लाल किताब
शुक्र खाना नंबर 6
शान से रखी तो दौलत के महल वरना नीच दौलत (कुलक्ष्मी)
जवानी तू न गर बच्चे भुलाता |
बुढ़ापा न दुनिया में तुझको रुलाता |
नेक हालत में
शुक्र खाना नंबर 6 हो तो यह टेवे वाले की धन की रहनुमाई या भाई-बंधू पर संयम या नम्बरदारी जाहिर करती है | ऐसा व्यक्ति धर्महीन होने के अलावा स्त्री जाति की प्रंशसा के पुल बांधने और और जवानी याद में समय गुजारने का आदी होगा | दूर बैठे नौजवान की तरह इश्क को याद करता होता | स्वास्थ्य अच्छा, जवान और आँखों की शक्ति सलामत होगी | स्त्री जाति तथा अपनी स्त्री खानदान से सम्बन्ध नेक होगा | मगर सूर्य की किरणे इस शुक्र के दरबार में मैला सा रंग दिखाती है यानि सरकार (सूर्य) के घर से पैसा कमाने का सीधा सम्बन्ध न होगा | मगर राजदरबार वालो की कमाई से अपना कारोबार लगाए बिना नहीं रह सकता | इतना जरूर है कि वो अपने साथ चलने वालो को कई बार ख़राब कर देता है | शुक्र का नीच फल होगा और गृहस्थ के कामो में बुरा प्रभाव होगा | स्वयं पर बुरा असर न होगा | दिमागी कमजोरी, दीवानगी, विचारो में पशुता और परेशानी हुआ करती है | उसकी स्त्री सदाबहार और स्वयं ऐशी पट्ठा होगा | लकिन स्त्री का टेवा हो तो उल्ट कहेंगे | उसकी स्त्री को जमीन पर नंगे पाँव नहीं चलना चाहिए (खासकर मिटटी वाली जमीन पर) | अच्छा होगा कि जुराब वगैरा डाल कर चले ताकि पाँव का तलवा फर्श को न छुए | गाय, बैल, धन, दौलत की चोरी या गुम होना शुक्र मंदे की निशानी होगी | इसी तरह ही गुरु, साँस, दमा आदि और सूर्य, शरीर, गुस्सा नीच हालत की निशानी होती है | कुंडली में अगर चंद्र कायम हो तो शुक्र का बुरा असर न होगा यानि तब चालचलन का ढीला न होगा | शुक्र नीच में चाहे अक्ल साथ छोड़ दे मगर भाग्य साथ नहीं छोड़ता | चाहे बुध का साथ न मिले, स्त्री को कष्ट हो मगर धन गुम न होगा | सक्षेप में कहे तो
लल्लू करे कवालियाँ, रब सिद्धियाँ पावे | इसका मतलब है कि लल्लू यानि एक बेफकूफ आदमी बिना सोचे समझे काम कर रहा है लेकिन भगवान् फिर भी उसे नेक फल देता होगा | अगर रोजी अक्ल के हिसाब से होती तो नादान या बेफकूफ तो भूखा ही मर जाता | यह सब तो किस्मत का खेल है | शुक्र खाना नंबर 6 में नीच होना टेवे वाले के लिए मंदा नहीं होता | यानि इस ग्रह का दुनिया से सम्बन्ध होना, न होना विशेष फर्क नहीं होता | दुनिया का आशिक न हो तो दुनिया का त्यागी जरूर होगा | विराग से नहीं बल्कि अक्ल की कमी से | कृपा न करने की आदत और स्वाभाव का बदल जाने वाला होगा |
गरीबों की मदद करेगा और उनको रूपया पैसा खिलाएगा | बुद्धि के उल्ट कई काम करेगा | अपने घर का फायदा न पाएगा | स्त्री, परस्त्री या स्त्री सुख न होगा | आखिरी आयु में आराम होगा जिसके लिए चंद्र का उपाय सहायक होगा |
नेक हालत में
हर काम के लिए तैयार और काम में लगा रहने वाला | काम बीच में न छोड़ेगा और पूरा करेगा | मगर भाग्य का ऐसा चककर कि इन्तजार करते करते समय निकल गया और अंत में वस्ल (मिलन-सम्भोग ) की रात और आशा का फल निक्कमा ही मिला | संतान के लिए नीच फल, वही फल जो शुक्र नंबर 2 का लिखा है |
1) जब नंबर 2-8 से मंदा असर शुक्र में शामिल हो जाए या इन घरो में शुक्र के शत्रु सूर्य, चंद्र, राहु हो या 2, 8 वैसे ही मंदे हो तो शुक्र का प्रभाव उल्ट जाएगा यानि अब शुक्र खाना नंबर 6 के बजाए नंबर 12 का नेक फल देगा | लकिन राजदरबार का फल नहीं बदलेगा |
2) चंद्र कायम तो शुक्र नेक फल देगा |
3) मंगल साथ-साथी हो तो उत्तम जीवन होगा | मगर शुक्र का जाति प्रभाव राहु-केतु की हालत पर होगा |
4) जब सूर्य या गुरु नंबर 2 से शुक्र को देखे या नंबर 6 में शुक्र के साथ हो या शुक्र की दृष्टि में खाना नंबर 12 में कोई भी ग्रह हो तो टेवे वाले या उसके पिता की धन दौलत माली हालत अच्छी होगी |
5) जब सूर्य या गुरु या दोनों ही 6-2 साथ साथी हो तो खूब धनवान होगा | शुक्र तो कीमती हीरा होगा मगर संतान नालायक ही होगी | भाई बंधुओं गृहस्थी साथियों की बरकत और सहायता होगी | 7 भाई 3 बहने होंगी या फिर 7 लड़के 3 लड़कियां होंगी |
6) शुक्र नंबर 6 वाले को चाहे स्त्री चाहे पुरुष ऐसी स्त्री/पुरुष से शादी न करे जो अकेली बहन/भाई हो | मंगल का साथ होने शुभ होगा यानि उसका भाई हो तो शुक्र मंदा फल न देगा |
7) शुक्र के मित्र ग्रह शनि, बुध, केतु शुक्र के मंदे फल आने से पहले स्वयं अपना मंदा असर देंगे या शुक्र के शत्रु ग्रह सूर्य, चंद्र, राहु अपनी मंदी हालत जाहिर करेंगे | शनि (मकान, मशीन), बुध (बहन, बुआ, लड़की) केतु (पुत्र संतान, हड्डियों के जोड़, रीढ़ की हड्डी, पेशाब की तकलीफ आदि) से शुरू होगी | उसके जद्दी मकान में बुध की चीजे जैसे गोल बड़े बड़े मिटटी या धातु के बर्तन या शनि की चीजे लोहे का बक्सा तह जमीन में दबे हुए होंगे | फैसला बुध की हालत तथा बुध को शनि की मदद पर होगा | राहु, केतु शरारत की खबर सबसे पहले देंगे मगर आखिरी परिणाम मंगल बना देगा | यानि शुक्र के असर का फैसला उसके सहायक, साथी, साथ वाले ग्रहो से होगा
मंदी हालत में
1) जब 6-7 में मंगल और गुरु के अलावा कोई ग्रह हो तो शुक्र और साथी ग्रह दोनों बर्बाद, मंदे होंगे | ठोस चाँदी घर में रखना शुभ होगा |
2) जब नंबर 2 खाली हो या सूर्य नंबर 6 में हो और 2 खाली हो तो शुक्र मंदा असर करेगा | औलाद हर तरफ से मंदी | पिता बचपन में ही चल दे | स्त्री का फल (संतान आदि) 28 साल के बाद उत्तम होगा |
3) जब बुध खाना नंबर 5 में मंदा हो कर बैठा हो तो स्त्री जिस तरह शान से रखी धन के महल बने वरना नीच धन होगा कुलक्ष्मी | खाना नंबर 3-4-7-9 के ग्रहों का मंदा हाल होगा | बुध नंबर 1 में आने पर ठीक होगा | नंबर 10 का ग्रह मदद देगा |
4) जब नीच केतु भी साथ हो और गुरु 12 में हो सब ही ग्रहों का मंदा फल होगा | चाहे सूर्य, चंद्र, गुरु सब ही की सहायता हो जाए |
5) अगर खाना नंबर 2 से शुक्र को उसका शत्रु राहु देखे तो पहली स्त्री मर जाए | राहु के समय तक शत्रुओं से कष्ट हो |
6) जब बुध खाना नंबर 5 के अलावा कई ओर मंदा हो तो सेहत मंदी होगी | नीचे लिखे सब ही खानो का प्रभाव मंदा बल्कि बरबाद हो जाएगा | मगर अगर खाना नंबर 1 में कोई ग्रह हो तो वो सहायता देगा | या बुध के खाना नंबर 1 में आने पर मंदा समय दूर होगा |
खाना नंबर 9 बड़ो का खानदान
नंबर 3 भाई बंधू
नंबर 4 माता और माता खानदान
नंबर 6 मामा
नंबर 7 स्त्री लक्ष्मी
नंबर 10 पिता की आयु
नंबर 11 आय, आमदन
नंबर 12 रात का सुख, आराम
7) जब बुध नंबर 8 में हो तो शुक्र का फल मंदा ही होगा और नर संतान की कमी होगी |
8) जब शनि मंदा हो तो धन दौलत दिन प्रतिदिन घटता जाए |
9) केतु मंदा या साथ साथी हो तो गन्दी नाली (काम सेक्स की नाली), औरत बाँझ और मर्द ख़ुसरा हो, नर संतान न होगी पर लड़कियों के टोकरे भरे रहेंगे | अक्ल की कमी पर रिजक की कमी न होगी | त्यागी होगा | पराई और मंदी स्त्रियां गले पड़ेंगी और बर्बादी का बहाना होंगी |
10) शुक्र नंबर 6 वाले स्त्री या पुरुष से नर संतान पैदा करने के सम्बन्ध में कोई बीमारी न होगी लकिन उसकी गुप्त अंग की जिल्द में नुक्स होगा और वहां फालतू कीड़े पैदा होंगे खासकर जब संतान पैदा न की जाए |
उपाय : संतान की मंदी हालत यानि पैदा न होना या पैदा हो कर मर जाना या सिर्फ लड़किओं का पैदा होना तो ऐसे समय में मर्द चाहे स्त्री गुप्त अंगो की सफाई के लिए मंगल की चीजे जिससे कीड़े मर जाते हो डाक्टर की सलाह लेकर प्रयोग करे | जैसे लाल दवाई या सौंफ का उबला रस किसी और दवाइयों में मिलाकर धोने ले लिए बनाया पानी इस्तेमाल करे जिसका रंग लाल (मंगल) हो |
11) शुक्र की दृष्टि खाली या बर्बाद हो तो घर की नम्बरदारी से सब को सूखे तालाब में भी डुबो देगा | खासकर जब स्त्री के लिए मुँह से प्रशंसा या इश्क में फर्जी पुल बनते हो |
12) जब शुक्र मंदा या सोया हुआ हो तो नर संतान जब भी हो दूसरा बच्चा 12 साल बाद होगा |
13) जब सूर्य और गुरु खाना नंबर 7 से 12 में हो तो धन बर्बाद, शुक्र का हर तरफ से मंदा फल होगा | मंदे समय की आहट और शरारत पहले पापी ग्रहों द्वारा जाहिर होगी और आखिर में मंगल परिणाम देगा | पापी ग्रहों से मतलब है पापी ग्रहों से सम्बंधित रिश्तेदार, कारोबार आदि |
14) जब कोई मंदा ग्रह खाना नंबर 1 यानि तख़्त पर आता है तो टेवे की विष को धो देता है | शुक्र स्वयं भी बुरा न होगा | साथ वाले ग्रह का बुरा प्रभाव होगा | स्त्री का नंगे पैर चलना संतान की कमी देगा | शुक्र नंबर 6 का फैसला बुध की हालत (बुध को शनि की सहायता) पर होगा | स्त्री के सर पर सोना कायम करना धन और लक्ष्मी की बरकत देगा | गुप्तांग को दही से धोना उत्तम फल देगा | शादी के समय अगर माता पिता होने वाले जवाई या बहु को जिसका शुक्र नंबर 6 में है खालिस सोने के दो टुकड़े (वजन की शर्त नहीं पर बराबर हो) संकल्प कर के दे तो सारी आयु संतान के सम्बन्ध में सहायक होंगे |
15) खाना नंबर 7 में शुक्र के शत्रु ग्रह हो या कोई दो ऐसे ग्रह बैठे हो जो आपस में शत्रु हो तो जो भी काम करे मंदा परिणाम हो | अक्ल ख़राब होगी | गुरु, सूर्य, चंद्र तीनो ही का मंदा फल होगा | या तीनो ही ग्रह सोये हुए जैसे हो और तीनो ही ग्रहों की सम्बंधित चीजों से कोई फायदा और साथ न होगा |
S Kuber RA
Jyotish Acharaya Vedic & Lal Kitab AstrologerLal Kitab Vastu Consultant