहे |

4) जब राहु नंबर 7 में हो तो स्त्री की पागलपन की हालत, बीमार, गृहस्थ जलती मिटटी के समान हो | पकी हुई खेती आग लगी हुए की तरह गृहस्थ जीवन | स्त्री के टेवे में पुरुष की ओर से तलाक गिनते है | शादी के समय कन्यादान की ही तरह ससुराल से चाँदी संकल्प कर के ले तो खाना आबादी होगी |

5) बुध अगर मंदा हो तो संतान मंदी होगी |

6) सूर्य मंदा हो तो गृहस्थ मंदा होगा |

7) शनि मंदा हो तो साथी रिश्तेदार मंदा सम्बन्ध देंगे | शुक्र खाना नंबर 10 की तरह फल देगा | उसकी स्त्री ऐशोहसरत में सदा बहार फूल | स्त्री को आम तौर पर मासिक धर्म के बाद स्वस्थ गिनते है मगर ऐसे ग्रह वाली स्त्री मासिक धर्म के बिना ही संतान की शक्ति से भरपूर होगी और ऐसे फूल की तरह प्रिय होगी जोकि ऋतु के बिना ही हर समय अपनी बहार दे रहा हो | उस में सुंदरता, प्यार की लगन और मोह माया पूरा भरा हो | स्वयं ऐशीपट्ठा होगा | 

8) जब बुध, शनि,सूर्य तीनो मंदे हो तो हर और मौते ही मौते नजर आएगी | पूरा शुक्र का पतंग होगा यानि आशिकमिजाज और चाल चलन का ढीला | न सर्फ खुद बर्बाद होगा बल्कि दूसरे साथिओं को भी बर्बाद करने वाला होगा |

9) जब के शुक्र साथ या खाना नंबर 7 में उसके शत्रु ग्रह सूर्य, चंद्र, राहु हो और बुध मंदा (सिवाय नंबर 3 के) तो इश्क का परवाना, या दमा तपेदिक या बुखार के समय स्त्री भोग या किसी दूसरी स्त्री सम्बन्ध से बिगड़ा बुखार हो तो गौमूत्र तथा जौ की खुराक सहायक होगी | सरसो बहुत मिलते हुए अन्न कम से कम सात अनाज या चरी का दान सहायक होगा | पुरुष कन्यादान और स्त्री गोदान करे तो शुभ होगा |

10) जब सूर्य साथ, साथी या नंबर 7 में हो तो पराई ममता गले लगी रहे नहीं तो सात साल बीमार या आधा मुर्दा तो अवश्य होगा | स्वास्थ्य कोड़ी कोड़ी करके हार देगा | मर्ज बढ़ता गया ज्यों ज्यों दवा की, का हाल होगा | साथी ग्रह के सम्बंधित रिश्तेदार के साथ से स्वयं शुक्र और सम्बंधित साथी दोनों तंग होंगे |  

उपाय: दिल पर काबू, इश्क पर काबू किस्मत की मंदी चाल बदल देगी | दुसरो की सलाह सहायक होगी |

S Kuber RA
Jyotish Acharaya 
Vedic & Lal Kitab Astrologer
Lal Kitab Vastu Consultant              

Wednesday, 19 September 2018

लाल किताब शुक्र

लाल किताब 

शुक्र 


बदी ख़ुफ़िया तू जिससे दिन रात करता |
वक्त मंदा वही तेरे सिर पर पड़ता |

आम हालत

1) शुक्र के ग्रह को सांसारिक भाग्य से कोई सम्बन्ध नहीं | सिर्फ प्यार मोहबत की फालतू दो से एक ही आँख हो जाने की शक्ति शुक्र कहलाती है | सब ओर से बिगड़ी या सब की बिगड़ी बनाने वाला सब कुछ ढला ढलाव शुक्र होगा

2) स्त्री सम्बन्ध गृहस्थ आश्रम बाल बच्चो की बरकत और बड़े परिवार का 25 साला समय शुक्र का होगा | इस ग्रह में पाप करें करने कराने की नस्ल (राहु-केतु बनावटी शुक्र) का खून और गृहस्थी हालत में मिटटी और माया का वजूद है |

3) मर्द के टेवे शुक्र से अर्थ स्त्री और स्त्री के टेवे में उस का पति होगा | अकेला बैठा शुक्र टेवे वाले पर कभी बुरा प्रभाव न देगा और न ही ऐसे टेवे वाला गृहस्थी सम्बन्ध में किसी दूसरे का बुरा कर सकेगा |


शुक्र से बुध का ताल्लुक

जब दृष्टि के हिसाब से आमने सामने के घरों में बैठे हो (जो सिर्फ वर्षफल में ही हो सकता है) तो चमकती हुई  चांदनी रात में चकवे चकवी (पक्षी) की तरह अकेले अकेले होने का प्रभाव नीचे की तरह होगा

1) अगर बुध कुंडली में 1-2-3 की तरतीब हद 12 तक शुक्र से पहले बैठा हो तो इस तरह से दोनों के मिले हुए असर में केतु की नियत का उत्तम प्रभाव शामिल होगा | अगर शुक्र कुंडली में बुध से पहले बैठा हो तो इस तरह मिले हुए दोनों के असर में राहु की बुरी नियत का असर शामिल होगा |

2) दृष्टि वाले घरो में बैठा होने के समय शुक्र का प्रभाव प्रबल होगा | लेकिन जब बुध पहले घरों का हो और मंदा हो तो शुक्र में बुध का मंदा असर शामिल हो जाएगा जिसे शुक्र रोक नहीं सकता तथा गृहस्थ में मंदे परिणाम होंगे

(अ) जब अकेले अकेले बंद मुट्ठी के खानो से बाहर एक दूसरे से सातवे हो जैसे शुक्र नंबर 2 और बुध नंबर 8, शुक्र नंबर 3 और बुध नंबर 9, शुक्र नंबर 6 और बुध नंबर 12, शुक्र नंबर 8 और बुध नंबर 2 तो दोनों ही ग्रहों और चारो का मंदा फल होगा |     

(ब)  मगर शुक्र नंबर 12 और बुध नंबर 6 में दोनों का उच्च फल होगा जिसमे केतु का उत्तम प्रभाव शामिल होगा | ऐसी हालत में दोनों का असर बाहम न मिल सकेगा |

3) जब दोनों ग्रह जुदा जुदा मगर आपस में दृष्टि के खानो की शर्त से बाहर हो तो जिस घर में शुक्र हो वहाँ बुध अपना असर अपनी खाली नाली के द्वारा ला कर मिला देगा | और शुक्र के फल को कई बार बुरे से भला कर देगा | लेकिन अगर बुध के साथ शुक्र के शत्रु ग्रह (सूर्य, चंद्र, राहु) हो तो ऐसी हालत में शुक्र कभी भी बुध को ऐसी नाली लगाकर अपना (बुध का) असर अपने (शुक्र) में मिलाने नहीं देगा | यानि ऐसी हालत में बुध किसी तरह भी शुक्र को रद्दी निकम्मा या बर्बाद नहीं कर सकता |

शत्रु ग्रहों से सम्बन्ध

सूर्य और शनि आपस शत्रु है | यदि एक साथ बैठे हो तो टेवे वाले पर बुरा असर नहीं होता | जोड़ घटा बराबर होती रहा करती है | लेकिन जब शनि के साथ शुक्र हो (या दूसरा स्त्री ग्रह चंद्र हो) और इनको कोई भी ग्रह देखे तो शनि देखें वाले ग्रह को जड़ से मार देगा |  अगर टेवे में शनि और सूर्य का झगड़ा हो तो शुक्र (कुर्बानी का बकरा) मारा जाएगा | सूर्य जब शनि को देखे तो शनि अपनी जगह शुक्र की कुर्बानी दिला देगा यानि गृहस्थ, स्त्री का मंदा फल होगा | लेकिन अगर शनि सूर्य को देखे तो शुक्र आबाद या उसका उत्तम फल होगा | बहरहाल यदि शुक्र के साथ (साथी या दृष्टि के ढंग पर) जब शत्रु ग्रह हो तो शुक्र और शत्रु ग्रह सब की ही चीजे, रिश्तेदार या कारोबार से सम्बंधित (शुक्र या शत्रु ग्रह) पर हर तरफ से उड़ती हुए मिटटी पड़ती होगी और किस्मत मंदी का समय होगा |

शुक्र से राहु का सम्बन्ध

शुक्र गाय और राहु हाथी इन दोनों का आपसी सम्बन्ध कहाँ अच्छा फल दे सकता है |

1) जब कभी भी दृष्टि द्वारा दोनों मिल रहे हो तो शुक्र का फल बर्बाद होगा | लक्ष्मी और स्त्री दोनों ही बर्बाद बल्कि आयु तक बर्बाद और समाप्त लेंगे |

2) दो बाहम (आपसी) शत्रु ग्रह साथी दीवार वाले घर में बैठे हुए जुदा ही रहते है लेकिन शुक्र अगर शत्रु ग्रहों के घर में बैठा हो और राहु साथी दिवार वाले घर में आ बैठे तो शुक्र का वही मंदा हाल होगा जो कि शुक्र के साथ ही इक्क्ठा राहु बैठ जाने या दृष्टि मिलने पर मंदा हो सकता है |

3) जन्म कुंडली में शुक्र अगर अपने शत्रु ग्रहों को देख रहा हो तो जब कभी शुक्र वर्ष कुंडली के हिसाब से मंदा हो या मंदे घरों में जा बैठे तो वो दुश्मन ग्रह जिसे शुक्र जन्म कुंडली में देख रहा था वो दुश्मन ग्रह शुक्र के असर को विषैला और मंदा करेंगे चाहे वो शुक्र को न भी देख सकते हो | ऐसे टेवे वाला जिससे ख़ुफ़िया बदी किया करता था अब वही (चीजे, रिश्तेदार, कारोबार, उन दुश्मन ग्रहों से सम्बंधित जिसे शुक्र ने जन्म कुंडली में देखा था) दुश्मनी और बर्बादी का सबब होंगे |

शुक्र की दो रंगी मिटटी

खाना नंबर 1 : उठती जवानी में ऐश व इश्क की लहरों से मिटटी की पूजना में अँधा होगा | काग रेखा (गरीबी) या मच्छ रेखा (अमीरी), इक तरफ़ा ख्याल का स्वामी | तख़्त की मालिक महारानी रजिया सुल्तान मगर एक हब्शी गुलाम पर मर मिटी |

खाना नंबर 2 : उत्तम गृहस्थ हर तरह से सिवाय बच्चे बनाने के | अपनी ही ख़ूबसूरती और स्वाभाव के आप मालिक ख़ुदपरस्ती स्कूल मिस्ट्रेस हर एक की प्रिय स्त्री, मगर वो स्वयं किसी को पसंद न करे |

खाना नंबर 3 : गाय की जगह बैल का काम दे | ऐसी कशिश दे कि ऐसे टेवे वाले पर कोई न कोई स्त्री मर (फ़िदा) ही जाया करती है | उसकी अपनी स्त्री हिम्मतवाली होगी |

खाना नंबर 4 : एक जगह दो स्त्री या दो पुरुष मगर पुरुष स्त्री दोनों ही ऐसी दो गाय या दो बैल कि दोनों से ही बच्चा न बने |

खाना नंबर 5 : बच्चो भरा परिवार या ऐसे बच्चो को पैदा करने वाला जो उसे बाप न कहे या न कह सके |

खाना नंबर 6 : न पुरुष न स्त्री ख़ुसरा मर्द, बाँझ स्त्री, धन भी लक्ष्मी भी ऐसी जिस का कोई मूल्य कोई न दे सके |

खाना नंबर 7 : सिर्फ साथी का असर जो और जैसे सब वैसे हम | बुढ़ापे में उपदेश दे |

खाना नंबर 8 : जली मिटटी और हर सुख से नाशुक्रगुज़ार | उत्तम तो भवसागर से पार कर दे |

खाना नंबर 9 : शुक्र को स्वयं अपनी बीमारी के द्वारा धन हानि | घर में ऐशोआराम के सामान या धन की कमी न होगी |

खाना नंबर 10 : शनि स्वाभाव | अगर स्त्री का टेवा हो तो ऐसी स्त्री जो पुरुष को निकाल कर ले जावे | पुरुष हो तो वह किसी न किसी दूसरी स्त्री को अपने प्यार में रखा ही करता है |

खाना नंबर 11 : लट्टू की तरह घूम जाने वाली हालत | मगर बचपन की मोह माया की भोली स्वाभाव की मूरत और रिजक के चश्मे का निकलना |

खाना नंबर 12 : भवसागर से पार करने वाली गाय | स्त्री लक्ष्मी जिसकी खुद अपनी सेहत के सम्बन्ध में सारी  आयु रोते हुए निकल जाए |

S Kuber RA
Jyotish Acharaya 
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Monday, 17 September 2018

लाल किताब चंद्र खाना नंबर 12

लाल किताब 

चंद्र खाना नंबर 12 

रात के समय बाढ़ तूफ़ान से बस्तियाँ उजाड़ने वाला दरिया

छोड़ी याद मंजिल बुढ़ापा उजाड़ा |
गया जल या बिका उसमे तेरा ही क्या था |

नेक हालत में

1) नीम बूढी से पानी टपकता रहा, माता बूढी का पोता भटकता रहा |
     पानी ऊपर पानी बरसता रहा | बीकानेर बेचारा तरसता रहा | 

नीम (मंगल बैठा होने वाले घर का हाल)
पोता (केतु बैठा होने वाले घर का हाल)
बीकानेर (बुध बैठा होने वाले घर का हाल)
पानी ऊपर पानी ( चंद्र खुद का खाना नंबर 4 जो पानी (समुन्द्र) का ही है )

2) जब चंद्र खाना नंबर 12 में बैठा हो तो उस समय मंगल, केतु, बुध जिस किसी भी घर में बैठे हो वहाँ क्या हाल होगा | चंद्र का स्वयं अपना घर खाना नंबर 4 में बैठे हुए ग्रह पर पानी पड़ता होगा | मंगल नंबर 4 जो अमूमन मंगल बद या मंगलीक हुआ करता है अब आग से जला देने की बजाय ठंडा असर देगा | मगर केतु जो नंबर 4 के समय कुऍं (चंद्र का खाना नंबर 4, कुआँ) में गिरे कुत्ते (केतु) की भांति तड़पा करता है अब और भी वर्षा (खाना नंबर 12) में भीगते हुए कुत्ते की तरह ओर भी मंदा होगा |  बुध नंबर 4 के समय (चंद्र तो पहले से ही 12 में है) माता खानदान पर ओर भी मंदा हाल होता होगा | इसी तरह बाकी ग्रहों का नंबर 4 में बैठे हुए का प्रभाव लेंगे |


खाना नंबर 
मंगल बैठा होने वाले घर का हाल 
1
राजदरबार में जहर के बदले में शहद मिलता होगा 
2
ससुराल के धन का दरिया फालतू होकर बगैर रोके उसके घर में आता होगा और रोकने से भी न रुकेगा 
3
भाई- बंधू  पानी की जगह दूध की नहरों में नहाते होंगे |  
4
बड़े भाई, ताया, माता का बड़ा भाई, या बाबे का बड़ा भाई बेशक उम्र में लम्बे हो या न हो मगर जब तक जीवित होंगे दुखी न होंगे | 
5
उसकी औलाद के खेड़े लगेंगे | (यानि उसकी औलाद के बहुत से शहर या गाँव होंगे) 
6
जिस रिश्तेदार से उसकी लड़कियों या लड़को  या माता खानदान के नाते होंगे वहाँ धन का दरिया बहने लगेगा | 
7
गृहस्थी इतनी अच्छी कि पानी मांगे तो दूध मिले | 
8
मरना है तो मरेंगे मगर गल,सड़ कर या दुर्घटना से नहीं |  
9
बड़ो के घर घाट में जायदाद जद्दी में दूध की नदियाँ होगी | उसे स्वयं चाहे शहर से बहार निकल जाने का हुक्म हो चूका हो | 
10
सिर पर चाहे कितनी मुसीबते आए दिल का दरिया कभी न रुकेगा और वह कभी दुखी न होगा | 
11
गुनहगार होते हुए भी संसार के जज उसे बेगुनाह ही कहेंगे |  
12
दूध में शहद का जीवन | रात को हर तरह का आराम और दिल को शांति होगी | 

      
केतु बैठा होने वाले घर का हाल


खाना नंबर 
केतु  बैठा होने वाले घर का हाल 
1
जिस घर में कदम रखा कचहरी से पकड़ने के वारंट आने लगे | 
2
ससुराल में गए तो अपनी जूती गुम या चोरी हो जाने के अलावा उनको भी नंगे पाँव कर दिया | 
3
स्वयं तो संतान से दुखी थे ही मगर भाई भी चीख रहे हो |    
4
नालायकों की औलाद खानदानी सबूत देगी (नालायकी में) |  
5
बेटा जो भी होगा बाप बन कर ही दिखाए (मंदे अर्थो में)  
6
उसके रिश्तेदार चाहे उसे सुख न देंगे मगर खुद सुखिया शायद ही हो |  
7
अपने ही घर का कुत्ता वा अपनी संतान स्त्री आदि जमीन पर पेशाब करने के बजाय उस पर पेशाब करेंगे   
8
लड़के अचानक गुम हो या मरते हो (बलाएँ बद से)    
9
मामा खानदान नाहक मंदी आँधियों से उड़ रहे हो |   
10
रास्ते जाती-जाती आँधी अपना ही घर उड़ा ले जाए | 
11
इन्साफ चाल चलन में कुत्ते का शिष्य होगा यानि मामूली लालच (रिश्वत आदि मिलने) पर इन्साफ की मिटटी उडा देगा और भूत के सहायक समान प्रेमिका, सुन्दर बद स्त्री की थोड़ी से बू आने पर चाल-चलन ढीला कर लेगा |      
12
कमाई बहुत लाखों की मगर गिनने पर शून्य ही हो |  

      
बुध बैठा होने वाले घर का हाल


खाना नंबर 
बुध बैठा होने वाले घर का हाल 
1
राजदरबार मंदा उजड़ा हुआ प्रभाव देगा |  
2
ससुराल खानदान उजड़े बीकानेर वीरान के दृश्य लेगा |  
3
भाई-बंधू के बाजू कटे हुए |   
4
माता खानदान में मातमी ही रहेगी |  
5
संतान मंदे पानी में बह रही होगी | ( चंद्र की बीमारियाँ दिल या आँख के डेले की बीमारियाँ) 
6
लड़कियाँ जिस जगह विवाही हो वह चिल्ला रहे हो |  
7
गृहस्थ हालत (स्त्री जाति) मंदी रेत में जल रही हो |  
8
लम्बे खर्चे की बीमारियों का कोई अंदाज बाकी न रहा हो |   
9
बड़ो की उजड़ी जायदाद को रोते रोते आँखोँ का पानी समाप्त हो गया हो | 
10
पहाड़ों के बराबर सुन्दर मकान, रात को सोए अचानक उजड़कर रेगिस्तान हो जाए | 
11
बेगुनाह होते हुए भी दूसरों की फाँसी अपने गले आ लगे |  
12
जिस का सहारा लेने की सोची वह पहले ही आगे भागता नजर आया |  

      

1) वर्षा का पानी सहायक होगा | चुप रहना और पिछड़े रहना स्वयं ही तबाही का कारण होंगे |
2) चंद्र की जानदार चीजों का फल अच्छा, खुद विद्वान बुद्धिमान और विद्या में उत्तम होगा |
3) सूर्य-बुध नंबर 3 में हो तो अपने घर में खानदान को तारने वाला होगा |
4) गुरु और सूर्य उत्तम हो तो चंद्र अब मामूली पानी की जगह उत्तम दूध की तरह माया धन देगा |


मंदी हालत में

1) चंद्र अब रात को बाढ़ लाने और बस्तियाँ उजाड़ने वाला बद मंदी रेत के पानी से भरा हुआ दरिया होगा जिससे खेती जलती तथा उजड़ती होगी या यूँ कहे कि माता-पिता का दिया सब कुछ उजड़ जाए मगर अपना कमाया न उजड़े यां माँ-बाप जो उसके नाम कर दे वह उसकी बर्बादी का कारण बन जाए |

2) संसार में कोई दुखी नहीं होना चाहता मगर चंद्र नंबर 12 स्वयं आग की जगह पानी से जलता और और दुसरो को जलाता जाएगा |

3) रात की नींद और सर की जिल्द कभी ही सुख की होगी | चंद्र की बेजान चीजों का प्रभाव अमूमन मंदा ही होगा

पानी बादल से भरकर जलता, रेत मैदानों भरता हो | उजाड़ खेती जागीर भाग्य, अफीम खाए ले सुथरा वह |
दूध धन जर पानी देता, नर्क चंद्र धन डोलता हो | कर्म धर्म चंडाली साया, मान इज्जत कुल फुँकता हो |   
 
4) गन्दा बरसाती नाला होगा | हर तरह से बुरा हाल होगा खासकर जब चंद्र नंबर 1 में आए, ससुराल की जायदाद फूँके और स्वयं की भी न छोड़ता हो | धर्म-कर्म दौलत की बर्बादी | टेवे के अनुसार गुरु की सहायता या गुरु के उपाय बर्फ की तरह काम में आने वाला तथा सहायक होगा |

खाना नंबर 12 का चंद्र नंबर 1 में आने के समय यानि जीवन के 12-24-35-46-59-71-82-91-106-116 (इंटरनेट वाली और प्रिंटेड किताब दोनों में गल्त है) साला आयु में खेती को उजाड़ने वाला पानी होगा जिससे घर घाट सब बर्बाद होंगे | चंद्र जब 12 में वापिस आएगा वह सब मंदे असर देगा जो यहाँ लिखे है |

खाना नंबर 2 का चंद्र जायदाद जद्दी के सम्बन्ध में एक ऐसा दरिया जो दिन प्रतिदिन संसार वालो के लिए खेती की जगह छोड़ता जाए और अपना रास्ता पीछे या किसी और तरफ करता रहे, जिससे कि आबादी वालों को बाढ़ के समय लाभ ही हो मगर चंद्र नंबर 12 का दरिया का पानी आबाद घरों को उजाड़ता और खेती की जमीन को बहा ले जाता और हर तरफ गन्दा पानी और रेत आदि भरता होगा जिसके प्रभाव से टेवे वाला अपने जन्म के बाद चंद्र के समय से अपनी (खासकर जब 12 का नंबर 1 में आए या 2 का चंद्र 12 में आए) बड़ो की जायदाद शान का अपने जन्म से पहले और बाद का मुकाबला करके देखता हुआ, इस पहेली का उत्तर कि अब क्या है और पहले क्या था, केवल आँसुओं से देगा , मुहँ से कुछ न बोलेगा | इसका मतलब यह है कि टेवे वाले के जन्म से पहले और बाद में उसके बुजुर्गों की बनाई हुई जायदाद को मिटटी कर देगा और टेवे वाला बेचारा एकांत में आँसू बहता होगा और सोचता होगा कि पहले परिवार के पास क्या क्या था जो अब सब बर्बाद हो गया |

ज्यों ज्यों समय गुजरेगा आगे का हाल मंदा होता जाएगा
       
5) आता है याद मुझको गुजरा जमाना, था ख्वाब में ही देखा या हो गए दीवाना |
    सुलतान बाद पिदरम इकबाल था शाहाना, तकसीर (कसूर) उसकी आजम (महान)  या हो गया बहाना |
    है याद करके रोता घर उजड़े हो वीराना, जाहिल बना वही जो था माहिरे जमाना |      

टेवे वाला कहता होगा मुझे गुजरा जमाना याद आता है, शायद ख्वाब में ही देखा था या वैसे ही दीवाना (पागल) हो गए | मेरा बाप बादशाह था और समय का (शान) बादशाहों, का कसूर उनका बहुत बड़ा हो गया था या वैसे ही कोई बहाना हुआ जिससे कि अब वह समय याद करके रोता है | घर उजड़ कर वीरान  (जँगल वीरान बियाबान)  हो गए और स्वयं वह नालायक बन रहा है जो की सारे संसार को जानता था |

6) जब मंगल नंबर 1 और सूर्य नंबर 2 में हो तो निर्धन दुखिया | आधी आयु तक से डूबने का डर होगा | ऊपर लिखी मंदी हालातों की हदबंदी आयु का 48 वां साल होगा जिसके बाद चंद्र नंबर 12 की जगह नंबर 3 का फल देगा |

7) सूर्य 6 में हो तो स्वयं या अपनी स्त्री या दोनों एक आँख से काने होंगे |

8) जब 2-6-12 में बुध, शुक्र या पापी हो तो जो चीज भी बाप अपने बेटे (टेवे वाले के) नाम कर देगा वह चीज कोड़ी कोड़ी करके जलेगी, बिकेगी वजह चाहे कोई भी हो |

शक्की पानी जिसका रंग साफ़ न हो, मत पिए |

S Kuber RA
Jyotish Acharaya 
Vedic & Lal Kitab Astrologer
Lal Kitab Vastu Consultant